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An Indian Morning
Sunday January 21st, 2024 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning, celebrating and seeking the spirit of India thru sounds, stories, music & songs. AVADH MEIN SHREE RAM; RAS MADHURI- II-NAOU RAS

Namaste! Sounds for us in India are messengers for they not only carry words and music, convey feelings, and emotions and moods, but above all there is within sounds a certain divinity, Naad Brahma. Welcome to the sounds of An Indian Morning. A-DR DEHEJIA’S MISC-20240121 28:00 01-SHRI KRISHNA GOVIND HARE MURARI; KRISHNA VANDAN; HEMA DESAI & ASIT DESAI 02-SHRI VENKATESWAR PANCHRATNAM; M. S. SUBBULAKSHMI 03-JARA TO ITNA BATADO BHAGWAN; INDIRA NAIK 04-KOYALIYA UD JA; ALBUM: VARSHA RITU; MUKESH; MURLI MANOHAR SWARUP; INDEEVAR 05-TARANA; KONKANA BANERJEE B-ANNOUNCEMENTS MISC-20240121 11:19 BACKGROUND MUSIC; RAGA KHAMAJ-BUDHITAYA MUKHERJEE राम मंदिर हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण मंदिर है जहां प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था. इस मंदिर का उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 सोमवार को किया जाएगा. अयोध्या में इस दिन को उत्सव के रुप में मनाया जाएगा. पूरे देश में राम मंदिर में लेकर लोग उत्साहित हैं. लोगों में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है. राम मंदिर के दिन को यादगार बनाएं और इस दिन को ऐतिहासिक बनाने के लिए इस दिन अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को खास दिन की बधाई दें, और भेजें शुभकमनाएं. चप्पा चप्पा भर जायेगा श्री राम जी के दीवानो से सारा देश गूंज उठेगा जय श्री राम के जयकारो से !! 01-THUMAK THUMAK PUG DHUMAK KUNJ MADHU CD MISC-20240121 TRACK#01 4:21 ANKAHEE-1985; PANDIT BHIMSEN JOSHI; JAIDEV; TRADITIONAL https://www.youtube.com/watch?v=qLhPKbMGGC4 02-AVADH MEIN LAUTE HAIN RAM CD MISC-20240121 TRACK#02 4:36 T-SERIES-2024; SONU NIGAM; SHREYAS PURANIK; ASHUTOSH AGNIHOTRI https://www.youtube.com/watch?v=KGXqTWVhiGI 'An Indian Morning' के सभी श्रोता को किशोर संपट का प्यार भरा नमस्कार। डर मन-मस्तिष्क का एक ऐसा भाव है जो उत्पन्न होता है अज्ञानता से या फिर किसी दुष्चिंता से। 'An Indian Morning' के दोस्तों, नमस्कार! 'रस माधुरी' शृंखला की छठी कड़ी में आज बातें भयानक रस की। भयानक रस का अर्थ है डर या बुरे की आशंका। ज़ाहिर है कि हमें जितना हो सके इस रस से दूर ही रहना चाहिए। भयानक रस से बचने के लिए ज़रूरी है कि हम अपने आप को सशक्त करें, सच्चाई की तलाश करें और सब से प्यार सौहार्द का रिश्ता रखें। अक्सर देखा गया है कि डर का कारण होता है अज्ञानता। जिसके बारे में हम नहीं जानते, उससे हमें डर लगता है। भूत प्रेत से हमें डर क्यों लगता है? क्योंकि हमने भूत प्रेत को देखा नहीं है। जिसे किसी ने नहीं देखा, उसकी हम भयानक कल्पना कर लेते हैं और उससे डर लगने लगता है। भय या डर हमारे दिमाग़ की उपज है जो किसी अनजाने अनदेखे चीज़ के बारे में ज़रूरत से ज़्यादा ही बुरी कल्पना कर बैठता है, जिसका ना तो कोई अंत होता है और ना ही कोई वैज्ञानिक युक्ति। और आख़िर में बस यही कहेंगे कि भय से कुछ हासिल नहीं होता, सिवाय ब्लड प्रेशर बढ़ाने के। भयानक रस पर आधारित फ़िल्मी गीतों की बात करें तो इस तरह के गानें भी हमारी फ़िल्मों में ख़ूब चले हैं। इस रस का सब से अच्छा इस्तेमाल भूत प्रेत या सस्पेन्स थ्रिलर वाली फ़िल्मों के गीतों में सब से अच्छा हुआ है। एक फ़िल्म आई थी 'गुमनाम' जिसके शीर्षक गीत में वह सारी बातें थीं जो एक भयानक रस के गीत में होनी चाहिए। फ़िल्मांकन हो या संगीत संयोजन, गायक़ी हो या गाने के बोल, हर पक्ष में भय का प्रकोप था। "गुमनाम है कोई, बदनाम है कोई, किसको ख़बर, कौन है वो, अंजान है कोई"। हसरत जयपुरी का लिखा गीत और संगीत शंकर जयकिशन का। १९६५ की इस सुपरहिट सस्पेन्स थ्रिलर को निर्देशित किया था राजा नवाथे ने और फ़िल्म के मुख्य कलाकार थे मनोज कुमार, नंदा, हेलेन, प्राण, महमूद प्रमुख। जहाँ तक इस गीत की धुन का सवाल है, तो शंकर जयकिशन को इसकी प्रेरणा हेनरी मैनसिनि के 'शैरेड' (Charade) फ़िल्म के थीम से मिली थी। तो आइए सुना जाए यह गीत। CHARADE Background Music: Henry Mancini https://www.youtube.com/watch?v=3Ptu0A_8WQs 03-GUMNAAM HAI KOI CD MISC-20240121 TRACK#03 5:12 GUMNAAM-1965; LATA MANGESHKAR; SHANKAR-JAIKISHAN; HASRAT JAIPURI https://www.youtube.com/watch?v=Kjyr9JYd3-I मेरा रंग दे बसंती चोला....जब गीतकार-संगीतकार प्रेम धवन मिले अमर शहीद भगत सिंह की माँ से तब जन्मा ये कालजयी गीत 'An Indian Morning' के अंतर्गत आप सुन रहे हैं नव रसों पर आधारित फ़िल्मी गीतों की लघु शृंखला 'रस माधुरी'। अब बारी है वीर रस की। वीर रस, यानी कि वीरता और आत्मविश्वास का भाव जो हर इंसान में होना अत्यधिक आवश्यक है। वीरता के रस अपने में उत्पन्न करने के लिए इंसान को धैर्य और प्रशिक्षण की ज़रूरत है। आत्मविश्वास को बढ़ाना होगा अपने अंदर। १९६५ में मनोज कुमार ने जब शहीद-ए-आज़म भगत सिंह और उनके साथियों के बलिदान पर अपनी कालजयी फ़िल्म 'शहीद' बनाई तो भगत सिंह के किरदार में ख़ुद मोर्चा सम्भाला, राजगुरु बनें आनंद कुमार और सुखदेव की भूमिका में थे प्रेम चोपड़ा। चन्द्रशेखर आज़ाद की भूमिका अदा की मनमोहन ने। भगत सिंह की माँ का रोल निभाया कामिनी कौशल इस फ़िल्म के गीतकार-संगीतकार प्रेम धवन थे। इसी फ़िल्म का एक गीत है जो बहुत मशहूर हुआ था "मेरा रंग दे बसंती चोला"। बसंती रंग क़ुर्बानी का रंग होता है। तो लीजिए दोस्तों, मुकेश, महेन्द्र कपूर और राजेन्द्र मेहता की आवाज़ों में प्रेम धवन का लिखा व स्वरबद्ध किया १९६५ की फ़िल्म 'शहीद' का यह देश भक्ति गीत सुनिए और सलाम कीजिए उन सभी शहीदों को जिनकी क़ुर्बानियों की वजह से हम आज़ाद हिंदुस्तान में जनम ले सके हैं। 04-O MERA RANG DE BASANTI CHOLA CD MISC-20240121 TRACK#04 5:22 SHAHEED-1965; MUKESH, MAHENDRA KAPOOR, RAJENDRA MEHTA; PREM DHAWAN https://www.youtube.com/watch?v=rH7oPHzIGaY फूल अहिस्ता फैको, फूल बड़े नाज़ुक होते हैं....इसे कहते है नाराज़ होने, शिकायत करने का लखनवी शायराना अंदाज़ नौ रसों में कुछ रस वो होते हैं जो अच्छे होते है, और कुछ रस ऐसे हैं जिनका अधिक मात्रा में होना हमारे मन-मस्तिष्क के लिए हानिकारक होता हैं। शृंगार, हास्य, शांत, वीर पहली श्रेणी में आते हैं जबकि करुण, विभत्स और रौद्र रस हमें एक मात्रा के बाद हानी पहुँचाते हैं। 'रस माधुरी' शृंखला में अब बातें रौद्र रस की। जब हमारी आशाएँ पूरी नहीं हो पाती, तब हमें लगता है कि हमें नकारा गया है और यही रौद्र रस का आधार बनता है। यह ज़रूरी नहीं कि ग़ुस्से से हमेशा हानी ही पहुँचती है, कभी कभी रौद्र का इस्तेमाल सकारात्मक कार्य के लिए भी हो सकता है । रौद्र रस का एक बहुत ही अच्छा उदाहरण है माँ दुर्गा का रौद्र का दानव महिषासुर का वध करना। अब फ़िल्मी गीतों पर आते हैं। हमने जिस गीत को चुना है, वह यकायक सुनने पर शायद रौद्र रस का ना लगे, लेकिन ध्यान से सुनने पर और शब्दों पर ग़ौर करने पर पता चलता है कि किस ख़ूबसूरती से, बड़े ही नाज़ुक तरीके से रौद्र को प्रकट किया गया है इस गीत में। फ़िल्म 'प्रेम कहानी' का युगल गीत "फूल आहिस्ता फेंको, फूल बड़े नाज़ुक होते हैं"। लता-मुकेश की आवाज़ें, आनंद बख्शी के बोल और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का संगीत। लता और मुकेश की आवाज़ों में प्रस्तुत गीत भी गली गली गूँजा करता था एक समय। दोस्तों, इस गीत में जिस तरह से नाराज़गी ज़ाहिर की गई है, उसे सही तरीक़े से महसूस करने के लिए गीत को गौर से सुनिए और ख़ुद ही महसूस कीजिए इस गीत में छुपे रौद्र रस को। 05-PHOOL AHISTA PHENKO CD MISC-20240121 TRACK#05 5:17 PREM KAHANI-1975; MUKESH, LATA MANGESHKAR; LAXMIKANT-PYARELAL; ANAND BAKSHI https://www.youtube.com/watch?v=k-oL6FB6btw ये दुनिया ये महफ़िल मेरे काम की नहीं.....वीभत्स रस को क्या खूब उभरा है रफ़ी साहब ने इस दर्द भरे नगमें में 'An Indian Morning' के दोस्तों, नमस्कार! अब बस एक ही रस बाक़ी है और वह है विभत्स रस। जी हाँ, 'रस माधुरी' लघु शृंखला की अंतिम कड़ी में आज ज़िक्र विभत्स रस का। विभत्स रस का अर्थ है अवसाद, या मानसिक अवसाद भी कह सकते हैं इसे। अपने आप से हमदर्दी इस रस का एक लक्षण है। कहा गया है कि विभत्स रस से ज़्यादा क्षतिकारक और व्यर्थ रस और कोई नहीं। हमने आज के लिए जिस गीत को चुना है, वह है १९७१ की फ़िल्म 'हीर रांझा' का मोहम्मद रफ़ी साहब का गाया "ये दुनिया ये महफ़िल मेरे काम की नहीं"। अपनी हीर से जुदा होकर दीवाना बने रांझा की ज़ुबान से निकले इस गीत में शब्दों के रंग भरे हैं गीतकार कैफ़ी आज़्मी ने और संगीत है मदन मोहन का। इस गीत के बोल मुकम्मल तो हैं ही, इसकी धुन और संगीत संयोजन भी कमाल के हैं। फ़िल्म के सिचुएशन और सीन के मुताबिक़ गीत के इंटरल्युड संगीत में कभी बांसुरी पर भजन या कीर्तन शैली की धुन है तो अगले ही पल क़व्वाली का रीदम भी आ जाता है। तो आइए सुनते हैं यह गीत और इसी के साथ नौ रसों पर आधारित 'An Indian Morning' की यह लघु शृंखला 'रस माधुरी' यहीं सम्पन्न होती है। आशा है इन रसों का आपने भरपूर रसपान किया होगा और हमारे चुने हुए ये नौ गीत भी आपको भाए होंगे। 06-YEH DUNIYA YEH MEHFIL MERE KAAM KI NAHIN CD MISC-20240121 TRACK#06 6:59 HEER RANJAH-1971; MOHAMMAD RAFI; MADAN MOHAN; KAIFI AZMI https://www.youtube.com/watch?v=k-oL6FB6btw Kailasa Entertainment Private Limited and Kailasa Records present to you "Ram Ka Dham Anthem", an ode to the glorious Ram Mandir of Ayodhya Dham. भजन का एक एक शब्द सीधा हृदय की अंतरात्मा में प्रभु श्री राम के स्वरुप को प्रकट कर रहा है ऐसा भजन आज तक नहीं सुना जिसे सुनकर रोम रोम प्रफुल्लित होकर आखें नम भी हों और अपने हिन्दू होने पर गर्व भी हो.. जय श्री राम 07-RAM KA DHAM ANTHEM CD MISC-20240121 TRACK#07 8:04 KEPL-2024; KAILASH KHER; ANU MALIK, AMAR PANT; MILIND PANWAR https://www.youtube.com/watch?v=cGyNyfqHDuM&t=2s 97-ANTMEIN-SIGNOFF – 2:19 BACKGROUND MUSIC: INSTRUMENTAL-FLUTE; HEY RAM HEY RAM; SUNIL SHARMA https://www.youtube.com/watch?v=kRf1_kx0hQs ---------------------------------------------------------- अंत मे छोटी सी बात ‘An Indian Morning’ की तरफसे: ---------------------------------------------------------- “Hope never abandons you, you abandon it.” -George Weinberg “आशा कभी आपको छोड़ कर नहीं जाती है, आप इसे छोड़ते हैं।” -जॉर्ज वीनवर्ग ---------------------------------------------------------- हमारा आपके साथ आज यहीं तक का सफर था. तो चलिए आपसे अब हम विदा लेते है. अगली मुलाकात तक खुश रहिये, स्वस्थ रहिये और हाँ An Indian Morning पर हमसे मिलते रहिये. हंसते रहिये, क्योंकि हंसना निशुल्क है और एक सुलभ दवा है। Well, that's all the time we have with you today! We thank you and hope you have enjoyed our company on this Indian Morning! Please join us next Sunday from 10:00 AM till 11:30 AM for another edition (#2554). ‘Seeking the Spirit of India’ through sounds, stories, music & songs with Dr. Harsha Dehejia and Rakesh Misra, I am Kishore Sampat wishing you a wonderful week ahead! STAY safe STOP the spread SAVE lives! HAPPY RAM MANDIR INAUGURATION & PRAN PRATHISTHA! STAY TUNED FOR “MUSIC FROM THE GLEN” जिसका मन मस्त है..! उसके पास समस्त है..! आप स्वस्थ रहे, सदा मस्त रहे बनता है हर काम राम तुम्हारे चरणों में, करते है बारम्बार प्रणाम तुम्हारे चरणों में !! अयोध्या राम मंदिर की शुभकामनाएं! आपका आज का दिन और आने वाला सप्ताह शुभ हो, नमस्कार! THE END समाप्त
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