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An Indian Morning
Sunday October 11th, 2020 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second

Namaste! We in India gather and assemble meet in groups and travel together in search of the truth. These are about pilgrimages and our satsangs on a Sunday morning in Ottawa. We hold our satsangs to the Akashwani of Radio Carlton. To the Indian morning, we bid you a fond welcome. A-DR DEHEJIA’S MISC-20201011 28:52 1. SHRI KRISHNA GOVIND HARE MURARI - MANGALACHARAN - HARIHARAN 2. PIYA TORE AANGAN MEIN – GHAZAL - HARIHARAN 3. SARKATI JAYE HAI NAQAB AHISTA AHISTA; SHUJAAT HUSSAIN KHAN; RECREATION OF JAGJIT SINGH GHAZAL 4. DHRUPAD COMPOSITION; GUNDECHA BROTHERS 5. GHAT GHAT MEIN PANCHHI BOLTA; KISHORI AMONKAR; DEVOTIONAL B-ANNOUNCEMENTS MISC-20201011 14:48 BACKGROUND MUSIC: CELEBRATION RAGA MANJ KHAMAJ; ANOUSHKA SHARMA एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए “An Indian Morning” के सभी दोस्तों को हमारा सलाम! दोस्तों, शेर-ओ-शायरी, नज़्मों, नगमों, ग़ज़लों, क़व्वालियों की रवायत सदियों की है। कुछ फ़नकार ऎसे होते हैं जिनके बारे में लिखने चलो तो न आपको मस्तिष्क के घोड़े दौड़ाने पड़ते हैं और न ही आपको अतिशयोक्ति का सहारा लेना होता है, शब्द खुद-ब-खुद ही पन्ने पर उतरने लगते हैं। यूँ तो आलेख लिखते समय लेखक को कभी भी भावुक नहीं होना चाहिए, लेकिन आज के जो फ़नकार हैं उनकी लेखनी का मैं इस कदर दीवाना हूँ कि तन्हाई में भी मेरे इर्द-गिर्द उनके ही शब्द घूमते रहते हैं। आज हम जिनकी बात कर रहे हैं, वह गाने के संगीतकार या गायक नहीं बल्कि इसके गीतकार हैं। आज हम पद्म भूषण श्री संपूरण सिंह "गुलज़ार" की बात कर रहे हैं। २००६ में गु्लज़ार साहब (इन्हें अमूमन इसी नाम से संबोधित किया जाता है) और जगजीत सिंह जी की ग़ैर-फिल्मी गानों की एक एलबम आई थी "कोई बात चले"। यूँ तो जगजीत सिंह ग़ज़ल-गायकी के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस एलबम के गीतों को ग़ज़ल कहना सही नहीं होगा, इस एलबम के गीत कभी नज़्म हैं तो कभी त्रिवेणी। त्रिवेणी को तख़्लीक़-ए-गुलज़ार भी कहते हैं क्योंकि इसकी रचना और संरचना गुलज़ार साहब के कर-कमलों से ही हुई है। त्रिवेणी वास्तव में क्या है, क्यों न गु्लज़ार साहब से ही पूछ लें। बकौल गु्लज़ार साहब : "शुरू शुरू में जब ये फ़ार्म बनाई थी तो पता नहीं था यह किस संगम तक पहुँचेगी - त्रिवेणी नाम इसलिए दिया था कि पहले दो मिसरे गंगा, जमुना की तरह मिलते हैं और एक ख़्याल, एक शेर को मुकम्मल करते हैं। लेकिन इन दो धाराओं के नीचे एक और नदी है - सरस्वती, जो गुप्त है, नज़र नहीं आती। त्रिवेणी का काम सरस्वती दिखाना है। तीसरा मिसरा कहीं पहले दो मिसरों में गुप्त है, छुपा हुआ है।" "ज़िंदगी क्या है जानने के लिए" प्रस्तुत गीत में गुलज़ार साहब इन्हीं मुद्दों पर अपनी चिंता जाहिर कर रहे हैं। तो लीजिए आप सबके सामने पेश-ए-खिदमत है ज़िंदगी की बेबाक तस्वीर: आदमी बुलबुला है पानी का 01-ZINDAGI KYA HAI CD MISC-20201011 TRACK#01 4:51 KOI BAAT CHALE-2006; JAGJIT SINGH; GULZAR https://www.youtube.com/watch?v=P8Je2dsI5JY ये बात कोई समझाये रे-सज़ा १९५१ एस डी बर्मन के संगीत वाला अगला गीत सुनते हैं फिल्म सजा से। बंगाली मूल की गायिकाओं में प्रमुख नाम हैं-गीता दत्त, संध्या मुखर्जी, आरती मुखर्जी जिन्होंने हिंदी फिल्म जगत में हिंदी गीत गाये हैं। संध्या मुखर्जी के कुछ गीत ५० के दशक में सुनाई दिए उसके बाद उन्हें ज्यादा अवसर नहीं मिले। बंगाली फ़िल्मी और गैर फ़िल्मी गीत उन्होंने काफी गाये हैं। गीत में पतली कमर बल खा रही है। इसे आप पतली कमर या बल खाना हिट गीत कह सकते हैं। 02-YE BAAT KOI SAMJHAAYE RE CD MISC-20201011 TRACK#02 3:30 SAZAA-1951; SANDHYA MUKHERJI; S. D. BURMAN; RAJINDER KRISHAN https://www.youtube.com/watch?v=hX8qLEjh16E ऐसे तो न देखो-तीन देवियाँ १९६५ आँखों से बहुत कुछ कहा जा सकता है। किसी किसी की नशीली आँखें देख के नशा चढ़ने लगता है। आँखों से ही तो सम्मोहन भी हो जाता है। फिल्म तीन देवियाँ से एक नशीली धुन पर बना गीत सुनते हैं रफ़ी का गाया हुआ। मजरूह सुल्तानपुरी का गीत है और एस डी बर्मन के संगीत। देव आनंद इसे परदे पर गा रहे हैं। 03-AISE TO NA DEKHO CD MISC-20201011 TRACK#03 3:43 TEEN DEVIYAN-1965; MOHAMMAD RAFI; S. D. BURMAN; MAJROOH SULTANPURI https://www.youtube.com/watch?v=OaginwwacJI बचना ऐ हसीनों-हम किसी से कम नहीं १९७७ किसी गीत की एक ही पंक्ति में हुस्न का आशिक और हुस्न का दुश्मन बोला जाए और वो जनता को पसंद आ जाय, क्या बात है। ऐसा ही अनूठा गीत है फिल्म हम किसी से कम नहीं में। गीत अपने ज़माने का हिट गीत है और इसे दोबारा इस्तेमाल किया गया रणवीर कपूर वाली फिल्म बचना ऐ हसीनों में शीर्षक गीत के रूप में। मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे और आर डी बर्मन द्वारा स्वरबद्ध गीत को बने ४० वर्ष हो चुके हैं मगर इसका जलवा आज भी बरकरार है। किशोर कुमार ने इसे गाया है। 04-BACHNA AE HASEENO CD MISC-20201011 TRACK#04 5:58 HUM KISI SE KUM NAHIN-1977; KISHORE KUMAR; R.D.BURMAN; MAJROOH SULTANPURI https://www.youtube.com/watch?v=ZsjLQOco35U प्यार करने वाले-शान १९८० प्यार करने वाले क्या क्या नहीं करते हैं। खेत में उगी कच्ची पत्तागोभी तोड़ के खा लिया करते हैं, चने के खेत में गुलाटियां लगा लेते हैं। हाँ, इतने साल में कभी मैंने ये नहीं सुना किसी ने अरहर के खेत में लोट लगायी हो। प्यार करने वालों के बारे में संक्षेप में इस गीत में पूरी कहानी बयान कर दी गई है। मजरूह सुल्तानपुरी के जादुई बोल हैं और पंचम का संगीत। आशा भोंसले ने इसे गाया है और परदे पर इस गीत पर अभिनय कर रही हैं परवीन बाबी। गीत में किसी जगह की महारानी के रोल में हैं बिंदु और उनके गले में पड़ा हार पार्टी में मौजूद चोरों की नज़र में हैं। 05-PYAR KARNE WALE CD MISC-20201011 TRACK#05 6:28 SHAAN-1980; ASHA BHOSLE; R. D. BURMAN; MAJROOH SULTANPURI https://www.youtube.com/watch?v=MXYt2yeU71w सदी का महानायक कहें या शहंशाह, एंथानी गोन्सालविस या फिर बिग बी कुछ भी कहिये, लेकिन एक ही चेहरा और एक ही आवाज दिखाई-सुनाई देती है और वो नाम है अमिताभ बच्चन का. कहते है कि कोइ-कोइ विरले ही होते है जो इतना मान तथा सम्मान पाते हैं, अमिताभ बच्चन उन्हीं विरलों में से एक हैं जिन्होंने हिन्दी सिनेमा के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में अपना नाम अंकित किया है. प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन के पुत्र अमिताभ ने अपने नाम को सही मायनों में चरित्रार्थ किया है. अमिताभ ने फिल्म जगत में जब कदम रखा था तो कभी सोचा भी न होगा कि उनका ये सफर इतना लम्बा, यादगार तथा कभी खत्म ना होने वाला सफर होगा. 11 अक्तुबर को अमिताभ जी का 73 वा जन्मदिन है। आज हम आपके लिये उनके इस यादगार सफर के कुछ जाने-अनजाने गाने लेकर आये है उम्मींद है आपको ये लम्हे पसंद आयेंगे. तो चलिये हम ले चलते है आपको अमिताभ बच्चन के साथ यादों के सफर पर ........... 07-BOLLYWOOD TRIBUTE TO AMITABH BACHCHAN MISC-20201011 TRACK#07 10:58 VARIOUS ARTISTS Alka Yagnik, Kumar Sanu, Anu Malik, Shreya Gloshal, Salim - Sulaiman, Pritam, Adesh Shrivastava, Sajid - Wajid, Mika Singh, Himesh Reshammiya, Mohit Chauhan, Sonu Nigam, Javed Akhatar, Amitabh Bachhan LIVE at Mirchi Music Awards. 97-ANTMEIN-SIGNOFF – 1:44 BACKGROUND MUSIC: 100TH BIRTHDAY TRIBUTE TO RAVI SHANKAR BY HIS STUDENTS ---------------------------------------------------------- अंत मे छोटी सी बात ‘An Indian Morning’ की तरफसे: ---------------------------------------------------------- “To think too long about doing a thing often becomes its undoing.” -Eva Young “किसी काम को करने के बारे में बहुत देर तक सोचते रहना अक़सर उसके बिगड़ जाने का कारण बनता है।” -ईवा यंग ========================================================= हमारा आपके साथ आज यहीं तक का सफर था. तो चलिए आपसे अब हम विदा लेते है. अगली मुलाकात तक खुश रहिये, स्वस्थ रहिये और हाँ An Indian Morning पर हमसे मिलते रहिये. हंसते रहिये, क्योंकि हंसना निशुल्क है और एक सुलभ दवा है। Well, that's all the time we have with you today! We thank you and hope you have enjoyed our company on this Indian Morning! Please join us next Sunday from 10:00 AM till 11:30 AM for another edition (#2384) of “An Indian Morning. ‘Seeking the Spirit of India’ with Dr. Harsha Dehejia and Rakesh Misra, I am Kishore Sampat wishing you a wonderful week ahead! STAY TUNED FOR “MUSIC FROM THE GLEN” STAY safe STOP the spread SAVE lives! HAPPY THANKSGIVING! आपका आज का दिन और आने वाला सप्ताह शुभ हो, नमस्कार! THE END समाप्त
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