Skip to Main Content

An Indian Morning
Sunday April 19th, 2020 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second

An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second one hour features community announcements and ear pleasing music from old/new & popular Indian films. The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind". A-DR DEHEJIA CD MISC-20200419 TRACK#A 28:06 VARIOUS ARTISTS INCLUDING SPONSORS B-ANNOUNCEMENTS CD MISC-20200419 TRACK#B 6:00 KISHORE SAMPAT Bollywood legend Amitabh Bachchan released a poetic public service announcement in the wake of the COVID-19 outbreak. In a Tweet from Friday, Big-B shared a video of himself reciting a short poem, which he wrote to raise awareness about the lethal disease. The caption of the minute and a half long clip read: "Concerned about the COVID 19 .. just doodled some lines .. in verse .. please stay safe" While giving a splendid demonstration of his poetic skills, the 77-year old expressed to his followers that, people talk of all sorts of cures and remedies, but how do we know whom should we listen to. Some suggest odd herbs and concoctions while others tell you to stay safe at home. But the right thing to do is to not touch anyone without washing your hands. Bachchan's message comes at a time when more than 70 people in the country have been infected by the highly contagious virus. “बहुतेरे इलाज बतावें , जन जनमानस सब , केकर सुनैं, केकर नाहीं, कौन बताए इ सब ; केयु कहिस कलौंजी पीसौ, केयु आँवला रस केयु कहस घर म बैठो, हिलो न ठस से मस ईर कहेन औ बीर कहेन, की ऐसा कुछ भी Carona , बिन साबुन से हाथ धोई के ,केहू के भैया छुओ न ; हम कहा चलो हमौ कर देत हैं , जैसन बोलैं सब आवय देयो , Carona-फिरोना , ठेंगुआ दिखाऊब तब !" ~ अब 01-CORONO FIRONA THENGUA DIKHAUB TAB CD MISC-20200419 TRACK#01 1:30 AMITABH BACHCHAN-2020 https://www.instagram.com/tv/B9pJ6qpBn2n/?utm_source=ig_embed हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, धन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए। "Oh our beloved Lord, We are Your Children, Give us the power to conquer this lethal disease, COVID. We should be compassionate towards others. Give us wisdom to Stay Home, Stop the Spread and Save Life.” 02-HUMKO MANN KI SHAKTI DENA CD MISC-20200419 TRACK#01 4:28 GUDDI-1971; VANI JAIRAM & CHORUS; VASANT DESAI; GULZAR https://www.youtube.com/watch?v=NbchuCfqBls दोस्तों "कहकशां" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में । करते थे वो सलाम-महबूब मेरे एल्बम १९९५ आपको एक गैर फ़िल्मी गीत सुनवाते हैं गायक अनवर की आवाज़ में. ये एक गज़ल है अनवर फर्रुखाबादी की लिखी हुई जिसका संगीत भी अनवर(गायक) ने तैयार किया है. अनवर फर्रुखाबादी ने कुछ गीत ही लिखे हैं फिल्मों के लिए। एक उल्लेखनीय गीत “जब दिल में नहीं है खोट” बैंक मैनेजर फिल्म से मन्ना डे का गाया हुआ है । सन १९८२ की एक फिल्म दिल ही दिल में जिसका संगीत मंधीर जतिन का तैयार किया हुआ है उसमें आप अनवर के लिखे गीत सुन सकते हैं। 03-KARTE THHE WOH SALAM ABHI KAL KI BAAT HAI CD MISC-20200419 TRACK#03 4:20 MEHBOOB MERE-1995; ANWAR; ANWAR; ANWAR FAROOQABADI https://www.youtube.com/watch?v=JF7x2SqtgEA आपको प्यार छुपाने की बुरी आदत है... An Indian Morning की दुनिया के मेरे दोस्तों, आज हम सलाम करते है फ़िल्म संगीत के सुनहरे दौर के उन बेशकीमती गीतों को जिनसे फ़िल्म संगीत संसार आज तक महका हुआ है. इस अंतर्गत हम न केवल आपको उस गुज़रे दौर के लोकप्रिय गाने सुनवायेंगे, बल्कि उन गीतों की थोडी बहुत चर्चा भी करेंगे. आज की पहली कड़ी में हमने जिस गीत को चुना है आपले साथ बाँटने के लिए, वो फ़िल्म "नीला आकाश" का है. ये फ़िल्म बनी थी १९६५ में. राजेंदर भाटिया द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म के मुख्या कलाकार थे धर्मेन्द्र और माला सिन्हा.जहाँ तक इसके गीत संगीत का सवाल है, इस फ़िल्म के गाने लिखे रजा मेहंदी अली खान ने, और संगीतकार थे मदन मोहन. दोस्तों, आपको शायद ये बताने की जरुरत नही कि राजा मेहंदी अली खान और मदन मोहन की जोड़ी ने बहुत सारे खूबसूरत गीत हमें दिए हैं. बल्कि यूँ कहें कि राजेंदर कृष्ण के बाद मदन मोहन जिस गीतकार के सबसे ज्यादा गीत संगीतबद्ध किए, वो थे राजा मेहंदी अली खान. नीला आकाश के ज्यादातर गाने आशा भोंसले और मोहम्मद रफी ने गाये सिवाय एक गीत के जिसे लता मंगेशकर ने गाया था. रफी और आशा की आवाजों में "तेरे पास आके मेरा वक्त गुजर जाता है...", इस फ़िल्म का सबसे हिट गीत रहा. लेकिन आज हम यहाँ जिस गीत का जिक्र कर रहे हैं वो है तो आशा और रफी की ही आवाजों में, लेकिन वो गीत है "आपको प्यार छुपाने की बुरी आदत है.." रूमानियत से भरे इस खूबसूरत युगल गीत में है मीठी छेड़ छाड़, कुछ शिकवे शिकायतें और हल्की फुल्की नोंक झोंक, जो हमें ले जाती है उस ज़माने में जहाँ प्यार बहुत मासूम हुआ करता था. "किसलिए आपने शरमा के झुका ली ऑंखें.." के जवाब में नायिका का कहना -"इसलिए आपसे शरमा के झुका ली ऑंखें, आपको तीर चलाने की बुरी आदत है..", इसी मासूमियत की एक मिसाल है. इस गीत से जुड़ी एक और ख़ास बात यह है कि इस गीत का फिल्मांकन दिल्ली के लोधी गार्डन में किया गया था. तो अब सुनिए ये गीत और याद सजायिये अपने अपने प्रेमी/प्रेमिका के साथ गुजरे उन मीठी तकरारों वाले दिनों की - 04-AAP KO PYAR CHHUPANE KI CD MISC-20200419 TRACK#04 4:42 NEELA AAKASH-1965; MOHAMMAD RAFI, ASHA BHOSLE; MADAN MOHAN; RAJA MEHDI ALI KHAN https://www.youtube.com/watch?v=iK5RcbGQy1E अरे दिल है तेरे पंजे में तो क्या हुआ.... अब हमने दुसरी कडी के लिए जिस गीत को चुना है उस गीत को सुनकर न केवल आप मुस्कुरायेंगें बल्कि आपके कदम थिरकने भी लगेंगे. १९५८ में एक फ़िल्म आई थी-"दिल्ली का ठग" और इस फ़िल्म में मुख्य भूमिकाओं में थे किशोर कुमार और नूतन. इस फ़िल्म में किशोर कुमार और आशा भोंसले का गाया एक ऐसा गीत है जो अपने आप में एक ही है, और ऐसा गीत फ़िर उसके बाद कभी नही बन पाया. जब किशोर दा के सामने हास्य गीत गाने की बारी आती है, तो जैसे उनका अंदाज़ ही बदल जाता है. संगीतकार चाहे जैसी भी धुन बनाये, किशोर दा उस पर अपने अंदाज़ की ऐसी छाप छोड़ देते हैं की वो गीत सिर्फ़ और सिर्फ़ उन्ही का बन कर रह जाता है. ऐसा ही है ये गीत भी जिसे आज हम आपको सुनवाने जा रहे हैं. फ़िल्म की सिचुअशन ये है कि नूतन, किशोर कुमार को अंग्रेजी की "वोक्युबलरी" सिखा रही हैं. इस सिचुअशन पर जब गीत बनाने का सोचा गया तब तब गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी, संगीतकार रवि और गायक किशोर कुमार और आशा भोंसले ने एक ऐसा "मास्टर पीस" तैयार कर सबके सामने पेश कर दिया कि सब खुशी से झूम उठे और हँसी के मारे लोट पोट भी हो गए. आशा ने भी देखिये किस खूबी से यहाँ किशोर को टक्कर दी है गायकी में. इस तरह के गीत निभाने आसान नही होते थे ये याद रखियेगा. "सी ऐ टी कैट कैट माने बिल्ली..." को उस साल अमीन सायानी के हिट रेडियो कार्यक्रम बिनाका गीत माला के वार्षिक कार्यक्रम में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था. आज भी ये गीत किशोर कुमार के सदाबहार हास्य गीतों की तालिका में एक बेहद सम्मान जनक स्थान हासिल करता है. तो सुनिए किशोर कुमार के साथ आशा भोंसले की आवाज़, फ़िल्म "दिल्ली का ठग" का ये गुदगुदाने वाला गाना. 05- ARRE DIL HAI TERE PANJE MEIN TO KYAA HUA CD MISC-20200419 TRACK#05 4:27 DILLI KA THUG-1958; KISHORE KUMAR, ASHA BHOSLE; RAVI; MAJROOH SULTANPURI https://www.youtube.com/watch?v=EmMVco1FEeE डम डम डिगा डिगा...मौसम भीगा भीगा अगला गीत है फिल्म छलिया से. दोस्तों, एक 'टीम' बनी थी राज कपूर, मुकेश, शैलेन्द्र, हसरत जयपुरी और शंकर जयकिशन की. 50 के दशक में इस 'टीम' ने एक से एक बेहतरीन 'म्यूज़िकल' फिल्में हमें दी. मुकेश की आवाज़ राज कपूर पर कुछ ऐसी जमी कि इन दोनो को एक दूसरे से जुदा करना नामुमकिन सा हो गया. सन 1960 में जब सुभाष देसाई ने फिल्म छलिया बनाने की सोची तो उन्होने अपने भाई मनमोहन देसाई को पहली बार निर्देशन का मौका दिया. फिल्म का मुख्य किरदार राज कपूर को ध्यान में रखकर लिखा गया. इस तरह से मुकेश को गायक चुन लिया गया. लेकिन गीत संगीत का भार शैलेन्द्र - हसरत और शंकर जयकिशन के बजाय सौंपा गया क़मर जलालाबादी और कल्याणजी आनांदजी को. लेकिन इस फिल्म के गीतों को सुनकर ऐसा लगता है की जैसे वही पुरानी 'टीम' ने बनाए हैं इस फिल्म के गीत. कल्याणजी आनांदजी ने उसी अंदाज़ को ध्यान में रखकर इसके गाने 'कंपोज़' किए. और आगे चलकर कल्याणजी आनंदजी के संगीत निर्देशन में ही मुकेश ने अपने 'करियर' के सबसे ज़्यादा गाने गाए जिनमें से ज़्यादातर मक़बूल भी हुए. फिल्म छलिया के जिस गीत का ज़िक्र आज हो रहा है, वो है "डम डम डिगा डिगा, मौसम भीगा भीगा". यूँ तो जब मुकेश और कल्याणजी आनंदजी के 'कॉम्बिनेशन' की बात आती है तो हमारे ज़हन में कुछ संजीदे, जीवन दर्शन से ओत-प्रोत, या फिर दर्द भरे नगमें उभरकर सामने आते हैं. लेकिन यह एक ऐसा गीत है जिसमें है भरपूर मस्ती, एक संग्रामकता कि इसे जो भी सुन लेता है वो खुद बा खुद थिरकने लगता है. मुकेश ने इस गाने में यह साबित कर दिया कि वो इस तरह के मस्ती वाले गीतों में भी उतने ही पारदर्शी हैं जितने की संजीदे गीतों में. और एक बात इस गाने से जुडी हुई. अगर आप अंताक्षरी खेलने के शौकीन हैं तो आप ने यह ज़रूर महसूस किया होगा की अंताक्षरी में जब भी 'दा' अक्षर से गीत गाने की बारी आती है तो सबसे पहले यही गीत झट से ज़ुबान पर आ जाता है. यही तो है इस गीत की ख़ासीयत. तो सुनिए यह गीत और झूम जाइए बिन पीए. लेकिन याद रहे, कहीं गिर ना जाना. 06-DUM DUM DIGGA DIGGA CD MISC-20200419 TRACK#06 3:21 CHHALIA-1960; MUKESH; KALYANJI-ANANDJI; QAMAR JALALABADI https://www.youtube.com/watch?v=AjHdWU4fo-Q माई री मैं कासे कहूँ...मदन मोहन की दुर्लभ आवाज़ में दोस्तों, अगर संगीतकार मदन मोहन के स्वरबद्ध फिल्मों पर गौर किया जाए तो हम पाएँगे की कुछ फिल्मों को छोड्कर इनमें से अधिकतर फिल्में 'बॉक्स ऑफीस' पर उतनी कामयाब नहीं रही. लेकिन जहाँ तक इन फिल्मों के संगीत का सवाल है, तो हर एक फिल्म में मदन मोहन का संगीत कामयाब रहा, जिन्हे पुरी पुरी प्रशंसा मिली. सच तो यह है कि मदन मोहन के संगीत में ऐसे कुछ कम चलनेवाले फिल्मों के कई गीत आज कालजयी बन गये हैं. ऐसा ही एक कालजयी गीत आज हम आपके लिए लेकर आए हैं An Indian Morning' में. 1970 में एक फिल्म आई थी "दस्तक", जिसका निर्देशन किया था राजिंदर सिंह बेदी ने. संजीव कुमार और रेहाना सुल्तान अभिनीत यह फिल्म 'बॉक्स ऑफीस' पर बुरी तरह से 'फ्लॉप' रही. लेकिन इस फिल्म के संगीत के लिए मदन मोहन को मिला भारत सरकार की ओर से उस साल के सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का राष्ट्रीय पुरस्कार. यहाँ यह याद रखना ज़रूरी है की राष्ट्रीय पुरस्कार सभी भाषाओं के फिल्मों को ध्यान में रखकर दिया जाता है. इसका यह अर्थ हुआ कि मदन मोहन केवल 'बोलीवुड' के संगीतकारों में ही नहीं बल्कि देश भर के सभी भाषाओं के संगीतकारों में श्रेष्ठ साबित हुए. बहरहाल हम वापस आते हैं फिल्म दस्तक के संगीत पर. इस फिल्म के गाने बहुत ही ऊँचे स्तर के हैं जिनमें 'मास-अपील' से ज़्यादा 'क्लास-अपील' की झलक है. यह गाने आम जनता में बहुत ज़्यादा चर्चित ना रहे हों, लेकिन संगीत के सुधि श्रोताओं को इन गीतों की अहमियत का पूरा पूरा अहसास है. मजरूह सुल्तानपुरी ने इस फिल्म में गीत लिखे और लता मंगेशकर की पूर-असर आवाज़ ने इन गीतों को मधुरता की चोटी पर पहुँचा दिया. चाहे वो "हम हैं माता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह" हो या फिर शास्त्रीयता का रंग लिए हुए "बैयाँ ना धरो ओ बलमा", हर एक गीत अपने आप में एक 'मास्टरपीस' है. लता मंगेशकर का ही गाया एक और गीत है "माई री मैं कासे कहूँ पीर अपने जिया की", जिसे सुनकर मानो मान एक अजीब दर्द से भर उठ्ता है. इसी गीत को हमने चुना है आज के इस स्तंभ में, लेकिन जो आवाज़ आप इस गीत में सुनेंगे, वो लता मंगेशकर की नहीं बल्कि खुद मदन मोहन की होगी. जी हाँ, इस गीत को मदन मोहन साहब ने भी गाया था, और क्या खूब गाया था. सुनिए यह गीत और महसूस कीजिए दर्द में डूबे किसी दिल की पुकार! 07-MAI RI MEIN KAASE KAHOON CD MISC-20200419 TRACK#07 3:46 DASTAK-1970; MADAN MOHAN; MAJROOH SULTANPURI https://www.youtube.com/watch?v=eQ3NJMaZR9Y DAAG is a story of a man convicted of murder, on the run from the law. Sunil (Rajesh Khanna) is forced to leave behind his new bride Sonia (Sharmila Tagore), when he kills her would-be rapist. In an attempt to establish a new identity Sunil meets Chandni (Rakhee) and ends up marrying her to give her illegitimate child a father’s name. Now a respected Mayor of his town, Sunil’s past catches up with him and brings together Sunil and Sonia but the long arm of the law is just a step behind... Can he outrun his destiny for long? 08-MERE DIL MEIN AAJ KYA HAI CD MISC-20200419 TRACK#08 4:14 DAAG-1973; KISHORE KUMAR; LAXMIKANT-PYARELAL; SAHIR LUDHIANAVI https://www.youtube.com/watch?v=IsKN8iylATk Enjoy this Bengali folk song, which is a tribute to the Indian Music Director & Singer S.D Burman. India's best drummer, *Sivamani* who is playing the drums is truly outstanding. Produced by : KAUSHIK HOSSAIN TAPOSH & FARZANA MUNNY from TM PRODUCTION exclusively for GAAN BANGLA TELEVISION 09-TAKDUM TAKDUM BAJAI CD MISC-20200419 TRACK#09 5:37 A TRIBUTE TO S. D. BURMAN-2018; KIRAN CHANDRA ROY; KAUSHI HOSSAIN TAPOSH; MEERA DEV BURMAN https://www.youtube.com/watch?v=XsUD3Ami0f8 10-SIGN OFF CD MISC-20200419 TRACK#10 2:10 KISHORE SAMPAT 11-EXTRO RINAG-VAISHALI CD MISC-20200419 TRACK#10 2:28 THE END समाप्त
There are no tracks in this playlist.
Interactive CKCU