An Indian Morning
Sunday May 19th, 2019 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second one hour features community announcements and ear pleasing music from old/new & popular Indian films.
The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind".
We are deeply saddened to hear of the sudden passing of dear Amrit Lal Dilawri on Monday, May 13, 2019. Many a heart have been touched by Amrit ji. He made everyone a part of his wondrous world. He lived and enjoyed every moment of his life to the fullest in his own unique way. He was an ardent supporter of this radio program, “An Indian Morning”. The East Indian community at large has lost a prominent member. The void cannot be filled.
We extend our profound condolences and sympathies to Suchitra ji and family members. May Almighty God grant all strength and courage during this difficult time.
श्रीमति सुचित्रा जी के परिवार के सभी सदस्यों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को इस गहरी क्षति को सहने की क्षमता दे।
asato ma sadgamaya
tamaso ma jyotirgamaya
mrtyorma amrtam gamaya
Lead me from the asat to the sat.
Lead me from darkness to light.
Lead me from death to immortality.
01-ASATO MA SADGAMAYA CD MISC-20190519 TRACK#01 5:47
PEACEFUL EARLY MORNING CHANTS-2015; SANJEEVANI BHELANDE; KETAN PATWARDHAN; TRADITIONAL
https://www.youtube.com/watch?v=Vwyo62x9yC4
एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए ।
1956 में विख्यात फ़िल्मकार राज कपूर ने महत्वाकांक्षी फिल्म “जागते रहो” का निर्माण किया था। इस फिल्म के संगीतकार सलिल चौधरी का चुनाव स्वयं राज कपूर ने ही किया था, जबकि उस समय तक शंकर-जयकिशन उनकी फिल्मों के स्थायी संगीतकार बन चुके थे। फिल्म ‘जागते रहो’ बांग्ला फिल्म “एक दिन रात्रे” का हिन्दी संस्करण था और बांग्ला संस्करण के संगीतकार सलिल चौधरी को ही हिन्दी संस्करण के संगीत निर्देशन का दायित्व दिया गया था। सलिल चौधरी ने इस फिल्म के गीतों में पर्याप्त विविधता रखी। इस फिल्म में उन्होने एक गीत “जागो मोहन प्यारे, जागो...” की संगीत रचना “भैरव” राग के स्वरों पर आधारित की थी। शैलेन्द्र के लिखे गीत जब लता मंगेशकर के स्वरों में ढले, तब यह गीत हिन्दी फिल्म संगीत का मीलस्तम्भ बन गया। आइए, आज हम राग “भैरव” पर आधारित, फिल्म “जागते रहो” का यह गीत सुनते हैं। आप इस गीत का रसास्वादन करें ।
02-JAAGO MOHAN PYARE, JAAGO CD MISC-20190519 TRACK#02 5:59
JAAGTE RAHO-1956; LATA MANGESHKAR; SALIL CHAUDHARY; SHAILENDRA
https://www.youtube.com/watch?v=uGNJ1xnSEWI
दोस्तों "कहकशां" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में । बहुत सारी पसंदीदा ग़ज़लें होती हैं जिनके तीन चार अशआर डॉयरी के पन्नों पर नोट कर हम उन्हें पूरा मान लेते हैं। बरसों वहीं अशआर हमारे ज़हन में रह रह कर उठते और पलते रहते हैं। ऐसे में जब उसी ग़ज़ल के चंद और अशआर अचानक से सामने आ जाते हैं तो लगता है कि बैठे बिठाए कोई सौगात मिल गयी हो। लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले शायर कृष्ण बिहारी नूर की इस मशहूर ग़ज़ल के पाँच शेर बरसों से मेरे पास थे पर कल उनसे जुड़ी ग़ज़ल के चंद शेर हाथ लगे तो सोचा आप तक उनकी ये पूरी कृति पहुँचा दूँ।
हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि ये शरीर प्रकृति के पंच तत्वों से निर्मित है और भगवान का वास हर जगह है। यानि अपने अंदर भी अगर हम पवित्र मन से झांकें तो वहाँ परमात्मा जरूर दिखेंगे। कृष्ण बिहारी नूर ने इस सोच को अपने मतले में ढालते हुए लिखा कि
आग है, पानी है, मिट्टी है, हवा है, मुझ में
और फिर मानना पड़ता है के ख़ुदा है मुझ में
तो ये रही नूर साहब की भावनाओं उन्हीं की आवाज़ से पहुँचने की मेरी कोशिश।
03-AAG HAI, PAANI HAI, MITTI HAI, HAWAA HAI, MUJHME CD MISC-20190519 TRACK#03 3:27
KRISHNA BIHARI NOOR
https://www.youtube.com/watch?v=f8_61NZ2ITg
पवन दीवानी-डॉक्टर विद्या १९६२
फिल्मों में कुछ संगीतमय नृत्य के टुकड़े आपने ज़रूर देखे होंगे। आज याद करते हैं एस डी बर्मन के संगीत वाले ऐसे गीत जिनमें उम्दा डांस भी हो रहा है। फिल्म गाइड का गीत-पिया तोसे नैना लागे रे उसके अलावा फिल्म तलाश का- तेरे नैना तलाश करे जिसे। सन १९७१ की देव आनंद मुमताज़ अभिनीत फिल्म में भी एक गीत है-ता थई। ये क्लासिकल से दिखने वाले डांस के बारे में बात की है हमने। यूँ कहा जाए के फिल्म डॉक्टर विद्या के सबसे कमाल का हिस्सा प्रस्तुत गीत है तो अतिश्योक्ति नहीं होना चाहिए। गीत सुनते हैं जिसे मजरूह साहब ने लिखा है और लता मंगेशकर ने गाया है। इस गीत का दूसरा अन्तरा थोड़ा अलग हट के है।
04-PAWAN DIWANI NA MAANE CD MISC-20190519 TRACK#04 5:04
DR. VIDYA-1962; LATA MANGESHKAR; S. D. BURMAN; MAJROOH SULTANPURI
https://www.youtube.com/watch?v=jF217bhzkIw
हमसफ़र मेरे हमसफ़र-पूर्णिमा १९६५
हमसफ़र थीम वाला एक गीत सुनते हैं फिल्म पूर्णिमा से। ये एक युगल गीत है मुकेश और लता का गाया हुआ। गुलज़ार का लिखा ये गीत काफी लोकप्रिय है। कल्याणजी आनंदजी और अनजान की जुगलबंदी वाले गीत कम हैं। गीत फिल्माया गया है धर्मेन्द्र और मीना कुमारी पर।
सर्फिंग का ज़माना है और हमसफ़र अब हमसर्फर भी बन चुका है। पहले सर्फिंग समुद्र की लहरों पर होती थी अब कम्प्यूटर के ज़रिये अंतरजाल पर।
05-HAMSAFAR MERE HAMSAFAR CD MISC-20190519 TRACK#05 4:47
POORNIMA-1965; MUKESH, LATA MANGESHKAR; KALYANJI-ANANDJI; ANJAAN
https://www.youtube.com/watch?v=976jFCWuIZk
अरे राफ्ता राफ्ता देखो-कहानी किस्मत की १९७३
सन १९७३ की फिल्म कहानी किस्मत की के इस गीत की किस्मत काफी बुलंद है। ये गीत एक ज़माने में खूब बजा है। किशोर कुमार द्वारा गाये गए इस गीत में रेखा की आवाज़ भी है। फिल्मांकन भी रोचक है इस गीत का। शरारत भरे इस गीत के कई दीवाने ७० के दशक में भी थे और आज भी हैं। राजेंद्र कृष्ण इसके गीतकार हैं और कल्याणजी आनंदजी ने इसकी धुन बनाई है।
06-ARRE RAFTA RAFTA DEKHO AANKH MERI LADI HAI CD MISC-20190519 TRACK#06 3:39
KAHANI KISMAT KI-1973; KISHORE KUMAR, REKHA; KALYANJI-ANANDJI; RAJINDER KRISHAN
https://www.youtube.com/watch?v=1MZjJBIP004
जोगी तेरे प्यार में-सूर्यवंशी १९९२
९० के दशक के गुजरते गुजरते लता और आशा की आवाजें कम सुनाई देने लगीं फ़िल्मी गीतों में। आशा भोंसले के कुछ गीत अलबत्ता सुनाई दिए। नए संगीतकारों ने धीरे धीरे नई गायिकाओं को मौका देना शुरू कर दिया। फिल्म सूर्यवंशी से एक मधुर गीत सुनते हैं। प्रस्तुत गीत आशा भोंसले और उदित नारायण की आवाजों में है। गीत कुलवंत जानी का लिखा हुआ है और इसका संगीत आनंद मिलिंद ने तैयार किया है।
07-JOGI TERE PYAR MEIN CD MISC-20190519 TRACK#07 5:49
SOORYAVANSHI-1992; ASHA BHOSLE, UDIT NARAYAN; ANAND-MILIND; KULWANT JANI
https://www.youtube.com/watch?v=jHTnhe-Y-jE
कोई कहे कहता रहे-दिल चाहता है २००१
मेलोडी कब क्वीन थी और कब किंग ये अनुमान लगाना कठिन काम है। हर दौर में सुनने लायक गीत तो बनेंगे ही, चाहे कम बनें या ज्यादा। चलन वाला संगीत उसी नई पीढ़ी को ज्यादा भाता है जो इसे सुन रही होती है उस समय। बाकी की पीढियां बस तुलना करने और गुणवत्ता पर ध्यान लगाती हैं। इस गुणवत्ता का सबका अलग अलग पैमाना होता है।
सुनते हैं सन २००१ की फिल्म दिल चाहता है से एक गीत जिसे शंकर महादेवन, के के और शान ने गाया है। जावेद अख्तर के बोल हैं और संगीत शंकर एहसान लॉय का।
08-KOI KAHE KEHTA RAHE CD MISC-20190519 TRACK#08 5:40
DIL CHAHTA HAI-2001; SHANKAR MAHADEVAN, K.K., SHAAN; SHANKAR-EHSAAN-LOY; JAVED AKHTAR
https://www.youtube.com/watch?v=90J4OE2qsYA
A time-tested tradition in Hindi films has been the presence of male and female versions of a song. The variation on the happy-sad song (the most recent example is Kalank) has resulted in a healthy contest between voices. Who does it better?
The male version often appears first in the movie and is filmed better than its follow-up female twin. And yet, when you shut out the visuals and let your ears take the decision, the results can be fascinating, as our survey of a dozen male-female songs proves.
Yaadon Ki Baaraat, Yaadon Ki Baaraat (1973)
Lata Mangeshkar’s version cannot hold a candle to the male version by Mohammad Rafi and Kishore Kumar. Yaadon Ki Baraat opens with Mangeshkar’s version performed by the mother of three boys who will get separated within the next few minutes, only to come together as adults, which is when the male version is performed.
If Mangeshkar’s version has a light, lullaby-like quality, the male version is celebratory. The sequence’s sentimental sweep, as three brothers finally find each other after years of searching, adds emotional weight to the moment.
Which is better? You be the judge!
09-YAADON KI BAARAT NIKLI HAI CD MISC-20190519 TRACK#09 3:49
YAADON KI BAARAT-1973; LATA MANGESHKAR, PADMINI KOLHAPURE, SHUSHMA SHRESHTHA; R. D. BURMAN; MAJROOH SULTANPURI
https://www.youtube.com/watch?v=OS3cwT7Vhbc
10-YAADON KI BAARAT NIKLI HAI CD MISC-20190519 TRACK#10 3:35
YAADON KI BAARAT-1973; MOHAMMAD RAFI, KISHORE KUMAR; R. D. BURMAN; MAJROOH SULTANPURI
https://www.youtube.com/watch?v=XfLXAXHK0U8
THE END समाप्त
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