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An Indian Morning
Sunday March 1st, 2020 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second

An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second one hour features community announcements and ear pleasing music from old/new & popular Indian films. The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind". 01-AAJ BIRAJ MEIN HORI RE RASIYA CD MISC-20200301 TRACK#01 11:35 NEK AAGE AA SHYAM TO PE RANG DAARUN-2011; MRIDUL KRISHAN GOSWAMIJI MAHARAJ https://www.youtube.com/watch?v=ziIeP6OGj8s Play for 5 minutes or so… हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, धन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए। Continue playing….fade out a bit.. चन्द्र मास के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका पर्व मनाया जाता है। होली पर्व के आने की सूचना होलाष्टक से प्राप्त होती है। होलाष्टक को होली पर्व की सूचना लेकर आने वाला एक हरकारा कहा जात सकता है। "होलाष्टक" के शाब्दिक अर्थ पर जायें, तो होला+ अष्टक अर्थात होली से पूर्व के आठ दिन, जो दिन होता है, वह होलाष्टक कहलाता है। सामान्य रुप से देखा जाये तो होली एक दिन का पर्व न होकर पूरे नौ दिनों का त्यौहार है। दुलैण्डी के दिन रंग और गुलाल के साथ इस पर्व का समापन होता है। Holashtak 2020 होलाष्टक होली से पहले के 8 दिनों को कहा जाता है। इस वर्ष होलाष्टक 02 मार्च से प्रारंभ हो रहा है, जो 09 मार्च यानी होलिका दहन तक रहेगा। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तिथि तक होलाष्टक माना जाता है। 09 मार्च को होलिका दहन के बाद अगले दिन 10 मार्च को रंगों का त्योहार होली धूमधाम से मनाया जाएगा। होलाष्टक के 8 दिनों में मांगलिक कार्यों को करना निषेध होता है। इस समय मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है। According to the lunar month (Chandra Maas), Purnima of Phagun Maas is celebrated as Holika festival. Holashtak witnesses the arrival of Holi. Holashtak is known as a poster, informing about the arrival of Holi festival. Looking at the literal meaning of Holashtak, we find Hola + Ashtak, which means eight days before Holi, that is Holashtak. Basically, we can see that Holi is a festival of nine days instead of a single day. On the day on Dhulendi with colors and Gulal, this festival comes to an end. ======================================================= Finish playing track 01…. होली की शुरुआत होली पर्व होलाष्टक से प्रारम्भ होकर दुलैण्डी तक रहती है। इसके कारण प्रकृ्ति में खुशी और उत्सव का माहौल रहता है। वर्ष 2020 में 2 मार्च, 2020 से 10 मार्च, 2020 के मध्य की अवधि होलाष्टक पर्व की रहेगी। होलाष्टक से होली के आने की दस्तक मिलती है, साथ ही इस दिन से होली उत्सव के साथ-साथ होलिका दहन की तैयारियां भी शुरु हो जाती है। Holi, begins from Holi festival, Holashtak and is carried up to Dhulendi. Because of this, all the nine days, nature has a festive and happy atmosphere. In the year 2020, the time between 2nd March 2020 to 10th March 2020 is celebrated as the festival of Holashtak. Holashtak is like a knocking of Holi’s arrival. Also, from this day preparation of Holika Dahan is started, further moving to Holi. 02-HORI KHELE RAGHUVEER AVADH MEIN CD MISC-20200301 TRACK#02 5:36 BAGHBAN-2003; AMITABH BACHCHAN, SUKHVINDER SINGH, UDIT NARAYAN, ALKA YAGNIK; AADESH SRIVASTAVA; SAMEER https://www.youtube.com/watch?v=zI_bz9CIloU धीरे धीरे मचल-अनुपमा १९६६ फिल्म अनुपमा में लाता के गाये दो अनमोल गीत हैं जिनमें से एक हम आज सुनेंगे। एक गीत देखने में आपको बाँध के रखता है तो दूसरा सुनने में। पत्नी अपने पति के इंतज़ार में प्यानो पर एक गीत गा रही है। फिल्म के सारे गीत अगर आप ध्यान से सुनें तो आपको लगेगा कुछ स्पेशल से हैं। टिपिकल घरेलू भारतीय महिला आपको प्यानो बजाते हुए दिखे तो आश्चर्य होगा आपको। ऐसे वाकये हिंदी फिल्मों में कई बार दिखलाये जा चुके हैं। इस फिल्म में अरुणा का किरदार निभाया है सुरेखा पंडित ने। तरुण बोस तो खैर मंजे हुए कलाकार थे ही, इस गीत में सुरेखा ने भी बढ़िया अभिनय किया है। कैफी आज़मी ने अपने अनोखे अंदाज़ में एक आने वाले पल के लिए कुछ पंक्तियाँ खूबसूरत अंदाज़ में लिखी हैं-मुझको छूने लगी उसकी परछाईयाँ। ये आने वाला पल है नायिका माँ बनने वाली है। 03-DHEERE DHEERE MACHAL CD MISC-20200301 TRACK#03 4:55 ANUPAMA-1966; LATA MANGESHKAR; HEMANT KUMAR; KAIFI AZMI https://www.youtube.com/watch?v=e3RiMIAZ1vY कहाँ चल दिए इधर तो आओ-झुक गया आसमान १९६८ एक ज़माना था जब फ़िल्में सिनेमा हॉल में दोबारा लग जाया करती थीं। ८० के दशक में थोड़ी किल्लत हुई फिर वी सी आर जिसे कहीं कहीं बी सी आर भी कहा जाता था, के आने के बाद थोड़ी राहत मिली। झुक गया आसमान एक लोकप्रिय फिल्म थी मेरी नज़र में, फिल्म के गीत भी काफी लोकप्रिय थे वो भी मेरी नज़र में। ये इसलिए कि मैंने गली मोहल्ले के कई टपोरियों, आवारा और उचक्के किस्म के लोगों को ये गीत गाते सुना। कुछ के गले तो इतने साफ़ थे कि रुक कर सुनना पढता था। एक दादा टाइप के युवक को ये गाना बहूत पसंद था। उसकी आवाज़ तो वैसे मुकेश की आवाज़ के नज़दीक मालूम पढ़ती थी मगर इसे वो बड़े शौक से गाता था। आवाज़ सधी थी इसलिए गाना सुनने में बढ़िया लगता था। रेडियो तो मेहरबान था ही उन दिनों, फरमाइशें खूब आती थीं इस गीत के लिए विशेषकर मनचाहे गीत कार्यक्रम में जिसमे हमने एक और नाम दे रखा था-मनचले गीत। मनचले उस कार्यक्रम को सुन कर खूब अनादित होते। ये दोपहर में आया करता था। गीत सुनते हैं जिसे हसरत जयपुरी ने लिखा है और रफ़ी ने गाया है। शंकर जयकिशन इसके संगीतकार हैं। 04-KAHAN CHAL DIYE IDHAR TO AAO CD MISC-20200301 TRACK#04 3:34 JHUK GAYA AASMAN-1968; MOHAMMAD RAFI; SHANKAR-JAIKISHAN; HASRAT JAIPURI https://www.youtube.com/watch?v=C7AMB2ITG2c राधा रानी नाचे रे-चार दिन की चांदनी २०१२ सन २०१२ की फिल्म चार दिन की चांदनी एक हास्य फिल्म है। इसमें नियमित हास्य कलाकारों में से एक जॉनी लीवर के अलावा अनुपम खेर हैं जिन्होंने हास्य में कुछ झंडे गाडे हैं। उसके अलावा जो कलाकार हैं तुषार कपूर, चंद्रचूड सिंह, सुशांत सिंह, मुकुल देव और राहुल सिंह। इन कलाकारों में चंद्रचूड सिंह ऐसे हैं जो फिल्मों में दिखना बंद हो चुके हैं। तुषार कपूर अपने आप को अभी तक स्थापित नायकों की सूची में नहीं पाते हैं। सुशांत सिंह वही सावधान इण्डिया वाले एंकर हैं। मुकुल देव को आपने दक्षिण की फिल्मों में ज्यादा देखा होगा। सन १९९६ की सुष्मिता सेन वाली फिल्म दस्तक में उन्होंने ऐ सी पी की भूमिका निभाई थी। उसके बाद वे कई हिंदी फिल्मों में दिखे। फिल्म में गुज़रे ज़माने के सितारे-फरीदा जलाल और अनिता राज भी हैं। एक छोटे से दृश्य में आपको तारा सीरियल फेम अवतार गिल भी दिखाई देंगे। इस फिल्म की सबसे उल्लेखनीय कलाकार हैं चांदनी के रोल में कुलजीत रंधावा। इन्हें देख कर कई अभिनेत्रियां एक साथ याद आ जाती हैं-योगिता बाली, प्रीति जिंटा और विद्या बालन। गीत के बोल लिखे हैं संदीप श्रीवास्तव् ने और इसका संगीत तैयार किया है सन्देश शांडिल्य ने। इसे गाया है श्वेता पंडित और सन्देश शांडिल्य ने। प्रस्तुत गीत शुभा मुदगल के ढोलना और हम दिल दे चुके सनम के गीत ढोल बाजे की याद दिलाता है। 05-RADHA RANI NACHE RE CD MISC-20200301 TRACK#05 3:13 CHAR DIN KI CHANDANI-2012; SHWETA PANDIT, SANDESH SHANDILYA; SANDESH SHANDILYA; SANDEEP SRIVASTAVA https://www.youtube.com/watch?v=8sP5UZvst0A बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है Hanikaarak Bapu सिगरेट या तम्बाकू कै पैकेटों पर ये जुमला तो आपने दशकों से पढ़ा होगा कि इनका सेवन सेहत के लिए हानिकारक है पर सिगरेट के खाँचे में बापू को डाल देना अमिताभ भट्टाचार्य का गजब का मास्टर स्ट्रोक था। फिल्म दंगल में आमिर खान के चरित्र से ये गीत इतना जुड़ गया कि लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया। गाना हिट हो ही रहा था कि बाकी की प्रसिद्धि मुलायम अखिलेश प्रकरण ने दिलवा दी। अब इतना तो तय है कि ये गीत खासकर इसका मुखड़ा तो हमेशा अपना वज़ूद बनाए रखेगा क्यूँकि बच्चों पर सितम करने वाले बापुओं की तो ना पहले कमी थी, ना आगे रहेगी। :) प्रीतम दा ने इस गीत में हरियाणवी लोक संगीत की महक बरकरार रखी है। अमिताभ भट्टाचार्य ने गीत तो हिंदी में लिखा पर हरियाणवी तड़का देने के लिए उन्होंने कुछ पंक्तियों के आख़िर वाले शब्दों को वहाँ की मिट्टी का रंग देने का प्रयास जरूर किया है। हिंदी में एक शब्द है घना यानि dense इसीलिए हम कहते हैं घनी आबादी, घना जंगल पर हरियाणवी में घना घणा हो जाता है और उसका अर्थ होता है कुछ ज्यादा ही। मसलन घणी बावरी हो रही है तो तू यानि कुछ ज्यादा ही बावली हो गयी है़ तू। अमिताभ ने पिता के अनुशासनात्मक आदेशों को गीत में घणा टार्चर का मजेदार रूप दिया है। बाकी तो हिंदी शब्दों में 'न 'को ' ण' कर कोई भी गीत वहाँ की टोन में गाया जाए तो हरियाणवी रंग बिखेर देता है। अमिताभ की शब्द रचना हर अंतरे में होठों पर मुस्कुराहट ले ही आती है। अपने साक्षात्कार में वो कह चुके हैं कि आमिर की फिल्म जो जीता वही सिकंदर उन्होंने अपनी कक्षाएँ छोड़कर पाँच बार देखी थीं। उनके साथ काम करने का ख़्याल उन्हें कभी सपने में भी नहीं आया था। पर अमिताभ ने हानिकारक बापू के साथ साथ दंगल के अन्य गीतों में जो जान फूँकी उससे आगे भी उनका आमिर के साथ काम करने का मार्ग प्रशस्त जरूर हुआ होगा। पर बापू हमार लिए इतने हानिकारक सिद्ध ना हुए होते अगर इन्हें सरवर खान और सरताज खान जैसी शानदार व जानदार आवाज़ों का सहारा ना मिला होता। जैसलमेर के मांगणियार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले इन दोनों बालकों की उम्र दस से पन्द्रह के बीच की है पर जब ये गाते हैं तो इनकी आवाज़ का जोर बड़े बड़ों को मात दे सकता है। दरअसल मांगणियार समुदाय के लोगों का काम सदियों से लोक धुनों को गाना बजाना रहा है। सरवर और सरताज़ को ये हुनर अपने परिवार से मिला है। जब से उनका ये गीत हिट हुआ है स्कूल में उनका रुतबा बढ़ गया है। टीचर से डाँट मिलनी बंद हो गयी है और बाकी बच्चे उनसे बार करने को उत्सुक रहते हैं। जैसलमेर के आडिशन में बीस बच्चों में बाजी मारने वाले इन बच्चों को पहले अमिताभ भट्टाचार्य की आवाज़ में ये गाना सुनाया गया था जिसे टुकड़ों में उनकी आवाज़ में रिकार्ड किया गया। बहरहाल इन दोनों बच्चों की इच्छा एक गायक के तौर पर जीवन में नाम कमाने की है। ये कितने सफल होते हैं ये तो वक़्त ही बताएगा। एक श्रोता के रूप में तो हम सभी उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना ही कर सकते हैं। 06-HAANIKARAK BAPU CD MISC-20200301 TRACK#06 5:04 DANGAL-2016; SARWAR KHAN, SARTAJ KHAN; PRITAM; AMITABH BHATTACHARYA https://www.youtube.com/watch?v=Q7F6ZlEoIUI Do Me a Favour…Let’s Play Holi (start after Namaskar - @~ 11:21.26) 07-DO ME A FAVOUR, LET’S PLAY HOLI CD MISC-20200301 TRACK#07 6:01 WAQT, THE RACE AGAINST TIME-2005; ANU MALIK, SUNIDHI CHAUHAN; ANU MALIK; SAMEER https://www.youtube.com/watch?v=uyh9jYSGpCg THE END समाप्त
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