An Indian Morning
Sunday February 25th, 2018 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second one hour features community announcements and ear pleasing music from old/new & popular Indian films.
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind".
01-MAHA MRITYUNJAY MANTRA CD MISC-2018225 TRACK#01 15:37
HAR HAR MAHADEV-2014; LAT MANGESHKAR, SHANKER MAHADEVAN; MEENA KHADIKAR; CHANDRASHEKAR SANEKAR
https://www.youtube.com/watch?v=nJUrhZ04Y3k
Play for 90 seconds…
Voice Over…
We are profoundly saddened to share the news of passing away of Capt. Gurbir Singh Rangar, father of Sardar Hansdeep Rangar on Friday, February 16. Capt. Gurbir Singh Rangar not only steered the Rangar Family’s ship but all the ships of his genuine and amazing friendships. He was a gentleman of Principles, Integrity, Honesty, Respect and full of Love and Compassion.
We express our profound sorrow and grief, and pray to THE ALMIGHTY GOD to give the family members strength and courage to face the grief and challenge.
सरदार हंसदिप रंगर और उनके परिवार के सभी सदस्यों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को इस गहरी क्षति को सहने की क्षमता दे।
asato ma sadgamaya
tamaso ma jyotirgamaya
mrtyorma amrtam gamaya
Lead me from the asat to the sat.
Lead me from darkness to light.
Lead me from death to immortality.
02-ASATO MA SADGAMAYA CD MISC-20180225 TRACK#02 5:46
EARLY MORNING CHANTS-2014; SANJEEVANI BHELANDE; KAMLESH BHADKAMKAR; TRADITIONAL
https://www.youtube.com/watch?v=Vwyo62x9yC4
03-JAISE JAL THAE BUDHABUDHAA OUPAJAI BINASAI NEETH CD MISC-20180225 TRACK#03 2:36
GURBANI-SHABD; JAGJIT SINGH
https://www.youtube.com/watch?v=OXsRHmzJU10&index=9&list=PL3d46CExx691k5C02Co_YS2PMiFJtGuzA&t=0s
एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यावाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए।
करुणा सुनो श्याम मोरी...जब वाणी जयराम बनी मीरा की आवाज़
“An Indian Morning” के समस्त संगीत-प्रेमी श्रोताओं का एक बार पुनः मैं किशोर संपट हार्दिक स्वागत करता हूँ। दोस्तों, अपने देश में संगीत की हजारों वर्ष पुरानी समृद्ध परम्परा है। आपने “An Indian Morning” पर परम्परागत भारतीय संगीत पर आधारित कुछ श्रृंखलाओं का आनन्द लिया है और इन्हें सराहा भी है। हमारी अपेक्षा है कि आप संगीत के एक अच्छे श्रोता बनें और उसकी सराहना कर सकें।
पिछले सप्ताहों से आरम्भ हुई श्रृंखला- “दस थाट, दस राग और दस गीत” में भी हमारा यही प्रयास रहेगा कि शास्त्रीय संगीत आपके लिए अनबूझ पहेली बन कर न रह जाय। इस श्रृंखला- “दस थाट, दस राग और दस गीत” में इन्हीं दस थाटों का सरल परिचय देने का प्रयास करेंगे। हर हफ्ते एक थाट, एक राग, एक गीत।
इस श्रृंखला में हमने आपको “कल्याण”, “बिलावल”, “खमाज” और “भैरव” थाट का परिचय दे चुके हैं। आज पांचवा थाट है- “पूर्वी”।
इस थाट में प्रयोग होने वाले स्वर हैं- सा, रे॒, ग, म॑, प ध॒, नि। पूर्वी थाट का आश्रय राग पूर्वी है। इस थाट के अन्तर्गत आने वाले कुछ प्रमुख राग हैं- ‘पूरिया’, ‘धनाश्री’, ‘जैतश्री’, ‘परज’, ‘श्री’, ‘गौरी’, ‘वसन्त’ आदि। राग पूर्वी के आरोह के स्वर- सा, रे, ग, म॑प, ध, निसां और अवरोह के स्वर- सां, नि ध, प, म॑ ग, रे, सा होते हैं। इस राग में ऋषभ और धैवत कोमल तथा मध्यम के दोनों प्रकार प्रयोग किये जाते हैं। राग ‘पूर्वी’ का वादी स्वर गांधार और संवादी निषाद होता है तथा इसे दिन के अन्तिम प्रहर में गाया-बजाया जाता है।
आज के अंक में हम राग ‘पूर्वी’ पर आधारित जो फिल्मी-गीत आपको सुनवाने जा रहे हैं, उसे हमने १९७९ में प्रदर्शित फिल्म ‘मीरा’ से लिया है। गीतकार गुलज़ार द्वारा निर्मित और हेमा मालिनी द्वारा अभिनीत इस फिल्म की संगीत रचना पण्डित रविशंकर ने की थी। विख्यात सितार वादक के रूप में पहचाने जाने वाले पण्डित रविशंकर ने कुछ गिनी-चुनी फिल्मों में ही संगीत दिया है, परन्तु जो दिया है, वह अविस्मरणीय है। पण्डित जी इस फिल्म में लता मंगेशकर से मीरा के पदों गवाना चाहते थे, परन्तु लता जी ने अपने भाई हृदयनाथ मंगेशकर के संगीत में मीरा के अधिकतर पदों को लोकप्रिय बना दिया था, अतः रविशंकर जी ने फिल्म में वाणी जयराम से मीरा के पदों का गायन कराया। फिल्म के सभी गीत विविध रागों पर आधारित थे। आज प्रस्तुत किया जाने वाला पद अर्थात गीत- ‘करुणा सुनो श्याम मोरी...’ राग ‘पूर्वी’ के स्वरों पर आधारित है। सितारखानी ताल में निबद्ध ‘मीरा’ के इस भक्तिपरक गीत के सौंदर्य और माधुर्य का अनुभव आप भी कीजिये-
04-KARUNA SUNO SHYAM MORE CD MISC-20180225 TRACK#04 1:27
MEERA-1979; VANI JAYRAM; PT. RAVI SHANKAR; MEERABAI
https://www.youtube.com/watch?v=F_2OTh4IbGs
अहले दिल यूँ भी निभा लेते हैं....नक्श साहब का कलाम और लता की पुरकशिश आवाज़
“An Indian Morning” के सभी दोस्तों को हमारा सलाम! दोस्तों, शेर-ओ-शायरी, नज़्मों, नगमों, ग़ज़लों, क़व्वालियों की रवायत सदियों की है।
हर दौर में शायरों ने, गुलुकारों ने, क़व्वालों ने इस अदबी रवायत को बरकरार रखने की पूरी कोशिशें की हैं। और यही वजह है कि आज हमारे पास एक बेश-कीमती ख़ज़ाना है इन सुरीले फ़नकारों के फ़न का। बेशक़ उनका हक़ बनता है कि हम उन्हें जानें, पहचानें और हमारा भी हक़ बनता है कि हम उन नगीनों से नावाकिफ़ नहीं रहें।
तो पेश-ए-ख़िदमत है नगमों, नज़्मों, ग़ज़लों और क़व्वालियों की एक अदबी महफ़िल, कहकशाँ।
ख़य्याम साहब एक ऐसे संगीतकार रहे जिन्होने ना केवल अपने संगीत के साथ कभी कोई समझौता नहीं किया, बल्कि उन्होनें कभी सस्ते बोल वाले गीतों को स्वरबद्ध करना भी नहीं स्वीकारा। नतीजा यह कि ख़य्याम साहब का हर एक गीत उत्कृष्ट है, क्लासिक है।
ख़्य्याम साहब ८० के दशक के उन गिने चुने संगीतकारों में से हैं जिन्होने फ़िल्म संगीत के बदलते तेवर के बावजूद अपने स्तर को बनाए रखते हुए एक से एक नायाब गानें हमें दिए। इसलिए आश्चर्य की बात बिलकुल नहीं है कि हमारी इस शृंखला “कहकॅंशा” में प्रस्तुत ग़ज़ल ख़य्याम साहब की कॊम्पोज़ की हुई हैं। और आवाज़ लता जी की। नक्श ल्यालपुरी साहब का कलाम है और क्या ख़ूब उन्होने लिखा है कि "अहल-ए-दिल यूँ भी निभा लेते हैं, दर्द सीने में छुपा लेते हैं"। १९८१ की फ़िल्म 'दर्द' की यह ग़ज़ल है। इस फ़िल्म के गीतों की अगर बात करें तो इसमें दो शीर्षक गीत शामिल हैं; एक तो आशा-किशोर का गाया "प्यार का दर्द है, मीठा मीठा प्यारा प्यारा", और दूसरा है यह प्रस्तुत ग़ज़ल। इस ग़ज़ल के भी दो वर्ज़न हैं, पहला लता जी का गाया हुआ और दूसरा भूपेन्द्र की आवाज़ में। ख़य्याम साहब के हिसाब से पहला गीत यंग जेनरेशन के लिहाज़ से बना था, और दूसरा गीत, यानी कि यह ग़ज़ल सीनियर जेनरेशन के लिए बनाया गया था। फ़िल्म 'दर्द' का निर्माण किया था श्याम सुंदर शिवदासानी ने और निर्देशक थे अम्ब्रीश संगल। फ़िल्म प्रदर्शित हुई थी ३१ जुलाई १९८१ के दिन, जिसके मुख्य कलाकार थे राजेश खन्ना, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लों, कृषण धवन प्रमुख।
नक्श ल्यालपुरी ने ख़य्याम के साथ बहुत सी फ़िल्मों में काम किया है, जैसे कि 'दर्द', 'आहिस्ता आहिस्ता', 'ख़ानदान', 'नूरी', आदि। आइए अब इस प्यारी सी ग़ज़ल को सुना जाए लता जी की शहद घोलती आवाज़ में, लेकिन उससे पहले ...
क्या आप जानते हैं...
कि नक्श ल्यालपुरी ने फ़िल्मों के लिए करीब करीब ६० मुजरे लिखे हैं और हर एक का अंदाज़ एक दूसरे से अलग रहा। यह बात उन्होने विविध भारती के 'उजाले उनकी यादों के' कार्यक्रम में कहा था।
05-AHAL-E-DIL YUN BHEE NIBHA LETE HAIN CD MISC-20180225 TRACK#05 5:07
DARD-1981; LATA MANGESHKAR; KHAYYAM; NAQSH LYAALPURI
https://www.youtube.com/watch?v=gUHMx0Yp-Ws
इचक बीचक चुर्र-बावरे नैन १९५०
केदार शर्मा रचित एक गीत सुनते हैं बावरे नैन फिल्म से जिसे शमशाद बेगम ने गाया है। रौशन ने गीत की धुन बनाई है।
हल्का फुल्का गीत है ये। हास्य भी एक विधा है मगर इसका प्रयोग संवादों में ज्यादा होता है और गीतों में कम। हास्य रस वाले गीत को रसदार बनाना आसान नहीं है। किसी रोमांटिक गीत को फिल्माना ज्यादा आसान है। कैसे भी आड़े टेढ़े पड़ जाओ प्यार मोहब्बत में सब जायज़ है।
06-ICHAK BICHAK CHOORR CD MISC-20180225 TRACK#06 2:41
BAWRE NAIIN-1950; SHAMSHAD BEGUM; ROSHAN; KEDAR SHARMA
https://www.youtube.com/watch?time_continue=52&v=Yv3NtgZQs0s
बोलो बोलो कुछ तो बोलो-दिल दे के देखो १९५९
कुछ गीत ऐसे हैं जिनके मुखड़े एक जैसे हैं। ये गीत है फिल्म दिल दे के देखो से जिसे मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा है। आपको याद हो गर, ऋषि कपूर वाली फिल्म ज़माने को दिखाना है का एक गीत भी ऐसे ही मुखड़े वाला है। दिल दे के देखो फिल्म के हीरो ऋषि कपूर के चाचा हैं।
प्रकृति में कई चीज़ों की आवाजें मिलती जुलती हैं। इस गाने की शुरूआती बीट्स से आपको कोयले का इंजन याद आ सकता है। गीत रफ़ी ने गाया है उषा खन्ना की धुन पर। उषा खन्ना की बतौर स्वतंत्र संगीतकार ये पहली हिंदी फिल्म थी। गीत में अनूठी बात ये है कि मुखड़े की दूसरी पंक्ति हर अंतरे के बाद बदल जाती है। ये इसकी ख़ूबसूरती है।
07-BOLO BOLO KUCHH TO BOLO CD MISC-20180225 TRACK#07 4:10
DIL DEKE DEKHO-1959; MOHAMMAD RAFI; USHA KHANNA; MAJROOH SULTANPURI
https://www.youtube.com/watch?time_continue=97&v=qV3OuTiFN0Q
एक बुत बनाऊँगा तेरा-असली नकली १९६२
फिल्म असली नकली का नाम सुनाई देते ही नकली घी का नाम भी याद आ जाता है। तमाम दुकानों पर किसी समय बोर्ड लगा मिलता था-नकली साबित करने वाले को इनाम। ये १०० रूपये से ले कर १००० रूपये तक होता था। किसी को इनाम मिला हो ऐसा व्यक्ति मुझे आज तक नहीं मिला।
सुनते हैं फिल्म असली नकली से एक गीत रफ़ी का गाया हुआ। ये शायद लल्लो चप्पो की इन्तेहा है कि नायक नायिका का बुत बना कर पूजा करना चाहता है। ये शायद उस समय तक कंसेप्ट लेवल पर था जहाँ तक फिल्मों का सवाल है। एक अभिनेत्री का मंदिर बन चुका है दक्षिण भारत में ९० के दशक में।
गीत हसरत जयपुरी का है और संगीत शंकर जयकिशन का। आनंद उठायें इस अनूठे गीत का। कलाकारों को आप पहचान ही लेंगे ऐसा मेरा विश्वास है। इसे हम फ़िल्मी बरसाती गीत भी कह सकते हैं।
08-EK BOOT BANAOONGA TERA CD MISC-20180225 TRACK#08 5:39
ASLI NAQLI-1962; MOHAMMAD RAFI; SHANKAR-JAIKISHAN; HASRAT JAIPURI
https://www.youtube.com/watch?time_continue=2&v=bxtyXLVEyvQ
बॉलिवुड अभिनेत्री श्रीदेवी का दुबई में निधन
09-CHANDANI DIALOGUES-SONG CLIPS CD MISC-20180225 TRACK#09 3:55
CHANDANI-1989; SRIDEVI & VARIOUS ARTISTS; SHIV-HARI; ANAND BAKSHI
https://www.youtube.com/watch?v=gtMwC6DP0D0
अपने शानदार अभिनय से सिनेमाप्रेमियों के दिलों पर राज करनेवाली बॉलिवुड अभिनेत्री श्रीदेवी हमारे बीच नहीं रहीं। श्रीदेवी दुबई में थीं जहां उनकी हृदय-गति रुक जाने (कार्डियक अरेस्ट) की वजह से उनका अचानक निधन हो गया। श्रीदेवी 54 वर्ष की थीं। उन्हें हिंदी फिल्मों की पहली फीमेल सुपरस्टार भी कहा जाता है। साल 2013 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।
वह भी दुबई में ही थे और थोड़ी देर पहले भारत लौटे ही थे कि यह खबर आ गई। अब वह फिर से दुबई जा रहे हैं।
दरअसल, श्रीदेवी अपने पति बॉनी कपूर और छोटी बेटी खुशी के साथ मोहित मारवाह के शादी समारोह में शिरकत करने दुबई गई थीं। उनके निधन की खबर सुनकर लोग मुंबई में उनके घर के पास जमा हो रहे हैं। उनकी बड़ी बेटी जाह्नवी यहीं हैं। वह शूटिंग की व्यस्तताओं की वजह से परिवार के साथ दुबई नहीं जा सकी थीं। बहरहाल, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने इशारों-इशारों में श्रीदेवी के निधन की बात बता दी। उन्होंने ट्वीट किया, 'न जाने क्यूों, एक अजीब सी घबराहट हो रही है।'
उन की आखिरी फिल्म मॉम थी जो पिछले साल 2017 में आई थी। इसे रवि उदयवार ने डायरेक्ट किया था और प्रॉड्यूसर थे श्रीदेवी के पति बॉनी कपूर। फिल्म में श्रीदेवी के साथ अक्षय खन्ना और नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने भी भूमिका निभाई थी। आइए जानते हैं श्रीदेवी के जीवन से जुड़ीं 10 महत्वपूर्ण बातें...
1. श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु में वकील पिता के यहां हुआ था। उनकी एक बहन और दो सौतेले भाई हैं। बहन का नाम- श्रीलता। भाईयों के नाम आनंद और सतीश हैं।
2. साल 1996 में उन्होंने बॉनी कपूर से शाद की। दोनों की दो बेटियां हैं- जाह्ववी और खुशी कपूर।
3. श्रीदेवी ने बॉलीवुड में कदम रखने से पहले तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में काम किया था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत महज 4 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी।
4. श्रीदेवी की पहली हिंदी फिल्म सोलवां सावन थी जो साल 1979 में आई थी। हालंकि उन्हें बॉलीवुड में पहचान फिल्म 1983 में आई फिल्म हिम्मतवाला से मिली। यह उस साल की ब्लॉकस्बस्टर फिल्म थी।
5. 1989 में आई फिल्म चालबाज में श्रीदेवी दोहरी भूमिका में नजर आई थीं जो कि 80 के दशक की आइकॉनिक मूवीज में से एक है। श्रीदेवी को फिल्म चालबाज के लिए पहले फिल्म फेयर सर्वश्रेठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
6. इसके बाद साल 1991 में श्रीदेवी यशराज की फिल्म लम्हे में दिखाई दी। फिल्म लम्हे के लिए श्रीदेवी को उनका दूसरा फिल्म फिल्मफेयर अवार्ड मिला था।
7. 1996 में निर्देशक बोनी कपूर से शादी के बाद श्रीदेवी ने फिल्मी दुनिया से अपनी दूरी बना ली थी। लेकिन इस दौरान वह कई टीवी शोज में नजर आईं।
8. श्रीदेवी ने साल 2012 में गौरी शिंदे की फिल्म इंग्लिश विंग्लिश से रूपहले परदे पर वापसी कीं। हिंदी सिनेमा से कई वर्षों तक दूर रहने के बाद भी फिल्म इंग्लिश विंग्लिश में श्रीदेवी ने बेहतरीन अभिनय से आलोचकों और दर्शकों का दिल फिर से जीत लिया था।
9. सोलवां सावन, सदमा, हिम्मतवाला, जाग उठा इंसान, अक्लमंद, इन्कलाब, तोहफा, सरफरोश, बलिदान, नया कदम, नगीना, घर संसार, मकसद, सुल्तान, आग और शोला, भगवान, आखरी रास्ता, जांबांज, वतन के रखवाले, जवाब हम देंगे, औलाद, नजराना, कर्मा, हिम्मत और मेहनत, मिस्टर इंडिया, निगाहें, जोशीले ,गैर कानूनी, चालबाज, खुदा गवाह, लम्हे, हीर रांझा, चांदनी, रूप की रानी चोरों का राजा, चंद्रमुखी, चांद का टुकड़ा, गुमराह, लाडला, आर्मी, जुदाई, हल्ला बोल, इंग्लिश विंग्लिश और मॉम आदि श्रीदेवी की यादगार फिल्में हैं।
10. श्रीदेवी को हिंदी फिल्मों की पहली फीमेल सुपरस्टार भी कहा जाता था। भारत सरकार ने साल 2013 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा था।
10-SRIDEVI SONGS-CLIPS CD MISC-20180225 TRACK#08 5:14
VARIOUS ARTISTS
https://tune.pk/video/2968970/kareena-kapoor-tribute-to-sridevi-global-indian-film-television-honors-2011
11-HAWA HAWAI CD MISC-20180225 TRACK#11 6:59
MR. INDIA-1987; KAVITA KRISHNAMURTHY; LAXMIKANT-PYARELAL; JAVED AKHTAR
https://www.youtube.com/watch?v=IgKdXLfxgQQ
THE END समाप्त
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