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An Indian Morning
Sunday January 28th, 2018 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second one hour features community announcements and ear pleasing music from old/new & popular Indian films. .

An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind". 01-I AM INDIA CD MISC-20180128 TRACK#01 3:18 QAIDI BAND-2017; ARIJIT SINGH, YASHITA SHARMA, KESHIA BRAGANZA, CRYSTAL SEQUEIRA; AMIT TRIVEDI; HABIB FAISAL https://www.youtube.com/watch?v=V3xJ8m_5KK0 एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यावाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए। भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान, दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान, सब धर्मो को देकर मान रचा गया इतिहास का, इसलिए हर देशवासी को इसमें है विश्वास || गणतंत्र दिवस की ढ़ेरो शुभकामनाए। मीठी मीठी बातों से बचना ज़रा....एक हिदायत जिसमें है ढेर सारी सीख भी “An Indian Morning” के समस्त संगीत-प्रेमी श्रोताओं का एक बार पुनः मैं किशोर संपट हार्दिक स्वागत करता हूँ। दोस्तों, अपने देश में संगीत की हजारों वर्ष पुरानी समृद्ध परम्परा है। आपने “An Indian Morning” पर परम्परागत भारतीय संगीत पर आधारित कुछ श्रृंखलाओं का आनन्द लिया है और इन्हें सराहा भी है। हमारी अपेक्षा है कि आप संगीत के एक अच्छे श्रोता बनें और उसकी सराहना कर सकें। पिछले सप्ताह से आरम्भ हुई श्रृंखला- “दस थाट, दस राग और दस गीत” में भी हमारा यही प्रयास रहेगा कि शास्त्रीय संगीत आपके लिए अनबूझ पहेली बन कर न रह जाय। इस श्रृंखला- “दस थाट, दस राग और दस गीत” में इन्हीं दस थाटों का सरल परिचय देने का प्रयास करेंगे। हर हफ्ते एक थाट, एक राग, एक गीत। भातखण्डे जी द्वारा निर्धारित दस थाट क्रमानुसार हैं- कल्याण, बिलावल, खमाज, भैरव, पूर्वी, मारवा, काफी, आसावरी, भैरवी, और तोड़ी। इस श्रृंखला की पहली कड़ी में हमने आपको ‘कल्याण’ थाट का परिचय दिया था। आज दूसरा थाट है- ‘बिलावल’। ‘बिलावल’ थाट का आश्रय राग ‘बिलावल’ ही है। इस थाट के अन्तर्गत आने वाले अन्य प्रमुख राग हैं- अल्हइया बिलावल, बिहाग, देशकार, हेमकल्याण, दुर्गा, शंकरा, पहाड़ी, माँड़ आदि। राग ‘बिलावल’ में सभी सात शुद्ध स्वरों का प्रयोग होता है। वादी स्वर धैवत और संवादी स्वर गांधार होता है। इस राग के गायन-वादन का समय प्रातःकाल का प्रथम प्रहर होता है। अब हम आपको राग ‘बिलावल’ पर आधारित एक गीत सुनवाते हैं, जिसे हमने फिल्म ‘कैदी नम्बर ९११’ से लिया है। १९५९ में प्रदर्शित इस फिल्म के संगीतकार दत्ताराम ने राग 'बिलावल' पर आधारित गीत ‘मीठी मीठी बातों से बचना ज़रा...’ को लता मंगेशकर से गवाया था। फिल्म संगीत की दुनिया में दत्ताराम, संगीतकार शंकर-जयकिशन के सहायक के रूप में जाने जाते हैं। स्वतंत्र संगीतकार के रूप में दत्ताराम की पहली फिल्म १९५७ की ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ थी। दत्ताराम के संगीत निर्देशन में सर्वाधिक लोकप्रिय गीत, फिल्म 'परिवरिश' का -'आँसू भरी है ये जीवन की राहें...' ही है, किन्तु फिल्म ‘कैदी नम्बर ९११’ का गीत 'मीठी मीठी बातों से बचना ज़रा...' भी मधुरता और लोकप्रियता में कम नहीं है। हसरत जयपुरी के लिखे इस गीत में लता मंगेशकर और फिल्म की बाल कलाकार डेज़ी ईरानी ने स्वर दिया है। लीजिए, आप भी सुनिए- राग ‘बिलावल’ पर आधारित यह मधुर गीत- 02-MITHHI MITHHI BAATON SE BACHANA ZARA CD MISC-20180128 TRACK#03 3:49 QAIDI NO 911-1959; LAT MANGESHKAR, DAISY IRANI; DATTARAM; HASRAT JAIPURI https://www.youtube.com/watch?v=RsH24zE_oHI "इसी को प्यार कहते हैं..." - हसरत जयपुरी और हुसैन बंधु “An Indian Morning” के सभी दोस्तों को हमारा सलाम! दोस्तों, शेर-ओ-शायरी, नज़्मों, नगमों, ग़ज़लों, क़व्वालियों की रवायत सदियों की है। हर दौर में शायरों ने, गुलुकारों ने, क़व्वालों ने इस अदबी रवायत को बरकरार रखने की पूरी कोशिशें की हैं। और यही वजह है कि आज हमारे पास एक बेश-कीमती ख़ज़ाना है इन सुरीले फ़नकारों के फ़न का। यह वह कहकशाँ है जिसके सितारों की चमक कभी फ़ीकी नहीं पड़ती और ता-उम्र इनकी रोशनी इस दुनिया के लोगों के दिल-ओ-दिमाग़ को सुकून पहुँचाती चली आ रही है। पर वक्त की रफ़्तार के साथ बहुत से ऐसे नगीने मिट्टी-तले दब जाते हैं। बेशक़ उनका हक़ बनता है कि हम उन्हें जानें, पहचानें और हमारा भी हक़ बनता है कि हम उन नगीनों से नावाकिफ़ नहीं रहें। तो पेश-ए-ख़िदमत है नगमों, नज़्मों, ग़ज़लों और क़व्वालियों की एक अदबी महफ़िल, कहकशाँ। बहुत देर से हम "इस" और "ये" के माया-जाल में फँसे थे, तो इस जाल से बाहर निकलते हुए, हम यह बता दें कि जिनकी बात यहाँ की जा रही है, वे और कोई नहीं राज कपूर साहब के चहेते जनाब "हसरत जयपुरी" हैं। आज हसरत साहब की जिस नज़्म को लेकर आए हैं, उसे आवाज़ें दी हैं मुहम्मद हुसैन और अहमद हुसैन, यानि कि "हुसैन बंधुओं" ने। हुसैन बंधुओं ने इस रोमांटिक"-से नज़्म को किस कशिश से गाया है, इसका अंदाज़ा बिना सुने नहीं लगाया जा सकता। इसलिए आइये हम और आप डूब जाते हैं "प्यार के इस सागर" में और जानते हैं कि "प्यार कहते किसे हैं"। आज पेश है जगजीत सिंह की आवाज़ में एक ग़ज़ल, जिसमें वो प्यार में पहला ख़त लिखने की बातें बता रहे हैं। तुम्हारे घर में जब आऊँ तो छुप जाती हो परदे में मुझे जब देख ना पाओ तो घबराती हो परदे में ख़ुद ही चिलमन उठा कर फिर इशारों से बुलाती हो। इसी को प्यार कहते हैं, इसी को प्यार कहते हैं। 03-ISI KO PYAR KEHTE HAIN CD MISC-20180128 TRACK#03 7:15 RAHNUMA-1995; AHMAD HUSSAIN, MOHAMMAD HUSSAIN; HASRAT JAIPURI https://www.youtube.com/watch?v=V50O65OLWFM राज़ की बात कह दूं तो जाने महफ़िल में फिर क्या हो.... क़व्वाली का जन्म करीब करीब उसी वक़्त से माना जाता है जब मुहम्मद का जन्म हुआ था। क़व्वाली के रूप-रंग का पहली बार व्याख्या १०-वीं और ११-वीं शताब्दी के दौरान हुआ था। क़व्वाली के विशेषताओं, या फिर युं कहिए कि नियमों को, क़व्वाली की परिभाषा के लिए जिन्हें श्रेय दिया जाता है वो हैं अल-ग़ज़ली। हालाँकि उनसे पहले भी दूसरे इस्लामी विशेषज्ञों ने इस तरह के संगीत के आध्यात्मिक पक्ष पर प्रकाश डाल चुके थे। और अब फ़िल्म 'धर्मा' की यह क़व्वाली आज पेश-ए-ख़िदमत है आशा भोसले, मोहम्मद रफ़ी और साथियों की आवाज़ों में। १९७३ में बनी इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार थे नवीन निश्चल, रेखा और प्राण। फ़िल्म में गीत लिखे वर्मा मलिक ने तथा संगीत था सोनिक ओमी की जोड़ी का। क्या आप जानते हैं... कि सोनिक ओमी की जोड़ी बनने से पहले सोनिक जी १९५२ में 'ममता' और 'ईश्वर भक्ति' तथा १९५९ में एक पंजाबी फ़िल्म में संगीत दे चुके थे। 04-RAAZ KI BAAT KEH DOON TO CD MISC-20180128 TRACK#04 6:14 DHARMA-1973; ASHA BHOSLE, MOHAMMAD RAFI; SONIK-OMI; VERMA MALIK https://www.youtube.com/watch?v=RkINyeovKyo दिल को हज़ार बार रोका-मर्डर २००४ गीत फिल्माया गया है मल्लिका पर तो इसके संगीतकार हैं अनु मलिक। इमरान हाशमी साथ में हैं। अलीशा चिनॉय गायिका हैं और गीतकार हैं राहत इन्दौरी। नायक हैं अश्मित पटेल। लाऊंज सिंगर कश्मीरा शाह है। इमरान हाशमी और मल्लिका शेरावत दोनों ऐसे कलाकार हैं जिनके कैरियर के शुरूआती दिनों में उनसे एक्टिंग की उम्मीदें ज्यादा नहीं की जाती थीं। इमरान हाशमी का अभिनय तो समय के साथ सुधर गया और वे अभी भी फिल्मों में दिखलाई देते हैं। मल्लिका शेरावत की नई फ़िल्में रेयर हो चली हैं। प्रसिद्ध होने की अलग अलग वजहें होती हैं। जब देसी को विदेशी की कोम्पीटीशन मिलना शुरू हो जाए तो संभावनाओं पर असर पढता है। “जाता कहा है दीवाने” इफेक्ट को स्लो मोशन में पैदा करने की कोशिश की गयी है। 05-DIL KO HAZAR BAAR ROKA CD MISC-20180128 TRACK#05 5:14 MURDER-2004; ALISHA CHINOY; ANU MALIK; RAHAT INDOORI https://www.youtube.com/watch?v=roCuV-_GAfQ मित्रों, आज हम ’An Indian Morning’ में पिछले साल पर नज़र डाल रहे हैं। तो क्यों ना पिछले साल की फ़िल्मों के कुछ अच्छे गीतों को दोबारा सुन लिया जाए। इस लिए हम वर्ष 2017 के 25 श्रेष्ठ गीतों की सूची पर पहुँचे। ये 25 गीत किसी पायदान रूपी क्रम में नहीं सजाए गए हैं, और ना ही हम किसी काउन्टडाउन के स्वरूप में इन्हें पेश कर रहे हैं। बस यूं समझ लीजिए कि ’An Indian Morning’ द्वारा चुने गए वर्ष 2017 की ये श्रेष्ठ रचनाएँ हैं। तो हर हप्ते हम सुनवाऐंगे दो या तीन बीते बरस 2017 के श्रेष्ठ हिन्दी फ़िल्मी गीत। बावरा मन राह ताके तरसे रे, फ़िल्म - जॉनी एल एल बी 2 गायक - जुबिन नौटियाल, नीति मोहन, रीक चक्रवर्ती; गीतकार - जुनैद वासी संगीतकार - चिरंतन भट्ट 06-BAWRA MANN RAH TAAKE TARSE RE CD MISC-20180128 TRACK#06 3:34 JOLLY LLB-2017; ZUBIN NAUTIYAL, NEETI MOHAN, RICK CHAKRAVARTI; CHIRANTAN BHATT; NUNAID WASI https://www.youtube.com/watch?v=EwIljm4gFoE मैं फिर भी तुमको चाहूंगा, फ़िल्म - हाफ़ गर्लफ़्रेण्ड गायक - अरिजीत सिंह, शाशा तिरुपति; गीतकार - मनोज मुन्तशिर; संगीतकार – मिथुन 07-MEIN PHIR BHI TUMKO CHAAHOONGA CD MISC-20180128 TRACK#07 5:53 HALF GIRLFRIEND-2017; ARIJIT SINGH, SHASHA TIRUPATI; MITHOON; MANOJ MUNTASHIR https://www.youtube.com/watch?v=_iktURk0X-A THE END समाप्त
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