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An Indian Morning
Sunday December 24th, 2017 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second

An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind". 01-JINGLE BELLS, JINGLE BELLS JINGLE ALL THE WAY CD MISC-20171224 TRACK#01 4:03 CHRISTMAS CAROLS SONGS FOR CHILDREN-2016; SHAAN https://www.youtube.com/watch?v=SvVrs6jkc_w हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, धन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए। We wish MERRY CHRISTMAS to all our listeners, particularly to all our Christian listeners. सभी ईसाइयों का सबसे अधिक महत्वपूर्ण त्योहार क्रिसमस का शाब्दिक अर्थ है क्राइस्ट्स मास। ईसा के जन्म सम्मान में की जाने वाली सामूहिक प्रार्थना। वास्तव में यह मात्र प्रार्थना न होकर एक बड़ा त्योहार है। प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता है। ईसाइयों के लिए घटना का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि वे मानते हैं कि जीसस ईश्वर के पुत्र थे, इसलिए क्रिसमस, उल्लास और खुशी का त्योहार है, क्योंकि उस दिन ईश्वर का पुत्र कल्याण के लिए पृथ्वी पर आया था। Many were such questions that are asked walking through this life; Can someone just tell what must we be doing now? When life loses hope and each step is curtailed by fear, darkness surrounds and neither way nor destiny is visible anywhere, then the heart was flooded with the rays of light and darkness was cast out of sight. A Star has shone out tearing down this blanket of dark night. EK TARA CHAMKA HAI… 02-EK TARA CHAMKA HAI CD MISC-20171224 TRACK#02 4:03 HINDI CHRISTMAS SONGS-2010; DOMENIC MARBANIANG, PRIYA ROBINSON & PHEBE PAUL https://www.youtube.com/watch?v=6OfdRxap14E 'An Indian Morning' के सभी श्रोता को किशोर संपट का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं है। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। हमारी दिलचस्पी का आलम ऐसा है कि हम केवल फ़िल्में देख कर या गाने सुनने तक ही अपने आप को सीमित नहीं रखते, बल्कि फ़िल्म संबंधित हर तरह की जानकारियाँ बटोरने का प्रयत्न करते रहते हैं। इसी दिशा में आपके हमसफ़र बन कर हम आ रहे हैं हर रविवार ’An Indian Morning’ लेकर। दोस्तों, देखते ही देखते हम वर्ष 2017 के अन्तिम महीने पर आ गए हैं। कौन कौन सी फ़िल्में बनीं इस साल? उन सभी फ़िल्मों का गीत-संगीत कैसा रहा? ज़िन्दगी की भाग-दौड़ में अगर आपने इस साल के गीतों को ठीक से सुन नहीं सके या उनके बारे में सोच-विचार करने का समय नहीं निकाल सके, तो कोई बात नहीं। अगले कुछ सप्ताह, हर रविवार हम आपके लिए लेकर आएँगे वर्ष 2017 में प्रदर्शित फ़िल्मों के गीत-संगीत का लेखा-जोखा। आइए इस लघु श्रृंखला की पहली कड़ी में आज चर्चा करते हैं उन फ़िल्मों के गीतों की जो प्रदर्शित हुए जनवरी और फ़रवरी के महीनों में। वर्ष 2017 की शुरुआत लाभ जंजुआ के गाए गीत "इश्क़ दा करेण्ट" से ही हुई। फ़िल्म का नाम ’प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स’ जो प्रदर्शित हुई 6 जनवरी के दिन। गीतकार-संगीतकार प्रवीण भारद्वाज ने उनसे यह गीत पहले ही रेकॉर्ड करवा लिया था। इस फ़िल्म में कुल चार गीत हैं, चार अलग रंगों के। लाभ जंजुआ के गाए इस थिरकाने वाले डान्स नंबर के बाद दूसरा गीत है गायक के.के की आवाज़ में "इश्क़ जो भी करे वो पागल"। के.के. की आवाज़ में एक ताज़गी है, एक युवा-अपील है, एक आकर्षण है जो दिल को छू जाती है। एक और गायक जो एक लम्बे अरसे के बाद सुनाई दिए, वो हैं कमाल ख़ान, जी हाँ, "अ ओ जानेजाना" वाले कमाल ख़ान। जुदाई के दर्द से भीगा इस तरह का गीत आजकल फ़िल्मों में सुनाई नहीं देती। इसके लिए प्रवीण भारद्वाज का शुक्रिया। और फ़िल्म का अन्तिम गीत है "हबीबी" सुनिधि चौहान की आवाज़ में जिसके कम्पोज़िशन में अरबी रंग है और ऑरकेस्ट्रेशन में रॉक शैली भी है और बीच-बीच में अंग्रेज़ी रैप भी है। 03-ISHQ DA CURRENT CD MISC-20171224 TRACK#03 1:57 PRAKASH ELECTRONIC-2017; LABH JANJUA; PRAKASH BHARDWAJ https://www.youtube.com/watch?v=Yt5M31IfsG8 13 जनवरी को प्रदर्शित हुई ’ओके जानु’। आदित्य रॉय कपूर और श्रद्धा कपूर के अन्तरंग केमिस्ट्री की वजह से चर्चा में बनी रहने वाली इस फ़िल्म में गुलज़ार साहब के लिखे गीत हैं और संगीतकार ए. आर. रहमान। इसलिए निस्संदेह इस फ़िल्म के गीतों से लोगों को बड़ी उम्मीदें थीं। इस फ़िल्म में कुल आठ गीत हैं पर तीन गीतों को छोड़ कर बाकी गीतों की धुनें रहमान ने अपनी तमिल फ़िल्म ’ओ कादल कनमनी’ के गीतों से उठाया। गुलज़ार साहब का लिखा और शाशा तिरुपति का गाया "सुन भँवरा" एक शास्त्रीय संगीत आधारित रचना है, जो लेखन, संगीत और गायकी की दृष्टि से एक उत्कृष्ट रचना है। इस गीत को सुन कर जैसे एक उम्मीद जाग उठा है कि अच्छे गीत-संगीत का दौर अभी समाप्त नहीं हुआ है। 04-SUNN BHANVARA CD MISC-20171224 TRACK#04 2:45 OK JAANU-2017; SHASHA TIRUPATI; A.R.RAHMAN; GULZAR https://www.youtube.com/watch?v=YzMsb6Uv5KQ दूसरा गीत "परंधु सेला वा" के मशहूर हिन्दी संस्करण "हम्मा हम्मा" का कवर वर्ज़न है। मूल शब्द मेहबूब के हैं जिस पर रैपिंग् की है बादशाह ने। इस कवर वर्ज़न में आवाज़ रेमो फ़र्नन्दे की नहीं, बल्कि जुबिन नौटियाल, शाशा तिरुपति, बादशाह, तनिश्क बागची और ए. आर. रहमान की है। यह वर्ज़न ठीक ठाक बना है, पर रेमो वाले मूल गीत की बात ही अलग है। 05-THE HUMMA SONG CD MISC-20171224 TRACK#05 4:03 OK JAANU-2017; ZUBIN NAUTIYAAL, SHASHA TIRUPATI, TANISHQ BAGCHI, BAADSHAH; A.R.RAHMAN; MEHBOOB https://www.youtube.com/watch?v=1tVL11ULjYY 13 जनवरी को एक और फ़िल्म प्रदर्शित हुई थी - ’हरामखोर’। श्लोक शर्मा निर्देशित और नवाज़ुद्दीन सिद्दिक़ी - श्रेता त्रिपाठी अभिनीत इस फ़िल्म को 15-वें न्यु यॉर्क इन्डियन फ़िल्म फ़ेस्टिवल और इन्डियन फ़िल्म फ़ेस्टिवल ऑफ़ लॉस ऐन्जेलिस में प्रदर्शित किया गया, और नवाज़ुद्दीन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी मिला था। केवल 16 दिनों में तैयार इस फ़िल्म के संगीतकार हैं जसलीन रॉयल, जो एक गायिका हैं। उन्होंने इस फ़िल्म के लिए एक गीत कम्पोज़ किया और गाया, जिसके बोल हैं "किदरे जावाँ"। फ़ेस्टिवल फ़िल्म होने की वजह से आदित्य शर्मा के लिखे इस गीत को व्यावसायिक सफलता नहीं मिलेगी, पर संगीतकार के रूप में उभरने के लिए जसलीन को शुभकामनाएँ। 20 जनवरी को प्रदर्शित हुई ’कॉफ़ी विथ डी’। इस कमचर्चित और कम बजट की फ़िल्म में गीत लिखे समीर ने और संगीत दिया सुपरबिया ने। फ़िल्म का शीर्षक गीत अनु मलिक की आवाज़ में है। "एक गरम चाय की प्याली" से वो अब कॉफ़ी की तरफ़ रुख़ कर चुके हैं जब वो गाते हैं "बोलो क्या करूँ पीछे ख़ौफ़ है आगे मौत है खड़ी, तेरा काम है चक्का जाम है अपनी है फ़टी पड़ी, मैंने सोच ली, तू भी सोच ले, जी में दम है तो पी, कॉफ़ी विथ डी"। मस्ती भरे बोलों, मस्ती भरे संगीत और अनु मलिक के अंदाज़ की वजह से गीत झूमने पर मजबूर ज़रूर करता है। दूसरा गीत शबाब साबरी का गाया हुआ है; गीत नहीं बल्कि यह एक क़व्वाली है "अली अली हाजी अली"। बहुत सुन्दर कम्पोज़िशन और गायकी की तो बात ही कुछ है। तीसरा गीत शान का गाया हुआ है, "नेशन वान्ट्स टू नो", गीत आज के दौर की प्रवृत्तियों पर व्यंग का निशाना साधता है। अरनब गोस्वामी के मशहूर जुमले "दि नेशन वान्ट्स टू नो" का पंच लाइन लेकर देश में चल रहे मुद्दों को उजागर करता है यह गीत। और फ़िल्म का अन्तिम गीत एक सॉफ़्ट रोमान्टिक डुएट है शान और आकांक्षा शर्मा की आवाज़ों में "तुम्हारी मोहब्बत"। गीत कर्णप्रिय है पर इसमें कोई नई बात या एक्स-फ़ैक्टर नहीं है कि गीत एक लम्बे समय तक याद रहे। 06-NATION WANTS TO KNOW CD MISC-20171224 TRACK#06 2:05 COFFEE WITH D-2017; SHAAN; SUPERBIA; SAMEER https://www.youtube.com/watch?v=qxgOwGJO7oY गणतंत्र दिवस के सप्ताह दो महत्वपूर्ण फ़िल्में प्रदर्शित हुईं। एक राकेश रोशन की ’काबिल’ और दूसरा शाहरुख़ ख़ान का ’रईस’। फ़िल्म के रिलीज़ डेट को लेकर विवाद खड़ा हुआ जब शाहरुख़ ख़ान ने जान बूझ कर इसे ’काबिल’ के साथ रिलीज़ करने का फ़ैसला लिया। इस वजह से राकेश रोशन ने अपनी फ़िल्म को 26 की जगह 25 को रिलीज़ करने का निर्णय लिया, पर शाहरुख़ ने भी फिर अपनी फ़िल्म को 25 में रिलीज़ करने की घोषणा कर दी। इस वजह से रोशन और ख़ान में एक द्वन्द छिड़ गया। ख़ैर, दोनों फ़िल्में 25 जनवरी को रिलीज़ हुईं। पहले करते हैं ’काबिल’ के गीतों की चर्चा। जब भी राकेश रोशन, राजेश रोशन और हृतिक रोशन की तिकड़ी साथ में आए हैं, हमें कुछ मधुर कर्णप्रिय गाने सुनने को मिले हैं। ’काबिल’ के गाने भी हमें निराश नहीं करते। इस फ़िल्म में तीन मौलिक गीत हैं और दो पुराने गीतों के कवर। फ़िल्म का शीर्षक गीत "मैं तेरे काबिल हूँ या तेरे काबिल नहीं"। नासिर फ़राज़ के लिखे तथा जुबिन नौटियाल व पलक मुछाल के गाए इस गीत में मेलडी है, सुन्दर बोल हैं, और राजेश रोशन का स्टाम्प भी है। हृतिक रोशन की फ़िल्म हो और उनका कोई धमाकेदार डान्स सीक्वेन्स ना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। ’काबिल’ में भी "मोन आमोर" गीत को रखने का यही मक़सद था। विशाल ददलानी के गाए मनोज मुन्तशिर के लिखे इस थिरकते गीत को सुनते हुए हृतिक की तसवीर आँखों के सामने आ ही जाती है। 07-MEIN TERE KABIL HOON YA KABIL NAHI CD MISC-20171224 TRACK#07 2:12 KABIL-2017; ZUBIN NAUTIYAAL, PALAK MUCHHAL; RAJESH ROSHAN; NASIR FARAAZ https://www.youtube.com/watch?v=O65JHeSDhuc 08-MON AMOUR CD MISC-20171224 TRACK#08 3:51 KABIL-2017; VISHAL DADLANI; RAJESH ROSHAN; MANOJ MUNTASHIR https://www.youtube.com/watch?v=qUi25PV0sqs शाहरुख़ ख़ान की महत्वाकांक्षी फ़िल्म ’रईस’ के गीत-संगीत की अब बात की जाए। ऐल्बम शुरु होता है सनी लियोन के आइटम नंबर से। इन्दीवर के लिखे और कल्याणजी-आनन्दजी के संगीतबद्ध किए फ़िल्म ’कुर्बानी’ के मशहूर गीत "लैला मैं लैला" गीत को रीक्रिएट किया गया है। पावनी पाण्डे की आवाज़ में संगीतकार राम सम्पथ और गीतकार जावेद अख़्तर ने इस गीत को नया जामा पहनाया है। जनता-जनार्दन को यह संस्करण पसन्द आई है। दूसरा गीत है "ओ ज़ालिमा" जिसे अरिजीत सिंह और हर्षदीप कौर ने गाया है। "गेरुआ" के बाद अरिजीत फिर एक बार शाहरुख़ की आवाज़ बने हैं। JAM8 के संगीत में बोल लिखे हैं अमिताभ भट्टाचार्य ने। तीसरे गीत "उड़ी उड़ी जाए दिल की पतंग" में आवाज़ें हैं सुखविन्दर सिंह, भूमि त्रिवेदी और करसन सर्गठिया की। जावेद अख़्तर के लिखे और राम सम्पथ के स्वरबद्ध किए इस गीत में गुजरात की लोक शैली है। मिका सिंह की आवाज़ में मयूर पुरी का लिखा और अहीर का संगीतबद्ध गीत "धिंगाना धिंगाना" मस्ती भरा गीत है मिका के पहले के गीतों की ही तरह। राम सम्पथ और तरन्नुम मलिक की आवाज़ों में ’रईस’ का शीर्षक गीत "एनु नाम छे रईस" भी फ़िल्म की कहानी के अनुसार है जो फ़िल्म के बाहर शायद बहुत ज़्यादा ना सुना जाए । राम सम्पथ और हिरल ब्रह्मभट्ट ने गीत लिखा है। के.के. की आवाज़ में "साँसों के किसी एक मोड़ पर मिली थी तू ज़िन्दगी मेरी दोस्त बनके" एक संजीदा गीत है जिसे मनोज मुन्तशिर ने ख़ूबसूरत बोलों से सजाया है और अहीर ने भी सुन्दर कम्पोज़ किया है। के.के की इन्टेन्स गायकी ने गीत को अपने अंजाम तक पहुँचाया है। और फ़िल्म का अन्तिम गीत एक गुजराती पारम्परिक रचना है "घम्मर घम्मर" जिसे राम सम्पथ के संगीत संयोजन में रोशन राठौड़ ने गाया है। लोक शैली के फ़िल्मी गीतों में यह गीत एक लम्बे समय तक याद रहेगा। 09-DHINGANA DHINGANA & GHAMMAR GHAMMAR CD MISC-20171224 TRACK#09 3:59 RAEES-2017; MIKA SINGH, ROSHAN RATHOD; RAM SAMPATH, AHIR; MAYUR PURI https://www.youtube.com/watch?v=Ac4hTwLAtNQ 10-LAILA O MEIN LAILA CD MISC-20171224 TRACK#10 2:26 RAEES-2017; PAWNI PANDEY; RAM SAMPATH, KALYANJI-ANANDJI; JAVED AKHTAR, INDEEVAR https://www.youtube.com/watch?v=95I5VaR7GeU आज का अंक आपको कैसा लगा, हमें ज़रूर बताएँ aim931@rogers.com में या ksampat@rogers.com के ईमेल पते पर पत्र लिख कर। आप अपने विचार, सुझाव और शिकायतें हमें निस्संकोच लिख भेज सकते हैं। आज बस इतना ही, अगले सप्ताह चर्चा करते हैं उन फ़िल्मों के गीतों की जो प्रदर्शित हुए फ़रवरी-मार्च-ऐप्रिल में। एक नए अंक के साथ इसी मंच पर आपकी और मेरी मुलाक़ात होगी। तब तक के लिए अपने इस दोस्त किशोर संपट को अनुमति दीजिए, नमस्कार, आपका आज का दिन और आने वाला सप्ताह शुभ हो! 11-TERI MERI MERRY CHRISTMAS CD MISC-20171224 TRACK#11 3:33 TERI MERI CHRISTMAS-2007;USHA UTHUP; NEEL DUTT & ANJAN DUTT https://www.youtube.com/watch?v=hRlyhAg75WM THE END समाप्त
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