An Indian Morning
Sunday December 1st, 2024 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning, celebrating and seeking the spirit of India thru sounds, stories, music & songs.
Namaste!
There are many ways in which we write in India. Shakuntala wrote a love letter to Dushyanta with her nails on a lotus leaf. The Buddhist write their prayers on a fabric and create a flag so that it can spread in every direction. The Jains wrote their sacred words on paper and made a pothi of the Kalpa Sutra. King Ashoka wrote his lyrics on stone.
But, let us this Sunday morning write the songs and stories of India on the sky with the Akashwani of 93.1 FM.
A-DR DEHEJIA’S MISC-20241201 27:55
1. SACRED SOUND OF AUM, PRANAVA MANTRA; PANDIT RAVI SHANKAR
2. SABSE OONCHI PREM SAGAI; SURDAS BHAJAN; PURSHOTAM DAS JALOTA
3. TARANA – THILLANA; A DANCE NUMBER; STUDENTS OF KURUKSHETRA
4. AAJ SHYAM MOHO LINO BASURI BAJAY KE; THUMARI, RAAG MISHRA KHAMAJ; VINAY BHIDE
5. ZINDAGI KE SAFAR MEIN; SHRADHANJALI TO ANCESTORS
6. NIS DIN BARSAT NAIN HAMARE; BHAKTA SURDAS; KUNDAN LAL SAIGAL
7. MEDLEY OF OLD SONGS
B-ANNOUNCEMENTS MISC-20241201 11:02
BACKGROUND MUSIC; JAUNPURI (GAT)
आप सभी को किशोर सम्पट का प्यार भरा नमस्कार।
आज ०१ दिसंबर रविवार का दिन है, आप की ज़िन्दगी का एक और नया दिन। आज का दिन शुभ और मंगल मई हो।
प्रस्तुत हैं एक प्रार्थना सोनू निगम की आवाज़ में. "हरी मेरे घर को ये वर दो", अजय झिंगरन के बोल और रवि पवार की तर्ज | एल्बम 'संस्कार' जो १९९८ में रिलीज़ हुई थी |
01-HARI MERE GHAR KO YE VAR DO CD MISC-20241201 TRACK#01 5:09
SANSKAR-1998; SONU NIGAM; RAVI PAWAR; AJAY JHINGRAN
https://www.youtube.com/watch?v=WlFS93FlzpM
दोस्तों "कहकशां" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में । करते थे वो सलाम-महबूब मेरे एल्बम १९९५ आपको एक गैर फ़िल्मी गीत सुनवाते हैं गायक अनवर की आवाज़ में. ये एक गज़ल है अनवर फर्रुखाबादी की लिखी हुई जिसका संगीत भी अनवर(गायक) ने तैयार किया है. अनवर फर्रुखाबादी ने कुछ गीत ही लिखे हैं फिल्मों के लिए।
02-KARTE THHE WOH SALAM ABHI KAL KI BAAT HAI CD MISC-20241201 TRACK#02 4:20
MEHBOOB MERE-1995; ANWAR; ANWAR; ANWAR FAROOQABADI
https://www.youtube.com/watch?v=JF7x2SqtgEA
चाहा है तुझको-मन १९९९
चाह, चाहना इत्यादि थीम के अंतर्गत अगला गीत सुनते हैं जो फिल्म मन से है। १९९९ की फिल्म मन में आमिर खान और मनीषा कोइराला की मुख्या भूमिकाएं हैं।
फिल्म के सभी गीत लोकप्रिय हैं और इन्हीं में से आज सुनेंगे जो उदित नारायण और अनुराधा पौडवाल का गाया हुआ है। समीर के बोल और संजीव दर्शन का संगीत
है।
03-CHAHA HAI TUJHKO CHAHOONGA HARDAM CD MISC-20241201 TRACK#03 4:53
MANN-1999; UDIT NARAYAN, ANURADHA PAUDWAL; SANJEEV-DARSHAN; SAMEER
https://www.youtube.com/watch?v=SUnD-B1JQZk
हमेशा तुमको चाहा-देवदास २००२
चलचित्र कथानक देवदास के नवीनतम संस्करण से एक गीत सुनते हैं आज। शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास बीसवी सदी की सबसे चर्चित कृतियों में से एक है। उल्लेखनीय है ये उपन्यास उन्होंने १७ वर्ष की उम्र में लिखा डाला था।
देवदास उपन्यास पर फ़िल्में कई भाषाओँ में बनायीं का चुकी है। उपन्यास पर सबसे पहले मूक युग में फिल्म बनी थी। १९३६ की देवदास बनने के पहले इसे बंगाली भाषा में बनाया जा चुका था।
नुसरत बद्र के बोल हैं और इस्माईल दरबार का संगीत। इसे गाया है कविता कृष्णमूर्ति और उदित नारायण ने।
04-HAMESHA TUMKO CHAHA CD MISC-20241201 TRACK#04 4:47
DEVDAS-2002; KAVITA KRISHNAMURTHY, UDIT NARAYAN; ISMAIL DARBAR; NUSRAT BADR
https://www.youtube.com/watch?v=hS5Gea81kxI
तू है तो मुझे, फिर और क्या चाहिए
An Indian Morning में शामिल आज का ये गीत शायद ही आपने न सुना हो क्योंकि पिछले साल एफएम रेडियो पर खूब बजा और यू ट्यूब पर भी करोड़ों लोगों की पसंद बना। दरअसल हर फिल्म में एक ऐसा गीत रखने की कोशिश होती है कि जो फिल्म रिलीज़ के पहले ही इतनी लोकप्रियता अर्जित कर ले कि लोग उसे पर्दे पर देखने के लिए सिनेमाघरों में खिंचे चले जाएं। संगीतकार हैं सचिन जिगर। सचिन यानि सचिन संघवी और जिगर यानि जिगर सरैया की ये जोड़ी फिल्म जगत में ये पिछले डेढ़ दशक से सक्रिय हैं।
सचिन जिगर की जोड़ी को विश्वास था कि ज़रा हटके ज़रा बचके फिल्म के लिए बनाई उनकी इस धुन और अमिताभ भट्टाचार्य के लिखे बोलों में ये बात है, बस वो एक ऐसा गायक लेना चाहते थे जो इस धुन और बोलों को अपनी गायिकी से जनता के हृदय में ले जा सके। अब इस काम के लिए अरिजीत सिंह से बेहतर गायक कौन हो सकता था? वैसे भी सचिन जिगर की इस गुजराती संगीतकार जोड़ी का अरिजीत से पुराना राब्ता रहा है। अमिताभ का लिखा मुखड़ा सचिन जिगर की धुन के साथ जल्द ही जुबां पर चढ़ता है। मुखड़े के अलावा मुझे इस गीत की सबसे प्यारी पंक्ति ज़ख्मों को मेरे मरहम की जगह बस तेरा छुआ चाहिए लगती है। वाद्य यंत्रों में सचिन जिगर ने बांसुरी और गिटार का प्रमुखता से किया है पर गीत की जान सचिन जिगर की धुन और अरिजीत की गायिकी ही है।
05-PHIR AUR KYA CHAHIYE CD MISC-20241201 TRACK#05 4:27
ZARA HATKE ZARA BACHKE-2023; ARIJIT SINGH; SACHI-JIGAR; AMITABH BHATTACHARYA
https://www.youtube.com/watch?v=PR_mFnjFidk
कल रात आया मेरे घर इक चोर
कई अच्छे स्वतंत्र गीत बनते हैं और गुमनामी के अँधेरों में खो जाते हैं पर वहीं दूसरी ओर ऐसे भी गीत हैं जो बिना किसी प्रचार के ही वायरल हो जाते हैं। गीत के सेट और अपनी वेशभूषा पर आप चाहे जितनी भी खर्च करें वो सिर्फ कुछ दिनो् तक देखने सुनने वालों का ध्यान खींच सकता है। उसके बाद तो गीत के बोल, धुन और आवाज़ ही लोगों की याददाश्त में रह पाते हैं। प्रस्तुत गीत रिलीज़ तो हुआ था पिछले साल दिसंबर में पर उसके दो महीने बाद तक किसी ने उसकी खोज ख़बर नहीं ली थी। फिर फरवरी के आख़िर में एक ही हफ्ते में इंटरनेट पर वो ऐसा वायरल हुआ कि बॉलीवुड की अभिनेत्रियों से लेकर छोटे छोटे स्कूल के बच्चे भी उस पर ताबड़तोड़ रील बनाने लगे।
जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ गीत कल रात आया मेरे घर इक चोर की। इस गीत को गाया, लिखा और धुन से सजाया एक ऐसे शख़्स ने जिसका वास्तविक नाम अभी तक लोगों को पता नहीं। दुनिया के लिए उन्होंने अपना एक अजीब सा नाम रखा है और वो है जुस्थ। उनसे जब ये सवाल किया जाता है तो वो कहते हैं कि आख़िर नाम में क्या रखा है, आप उसके पीछे के व्यक्ति को देखिए। जुस्थ एक चार्टेड एकाउटेंट थे। वो सब छोड़ छाड़ कर संगीत की दुनिया में चले आए। अमेरिका में कई जगहों पर अपने शो कर चुके हैं पर आजकल मुंबई में उनका बसेरा है। अपने से लिखते हैं, गाते हैं, गिटार भी खुद ही बजाते हैं और फिर यूँ ही बिना किसी प्रचार के अपने गाने रिलीज़ कर देते हैं। अगर उनका ये चोर ना आया होता तो हम आज जुस्थ के बारे में बातें भी नहीं करते। चोर के बोलों को गौर से सुनेंगे तो पाएँगे कि उसमें जीवन से लेकर मुक्ति तक की पूरी फिलासफी छुपी है। इस गीत को सुनकर मुझसे सबसे पहले रब्बी शेरगिल का गीत बुल्ला कि जाणा मैं कौन याद आ गया था जिसमें दार्शनिकता का ऐसा ही पुट था।
अगर इस गीत की बात करें तो यहाँ भी चोर तो बस एक बिंब है जिसे जुस्थ ने एक गहरी बात कहने के लिए इस्तेमाल किया है।
जुस्थ की आवाज़ में एक प्यारी सी ठसक है। गीत में चोर को लाने का उनका विचार भी मज़ेदार है और चैतन्य द्वारा संयोजित किया गया गिटार पर आधारित संगीत, कानों में रस घोलता है।
It’s the self realisation that "we are nothing but soul" , that chor is the realisation. When we realise we are just souls, we have no faith, we have no religion, we don't need a house, we have no fear. This song is for someone who realised last night who he/she is actually. Love this song from the core of my heart.
इन सबसे बड़ी बात ये कि इस गाने की पंक्तियों को आप इमोट कर सकते हैं । मतलब रील बनाने के लिए ये गीत सर्वथा उपयुक्त है। तो आइए सुनते हैं बनारस में फिल्माए इस गहरे पर मज़ेदार गीत को जुस्थ की आवाज़ में…
06-KAL RAAT MERE GHAR AAYA EK CHOR CD MISC-20241201 TRACK#06 3:23
CHOR-2023; JUSTH
https://www.youtube.com/watch?v=Gg48H-lrZHo
बाबूजी भोले भाले दुनिया फरेबी है जी
जो गीत बजने जा रहा है वो किसी फिल्म का नहीं है बल्कि एक वेब सीरीज का है। ये वेब सीरीज है जुबली। जुबली की कहानी चालीस पचास के दशक के बंबइया फिल्म जगत के इर्द गिर्द घूमती है। अमित त्रिवेदी को जब इस ग्यारह गीतों वाले एल्बम की बागडोर सौंपी गई तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि किस तरह चालीस और पचास के दौर के संगीत को पेश करें कि उसे आज की पीढ़ी भी स्वीकार ले और उस दौर के संगीत का जो मिज़ाज था वो भी अपनी जगह बना रहे। अमित हमेशा ऐसी चुनौतियों का सामना करते रहे हैं। आमिर, देव डी, लुटेरा और हाल फिल हाल में उनकी फिल्म कला के संगीत ने खासी वाहवाहियाँ बटोरी हैं। अमित अपने इस प्रयास में कितने सफ़ल हुए हैं वो इसी बात से समझ आ जाता है कि जब भी आप इस एल्बम का कोई नग्मा सुनते हैं तो एक साथ आपके ज़ेहन में उस दौर के तीन चार गीत सामने आ जाते हैं जिसकी संगीत रचना और गायिकी का कोई ना कोई अक्स जुबली के नग्मे में नज़र आ जाता है।
अब आज जुबली के गीत बाबूजी भोले भाले की जाए तो सुनिधि चौहान की गायिकी का अंदाज़ आशा जी और गीता दत्त के अंदाज़ से मेल खाता दिखेगा वहीं गीत की संगीत रचना और फिल्मांकन आपको एक साथ शोला जो भड़के, मेरा नाम चिन चिन चू और बाबूजी धीरे चलना जैसे गीतों की याद दिला दे जाएगा। कौसर मुनीर के मज़ाहिया बोल मन को गुदगुदाते हैं और उन बोलों के बीच में आइ डी राव का बजाया वुडविंड और वादक गिरीश विश्व के ढोलक की जुगलबंदी थिरकने पर मजबूर कर देती है।
तो आइए मासूमियत को धता बताते हुए टेढा होने की वकालत करते इस गीत का आनंद लीजिए। इस गीत को फिल्माया गया है वामिका गब्बी पर जो इससे पहले ग्रहण में नज़र आयी थीं। साथ ही आपको दिखेंगे राम कपूर बिल्कुल अलग से गेट अप में
07-BABUJI BHOLE BHAALE CD MISC-20241201 TRACK#07 4:04
JUBILEE-2023; SUNIDHI CHAUHAN; AMIT TRIVEDI; KAUSAR MUNIR
https://www.youtube.com/watch?v=mRk_1aDq9i0
97-ANTMEIN-SIGNOFF – 2:26
BACKGROUND MUSIC: JUGALBANDI-MAHARASHTRIAN THOLKI; NILESH PARAB, KRUSHNA MUSLE & GLOBAL MUSIC
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अंत मे छोटी सी बात ‘An Indian Morning’ की तरफसे:
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“Lots of people want to ride with you in the limo, but what you want is someone who will take the bus with you when the limo breaks down.”
-Oprah Winfrey
“आपको बहुत से लोग मिल जाएंगे जो आपके साथ शानदार कार में सफर करना चाहेंगे, लेकिन आपको उन्हें साथ लेना है जो कार के खराब होने पर आपके साथ बस में भी सफर करना चाहें।”
-ओपराह विनफ्रे
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हमारा आपके साथ आज यहीं तक का सफर था. तो चलिए आपसे अब हम विदा लेते है. अगली मुलाकात तक खुश रहिये, स्वस्थ रहिये और हाँ An Indian Morning पर हमसे मिलते रहिये. हंसते रहिये, क्योंकि हंसना निशुल्क है और एक सुलभ दवा है।
Well, that's all the time we have with you today! We thank you and hope you have enjoyed our company on this Indian Morning! Please join us next Sunday from 10:00 AM till 11:30 AM for another edition (2599). ‘Seeking the Spirit of India’ through sounds, stories, music & songs with Dr. Harsha Dehejia, I am Kishore Sampat wishing you a wonderful week ahead!
STAY safe STOP the spread SAVE lives!
STAY TUNED FOR
“MUSIC FROM THE GLEN”
जिसका मन मस्त है..!
उसके पास समस्त है..!
आप स्वस्थ रहे, सदा मस्त रहे
खुश रहें खुश रखें
आपका आज का दिन और आने वाला सप्ताह शुभ हो, नमस्कार!
THE END समाप्त
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