An Indian Morning
Sunday March 27th, 2016 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
Devotional, Classical, Ghazals, Folklore, Old/New Popular Film/Non-Film Songs, Community Announcements and more...
Celebrating "Music of India", its varied rich art, artisans, culture and people to keep the "Spirit of India" alive...
एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यावाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के
दस थाट, दस राग और दस गीत” शृंखला # 748- मुझे गले से लगा लो....
मुझे गले से लगा लो....उदासी के एहसास को प्यार का मरहम लगाता एक नग्मा
वर्तमान भारतीय संगीत में रागों के वर्गीकरण के लिए “थाट” प्रणाली का प्रचलन है। “An Indian Morning” पर जारी वर्तमान श्रृंखला “दस थाट, दस राग और दस गीत” के अन्तर्गत अब तक हमने सात थाटों का परिचय प्राप्त किया है। आज बारी है, आठवें थाट अर्थात “आसावरी” की।
आज हमारी चर्चा का थाट है- “आसावरी”। इस थाट के स्वर होते हैं- सा, रे, ग॒, म, प ध॒, नि॒ अर्थात आसावरी थाट में गांधार, धैवत और निषाद स्वर कोमल तथा शेष स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते हैं। आसावरी थाट का आश्रय राग आसावरी ही कहलाता है। इस थाट के अन्तर्गत आने वाले कुछ अन्य मुख्य राग हैं- जौनपुरी, देवगांधार, सिंधु भैरवी, कौशिक कान्हड़ा, दरबारी कान्हड़ा, अड़ाना आदि। दिन के दूसरे प्रहर में इस राग का गायन-वादन सार्थक अनुभूति कराता है।
थाट आसावरी के आश्रय राग आसावरी पर आधारित एक फिल्म-गीत अब हम आपको सुनवाते हैं। आज हम आपको १९६३ में प्रदर्शित फिल्म “आज और कल” का गीत- “मुझे गले से लगा लो बहुत उदास हूँ मैं....” सुनवाएँगे। इस गीत में राग आसावरी के स्वरों की छाया ही नहीं बल्कि आसावरी का गाम्भीर्य भी उपस्थित है। संगीतकार रवि ने फिल्म के प्रसंग के अनुसार ही इस गीत के धुन की रचना की है। गीतकार साहिर लुधियानवी के शब्दों को आशा भोसले और मोहम्मद रफी ने अपने स्वरों से सजाया है। कहरवा ताल में निबद्ध यह गीत अभिनेत्री नन्दा और सुनील दत्त पर फिल्माया गया है। लीजिए, आप सुनिए यह आकर्षक गीत-
01-Mujhe Gale Se Laga Lo CD MISC-20160327 Track#01 3:42
AAJ AUR KAL-1963; Mohammad Rafi, Asha Bhosle; Ravi; Sahir Ludhianavi
एक मैं और एक तू, दोनों मिले इस तरह....ये था प्यार का नटखट अंदाज़ सत्तर के दशक का
'एक मैं और एक तू' शृंखला # 558- एक मैं और एक तू, दोनों मिले इस तरह....
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 558/2010/258
'एक मैं और एक तू' - 'An Indian Morning' की इस लघु शृंखला की आठवीं कड़ी में आज एक और ७० के दशक का गीत पेश-ए-ख़िदमत है। दोस्तों, फ़िल्म संगीत के सुनहरे दौर की गायक-गायिका जोड़ियों में जिन चार जोड़ियों का नाम लोकप्रियता के पयमाने पर सब से उपर आते हैं, वो हैं लता-किशोर, लता-रफ़ी, आशा-किशोर और आशा-रफ़ी। ७० के दशक में इन चार जोड़ियों ने एक से एक हिट डुएट हमें दिए हैं। पिछले हफ्ते के लता-रफ़ी के गाये गीत के बाद आज आइए आशा-किशोर की जोड़ी के नाम किया जाये यह अंक। और ऐसे में फ़िल्म 'खेल खेल में' के उस गीत से बेहतर गीत और कौन सा हो सकता है, जिसके मुखड़े के बोलों से ही इस शृंखला का नाम है! "एक मैं और एक तू, दोनों मिले इस तरह, और जो तन मन में हो रहा है, ये तो होना ही था"।
नये अंदाज़ में बने इस गीत ने इस क़दर लोकप्रियता हासिल की कि जवाँ दिलों की धड़कन बन गया था यह गीत और आज भी बना हुआ है। उस समय ऋषी कपूर और नीतू सिंह की कामयाब जोड़ी बनी थी और एक के बाद एक कई फ़िल्में इस जोड़ी के बने। 'खेल खेल में' १९७५ में बनी थी जिसका निर्देशन किया था रवि टंडन ने। वैसे तो इस फ़िल्म की कहानी कॊलेज में पढ़ने वाले युवाओं के हँसी मज़ाक से शुरु होती है, लेकिन कहानी तब सीरियस हो जाती है जब वे एक ख़तरनाक मुजरिम से भिड़ जाते हैं, और एक रोमांटिक फ़िल्म थ्रिलर में बदलकर रह जाती है। इस फ़िल्म में राकेश रोशन, अरुणा ईरानी और इफ़्तेखार ने भी अहम भूमिकाएँ अदा की थी। वैसे आपको यह भी बता दें कि इस फ़िल्म की कहानी मूल अंग्रेज़ी उपन्यास 'गूड चिल्ड्रेन डोण्ट किल' से ली गई है जिसके लेखक थे लूई थॊमस, जो नेत्रहीन थे, और यह उपन्यास सन् १९६७ में प्रकाशित हुआ था।
'खेल खेल में' फ़िल्म में संगीत था राहुल देव बर्मन का और गीत लिखे गुल्शन बावरा ने। फिलहाल जवाँ दिलों की धड़कन बना यह गीत आपकी नज़र कर रहे हैं, "एक मैं और एक तू"। बड़ा ही पेपी नंबर है, एक हल्का फुल्का रोमांटिक डुएट, जिसमें किशोर दा की मीठी शरारती अंदाज़ भी है और आशा जी की शोख़ी भी। सुनते हैं...
क्या आप जानते हैं...
कि फ़िल्म 'खेल खेल में' में मिथुन चक्रवर्ती ने एक 'एक्स्ट्रा' के तौर पे अभिनय किया था।
02-Ek Main Aur Ek Tu CD MISC-20160327 Track#02 4:53
KHEL KHEL MEIN-1975; Kishore Kumar, Asha Bhosle; R.D.Burman; Gulshan Bawra
तेरी बिंदिया रे....शब्द और सुरों का सुन्दर मिलन है ये गीत
“...और कारवाँ बनता गया” शृंखला # 668- तेरी बिंदिया रे....
'An Indian Morning' में इन दिनों जारी है मजरूह सुल्तानपुरी पर केन्द्रित लघु शृंखला '...और कारवाँ बनता गया'। इसके तहत हम दस अलग अलग संगीतकारों द्वारा स्वरबद्ध मजरूह साहब के लिखे गीत सुनवा रहे हैं जो बने हैं अलग अलग दौर में। ४०, ५० और ६० के बाद आज हम क़दम रख रहे हैं ७० के दशक में। ५० के दशक में नौशाद, अनिल बिस्वास, ओ.पी. नय्यर, मदन मोहन, के अलावा एक और नाम है जिनका उल्लेख किये बग़ैर यह शृंखला अधूरी ही रह जायेगी। और वह नाम है सचिन देव बर्मन का। अब आप सोच रहे होंगे कि ५० के दशक के संगीतकारों के साथ हमनें उन्हें क्यों नहीं शामिल किया। दरअसल बात ऐसी है कि हम बर्मन दादा द्वारा स्वरबद्ध जिस गीत को सुनवाना चाहते हैं, वह गीत है ७० के दशक का।
सचिन देव बर्मन की धुन पर मजरूह साहब के लिखे बेशुमार गीतों में से आज सुनिये १९७३ की फ़िल्म 'अभिमान' से लता-रफ़ी की आवाज़ों में "तेरी बिंदिया रे, आये हाये"। 'अभिमान' हिंदी सिनेमा की सफलतम फ़िल्मों में से एक है। यह फ़िल्म न केवल अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी के करीयर के लिये मील का पत्थर साबित हुई थी, इस फ़िल्म के गीतों नें भी काफ़ी धूम मचाया।
फ़िल्म का हर गीत सुपरहिट, हर गीत लाजवाब। आज ४० वर्ष बाद भी इस फ़िल्म के गीत आये दिन सुनाई देते हैं। आज के प्रस्तुत गीत की बात करें तो जितना श्रेय दादा बर्मन को इसके संगीत के लिये जाता है, उतना ही श्रेय मजरूह साहब को भी जाता है ऐसे ख़ूबसूरत बोल पिरोने के लिये। जहाँ एक तरफ़ मजरूह नें शृंगार रस की ऐसी सुंदर अभिव्यक्त्ति दी, वहीं दूसरी तरफ़ दादा बर्मन नें रूपक ताल में इसे कम्पोज़ कर जैसे कोमलता और मधुरता की एक नई धारा ही बहा दी। इस फ़िल्म के लिये फ़िल्मफ़ेयर में सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का पुरस्कार जीत कर दादा नें नये दौर के सफल संगीतकारों को जैसे सीधी चुनौति दे दी। केवल तबला, सितार और बांसुरी की मधुर तानों से इस गीत को जिस तरह से दादा नें बांधा है, उन्होंने यह साबित किया कि एक ही समय पर कर्णप्रिय, स्तरीय और लोकप्रिय गीत बनाने के लिये आधुनिक तकनीकों की नहीं, बल्कि सृजनात्मक्ता की आवश्यक्ता होती है। 'ताज़ा सुर ताल' प्रस्तुत करते हुए मुझे यह अनुभव भी होता है और अफ़सोस भी कि फ़िल्म-संगीत के वाहक इसे किस मुक़ाम पर आज ले आये हैं! ख़ैर, फ़िल्हाल सुनते हैं 'अभिमान' का यह एवरग्रीन डुएट।
क्या आप जानते हैं...
कि मजरूह सुल्तानपुरी नें करीब करीब ३५० फ़िल्मों में करीब ४००० गीत लिखे हैं।
03-Teri Bindiya Re CD MISC-20160327 Track#03 4:32
ABHIMAN-1973; Lata Mangeshkar, Mohammad Rafi; S.D.Burman; Majrooh Sultanpuri
आपकी याद आती रही...."अलाव" में जलते दिल की कराह
“एक पल की उम्र लेकर” शृंखला# 718- आपकी याद आती रही....
'An Indian Morning' की लघु शृंखला 'एक पल की उम्र लेकर' की आठवीं कड़ी में आप सभी का स्वागत है। हमें आशा है कि अब तक इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों का आपने भरपूर स्वाद चखा होगा।
बाहर सावन की फुहारें हैं, पर दिल में आग जल रही है। कमरे के कोने में दीये की लौ थरथरा रही है। पर ये लौ दीये की है या ग़म की समझ नहीं आ रहा। बाहर पेड़-पौधे, कीट-पतंगे, सब रिमझिम फुहारों में नृत्य कर रहे हैं, और यह क्या, मैं तो बिल्कुल सूखा हूँ अब तक। काश मैं भी अपने उस प्रिय जन के साथ भीग पाती! पर यह क्या, वह लौ भी बुझी जा रही है। चश्म-ए-नम भी बह बह कर सूख चुकी है, बस गालों पर निशान शेष है। जाने कब लौटेगा वो, जो निकला था कभी शहर की ओर, एक अच्छी ज़िंदगी की तलाश में। जाने यह दूरी कब तक जान लेती रहेगी, जाने इंतज़ार की घड़ियों का कब ख़ातमा होगा। शायर मख़्दूम महिउद्दीन नें नायिका की इसी बेकरारी, बेचैनी और दर्द को समेटा था १९७९ की फ़िल्म 'गमन' की एक ग़ज़ल में। जयदेव के संगीत में छाया गांगुली के गाये इस अवार्ड-विनिंग् ग़ज़ल को आज की इस कविता के साथ सुनना बड़ा ही सटीक मालूम होता है। लीजिए पेश है ग़ज़ल...
04-Aap Ki Yaad Aati Rahi CD MISC-20160327 Track#04 6:05
GAMAN-1979; Chhaya Ganguli; Jaidev; Makhdoom Mahiuddin
मेरे जीवन साथी, प्यार किये जा.....एक अनूठा गीत जिसे लिखना वाकई बेहद मुश्किल रहा होगा आनंद बख्शी साहब के लिए भी
“गान और मुस्कान” शृंखला # 658- मेरे जीवन साथी, प्यार किये जा.....
लिफ़्ट के अंदर का सीन है। नायक और नायिका अंदर हैं। बीच राह पर ही नायक लिफ़्ट की बटन दबा कर लिफ़्ट रोक देता है। नायिका कहती है कि उसे हिंदी की कक्षा में जाना है, हिंदी की क्लास है। लेकिन नायक कहता है कि हिंदी की क्लास वो ख़ुद लेगा और वो ही उसे हिंदी सिखायेगा। लेकिन मज़े की बात तो यह है कि नायक दक्षिण भारतीय है जिसे हिंदी बिल्कुल भी नहीं आती। तो साहब यह था सीन और इसमे एक गीत लिखना था गीतकार आनंद बख्शी साहब को। अब आप ही बताइए कि इस सिचुएशन पर किस तरह का गीत लिखे कोई? नायक को हिंदी नही आती और उसे हिंदी में ही गीत गाना है। इस मज़ेदार सिचुएशन पर बख्शी साहब नें एक कमाल का गाना लिखा है जिसे सुनते हुए आप भी मुस्कुरा उठेंगे, और गीत में नायिका तो हँस हँस कर लोट पोट हो रही हैं। 'An Indian Morning' के दोस्तों, आज 'गान और मुस्कान' की आठवीं कड़ी में प्रस्तुत है कमाल हासन और रति अग्निहोत्री पर फ़िल्माये १९८१ की फ़िल्म 'एक दूजे के लिए' से एस. पी. बालसुब्रह्मण्यम और अनुराधा पौडवाल का गाया "मेरे जीवन साथी प्यार किये जा"।
दोस्तों, आइए इस गीत के पूरे बोल यहाँ पर लिखें, और ज़रा हिसाब लगा कर देखें कि कुल कितने फ़िल्मों के नाम इस गीत में आये हैं। चलिए शुरु करते हैं - मेरे जीवन साथी, प्यार किये जा, जवानी-दीवानी, ख़ूबसूरत, ज़िद्दी, पड़ोसन, सत्यम शिवम सुंदरम। झूठा कहीं का, हरे रामा हरे कृष्णा, ४२० (श्री ४२०), आवारा, दिल ही तो है, आशिक़ हूँ बहारों का, तेरे मेरे सपने, तेरे घर के सामने, आमने-सामने, शादी के बाद, ओ बाप रे (बाप रे बाप), हमारे-तुम्हारे, मुन्ना (मेरा मुन्ना), गुड्डी, टीकू, मिली, शिन शिना की बबला बू, खेल खेल में, शोर, जॉनी मेरा नाम, चोरी मेरा काम, राम और श्याम, बंडलबाज़, लड़की, मिलन, गीत गाता चल, प्यार का मौसम, बेशरम। नॉटी बॉय, इश्क़ इश्क़ इश्क़, ब्लफ़ मास्टर, ये रास्ते हैं प्यार के, चलते चलते, मेरे हमसफ़र, दिल तेरा दीवाना, दीवाना-मस्ताना, छलिया, अंजाना, आशिक़, बेगाना, लोफ़र, अनाड़ी, बढ़ती का नाम दाढ़ी, चलती का नाम गाड़ी, जब प्यार किसी से होता है, सनम, जब याद किसी की आती है, जानेमन, बंधन, कंगन, चंदन, झूला, दिल दिया दर्द लिया, झनक झनक पायल बाजे, छम छमा छम, गीत गाया पत्थरों नें, सरगम। हाँ तो दोस्तों, कितने नाम हुए। कहीं मुझसे कोई नाम छूट तो नहीं गया? या कोई ग़लत नाम तो नहीं लिख गया? चलिए इसकी गिनती तो मैं आप पर ही छोड़ता हूँ, मैं तो लगा इस गीत को सुनने। फ़िल्म में संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का है।
क्या आप जानते हैं...
कि गायक एस. पी. बाल्सुब्रह्मण्यम को 'एक दूजे के लिये' फ़िल्म में गायन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
05-Mere Jeevan Saathi Pyar Kiye Ja CD MISC-20160327 Track#05 5:50
EK DUJE KE LIYE-1981; S.P.Balsubramaniam, Anuradha Paudwal; Laxmikant-Pyarelal; Anand Bakshi
1) “ दस थाट, दस राग और दस गीत” 2) “एक मैं और एक तू” 3) “...और कारवाँ बनता गया” 4) “एक पल की उम्र लेकर” 5) “गान और मुस्कान”
ओ साथी मेरे.. हाथों में तेरे.. O Sathi Mere..
संगीतमाला का सफ़र अब मुड़ रहा हैं थिरकते, मुस्कुराते गीतों से अपेक्षाकृत गंभीर और रूमानी गीतों की तरफ़ और इस कड़ी की पहली पेशकश है तनु वेड्स मनु रिटर्न का ये नग्मा। संगीतकार क्रस्ना सोलो व गीतकार राजशेखर की जोड़ी इससे पहले 2011 में शीर्ष पर रहने का तमगा हासिल कर चुकी है। ज़ाहिर है जब इस फिल्म का सीक्वेल आया तो इस जोड़ी के मेरे जैसे प्रशंसक को थोड़ी निराशा जरूर हुई।
संगीतकार क्रस्ना सोलो का नाम अगर आपको अटपटा लगे तो ये बता दूँ कि वो ये उनका ख़ुद का रचा नाम है ताकि जब वो अपने विश्वस्तरीय संगीतज्ञ बनने का सपना पूरा कर लें तो लोगों को उनके नाम से ख़ुद को जोड़ने में दिक्कत ना हो। वैसे माता पिता ने उनका नाम अमितव सरकार रखा था। क्रस्ना ने इस गीत की जो धुन रची है वो सामान्य गीतों से थोड़ी हट के है और इसीलिए उसे मन तक उतरने में वक़्त लगता है। कठिन गीतों को चुनौती के रूप में स्वीकार करना सोनू निगम की फितरत रही है। इस गीत में बदलते टेम्पो को जिस खूबसूरती से उन्होंने निभाया है वो काबिले तारीफ़ है। तो आइए सुनें ये गीत..
06-O Saathi Mere CD MISC-20160327 Track#06 4:34
TANU WEDS MANU RETURNS-2015; Sonu Nigam; Krsna Solo; Rajshekhar
इश्क़ सच्चा वही..जिसको मिलती नहीं मंज़िलें मंज़िलें Humari Adhoori Kahani ..
पियानो के दिल पर चोट से करते नोट्स..वायलिन की उदास करती धुन और फिर अरिजीत की दर्द की चाशनी में डूबती उतरती आवाज़ के साथ जो गीत आज मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ वो है फिल्म हमारी अधूरी कहानी का।
ज़िदगी ज्यूँ ज्यूँ आगे बढ़ती है हमारे रिश्तों की पोटली भी भारी होने लगती है। कई रिश्तों को हम ताउम्र ढोते रहते हैं तो कईयों को चाहे अनचाहे अपने से अलग कर देते हैं। फिल्म हमारी अधूरी कहानी का ये शीर्षक गीत मन में कुछ ऐसी ही भावनाओं का संचार करता है। इस गीत को लिखा है रश्मि सिंह ने। रश्मि के लिखे फिल्म सिटीलाइट्स के एक गीत मुस्कुराने की वज़ह के लिए उन्हें पिछले साल फिल्मफेयर ने सर्वश्रेष्ठ गीतकार के पुरस्कार से नवाज़ भी था।
संगीतकार जीत गाँगुली फिल्म के अपने इकलौते गीत में पियानो, बाँसुरी के साथ उन्होंने वॉयलिन का प्रमुखता से इस्तेमाल किया है पर इस गीत को चार चाँद लगाया है अरिजीत सिंह ने अपनी आवाज़ से। गीत के बोलो के अंदर के भावों को जिस ईमानदारी से उन्होंने पकड़ा है वो दिल को छू जाता है। तो आइए याद करें अपनी अधूरी कहानियों को और सुनें ये संवेदनशील नग्मा..
07-Hamari Adhuri Kahani CD MISC-20160327 Track#07 6:40
HAMARI ADHURI KAHANI-2015; Arijit Singh; Jeet Ganguli; Rashmi Singh
15 अप्रैल को शाहरुख खान अभिनीत 'फैन' रिलीज होने वाली है और फिल्म का प्रमोशन शुरू हो गया है। फिल्म का एकमात्र गाना जारी हुआ है जिसमें शाहरुख ऐसे किरदार में हैं जो सुपरस्टार शाहरुख खान का दीवाना है। शाहरुख इसमें छोटे शहर के 25 वर्ष के युवक के समान नजर आ रहे हैं। 'जबरा' सांग को शाहरुख के फैंस ने हाथों-हाथ लिया है और फिल्म के प्रति उत्सुकता अचानक बहुत बढ़ गई है।
The music for Fan is composed by Vishal-Shekhar with lyrics written by Varun Grover. The first song "Jabra Fan", was released on 16 February 2016.[22] The full soundtrack album was released on 22 February 2016 which included 7 songs, all of which were different versions of the song "Jabra Fan". The song was in 7 different prominent Indian languages sung by regional singers.
08-Jabra Fan CD MISC-20160327 Track#08 3:45
FAN-2016; Nakash Aziz; Vishal-Shekhar; Varun Grover
THE END समाप्त
Mujhe Gale Se Laga Lo Mohammad Rafi, Asha Bhosle; Ravi; Sahir Ludhianavi - AAJ AUR KAL-1963 |
Ek Main Aur Ek Tu Kishore Kumar, Asha Bhosle; R.D.Burman; Gulshan Bawra - KHEL KHEL MEIN-1975 |
Teri Bindiya Re Lata Mangeshkar, Mohammad Rafi; S.D.Burman; Majrooh Sultanpuri - ABHIMAN-1973 |
Aap Ki Yaad Aati Rahi Chhaya Ganguli; Jaidev; Makhdoom Mahiuddin - GAMAN-1979 |
Mere Jeevan Saathi Pyar Kiye Ja S.P.Balsubramaniam, Anuradha Paudwal; Laxmikant-Pyarelal; Anand Bakshi - EK DUJE KE LIYE-1981 |
O Saathi Mere Sonu Nigam; Krsna Solo; Rajshekhar - TANU WEDS MANU RETURNS-2015 |
Hamari Adhuri Kahani Arijit Singh; Jeet Ganguli; Rashmi Singh - HAMARI ADHURI KAHANI-2015 |
Jabra Fan Nakash Aziz; Vishal-Shekhar; Varun Grover - FAN-2016 |