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An Indian Morning
Sunday August 24th, 2025 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning, celebrating and seeking the spirit of India thru sounds, stories, music & songs. जय जिनेन्द्र ! जैन समोदाई के सभी परिजनों एवं श्रोताओ को पर्युषण की हार्दिक शुभकामनाएं

Namaste! Most religions start with commandments and didactic instructions of a god that rewards or punishes with paap and punya, but ours is very different. The Vedas are full of poetry and our Vedic rishis are poets of beauty, there are no threatening gods or demons just the ananda of kavya. Let us this Sunday morning fill our sky with birds of paradise which will bring us the songs and stories of India. A-DR DEHEJIA’S MISC-20250824 ~30:00 B-ANNOUNCEMENTS MISC-20250824 16:33 BACKGROUND MUSIC; INSTRUMENTAL-SARGAM SAFARI-RHYTHMS IN HARMONY-A JOYFUL RAGA FUSION https://www.youtube.com/watch?v=15nCz99xLbA&list=RD15nCz99xLbA&start_radio=1 आप सभी को किशोर सम्पट का प्यार भरा नमस्कार आज 24 अगस्त रविवार का दिन है, आप की ज़िन्दगी का एक और नया दिन। आज का दिन शुभ और मंगल मई हो। जैन कैलेंडर के अनुसार श्वेतांबर जैन समुदाय के पर्युषण महा पर्व २1 अगस्त 2025 से आरंभ हो गए हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार पर्युषण में उपासना ही उपासना हो ती है। आत्मदर्शन से परमात्मा दर्शन का यह पर्व विशिष्ट भावलिए होता हैं, इस उपासना अवधि में क्षमाधारण करके ज्ञान, दर्शन, चारित्र्य और सम्यक तप की उपासना में हर व्यक्ति धार्मिक भावना ओं ओतप्रोत होते है। आपको बता दें कि दिगंबर जैन समुदाय का खास महा पर्व 'दसलक्षण' यानी पर्युषण पर्व की शुरुआत 28 अगस्त 2025 से होगी तथा इसका समापन 6 सितंबर को होगा । तथा क्षमावाणी पर्व 8 सितंबर को मनाया जाएगा । In 2025, the festival will be observed by Shwetambar Jains from August 21 to 28. Paryushan will conclude with Samvatsari – an occasion to seek and grant forgiveness. For the Digambar Jain community, the festival will commence on August 28 and conclude on September 6 (Anant Chaturdashi), coinciding with Ganeshotsav 2025. They will celebrate Kshamavani (the day of forgiveness) on September 8. The word Paryushan comes from "pari" meaning "all sides" and "ushan" meaning "to stay close to the soul". This is a time to pause worldly activities and reflect within. The festival encourages spiritual growth through fasting, meditation, prayer, and self-restraint. It culminates in the ritual of Samvatsari, where Jains say "Micchami Dukkadam" - a heartfelt request for pardon. जय जिनेन्द्र ! जैन समोदाई के सभी परिजनों एवं श्रोताओ को पर्युषण की हार्दिक शुभकामनाएं 01-AAYA PARYUSHAN AAYA CD MISC-20250824 Track#01 3:46 SONGS OF FAITH-2021; DHARIYA RATHOD; PRASANN CHOPDA https://www.youtube.com/watch?v=Anh45I5BZ28 मैं कैसे कहूँ जानेमन, तेरा दिल सुने मेरी बात : जगजीत का गीत जननी कामाक्षी की आवाज़ में जगजीत सिंह यूं तो आधुनिक ग़ज़ल के बेताज बादशाह थे पर उन्होंने समय समय पर हिंदी फिल्मों के लिए भी बेहतरीन गीत गाए। अर्थ, साथ साथ, प्रेम गीत, सरफरोश जैसी फिल्मों में उनके गाए गीत तो आज तक बड़े चाव से सुने और गुनगुनाए जाते हैं। पर इन सब से हट कर उन्होंने कुछ ऐसी अनजानी फिल्मों के गीत भी निभाए जो बेहद कम बजट की थीं और ज्यादा नहीं चलीं या फिर ऐसी जो बनने के बाद रिलीज भी नहीं हो पाईं। एक ऐसी ही फिल्म थी नर्गिस जिसमें राजकपूर की आखिरी फिल्म हिना से मशहूर होने वाली जेबा बख्तियार के साथ थे नसीर और हेमा जी। पर इतने नामचीन कलाकारों के होते हुए भी ये फिल्म रुपहले परदे का मुंह नहीं देख पाई। फिल्म का संगीत दिया था पंचम के मुख्य सहायक बासु चक्रवर्ती ने और बोल थे मजरूह सुल्तानपुरी साहब के। मेरे एक मित्र जो कि जगजीत के बड़े प्रशंसक है ने मुझे अपनी कलेक्शन से ये नग्मा सुनाया। जगजीत की आवाज़ के साथ मुखड़े में मजरूह की कविता मुझे इतनी प्यारी लगी कि मैं उनके कमरे से ये पंक्तियां गुनगुनाता हुआ निकला था शफ़क़ हो, फूल हो, शबनम हो, माहताब हो तुम नहीं जवाब तुम्हारा, कि लाजवाब हो तुम मैं कैसे कहूँ जानेमन, तेरा दिल सुने मेरी बात ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला ये ही हैं मेरे दिन–रात... शफ़क़ (सूर्य के निकलने और डूबने के समय क्षितिज पर दिखाई देनेवाली लाली), माहताब (चंद्रमा), शबनम (ओस) बासु चक्रवर्ती ने इस गीत को रचा भी क्या खूब कि बिना किसी संगीत के भी मन इस नग्मे के मीठे मीठे ख्यालातों को सुनकर हल्का हो जाता है। जगजीत की आवाज़ में ये रूमानियत सुनने वालों को एक ऐसे मूड में ले जाती थी जहाँ से निकलने में घंटों लग जाते थे। तो आइए सुनते हैं... 02-MAIN KAISE KAHOON JAANEMAN CD MISC-20250824 TRACK#02 6:39 NARGIS-1992; JAGJIT SINGH; BASU CHAKRABORTY; MAJROOH SULTANPURI https://www.youtube.com/watch?v=PcImGhmWUQI मेरा दिल भी कितना पागल है --- फिल्म साजन 1991 फ्रेंच नाटिका सिरानो दे बेरगेरैक से प्रेरित थी ये फिल्म :साजन: 1991की एक ब्लॉकबस्टर हिट फिल्म. उस साल की सबसे ज्यादा बिजनेस करनेवाली फिल्म...संजय दत्त के रोल के लिए पहले आमिर खान से बात की गई, लेकिन उन्होंने इनकार किया.. उन्होंने कहा कि ये स्क्रिप्ट देखकर लगता है कि ये फिल्म ब्लॉकबस्टर हिट होगी लेकिन उनके इमेज का साथ फिल्म का रोल सूट नही होगा...फिल्म नायिका के लिए आयेशा झुलका को सेलेक्ट किया गया.. शूटिंग भी शुरू हुई.. लेकिन पहले ही दिन आयेशा को बहोत तेज बुखार आया..और वो काफी बीमार हो गई और फिल्म से उन्हें निकल जाना पड़ा..इस तरह माधुरी दीक्षित को रोल मिला..फिल्म की शूटिंग 36 दिन में पूरी हुई...निर्देशक लॉरेंस डी'सूजा ने बहोतसी फिल्मों को निर्देशित किया लेकिन यह उनकी एकमात्र ब्लॉकबस्टर फिल्म रही.. फ़िल्म का संगीत बहोत हिट रहा..उस साल का सबसे लोकप्रिय संगीत और दशक का टॉप म्यूजिक में शामिल संगीत रहा इस फिल्म का...सभी गायक उस साल फिल्मफेयर के लिए नामांकित किये गए... 2 फिल्मफेयर जीते इस फ़िल्म ने...बेस्ट म्यूजिक के लिए नदीम-श्रवण ने और मेरा दिल भी कितना पागल है के लिए कुमार सानु ने बेस्ट सिंगर का अवार्ड जीता...युवाओं ने इस फ़िल्म को बहोत पसंद किया... 03-MERA DIL BHI KITAN PAGAL HAI CD MISC-20250824 TRACK#03 5:16 SAAJAN-1991; KUMAR SANU, ALKA YAGNIK; NADEEM-SHRAVAN; SAMEER https://www.youtube.com/watch?v=ngH8Uzz7y7I इश्क़ है ये इश्क़ है Mismatched अगला गाना वो जिसका एक हिस्सा कव्वाली है तो दूसरा हिस्सा ठुमरी की शक्ल में है और इन हिस्सों के बीच में इश्क़ से इबादत का सफ़र तय करता एक रूमानी गीत भी है। ये गीत है "इश्क़ है ये इश्क़ है...."। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि OTT पर Mismatched Season III में सम्मिलित ये गीत Spotify के वॉयरल गीतों की सूची में कई दिनों तक अव्वल नंबर पर बना रहा था। ज़ाहिर है Gen Z ने इस गीत को हाथों हाथ लिया था। राजशेखर ने इस गीत को लिखा पहले और फिर अनुराग ने इसकी धुन बनाई। जहाँ तक मेरी पसंद का सवाल है तो मुझे इस गीत का सबसे प्यारा हिस्सा लगी राग नंद पर आधारित मधुबंती बागची की गायी ठुमरी जिसे अलग से ना जाने मैं कितनी ही बार सुन चुका हूँ। साथ ही इस गीत की दूसरी खासियत रही इश्क़ को सूफियत के रंग में रँगने वाले राजशेखर के लिखे बेहतरीन बोल। राजशेखर कया खूब लिखते हैं... बरसी है मुझ पे मेहर आसमानी, मोहब्बत का देखो असर आसमानी पैरों के नीचे ज़मीं उड़ रही है, है इश्क़ में हर सफ़र आसमानी गीत की शुरुआत कव्वाली से होती है जिसकी शब्द रचना जानदार है। पर राग देश पर आधारित मुखड़े में संगीतकार अनुराग सैकिया की धुन को सुनकर एक डेजा वू का अहसास होता है मानो वो उतार चढाव पहले भी किसी गीत में सुने से हों। कव्वाली में रोमी की गायिकी में सुकून कम शोर ज्यादा सुनाई देता है पर सुकून की इस कमी को वरुण जैन की मखमली आवाज़ और मधुबंती बागची की ठुमरी पूरा कर देती है। मधुबंती की आवाज़ एक अलग ही बुनावट लिए हुए है और उसमें इस बंदिश "मोपे ये करम भी कीजे...लागे नहीं तुम बिन जियरा...ऐसी बेखुदी ही दीजे ...मोपे ये करम भी कीजे" सुनना मन को प्रेम और सुकून से भर देता है। मिसमैच्ड की कहानी किशोरावस्था से युवावस्था की ओर बढ़ते युवाओं की है जिन्हें रिश्ते इसी इश्क़ की बुनियाद पर पल बढ़ तो कभी बिखर रहे हैं। 04-ISHQ HAI YE ISHQ HAI CD MISC-20250824 TRACK#04 5:09 MISMATCHED SEASON 3-2024; ANURAG SAIKIA, ROMY, AMARABHA BANERJEE, VARUN JAIN, MADHUBANTI BAGHI; ANURAG SAIKIA; RAJ SHEKHAR https://www.youtube.com/watch?v=TQqBjSAK52s&t=2s तुम से किरण धूप की... अगले रूमानी गीत को लिखा है अमिताभ भट्टाचार्य ने। Dev D और आमिर जैसी फिल्मों से अपना लगभग दो दशकों का फिल्मी सफ़र तय करने वाले अमिताभ आज के युग के शैलेन्द्र कहे जा सकते हैं। सहज बोलों से जादू पैदा करना उनकी फितरत रही है। हालांकि वो फिल्म उद्योग में एक गीतकार नहीं बल्कि एक गायक बनने आए थे। शुरुआती दिनों में गायिकी का सपना उनके मन में इतना जोर मारता था कि वो गीत लिखते वक्त अपना नाम इंद्रनील रख लेते थे ताकि लोग उन्हें सिर्फ बतौर गायक जानें। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया के इस गीत "तुम से..." को भी उन्होंने इंद्रनील के नाम से लिखा है। पर आज जब वो लोकप्रियता की ऊंचाइयों पर हैं तो उनके द्वारा इस नाम को अपनाने का कारण कुछ दूसरा है। उन्होंने ऐसा फैसला किया है कि जिस फिल्म में सारे गीत उनसे नहीं लिखवाए जाएंगे उसमें वो अपना असली नाम नहीं देंगे। अमूमन मैं ज्यादा फिल्में नहीं देखता पर संयोगवश ये ओटीटी पर देख ली थी। शाहिद कपूर यहां एक ऐसी कन्या के प्यार में पड़े है जो कि एक सामान्य मनुष्य नहीं बल्कि रोबोट है। हालांकि इस गीत से शायद ही आपको इस फिल्म की अलग सी प्रेम कथा का अनुमान मिलेगा। संगीतकार सचिन जिगर ने अमिताभ से ये गीत फिल्म बनने के पहले ही लिखा लिया था। उन्होंने इस गीत को गवाया युवा गायक वरुण जैन से । अलीगढ़ से ताल्लुक रखने वाले वरुण अपनी गायिकी में बहुत कुछ अरिजीत की याद दिला जाते हैं। जिस तरह से उनके गाए चुनिंदा गीत फिल्मों में हिट हो रहे हैं उससे स्पष्ट है कि लोग उनकी आवाज़ को पसंद कर रहे हैं। सचिन जिगर की रची इस गीत की मेलोडी मन को सुकून देती है खासकर तुम से किरण धूप की वाला हिस्सा तो बड़ा प्यारा लगता है। तो आइए आप भी सुनिए इस गीत को अगर आपने न सुना हो इसे अब तक 05- TUM SE CD MISC-20250824 TRACK#05 4:21 TERI BAATON MEIN AISA ULJAH JIYA-2024; SACHIN-JIGAR, RAGHAV CHAITANYA, VARUN JAIN; SACHIN-JIGAR; INDRANEEL (AMITABH BHATTACHARYA) https://www.youtube.com/watch?v=Nnop2walGmM&t=1s कोई इतना खूबसूरत कैसे हो सकता है? अब बारी है उस गीत की जिसे संगीतबद्ध किया एक बार फिर से संगीतकार जोड़ी सचिन जिगर ने, लिखा भी पिछले गीत की तरह अमिताभ भट्टाचार्य ने पर आवाज़ (वो जो इस गीतमाला में पहली बार सुनाई देगी) है विशाल मिश्रा की। यह गीत है फिल्म स्त्री 2 का और यहां बात हो रही है खूबसूरती की। हिंदी फिल्म जगत में नायिका की खूबसूरती पर तमाम गीत लिखे गए हैं। हर गीत में स्त्री की सुंदरता के बारे में नए नए विचार..नई-नई काव्यमय कल्पनाएं। 1968 में इन्दीवर ने फिल्म सरस्वतीचंद के गीतों के लिए बेहद प्यारे शब्द रचे थे। शुद्ध हिंदी में वर्णित उनका सौदर्य बोध सुनते ही बनता था। क्या मुखड़ा था ...चंदन सा बदन, चंचल चितवन धीरे से तेरा ये मुस्काना...मुझे दोष ना देना जगवालों, हो जाऊँ अगर मैं दीवाना. नब्बे के दशक की शुरुआत में 1942 A Love Story फिल्म में जावेद अख्तर साहब का वह गीत आपको जरूर याद होगा जिसमें उन्होंने एक लड़की की खूबसूरती को इतने सारे बिंबों में बांधा था कि कहना ही क्या। वह गीत था एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा। वैसे खूबसूरत शब्द को लेकर नीलेश मिश्रा ने फिर 2005 में फिल्म रोग के लिए लिखा कि खूबसूरत है वो इतना सहा नहीं जाता..कैसे हम ख़ुद को रोक लें रहा नहीं जाता....चांद में दाग हैं ये जानते हैं हम लेकिन....रात भर देखे बिना उसको रहा नहीं जाता पिछले साल अमिताभ भट्टाचार्य ने इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस गीत के लिए क्या खूब लिखा कि धूप भी तेरे रूप के सोने पे, कुर्बान हुई है तेरी रंगत पे खुद, होली की रुत हैरान हुई है तुझको चलते देखा, तब हिरणों ने सीखा चलना तुझे ही सुनके कोयल को, सुर की पहचान हुई है तुझसे दिल लगाए जो, उर्दू ना भी आए तो शख़्स वो शायरी करने लगता है कि कोई इतना खूबसूरत....कैसे हो सकता है? दरअसल ये गीत फिल्म के मूल कथानक के समाप्त होने के बाद आता है जहां वरुण धवन अतिथि कलाकार के रूप में पहली बार अपनी शक्ल दिखाते हैं। आजकल फिल्मी गीतों के बीच कोरस का प्रचलन बढ़ गया है। सचिन जिगर भी इसी शैली का यहां सफल अनुसरण करते दिखते हैं। रही गायिकी की बात तो विशाल मिश्रा का गाने का अपना एक अलग ही अंदाज है। वह हर गाना बड़ा डूब कर गाते हैं। युवाओं का उनका ये तरीका भाता भी है। कबीर सिंह, एनिमल और हाल फिलहाल में सय्यारा में उनके गाए गीत काफी लोकप्रिय हुए हैं। तो आइए सुनते है ये गीत जिसे फिल्माया गया है राज कुमार राव, वरुण धवन और श्रद्धा कपूर पर चलते चलते तो मैं बस आदिल फ़ारूक़ी साहब का ये शेर अर्ज करना चाहूंगा कि न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है 06- KHOOBSURAT CD MISC-20250824 TRACK#06 3:44 STREE 2-2024; VISHAL MISHRA; SACHIN-JIGAR; AMITABH BHATTACHARYA https://www.youtube.com/watch?v=FTI96c3mGG0&list=RDFTI96c3mGG0&start_radio=1 We bring you TereNaalRehna, a ZeeMusicOriginals song sung by Jeet Gannguli & Jyotica Tangri. 07-TERE NAAL REHNA CD MISC-20250824 TRACK#07 4:55 ZEE MUSIC ORIGINALS-2018; JEET GANNGULI, JYOTICA TANGRI; JEET GANNGULI; KUMAAR https://www.youtube.com/watch?v=__CbUV9ayq8 97-ANTMEIN-SIGNOFF – 1:48 BACKGROUND MUSIC-INSTRUMENTAL; RHYTHMS OF MOHABBATEIN; JATIN-LALIT https://www.youtube.com/watch?v=nW7OhIEd_Wo&list=RDnW7OhIEd_Wo&start_radio=1 ---------------------------------------------------------- अंत मे छोटी सी बात ‘An Indian Morning’ की तरफसे: ---------------------------------------------------------- “Either write something worth reading or do something worth writing.” -Benjamin Franklin “या तो पढ़ने लायक कुछ लिखे, या लिखने लायक कुछ करें।” -बेंजामिन फ्रैंकलिन ---------------------------------------------------------- हमारा आपके साथ आज यहीं तक का सफर था. तो चलिए आपसे अब हम विदा लेते है. अगली मुलाकात तक खुश रहिये, स्वस्थ रहिये और हाँ An Indian Morning पर हमसे मिलते रहिये. हंसते रहिये, क्योंकि हंसना निशुल्क है और एक सुलभ दवा है। Well, that's all the time we have with you today! We thank you and hope you have enjoyed our company on this Indian Morning! Please join us next Sunday from 10:00 AM till 11:30 AM for another edition (2637). ‘Seeking the Spirit of India’ through sounds, stories, music & songs with Dr. Harsha Dehejia, I am Kishore Sampat wishing you a wonderful week ahead! STAY safe STOP the spread SAVE lives! STAY TUNED FOR “MUSIC FROM THE GLEN” जिसका मन मस्त है..! उसके पास समस्त है..! आप स्वस्थ रहे, सदा मस्त रहे सुनते रहें, सुनाते रहें, और गुनगुनाते रहिये आपका आज का दिन और आने वाला सप्ताह शुभ हो, नमस्कार! THE END समाप्त
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