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An Indian Morning
Sunday May 30th, 2021 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning, celebrating and seeking the spirit of India thru sounds, stories, music & songs.

Namaste! And for us, adornment is important for when we adorn our bodies and our homes, our gods in our shrines but we also adorn our voices when we sing. We beautify our words when we express a beautiful emotion and create beautiful movements when we dance. Let us adorn the airwaves of CKCU this Sunday morning as we welcome you to An Indian Morning! A-DR DEHEJIA’S MISC-20210530 28:18 01-HEY NATH HUM PAR KRIPA KIJIYE; MANGLACHARAN; PANDIT RAVISHANKAR 02-VAISHNAVA JAN TO RE TENE KAHIYE JE; ASHIT DESAI; NARSINH MEHTA 03-CHALO RE SAKHI; MADHURI SHAH 04-BANSI VIBHUSHIT; PANDIT JASRAJ; MAHAPRABHU VALLABHACHARYA 05-SARAKTI JAYE HE RUKH SE NAQAAB AAHISTA AAHISTA; JAGJIT SINGH; AMEER MEENAI B-ANNOUNCEMENTS MISC-20210523 13:59 BACKGROUND MUSIC; RAAG BILASHKANI CODI आप सभी को किशोर सम्पट का प्यार भरा नमस्कार आज 30 मई रविवार का दिन है, आप की ज़िन्दगी का एक और नया दिन। आज का दिन शुभ और मंगल मई हो। Pibare Rama Rasam - A refined essence of Rama Nama from Saint Sadasiva Brahmendra!! Set to tune by Dr Balamurali Krishna. Ragam: Ahirbhairav Vocals: Rahul Vellal Composition: Kuldeep M Pai 01-PIBARE RAMA RASAM CD MISC-20210530 TRACK#01 6:21 VANDE GURU PARAMPARAAM-2015; RAHUL VELLAI; KULDEEP M PAI; SAINT SADASIVA BRAHMENDRA https://www.youtube.com/watch?v=vJxVWF8KjFI धीरे धीरे सुबह हुई -हैसियत १९८४ समय की रफ़्तार ऐसी है कि पीछे छूटी कई बातें याद नहीं आती तो कभी कुछ बातें परमानेंट घाव जैसी बन जाया करती हैं और भुलाये नहीं बनती। येसुदास का गाया गीत फिल्म हैसियत से जिसकी धुन बप्पी लहरी ने बनाई है। गीत लिखा है इन्दीवर ने। 02-DHIRE DHIRE SUBHA HUI CD MISC-20210530 TRACK#02 5:33 HAISIYAT-1984; YESUDAS; BAPPI LAHIRI; INDEEVAR https://www.youtube.com/watch?v=iy-1Ul1ThQE एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यावाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए। जहाँ एक तरफ़ फ़िल्म-संगीत का अपना अलग अस्तित्व है, वहीं दूसरी तरफ़ फ़िल्म-संगीत अन्य कई तरह के संगीत पर भी आधारित रही है। शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत और पाश्चात्य संगीत का प्रभाव फ़िल्म-संगीत पर हमेशा से रहा है। उधर बंगाल की संस्कृति में रबीन्द्र संगीत एक अहम धारा है; गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर की रचनाओं के बिना बांगला संगीत, नृत्य और साहित्य अधूरा है। समय-समय पर हिन्दी सिने संगीत जगत के संगीतकारों ने भी रबीन्द्र-संगीत को अपने फ़िल्मी गीतों का आधार बनाया है। 7 मई को कविगुरु रबीन्द्रनाथ ठाकुर के जन्म-जयंती के उपलक्ष्य में आइए आज ’An Indian Morning’ में हम उन हिन्दी फ़िल्मी गीतों पर एक नज़र डालें जो रबीन्द्र संगीत की धुनों से प्रेरित हैं। संगीतकार सचिन देव बर्मन ने रबीन्द्र-संगीत का हू-ब-हू प्रयोग ज़्यादा गीतों में नहीं किया। यह ज़रूर है कि उनके द्वारा स्वरबद्ध कई गीतों में रबीन्द्र-संगीत की छाया मिलती है। रबीन्द्र-संगीत पर आधारित दादा बर्मन का सर्वाधिक लोकप्रिय गीत है 1973 की फ़िल्म 'अभिमान' का "तेरे मेरे मिलन की ये रैना..." जो रबीन्द्रनाथ रचित "जोदी तारे नाइ चिनी गो..." गीत पर आधारित है। 03-TERE MERE MILAN KI YE RAINA CD MISC-20210530 TRACK#03 4:47 ABHIMAN-1973; LATA MANGESHKAR, KISHORE KUMAR; S. D. BURMAN; MAJROOH SULTANPURI https://www.youtube.com/watch?v=p90ek9GtLYE सचिन दा के बेटे राहुल देव बर्मन ने बंगाल और नेपाल के लोक-संगीत का ख़ूब प्रयोग किया है अपने गीतों में, पर एक-आध बार रबीन्द्र-संगीत की तरफ़ भी झुके हैं। फ़िल्म 'जुर्माना' का लता के गाये "छोटी सी एक कली खिली थी एक दिन बाग़ में..." गीत के लिए पंचम ने जिस रबीन्द्र-रचना को आधार बनाया, उसके बोल हैं "बसन्ते फूल गांथलो आमार जयेर माला..."। इस मूल रबीन्द्र-रचना को 1944 की बांगला फ़िल्म 'उदयेर पथे' में शामिल किया गया था। 'उदयेर पथे' दरसल बांगला-हिन्दी द्विभाषी फ़िल्म थी, जिसका हिन्दी में 'हमराही' के नाम से निर्माण हुआ था। इस फ़िल्म के एक गीत की चर्चा हम उपर कर चुके हैं। राहुल देव बर्मन ने 1982 की फ़िल्म 'शौकीन' में आशा-किशोर से "जब भी कोई कंगना बोले..." गीत गवाया था जो रबीन्द्रनाथ रचित "ग्राम छाड़ा ओइ रांगा माटीर पथ..." की धुन पर आधारित था। '1942 - A Love Story' में कविता कृष्णमूर्ति का गाया "क्यों नए लग रहे हैं ये धरती गगन..." को भी रबीन्द्र-संगीत से प्रेरित पंचम ने ही एक साक्षात्कार में बताया था पर मूल रबीन्द्र-रचना की पहचान नहीं हो पायी है। 04-KYON NAYE LAG RAHE HAIN YE DHARATI GAGAN CD MISC-20210530 TRACK#04 4:22 1942 A LOVE STORY-1994; KAVITA KRISHNAMURTHY; R. D. BURMAN; JAVED AKHTAR https://www.youtube.com/watch?v=V0FsE0b7Z-s अब तक हिन्दी फ़िल्म-संगीत में रबीन्द्र-संगीत के प्रयोग की जितनी चर्चा हमने की है, उसमें जितने भी संगीतकारों का नाम आया है, वो सब बंगाल से ताल्लुख रखने वाले थे। बंगाल के बाहर केवल राजेश रोशन ही एक ऐसे संगीतकार हुए जिन्होंने रबीन्द्र-संगीत का प्रयोग कई बार अपने गीतों में किया। वैसे राजेश रोशन का बंगाल से रिश्ता तो ज़रूर है। उनकी माँ इरा रोशन बंगाली थीं। 1981 की फ़िल्म 'याराना' में राजेश रोशन द्वारा स्वरबद्ध गीत "छू कर मेरे मन को, किया तूने क्या इशारा" का मुखड़ा रबीन्द्रनाथ रचित "तोमार होलो शुरू, आमार होलो शाड़ा..." से प्रेरित था। यूं तो इस रबीन्द्र-रचना को कई गायकों ने गाया, पर किशोर कुमार का गाया संस्करण सर्वाधिक लोकप्रिय हुआ था, और राजेश रोशन ने भी अपने गीत को किशोर दा से ही गवाया। भले राजेश रोशन ने केवल मुखड़े की धुन को ही प्रयोग में लाया, पर कलकत्ते की जनता को क्रोधित करने में यही काफ़ी था। दरसल राजेश रोशन ने इस धुन के इस्तमाल के लिए विश्वभारती से अनुमति नहीं ली थी, जिस वजह से बंगाल में यह हंगामा हुआ। पर बंगाल के बाहर इस गीत ने इतनी लोकप्रियता हासिल की कि राजेश रोशन को कोई फ़र्क नहीं पड़ा। 05-CHHOOKAR MERE MANN KO KIYA TUNE KYA YE ISHARA CD MISC-20210530 TRACK#05 4:13 YAARANA-1981; KISHORE KUMAR; RAJESH ROSHAN; ANJAAN https://www.youtube.com/watch?v=_ijpI8-p8Mo 1997 की फ़िल्म 'युगपुरूष' में राजेश रोशन ने दो गीतों में रबीन्द्र-संगीत की छटा बिखेरी। इनमें एक था आशा भोसले का गाया "कोई जैसे मेरे दिल का दर खटकाए..." (मूल रबीन्द्र रचना - "तुमि केमोन कोरे गान कोरो हे गुणी...") और दूसरा गीत था प्रीति उत्तम का गाया "बंधन खुला पंछी उड़ा, आगे सुनो अजी फिर क्या हुआ" (मूल रबीन्द्र रचना - "पागला हावा बादल दिने पागोल आमार मोन नेचे ओठे...")। "पगला हावार..." एक अत्यन्त लोकप्रिय रबीन्द्र-रचना है और बंगाल के बहुत सारे कलाकारों ने समय समय पर इसे गाया है। 06-BANDHAN KHULA PANCHHI UDAA CD MISC-20210530 TRACK#06 4:14 YUGPURUSH-1998; PREETI UTTAM, RAVINDRA SATHE; RAJESH ROSHAN; MAJROOH SULTANPURI https://www.youtube.com/watch?v=8jPLt3J6i6c इस बात से शायद ही कोई इंकार करे कि जब जब रबीन्द्र-संगीत की धुनें हिन्दी फ़िल्मी गीतों में सुनाई दी है, वो सभी गीत बेहद मधुर व कर्णप्रिय बने हैं। रबीन्द्र-संगीत इस देश की अनमोल धरोहर है जिसे हमें सहेज कर रखना है। जिन जिन संगीतकारों ने रबीन्द्र-संगीत का प्रयोग अपने गीतों में कर इसे बंगाल के बाहर पहुँचाने का महत्वपूर्ण काम किया है, उन्हें हमारा सलाम। मुस्कुराने की वजह-सिटीलाइट्स २०१४ आजकल के गानों में अंतर करना मुश्किल होता है वैसे ही नए गायक गायिकाओं के गानों में फर्क करना भी आसान काम नहीं है। प्रस्तुत गीत दो गानों का मिक्सचर जैसा है मगर सुनने में अच्छा है। अरिजीत सिंह नए गायकों में सबसे बेहतर सुनाई देते हैं उसकी वजह उनकी रेंज है। उसके अलावा सुर भी औरों से ज्यादा सधा हुआ है, टोनल क्वालिटी भी बेहतर है। फिल्म सिटी लाइट्स के लिए इसे लिखा रश्मि सिंह ने और धुन तैयार की है जीत गांगुली ने। 07-MUSKOORANE KI WAJAH TUM HO CD MISC-20210530 TRACK#07 5:39 CITYLIGHTS-2014; ARIJIT SINGH; JEET GANGULI; RASHMI SINGH https://www.youtube.com/watch?v=8z22VIi2Qrw 97-ANTMEIN-SIGNOFF – 2:11 BACKGROUND MUSIC: CHHOKAR MERE MAN KO-WHISTLING BY ANIL TAMRAKAR -------------------------------------------------------------------अंत मे छोटी सी बात ‘An Indian Morning’ की तरफसे: ---------------------------------------------------------- “The vision must be followed by the venture. It is not enough to stare up the steps - we must step up the stairs.” -Vance Havner “कल्पना के उपरांत उद्यम अवश्य किया जाना चाहिए। सीढ़ियों को देखते रहना ही पर्याप्त नहीं है - सीढ़ियों पर चढ़ना आवश्यक है।” -वैन्स हैवनेर ---------------------------------------------------------- हमारा आपके साथ आज यहीं तक का सफर था. तो चलिए आपसे अब हम विदा लेते है. अगली मुलाकात तक खुश रहिये, स्वस्थ रहिये और हाँ An Indian Morning पर हमसे मिलते रहिये. हंसते रहिये, क्योंकि हंसना निशुल्क है और एक सुलभ दवा है। Well, that's all the time we have with you today! We thank you and hope you have enjoyed our company on this Indian Morning! Please join us next Sunday from 10:00 AM till 11:30 AM for another edition (#2416) of “An Indian Morning. ‘Seeking the Spirit of India’ through sounds, stories, music & songs with Dr. Harsha Dehejia and Rakesh Misra, I am Kishore Sampat wishing you a wonderful week ahead! STAY TUNED FOR “MUSIC FROM THE GLEN” STAY safe STOP the spread SAVE lives! आपका आज का दिन और आने वाला सप्ताह शुभ हो, नमस्कार! THE END समाप्त
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