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An Indian Morning
Sunday May 29th, 2016 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
Devotional, Classical, Ghazals, Folklore, Old/New Popular Film/Non-Film Songs, Community Announcements and more...

Celebrating not only the "Music of India", but equally so its varied rich art, artisans, culture and people, and maintaining the "SPIRIT OF INDIA" alive... एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए। “An Indian Morning” के सभी दोस्तों को हमारा सलाम! दोस्तों, शेर-ओ-शायरी, नज़्मों, नगमों, ग़ज़लों, क़व्वालियों की रवायत सदियों की है। हर दौर में शायरों ने, गुलुकारों ने, क़व्वालों ने इस अदबी रवायत को बरकरार रखने की पूरी कोशिशें की हैं। और यही वजह है कि आज हमारे पास एक बेश-कीमती ख़ज़ाना है इन सुरीले फ़नकारों के फ़न का। यह वह कहकशाँ है जिसके सितारों की चमक कभी फ़ीकी नहीं पड़ती और ता-उम्र इनकी रोशनी इस दुनिया के लोगों के दिल-ओ-दिमाग़ को सुकून पहुँचाती चली आ रही है। पर वक्त की रफ़्तार के साथ बहुत से ऐसे नगीने मिट्टी-तले दब जाते हैं। बेशक़ उनका हक़ बनता है कि हम उन्हें जानें, पहचानें और हमारा भी हक़ बनता है कि हम उन नगीनों से नावाकिफ़ नहीं रहें। तो पेश-ए-ख़िदमत है नगमों, नज़्मों, ग़ज़लों और क़व्वालियों की एक अदबी महफ़िल, कहकशाँ। आज के एपिसोड में पेश है हाल ही में दुनिया-ए-फ़ानी को अल्विदा कहने वाले मरहूम शायर निदा फ़ाज़ली की याद में उन्हीं की लिखी एक नज़्म जगजीत सिंह की आवाज़ में। आज हम जिस शायर की नज़्म सुनने और सुनाने जा रहे हैं, वह शायर, जिसे लोग "निदा फ़ाज़ली" कहते हैं और जिसका असल नाम "मुक़तदा हसन" है, हिन्दुस्तानियों के लिए "बर्तोल्त ब्रेख्त" हो जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि ब्रेख्त हिटलर के समकालीन थे। हिटलर ने जब बहुत से तत्कालीन लेखकों की किताबों को अपने खिलाफ पाकर बैन किया तो पता नहीं कैसे ब्रेख्त की किताब छूट गई। ब्रेख्त ने हिटलर को ख़त लिखा और कहा कि मैं भी आपके बहुत खिलाफ हूँ, मेरी भी किताबें आप बैन कीजिए, वरना इतिहास यही समझेगा कि मैं या तो आपके पक्ष में था या इतना महत्वपूर्ण नहीं था कि आप मेरी किताबें बैन करें। अपने विचारों, अपनी नज्मों के कारण निदा ने भी बहुत दिन तक बाल ठाकरे का अघोषित प्रतिबंध झेला है। ब्रेख्त की तरह निदा भी अपने मन के शायर हैं, गजलें उन्होंने कही जरूर हैं, पर जिन विषयों पर वो शायरी करते हैं, वो विषय ग़ज़ल का नहीं है। निदा साहब के बारे में और भी बहुत कुछ है कहने को, लेकिन आज बस इतना ही। अब वक्त है आज की नज़्म सुनवाने का। यह नज़्म मेरी पसंदीदा नज़्मों में से एक है। जहाँ एक तरफ़ निदा साहब के मासूम अल्फ़ाज़ हैं तो वहीं दूसरी तरफ़ जगजीत सिंह जी की मखमली आवाज़। आप खुद सुनिए : 01-Yeh Zindagi Yeh Zindagi Aaj Jo Tumhaare CD MISC-20160529 Track#01 4:04 INSIGHT-2007; Jagjit Singh; Nida Fazli ’कहकशाँ’ की आज की यह पेशकश आपको कैसी लगी, ज़रूर बताइएगा आप हमें ई-मेल के ज़रिए । हमारा ई-मेल पता है aim931@rogers.com. इक कुड़ी जिहदा नाम मोहब्बत : कौन थी शिव कुमार बटालवी की वो गुमनाम कुड़ी ? Ikk Kudi Udta Punjab कुछ दिनों पहले एक मित्र ने शिव कुमार बटालवी लिखित ग़ज़ल भेजी फेसबुक के जरिए। शिव कुमार बटालवी का व्यक्तित्व मेरे लिए अबूझ पहेली रहा है। पंजाब के इस बेहद लोकप्रिय कवि की लेखनी में आख़िर ऐसी क्या बात थी जिसने आम लोगों को बड़े कम समय में इनकी लिखी कविताओं का दीवाना बना दिया। 37 साल की छोटी उम्र में ऊपर कूच करने वाला इस इंसान क्यूँ ज़िदगी को एक धीमी गति से घटने वाली आत्महत्या मानता था? जब मैंने इन बातों को जानने समझने के लिए शिव बटालवी के बारे में पढ़ना शुरु किया तो आँखों में कई चेहरे घूम गए उनमें एक मजाज़ का तो एक गोपाल दास नीरज का भी था। 1967 में वे साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के साहित्यकार बन गये। 02-Shiv Kumar Batalvi-Live Interview CD MISC-20160529 Track#02 6:59 Shiv Kumar Batalvi-Live Interview उनके लेखन में उनकी चर्चित मौत की इच्छा हमेशा से स्पष्ट रही है। और 7 मई 1973 में 36 साल की उम्र में शराब की दुसाध्य लत के कारण हुए लीवर सिरोसिस के परिणामस्वरूप पठानकोट के किरी मांग्याल में अपने ससुर के घर पर उनका निधन हो गया। प्रेम में नाकामी की वजह से शिव की रचनाओं में विरह व दर्द का भाव अति प्रबल है। अमृता प्रीतम ने इन्हें "बिरहा का सुल्तान" कहा। । आपको सुनवाते हैं फिल्म उड़ता पंजाब का ये नग्मा जिसमें बटालवी के गीत के शुरुआती हिस्से का बड़ी ख़ूबसूरती से प्रयोग किया है संगीतकार अमित त्रिवेदी ने। आवाज़ है दिलजीत दोसांझ । 03-Ikk Kuddi Jihda Naam Mohabbat CD MISC-20160529 Track#03 4:07 UDTA-PUNJAB-2016; Diljit Dosanjh; Amit Trivedi; Shiv Kumar Batalvi गुमनाम गायक/गायिका - गायिका शारदा आज जानते हैं हिंदी फिल्मों के 60वें दशक की मशहूर पार्श्व गायिका शारदा के बारे में जिन्होंने अपनी विशेष छाप छोड़ी और फिर फ़िल्मी दुनिया से गायब हो गयीं। गायिका शारदा जी (पूरा नाम शारदा राजन आयंगर) का जन्म दक्षिण भारत में हुआ और फिर वहाँ से ये मुम्बई गयीं और बाद में अपने परिवार के साथ तेहरान चली गयीं। वहीँ राज कपूर से उनकी मुलाकात हुई। तमिल भाषी होने के बावजूद उन्हें हिंदी गीतों में अधिक रूचि थी। वे हिंदी फिल्मों के बारे में अपनी चचेरी बहन (जो उत्तर भारत में रहती थीं) से बहुत सुना करती थी। नूरजहाँ के गीत सुनने को वे चाय या पान की दूकान पर भी रुक जाया करतीं। हिंदी बोलना नहीं आता था परन्तु मुम्बई शिफ्ट होने के बाद हिंदी बोलना सीखा। उनकी माता जी को कर्णाटक संगीत का ज्ञान था परन्तु उन्होंने मुम्बई में ही संगीत की शिक्षा ली। राज कपूर ने उन्हें तेहरान में एक पार्टी में गाते सुना तो उन्हें मुम्बई आने का निमन्त्रण दे डाला। मुम्बई [पहुँच कर उन्होंने आर के स्टूडियो में अपना ऑडिशन दिया, जिसमें उन्होंने बरसात फिल्म का गाना "मुझे किसी से प्यार हो गया" और "बिछुड़े हुए परदेसी" सुनाया। ऑडिशन में उन्हें सुनने वालों में राज जी के अलवा उनकी पत्नी कृष्णा जी और रणधीर और ऋषि कपूर भी थे। यहीं से शारदा जी के लिए फिल्मी दुनिया के दरवाज़े खुल गए। राज जी ने उन्हें शंकर जयकिशन के पास भेजा जहाँ उन्हें पार्श्व गायन के लिए प्रशिक्षित किया जाने लगा। उनका पहला गाना फिल्म सूरज [1966] में "तितली उडी" था जिस के लिए उन्हें फिल्मफेयर का विशेष अवार्ड भी मिला क्योंकि रफ़ी साहब के नॉमिनेटेड गीत 'बहारों फूल बरसाओ' के बराबर वोट मिले थे। फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका का अवार्ड उन्हें 1970 में फिल्म- ''जहाँ प्यार मिले'' के गीत 'बात ज़रा..' के लिए मिला। शारदा जी को फिल्मों में अभिनय के ऑफर भी मिले परन्तु उन्होंने गायन को ही अपना क्षेत्र चुना। शारदा जी के चाहने वाले और आलोचक लगभग बराबर ही अगर कहा जाये तो अतिश्योक्ति न होगी। अपने फ़िल्मी सफ़र को वे सफल मानती हैं। उन्होंने “ग़रीबी हटाओ”, “मंदिर मस्जिद”, “मैला आँचल”, “तू मेरी मैं तेरा”, “क्षितिज” आदि फिल्मों में संगीत निर्देशन भी दिया है। उनके संगीत निर्देशन में आशा, मुकेश, रफ़ी साहब, मन्ना डे , किशोर कुमार, महेंद्र कपूर आदि ने गाया है। एचएमवी के साथ कॉन्ट्रैक्ट कर भारत में पहली बार पॉप संगीत रिकॉर्ड किया। उन्होंने एक के बाद एक तीन एलबम निकाले, जो सफल रहे। गायक मुकेश के साथ उन्होंने सबसे अधिक दोगाने गाये परन्तु वे रफ़ी साहब की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं और उनसे गायकी के गुर सीखा करती थीं। शारदा जी यूँ तो फ़िल्मी दुनिया से दूर हो गयी हैं किन्तु वे आज भी स्टेज और प्राईवेट प्रोग्राम करती रहती हैं। 'तितली उडी डॉट कॉम' उनकी 'वेबसाइट' है, जहाँ उन्होंने अपने सम्पर्क सूत्र भी दिए हुए हैं। ज़मीन से जुडी शारदा जी से कोई भी संपर्क कर सकता है। वे बहुत सरल स्वभाव की हैं जिसके कारण आज भी लोग उन्हें चाहते हैं। वे अमेरिका में रहती हैं और बहुत सक्रीय हैं। 2007 में उन्होंने ग़ालिब की ग़ज़लों की अल्बम भी निकाली थी। 04-Titli Udi Ud Jo Chali CD MISC-20160529 Track#04 4:08 SURAJ-1966; Sharda; Shankar-Jaikishan; Shailendra फिल्मी गानों में हिंदी मुहावरे / कहावतें Kauwa Chala Dekho Hans Ki Chaal, Jangal Men Hoga Ab To Dhamal कौव्वा चला देखो हंस की चाल, जंगल में होगा अब तो धमाल (Every donkey thinks himself worthy to stand with king’s horses) Film- Jolly L.L.B. (2013) (Singer- Kailash Kher) (Music- Krsna) [फ़िल्म- 'जॉली एलएलबी' के इस गीत में हिंदी के कई अन्य मुहावरे भी हैं, जैसे – सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना, चौबे जी गए छब्बे बनने दूबे होके लौटे, ओखली में सिर दिया मूसल से क्या डरना, रोज़े गले पड़ना इत्यादि] 05-Kauwa Chala Dekho Hans Ki Chaal CD MISC-20160529 Track#05 4:22 JOLLY L.L.B.-2013; Kailash Kher; Krsna; Subhash Kapoor हंसी-मजाक के गीत : (Funny / Comedy Songs ) आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया, है यही अब क्या करें भैया, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया Aamdani Athanni Kharcha Raupaiya, HaiYahi Ab Kya Karen Bhaiya Translation: "Salary is half a rupee and expenses are a whole rupee" [in other words, your expenses are greater than your wages] 06-Aamdani Athanni Kharcha Rupaiyya CD MISC-20160529 Track#06 5:54 AAMDANI ATTHANNI KHARCHA RUPAIYYA-2001; Udit Narayan, Shaan, Johnny Lever; Himesh Reshammiya; Sudhakar Sharma ताजा-सुर ताल “Let’s Talk About Love” has easily become one of the most popular music videos from Baaghi with Tiger Shroff killing it with his amazing dance moves. Sung by Raftaar and Neha Kakkar, this high energy pumping song has a jive/rock n roll feel. While it is extremely addictive, the vocals could have been mixed to be a bit louder, as the trumpet stands out a bit too much when it overlaps with the voices, which makes it hard to discern the texture of Raftaar and Neha’s voices. 07-Let’s Talk About Love CD MISC-20160529 Track#07 3:21 BAAGHI-2016; Raftaar, Neha Kakkar; Manj Musik; Raftaar, Sabir Khan “Cham Cham” is a song with many different musical elements. Sung by Monali Thakur and Meet Bros, the melody of the chorus line is one that will grow on you as the song progresses. The nadaswaram tune interspersed throughout the song is slightly random but interesting and makes me wonder how this track will be pictured in the film. I love the female harmonies section towards the middle and the speed increase at the end, which truly makes it seem like a garba song. 08-Cham Cham CD MISC-20160529 Track#08 4:44 BAAGHI-2016; Monali Thakur, Meet Bros; Meet Bros; Kumaar THE END समाप्त
Yeh Zindagi Yeh Zindagi Aaj Jo Tumhaare
Jagjit Singh; Nida Fazli - INSIGHT-2007
Shiv Kumar Batalvi-Live Interview
Shiv Kumar Batalvi, Mahesh Kaul - Shiv Kumar Batalvi-Live Interview
Ikk Kuddi Jihda Naam Mohabbat
Diljit Dosanjh; Amit Trivedi; Shiv Kumar Batalvi - UDTA-PUNJAB-2016 New
Titli Udi Ud Jo Chali
Sharda; Shankar-Jaikishan; Shailendra - SURAJ-1966
Kauwa Chala Dekho Hans Ki Chaal
Kailash Kher; Krsna; Subhash Kapoor - JOLLY L.L.B.-2013
Aamdani Athanni Kharcha Rupaiyya
Udit Narayan, Shaan, Johnny Lever; Himesh Reshammiya; Sudhakar Sharma - AAMDANI ATTHANNI KHARCHA RUPAIYYA-2001
Let’s Talk About Love
Raftaar, Neha Kakkar; Manj Musik; Raftaar, Sabir Khan - BAAGHI-2016 New
Cham Cham
Monali Thakur, Meet Bros; Meet Bros; Kumaar - BAAGHI-2016 New
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