An Indian Morning
Sunday December 21st, 2025 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning, celebrating and seeking the spirit of India thru sounds, stories, music & songs.
Namaste!
When words have different colours and colours speak of shades of love
When flowers carry messages and birds sing love songs
It must be An Indian Morning.
And to that Indian Morning, we bid you a fond welcome.
Susvagatam.
A-DR DEHEJIA’S MISC-20251221 33:16
B-ANNOUNCEMENTS MISC-20251221 12:56
BACKGROUND MUSIC: INSTRUMENTAL-GUITAR & SITAR; ANAND SHANKAR
एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए ।
One of my favourite Bhajans sung by the great Hari Om Sharan. It is the call to divine. Gives us the nostalgia of a melodious and divine childhood.
Lyrics:
मन मैला और तन को धोए,
फूल को चाहे, कांटे बोये,
कांटे बोएं
मन मैला और तन को धोए।
करे दिखावा भगति का क्यों,
उजली ओढ़े चादरिया ।
भीतर से मन साफ किया ना,
बाहर माजें गागरिया ।
परमेश्वर नित द्वार पे आया,
तू भोला रहा सोए,
मन मैला और तन को धोए।
कभी ना मन मंदिर में तूने,
प्रेम की ज्योत जगाई,
सुख पाने तू दर दर भटके,
जनम हुआ दुःखदाई,
अब भी नाम सुमिर ले हरी का,
जनम वृथा क्यों खोए,
मन मैला और तन को धोए।
साँसों का अनमोल खजाना,
दिन दिन लुटता जाए,
मोती लेने आया तट पे,
सीप से मन बहलाए,
साँचा सुख तो वो ही पाए,
शरण प्रभु की होए,
मन मैला और तन को धोए।
मन मैला और तन को धोए,
फूल को चाहे, कांटे बोये,
कांटे बोएं
मन मैला और तन को धोए।
01-MAN MAILA AUR TANKO DHOYE CD MISC-20251221 TRACK#01 4:31
PREMANJALI PUSHPANJALI-1994; HARI OM SHARAN; MURLI MANOHAR SWARUP
https://www.youtube.com/watch?v=CRgln1fAAq8&list=RDCRgln1fAAq8&start_radio=1
“An Indian Morning” के सभी दोस्तों को हमारा सलाम! दोस्तों, शेर-ओ-शायरी, नज़्मों, नगमों, ग़ज़लों, क़व्वालियों की रवायत सदियों की है। तो पेश-ए-ख़िदमत है नगमों, नज़्मों, ग़ज़लों और क़व्वालियों की एक अदबी महफ़िल, कहकशाँ।
बंद आँखें करूँ और ख़्वाब तुम्हारे देखूँ
आगे की पायदान पर जो गीत हैं उन्हें चुनने और सुनने का सफ़र मेरे लिए ज्यादा सुरीला और यादगार रहा। इस कड़ी में आज एक ग़ज़ल पेश है जिसे लिखा साहिबा शहरयार ने, धुन बनाई सार्थक कल्याणी और सिद्धार्थ ने और इसे गाया सार्थक ने। ग़ज़लें मेरी कमजोरी रही हैं और आज के गायक अगर इस विधा में कुछ नया करते हैं तो मन बेहद खुश होता है।
दो चीजें मुझे खास तौर पर पसंद आई इस ग़ज़ल में पहली तो सार्थक कल्याणी की गायिकी जिसमें उन्होंने ग़ज़ल के मिज़ाज को बखूबी पकड़ा है और दूसरी उनकी कम्पोजिशन। साहिबा तो ख़ैर एक स्थापित शायरा हैं ही और ये तो हम सब जानते हैं कि ग़ज़ल असरदार तभी हो सकती है जब उसमें इस्तेमाल हुए मिसरों में कुछ वज़न हो। सार्थक ने एक दशक से ज्यादा अवधि तक भारतीय शास्त्रीय संगीत में महारत हासिल करने में अपना समय दिया है। एक रियलिटी शो के दौरान वे ए आर रहमान के संपर्क में आए और पिछले पांच सालों से वे उनके सहायक का काम कर रहे हैं। पिछले साल उन्होंने चमकीला और मैदान जैसी फिल्मों में रहमान के साथ काम किया। रहमान की देखरख में उन्होंने वेस्टर्न हार्मनी पर भी अपनी पकड़ बनाई। शास्त्रीय संगीत का उनका हुनर उनकी गायिकी में स्पष्ट झलकता है।
साहिबा शहरयार जिन्होंने ये ग़ज़ल लिखी है श्रीनगर से ताल्लुक रखती हैं। हालांकि उनके नाम से ये न समझ लीजिएगा कि वो प्रसिद्ध शायर शहरयार से संबंधित हैं।
साहिबा ने इस ग़ज़ल के लिए कुछ उम्दा शेर कहे हैं जो किसी आशिक की मनोदशा को कुछ व्यक्त करते हैं
साहिबा शहरयार कश्मीर से ताल्लुक रखने वाली साहिबा की ग़ज़लों में वादी और फूलों का जिक्र ज़ाहिर तौर पर बार बार होता है।
मुझे इस ग़ज़ल को गुनगुनाना बेहद पसंद है तो चलिए सुनिए और आप भी मेरी तरह शुरू हो जाइए
02-BANDH AANKHEIN CD MISC-20251221 TRACK#02 3:24
MUHAFIZ-2024; SARTHIK KALYANI; SIDDHARTH CHOPRA; SAHIBA SHEHARYAR
https://www.youtube.com/watch?v=9P8GOfHRxvU
ZINDAGI SE BADI SAZA HI NAHIN
This ghazal was written by Krishna Bihari Noor and sung by Jagjit Singh in his album Hungama Kyun Hai Barpa’
Playing some heavenly tunes on the sitar, Sitar Maestro Ustad Shujaat Khan takes the audience on a musical journey,
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं
और क्या जुर्म है पता ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं
इतने हिस्सों में बट गया हूँ मैं
इतने हिस्सों में बट गया हूँ मैं
इतने हिस्सों में बट गया हूँ मैं
मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं
मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं
सच घटे या बढ़े तो सच ना रहे
सच घटे या बढ़े तो सच ना रहे
सच घटे या बढ़े तो सच न लगे
झूठ कोई इम्तिहान ही नहीं
झूठ कोई इम्तिहान ही नहीं
जड़ तू चाँदी में चाहे सोने में
जड़ तू चाँदी में चाहे सोने में
जड़ तू चाँदी में चाहे सोने में
आईना झूठ बोलता ही नहीं
आईना झूठ बोलता ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं
और क्या जुर्म है पता ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं
03-ZINDAGI SE BADI SAZA HI NAHIN CD MISC-20251221 TRACK#03 6:28
JASHN-E-REKHTA-2020; USTAD SHUJAT HUSSAIN KHAN; KRISHNA BIHARI NOOR
https://www.youtube.com/watch?v=2ZWE-bVbveg&list=RD2ZWE-bVbveg&start_radio=1
चरणदास को जो पीने की आदत न होती...सामाजिक जिम्मेदारियों को भी निभाते थे "गोल्डन इरा" के गीतकार
सी. रामचन्द्र और किशोर कुमार के संगम से बने आज का यह गीत है १९५४ की फ़िल्म 'पहली झलक' का - "चरणदास को पीने की जो आदत ना होती, तो आज मिया बाहर बीवी अंदर ना सोती"। 'पहली झलक' के निर्देशक थे एम. वी. रमण और इसमें मुख्य भूमिकायें निभायी किशोर कुमार और वैजयंतीमाला ने।
किशोर कुमार की आवाज़ में फ़िल्म 'पहली झलक' का यह गीत लिखा था राजेन्द्र कृष्ण ने। हास्य रस पर आधारित इस गीत में राजेन्द्र कृष्ण ने कई ज़रूरी बातें हँसी हँसी और मज़ाक मज़ाक में कह गये, लेकिन अगर ग़ौर से इस गीत को सुना जाए तो आपको पता चल जाएगा कि किस ज़रूरी बात की तरफ़ इशारा किया गया है। भले ही हास्य-व्यंग का सहारा लेकर किशोर कुमार की गुदगुदानेवाली अंदाज़ में इस गीत को पेश किया गया है, लेकिन सही अर्थ में यह गीत एक संदेश है । दोस्तों, ज़िंदगी बहुत ख़ूबसूरत है, नशीली है, इसका आनंद उठाइए ज़िंदगी के नशे में डूबकर, शराब के नशे में डूबकर नहीं। फिलहाल ये संजीदे बाते रहने देते हैं एक तरफ़ और मुस्कुराते हुए सुनते हैं किशोरदा का गाया यह गीत।
04-CHARANDAS KO JO PEENE KI ADAT NA HOTI CD MISC-20251221 TRACK#04 5:31
PEHLI JHALAK-1954; KISHORE KUMAR; C. RAMCHANDRA; RAJINDER KRISHAN
https://www.youtube.com/watch?v=TCAhvlWi1Ig&list=RDTCAhvlWi1Ig&start_radio=1
बेकरार करके हमें यूँ न जाइये....हेमंत दा का नशीला अंदाज़
'An Indidan Morning' में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। दोस्तों, कुछ श्रोताओं ने हमसे हेमन्त कुमार के गाए कुछ और गीत सुनवाने का अनुरोध किया था। तो आज उन सभी श्रोताओं की फ़रमाइश पूरी हो रही है क्यूंकि आज हम आप तक पहुँचा रहे हैं हेमन्तदा का गाया फ़िल्म 'बीस साल बाद' का एक बड़ा ही चुलबुला सा गाना। दोस्तों, हेमन्तदा ने अपने बैनर 'गीतांजली पिक्चर्स' के तले कुछ 'सस्पेन्स थ्रिलर' फ़िल्मों का निर्माण किया था और इस सिलसिले की पहली फ़िल्म थी 'बीस साल बाद' जो बनी थी सन् १९६२ में। बिरेन नाग निर्देशित इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार थे विश्वजीत और वहीदा रहमान। विश्वजीत पर हेमन्तदा की आवाज़ कुछ ऐसी जमी कि आगे चलकर प्रदीप कुमार की तरह विश्वजीत के लिए भी दादा ने एक से बढ़कर एक पार्श्वगायन किया। जो गीत आज हम आपको सुनवा रहे हैं फ़िल्म 'बीस साल बाद' से और वह गीत है "बेक़रार करके हमें यूँ न जाइए, आपको हमारी क़सम लौट आइए"।
'बीस साल बाद' फ़िल्म के इस गीत की खासियत यह है कि गीत का संगीत पाश्चात्य होते हुए भी इसमें इतनी ज़्यादा मेलडी है कि एक बार जिसने यह गीत सुबह को सुन लिया तो दिन भर बस इसी के बोल उसके लबों पर थरथराते रहते हैं। कहने का मतलब यह है कि इस गीत का असर इतना व्यापक है कि एक बार सुनते ही गीत होठों पर चढ़ जाता है और बहुत देर तक उतरने का नाम नहीं लेता। शक़ील बदायूनी ने भी क्या ख़ूब बोल लिखे हैं । तो लीजिए हेमन्त कुमार के चाहनेवालों के लिए यह ख़ास नज़राना पेश-ए-ख़िदमत है आज के 'An Indian Morning' में।
05-BEQARAAR KARKE HUMEIN YUN NA JAIYE MISC-20251221 TRACK#05 3:36
BEES SAAL BAAD-1962; HEMANT KUMAR; HEMANT KUMAR; SHAKEEL BADAYUNI
https://www.youtube.com/watch?v=9fYs8x3DxPw&list=RD9fYs8x3DxPw&start_radio=1
मेरे महबूब क़यामत होगी....दर्द और वहशत में डूबी किशोर की आवाज़
गीतकार - संगीतकार जोड़ियों की जब बात चलती है तो आनंद बक्शी और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी उसमें एक ख़ास जगह रखती है। आनंद बक्शी साहब ने सब से ज़्यादा गाने इसी लक्ष्मी-प्यारे की जोड़ी के लिए लिखे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सुरीले संगम की शुरुआत कहाँ से हुई थी? मेरा मतलब है वह कौन सा पहला गीत था बक्शी साहब का जिसमें संगीत दिया था एल-पी ने? वह गीत था 'मिस्टर एक्स इन बाम्बे' फ़िल्म का "मेरे महबूब क़यामत होगी, आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी"। और यही गीत आज पेश है 'An Indian Morning' में। 'मिस्टर एक्स इन बाम्बे' सन् १९६४ की फ़िल्म थी जिसका निर्देशन किया था शांतिलाल सोनी ने। किशोर कुमार और कुमकुम अभिनीत यह फ़िल्म आज याद किया जाता है तो बस इसके ख़ूबसूरत गीत संगीत की वजह से।
जब आनंद बक्शी साहब ने यह गीत लिखा और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने उसकी धुन बनाकर किशोर कुमार के घर पहुँचे तो वहाँ पर क्या हुआ, पढ़िए ख़ुद प्यारेलाल के शब्दों में जो उन्होने बताया था विविध भारती के 'उजाले उनकी यादों के' कार्यक्रम के दौरान - "जब हम गाना लेकर गये किशोर-जी के पास और गाना सुनाया उनको, तो वो इतना ख़ुश हुए, वो जा कर घर के सारे नौकरों को बुलाया, बाहर से 'वाचमैन' को भी बुलाया, मैं बता रहा हूँ आपको, यह कोई फ़िल्मी बात नहीं कर रहा हूँ मैं, 'वाचमैन' को बुलाया बाहर से, सब को बुलाया और बोले कि 'देखो, ये लड़के लोग कितना अच्छा 'म्युज़िक' किया है, कितना अच्छा 'म्युज़िक' किया है, गायो, गायो, गायो!' किशोरजी जो हैं ना, मैं बताऊँ आपको, दरसल वो सब से मज़ाक करते थे, लेकिन वो बहुत ही संजीदे किस्म के इन्सान भी थे। बहुत गम्भीर आदमी थे, उन्होने कभी हमारा मज़ाक नहीं किया, बात करते वक़्त, और हमेशा मुझसे बात करते थे तो 'सॊफ़्ट', संगीत के बारे में बात करते थे और ख़ास कर उनको 'वेस्टर्न म्युज़िक' का बहुत शौक था।" तो पढ़ा दोस्तों आपने प्यारेलाल ने क्या कहा है किशोर कुमार के बारे में और ख़ास कर इस गीत के बारे में! तो लीजिए, प्रस्तुत है किशोर कुमार के दर्दभरे अंदाज़ की मिसाल आज 'An Indian Morning' में।
06-MERE MEHBOOB QAYAAMAT HOGI CD MISC-20251221 TRACK#06 5:40
MR. X IN BOMBAY-1964; KISHORE KUMAR; LAXMIKANT-PYARELAL; ANAND BAKSHI
https://www.youtube.com/watch?v=IuZd1y2UMbI&list=RDIuZd1y2UMbI&start_radio=1
We wish MERRY CHRISTMAS to all our listeners, particularly to all our Christian listeners.
08-TERI MERI MERRY CHRISTMAS CD MISC-20251221 TRACK#08 3:33
TERI MERI CHRISTMAS-2007; USHA UTHUP; NEEL DUTT & ANJAN DUTT
https://www.youtube.com/watch?v=hRlyhAg75WM
97-ANTMEIN-SIGNOFF – 2:31
BACKGROUND MUSIC;
05-CHRISTMAS CAROLS MASHUP-2017; SEON ALMEIDA
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अंत मे छोटी सी बात ‘An Indian Morning’ की तरफसे:
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“You may think grass is greener on the other side, but if you take the time to water your own grass it would be just as green.”
-Anonymous
“हो सकता है दूसरी ओर की घास अधिक हरी लगे, लेकिन अगर आप अपनी घास को पानी देने का समय निकालें तो यह भी उतनी ही हरी लगेगी।”
-अज्ञात
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हमारा आपके साथ आज यहीं तक का सफर था. तो चलिए आपसे अब हम विदा लेते है. अगली मुलाकात तक खुश रहिये, स्वस्थ रहिये और हाँ An Indian Morning पर हमसे मिलते रहिये. हंसते रहिये, क्योंकि हंसना निशुल्क है और एक सुलभ दवा है।
Well, that's all the time we have with you today! We thank you and hope you have enjoyed our company on this Indian Morning! Please join us next Sunday from 10:00 AM till 11:30 AM for another episode (2654). ‘Seeking the Spirit of India’ through sounds, stories, music & songs with Dr. Harsha Dehejia, I am Kishore Sampat wishing you a wonderful week ahead!
STAY safe STOP the spread SAVE lives!
HAPPY HOLIDAYS!
HAPPY HANUKKAH!
MERRY CHRISTMAS!
STAY TUNED FOR
“MUSIC FROM THE GLEN”
जिसका मन मस्त है..!
उसके पास समस्त है..!
आप स्वस्थ रहे, सदा मस्त रहे
सुनते रहें, सुनाते रहें, और गुनगुनाते रहिये
आपका आज का दिन और आने वाला सप्ताह शुभ हो, नमस्कार!
THE END समाप्त
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Merry Christmas!
11:25 AM, December 21st, 2025