Skip to Main Content

An Indian Morning
Sunday February 18th, 2018 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second one hour features community announcements and ear pleasing music from old/new & popular Indian films.

An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind". एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यावाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए। जागो मोहन प्यारे...राग भैरव पर आधारित ये अमर गीत “An Indian Morning” के समस्त संगीत-प्रेमी श्रोताओं का एक बार पुनः मैं किशोर संपट हार्दिक स्वागत करता हूँ। दोस्तों, अपने देश में संगीत की हजारों वर्ष पुरानी समृद्ध परम्परा है। आपने “An Indian Morning” पर परम्परागत भारतीय संगीत पर आधारित कुछ श्रृंखलाओं का आनन्द लिया है और इन्हें सराहा भी है। हमारी अपेक्षा है कि आप संगीत के एक अच्छे श्रोता बनें और उसकी सराहना कर सकें। पिछले सप्ताह से आरम्भ हुई श्रृंखला- “दस थाट, दस राग और दस गीत” में भी हमारा यही प्रयास रहेगा कि शास्त्रीय संगीत आपके लिए अनबूझ पहेली बन कर न रह जाय। इस श्रृंखला- “दस थाट, दस राग और दस गीत” में इन्हीं दस थाटों का सरल परिचय देने का प्रयास करेंगे। हर हफ्ते एक थाट, एक राग, एक गीत। इस श्रृंखला में हमने आपको “कल्याण”, “बिलावल” और “खमाज” थाट का परिचय दे चुके हैं। आज चौथा थाट है- “भैरव”। इस थाट में प्रयोग किये जाने वाले स्वर हैं- सा, रे॒, ग, म, प, ध॒, नि । अर्थात ऋषभ और धैवत स्वर कोमल और शेष स्वर शुद्ध प्रयोग होते हैं। थाट “भैरव” का आश्रय राग “भैरव” ही है। इस राग का गायन-वादन समय प्रातःकाल होता है। “भैरव” थाट के अन्तर्गत आने वाले अन्य प्रमुख राग होते हैं- “रामकली”, “गुणकली”, “कलिंगड़ा”, “जोगिया”, “विभास” आदि। राग “भैरव” पर आधारित फिल्म-गीतों में से एक अत्यन्त मनमोहक गीत आज हमने चुना है। १९५६ में राज कपूर ने महत्वाकांक्षी फिल्म “जागते रहो” का निर्माण किया था। इस फिल्म के संगीतकार सलिल चौधरी का चुनाव स्वयं राज कपूर ने ही किया था, जबकि उस समय तक शंकर-जयकिशन उनकी फिल्मों के स्थायी संगीतकार हो चुके थे। फिल्म “जागते रहो” बांग्ला फिल्म “एक दिन रात्रे” का हिन्दी संस्करण था और बांग्ला संस्करण के संगीतकार सलिल चौधरी को ही हिन्दी संस्करण के संगीत निर्देशन का दायित्व दिया गया था। सलिल चौधरी ने इस फिल्म के गीतों में पर्याप्त विविधता रखी। इस फिल्म में उन्होने एक गीत “जागो मोहन प्यारे, जागो...” की संगीत रचना “भैरव” राग के स्वरों पर आधारित की थी। शैलेन्द्र के लिखे गीत जब लता मंगेशकर के स्वरों में ढले, तब यह गीत हिन्दी फिल्म संगीत का मीलस्तम्भ बन गया। आइए, आज हम राग “भैरव” पर आधारित, फिल्म “जागते रहो” का यह गीत सुनते हैं- 01-JAAGO MOHAN PYARE CD MISC-20180218 TRACK#016:00 JAAGTE RAHO-1956; LATA MANGESHKAR; SALIL CHAUDHARY; SHAILENDRA https://www.youtube.com/watch?v=uGNJ1xnSEWI ये क्या जगह है दोस्तों.....शहरयार, खय्याम और आशा की तिकड़ी और उस पर रेखा की अदाकारी - बेमिसाल “An Indian Morning” के सभी दोस्तों को हमारा सलाम! दोस्तों, शेर-ओ-शायरी, नज़्मों, नगमों, ग़ज़लों, क़व्वालियों की रवायत सदियों की है। हर दौर में शायरों ने, गुलुकारों ने, क़व्वालों ने इस अदबी रवायत को बरकरार रखने की पूरी कोशिशें की हैं। और यही वजह है कि आज हमारे पास एक बेश-कीमती ख़ज़ाना है इन सुरीले फ़नकारों के फ़न का। यह वह कहकशाँ है जिसके सितारों की चमक कभी फ़ीकी नहीं पड़ती और ता-उम्र इनकी रोशनी इस दुनिया के लोगों के दिल-ओ-दिमाग़ को सुकून पहुँचाती चली आ रही है। पर वक्त की रफ़्तार के साथ बहुत से ऐसे नगीने मिट्टी-तले दब जाते हैं। बेशक़ उनका हक़ बनता है कि हम उन्हें जानें, पहचानें और हमारा भी हक़ बनता है कि हम उन नगीनों से नावाकिफ़ नहीं रहें। तो पेश-ए-ख़िदमत है नगमों, नज़्मों, ग़ज़लों और क़व्वालियों की एक अदबी महफ़िल, कहकशाँ। आज हम एक बार फिर से सन् १९८१ की ही एक बेहद मक़बूल और कालजयी फ़िल्म की ग़ज़ल सुनने जा रहे हैं। यह वह फ़िल्म है दोस्तों जो अभिनेत्री रेखा के करीयर की सब से महत्वपूर्ण फ़िल्म साबित हुई। और सिर्फ़ रेखा ही क्यों, इस फ़िल्म से जुड़े सभी कलाकारों के लिए यह एक माइलस्टोन फ़िल्म रही। अब आपको फ़िल्म 'उमरावजान' के बारे में नई बात और क्या बताएँ! इस फ़िल्म के सभी पक्षों से आप भली भाँति वाक़ीफ़ हैं। और इस फ़िल्म में शामिल होने वाले मुजरों और ग़ज़लों के तो कहने ही क्या! आशा भोसले की गाई हुई ग़ज़लों में किसे किससे उपर रखें समझ नहीं आता। "दिल चीज़ क्या है आप मेरी जान लीजिए" या फिर "इन आँखों की मस्ती के", या "जुस्तजू जिसकी थी उसको तो ना पाया हमने" या फिर "ये क्या जगह है दोस्तों"। एक से एक लाजवाब! मौसीकार ख़य्याम साहब ने इस फ़िल्म के लिए १९८२ का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीता था और राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित हुए थे। निर्देशक मुज़फ़्फ़र अली को भी सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला था। आशा भोसले फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार से अपना नाम वापस ले चुकीं थीं, इसलिए उनका नाम नॊमिनेशन में नहीं आया, और इस साल यह पुरस्कार चला गया परवीन सुल्ताना की झोली में फ़िल्म 'कुद्रत' के गीत "हमें तुम से प्यार कितना" के लिए। लेकिन आशा जी को इस फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से ज़रूर सम्मानित किया गया। दोस्तों, यह इतनी महत्वपूर्ण फ़िल्म रही ग़ज़लों की दृष्टि से कि इस शृंखला में इस फ़िल्म को नज़रंदाज़ करना बेहद ग़लत बात होती। तभी तो आज के लिए हमने चुना है "ये क्या जगह है दोस्तों"। शहरयार साहब ने उम्दा, बहुत अच्छा लिखा है। सचमुच दोस्तों, यह ग़ज़ल इतना दिल को छू जाती है कि जितनी भी बार सुनी जाए, जैसे दिल ही नहीं भरता। बुला रहा है कौन मुझको चिलमनों के उस तरफ़, मेरे लिए भी क्या कोई उदासो बेक़रार है। क्या आप जानते हैं... 'उमरावजान' में ख़य्याम साहब ने लता जी के बजाय आशा जी से गानें इसलिए गवाए क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि 'पाक़ीज़ा' के हैंग्-ओवर से 'उमरावजान' ज़रा सा भी प्रभावित हो। उस पर उन्हे यह भी लगा कि रेखा के लिए आशा जी की कशिश भरी आवाज़ ही ज़्यादा मेल खाती है। 02-YEH KYA JAGEH HAI DOSTON CD MISC-20180218 TRACK#02 6:11 UMRAO JAAN-1981; ASHA BHOSLE; KHAYYAM; SHAHRYAAR https://www.youtube.com/watch?v=ExJKEPeIrMg ना बोले तुम ना मैंने कुछ कहा -बातों बातों में १९७९ फिल्म गोलमाल से सुर्ख़ियों में आये अमोल पालेकर के बारे में उस समय की पत्रिकाओं में काफी लिखा जाता था जैसे आज का सुपरस्टार, सभी स्टारों को पीछे छोड़ने वाला इत्यादि। अमोल पालेकर अच्छे कलाकार तो हैं मगर वे कमर्शियल सिनेमा के सुपर स्टार ना बन सके। सुपरस्टार बनने के लिए सबसे पहली शर्त शायद नाक-नक्श लुभावने होने चाहिए। अभिनय से अपनी धाक ज़माने वाले अमोल पालेकर को बतौर नायक काफी फिल्मों में मौके मिले। आज जिस फिल्म से गीत सुनेंगे वो भी अपने समय की एक सफल और हिट फिल्म है जिसके गीत भी खूब चले और आज भी बजते हैं। गीत एक पार्टी सोंग है जिसे आशा भोंसले और अमित कुमार ने गाया है। योगेश के बोल हैं और इसका संगीत राजेश रोशन ने तैयार किया है। Do you know… The tune of this song was lifted from the popular American Civil War marching song When Johnny Comes Marching Home Again composed by Patrick Gilmore. The name of the track is used as title for the Hindi Soap Opera Na Bole Tum Na Maine Kuch Kaha Season 1 and Season 2 which aired in Colors TV in 2012 and 2013 respectively. 03-NA BOLE TUM NA MAINE KUCHH KAHA CD MISC-20180218 TRACK#03 3:32 BAATON BAATON MEIN-1979; ASHA BHOSLE, AMIT KUMAR; RAJESH ROSHAN; YOGESH https://www.youtube.com/watch?v=3SIl4kPy5eg दिल का दरवाज़ा खुला है-मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी १९९४ एक फ़िल्मी इंटरव्यू के कार्यक्रम में प्रस्तुतकर्ता अभिनेता की तरफ मुखातिब था कि किसी भी फ़िल्मी नायक को पक्का और मजबूत होने के लिए इन्स्पेक्टर की भूमिका निभाना ज़रूरी है और फिर कई कलाकारों के नाम गिनाये गए। गौरतलब है विंटेज युग के कलाकार जयराज और उसके बाद की पीढ़ी के जगदीश राज ने सबसे ज्यादा इन्स्पेक्टर की भूमिका निभाई है। फिल्म मैं खिलाडी तू अनाड़ी में भी अक्षय पुलिस इन्स्पेक्टर बने हैं और उनकी जोड़ी है शिल्पा शेट्टी के साथ। अक्षय कुमार ने अपने फ़िल्मी कैरियर के शुरुआत में कई फिल्मों में ये कारनामा किया है। उसके अलावा फौजी की भूमिका भी वे अभी तक काफी निभा चुके हैं। सुनते हैं आज का गीत जिसे अलका याग्निक ने गाया है। इसे राहत इन्दौरी ने लिखा है और धुन तैयार की अन्नू मलिक ने। 04-DIL KA DARWAZA KHULLA HAI RAJA CD MISC-20180218 TRACK#04 5:33 MEIN KHILADI TU ANARI-1994; ALKA YAGNIK; ANU MALIK; RAHAT INDORI https://www.youtube.com/watch?time_continue=83&v=LmagwQ8fp3Q तमा तमा लोगे-थानेदार १९९० तमा तमा लोगे-और लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया। हम बात कर रहे हैं सन १९९० की सनसनी फिल्म थानेदार के गीत की। इसके संगीतकार वही हैं जिन्होंने अन्नू मलिक से बहुत पहले एक खास वजह से अपनी पहचान बनाई थी। जी हाँ इनका नाम बप्पी लहरी है। The song became an instant chartbuster due to its quirky dance moves and lyrics. The dance steps are similar to the famous Michael Jacksons' Song Bad. It is well known that Dutt had great difficulty performing the dance moves especially the famous scene with the chairs, and though he spent almost a month training, still could not complete it then it is completed by Javed Jeffery. In an interview, choreographer Saroj Khan talked about the shooting the song, which took 48 takes to get okayed. The tune was copied (inspired) from Mory Kanté's song Tama. There were also plans to remix the song by director duo Abbas Mustan for their film Players but later these plans were scrapped due to there not being enough time before the release of the film. The song was reprised for the 2017 film Badrinath Ki Dulhania by Tanishk Bagchi. मोरी कांटे के दो गीतों का सम्मिश्रण इस गीत में है। शुरूआती नोट्स येके येके गीत के हैं और बाकी का माल तमा तमा लोगे गीत का है। इसे समझने के लिए आपको मोरी कांटे के दोनों गीत सुनने पड़ेंगे। इन गीतों से महानायक भी इतने प्रभावित थे कि फिल्म हम में एक गीत उनकी फ़रमाईश पर इसी तर्ज़ पर तैयार हुआ और अग्निपथ में आप बैकग्राउंड में येके येके को सुन सकते हैं। गीत में एक पंक्ति भी है-दोनों मिल कर जो होता है हो गया। कम से गीतकार ने इमानदारी से संकेत दिया है कि क्या हो गया। फिल्म थानेदार के गीत के बोल इन्दीवर के हैं और अनुराधा पौडवाल के संग स्वयं बप्पी लहरी ने इसे गाया है। इस गीत पर माधुरी के नृत्य के अलावा संजय दत्त ने भी ‘शेक ए लेग’ जैसा कुछ किया है। 05-TAMMA TAMMA LOGE CD MISC-20180218 TRACK#05 6:40 THANEDAR-1990; ANURADHA PAUDWAL, BAPPI LAHIRI; BAPPI LAHIRI; INDEEVAR https://www.youtube.com/watch?v=SK5FdvcLaY0 मित्रों, आज हम ’An Indian Morning’ में फिर से पिछले साल पर नज़र डाल रहे हैं। पिछले साल की फ़िल्मों के कुछ अच्छे गीतों को दोबारा सुन लिया जाए। इस लिए हम वर्ष 2017 के 25 श्रेष्ठ गीतों की सूची पर पहुँचे। ये 25 गीत किसी पायदान रूपी क्रम में नहीं सजाए गए हैं, और ना ही हम किसी काउन्टडाउन के स्वरूप में इन्हें पेश कर रहे हैं। बस यूं समझ लीजिए कि ’An Indian Morning’ द्वारा चुने गए वर्ष 2017 की ये श्रेष्ठ रचनाएँ हैं। तो हर हप्ते हम सुनवाऐंगे दो या तीन बीते बरस 2017 के श्रेष्ठ हिन्दी फ़िल्मी गीत। कान्हा - फ़िल्म - शुभ मंगल सावधान गायक - शाशा तिरुपति; गीतकार - तनिष्क - वायु; संगीतकार - तनिष्क - वायु Mudit (Ayushmann Khurrana) and Sugandha (Bhumi Pednekar) fall in love and are all set to marry. However, two days prior to their wedding, Mudit (Ayushmann Khurrana) realises he suffers from an erectile dysfunction, which almost sabotages their wedding after both the families get involved. Listen to the new fun blockbuster song & feel the flutters of true love. 06-KANHA CD MISC-20180218 TRACK#06 2:25 SHUBH MANGAL SAAVDHAN-2017; SHASHAA TIRUPATI; TANISHK-VAYU https://www.youtube.com/watch?v=6u0TDGt2Bug ताज़ा - सुरताल ‘Ghoomar’ which is already a chartbuster. While Swaroop Khan kick-starts the proceedings with an ‘alaap’ and the beginning portions (he also writes the Rajasthani lyrics), it is ever so reliable Shreya Ghoshal who makes the song her own in quick time. A high-on-rhythm number which has foot tapping beats ensuring that the song catches up on you in the very first listening, ‘Ghoomar’ is a beautiful number that is already finding favor at quite a few stage performances not just within the film industry but also the ‘aam junta’.. 07-GHOOMAR CD MISC-20180218 TRACK#07 5:02 PADMAVAT-2018; SHREYA GHOSHAL, SWAROOP KHAN; SANJAY LEELA BHANSALI; A. M. TURAZ, SWAROOP KHAN https://www.youtube.com/watch?v=KWAYQj5QVT0 THE END समाप्त
There are no tracks in this playlist.
Interactive CKCU