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An Indian Morning
Sunday December 17th, 2023 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning, celebrating and seeking the spirit of India thru sounds, stories, music & songs.

Namaste! Through Prathana and Prempatra, the Rajah and the Prajah we want you to send messages. Our message this morning is coming to you through Aakashvani of CKCU. Come let’s celebrate the Indian Morning! A-DR DEHEJIA’S MISC-20231217 30:36 01-VASUDHAIVA KUTUMKAM; VARIOUS ARTISTS 02-SAKHI BAAJE PAG PAIJANI; CHATURANG; PURSHOTAM DAS & ANUP JALOTA 03-GAJRA BANAKE LE AA MALANIA; GHAZAL; HABIB WALI MOHAMMAD 04-SAB BANTHAN AAYI SHYAM PYARI; ANUP & PURSHOTAM DAS JALOTA; BINDADEEN MAHARAJ 05-YAAD KIYA DIL NE KAHAN HO TUM; JAGJIT SINGH 06-BIJARI CHAMKE; USTAD RASHID KHAN B-ANNOUNCEMENTS MISC-20231217 11:04 BACKGROUND MUSIC; SITAR; RAGA MISHRA PILU -INH100476730 आज 17 दिसम्बर रविवार का दिन है, आप की ज़िन्दगी का एक और नया दिन। नमस्कार दोस्तों! स्वागत है बहुत बहुत आप सभी का An Indian Morning' की इस सुरीली महफ़िल में। आज एक नई लघु शृंखला का आग़ाज़ हम कर रहे हैं। जी हाँ, देखते ही देखते यह साल भी अब विदाई के मूड में आ गया है। क्योंकि साल के इन आख़िरी कुछ दिनों में हम सभी छुट्टी के मूड में होते हैं, हमारा मिज़ाज हल्का फुल्का होता है, मौसम भी बड़ा ख़ुशरंग होता है, इसलिए हमने सोचा कि इस लघु शृंखला को कुछ बेहद सुरीले प्यार भरे युगल गीतों से सजायी जाये। जब से फ़िल्म संगीत की शुरुआत हुई है, तभी से प्यार भरे युगल गीतों का भी रिवाज़ चला आ रहा है, और उस ज़माने से लेकर आज तक ये प्रेम गीत ना केवल फ़िल्मों की शान हैं, बल्कि फ़िल्म के बाहर भी सुनें तो एक अलग ही अनुभूति प्रदान करते हैं। और जो लोग प्यार करते हैं, उनके लिए तो जैसे दिल के तराने बन जाया करते हैं ऐसे गीत। तो आइए आज अगले कुछ अंकों में हम सुनें ३० के दशक से लेकर ८० के दशक तक में बनने वाली कुछ बेहद लोकप्रिय फ़िल्मी युगल रचनाएँ, जिन्हें हमने आज तक अपने सीने से लगाये रखा है। वैसे तो इनके अलावा भी बेशुमार सुमधुर युगल गीत हैं, बस युं समझ लीजिए कि आँखें बंद करके समुंदर से एक मुट्ठी मोतियाँ हम निकाल लाये हैं, और आँखें खोलने पर ही देखा कि ये मोती कौन कौन से हैं। पेश-ए-ख़िदमत है साल २०23 के 'An Indian Morning' की अंतिम लघु शृंखला 'एक मैं और एक तू'। तो फिर ऐसे में फ़िल्म 'अछूत कन्या' के उस यादगार गीत से ही क्यों ना शुभारम्भ की जाए! "मैं बन की चिड़िया बनके बन बन बोलूँ रे, मैं बन का पंछी बनके संग संग डोलूँ रे"। अशोक कुमार और देविका रानी के गाये इस गीत का उल्लेख आज भी कई जगहों पर चल पड़ता है। और इस गीत को सुनते ही आज भी पेड़ की टहनी पर बैठीं देविका रानी और उनके पीछे खड़े दादामुनि अशोक कुमार का वह दृष्य जैसे आँखों के सामने आ जाता है। मैं बन की चिड़िया बन के.....ये गीत है उन दिनों का जब भारतीय रुपहले पर्दे पर प्रेम ने पहली करवट ली थी 01-MEIN BAN KI CHIDIYA BAN KE MISC-20231217 TRACK#01 2:06 ACHHUT KANYA-1936; ASHOK KUMAR, DEVIKA RANI; SARASWATI DEVI; J. S. KASHYAP https://www.youtube.com/watch?v=ABth5XKNoyE हाथ सीने पे जो रख दो तो क़रार आ जाये....और धीरे धीरे प्रेम में गुजारिशों का दौर शुरू हुआ अब हम आपको सुनवाने जा रहे हैं, नूरजहाँ और जी. एम. दुर्रानी की युगल आवाज़ों में १९४७ की फ़िल्म 'मिर्ज़ा साहिबाँ' का "हाथ सीने पे जो रख दो तो क़रार आ जाये, दिल के उजड़े हुए गुलशन में बहार आ जाये"। संगीतकार पंडित अमरनाथ की यह अंतिम फ़िल्म थी। उनकी असामयिक मृत्यु के बाद उन्हीं के संगीतकार भाइयों की जोड़ी हुस्नलाल और भगतराम ने इस फ़िल्म के गीतों को पूरा किया। अज़ीज़ कशमीरी और क़मर जलालाबादी ने इस फ़िल्म के गानें लिखे जो उस ज़माने में बेहद चर्चित हुए। ख़ास कर आज का प्रस्तुत गीत तो गली गली गूंजा करता था। 02-HAATH SINE PE JO RAKH DO TO KARAR AA JAAYE MISC-20231217 TRACK#02 3:44 MIRZA SAHIBAAN-1947; G. M. DURRANI, NOOR JAHAN; PANDIT AMARNATH, HUSNLAL BHAGATRAM; AZIZ KASHMIRI https://www.youtube.com/watch?v=CMdC70WsVvU भुला नहीं देना जी भुला नहीं देना, जमाना खराब है दगा नहीं देना....कुछ यही कहना है हमें भी 'एक मैं और एक तू' शुंखला में हम क़दम रख रहे हैं ५० के दशक में। अनिल बिस्वास, नौशाद, सी. रामचन्द्र, सचिन देव बर्मन, शंकर जयकिशन, रोशन, ओ. पी. नय्यर, हेमन्त कुमार, सलिल चौधरी जैसे संगीतकारों ने एक से एक नायाब युगल गीत हमें दिए। अब आप ही बतायें कि इस दशक का प्रतिनिधित्व करने के लिए हम इनमें से किस संगीतकार को चुनें। भई हमें तो समझ नहीं आ रहा। इसलिए हमने सोचा कि क्यों ना किसी कमचर्चित संगीतकार की बेहद चर्चित रचना को ही बनाया जाये ५० के दशक का प्रतिनिधि गीत! क्या ख़याल है? तो साहब आख़िरकार हमने चुना लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी का गाया फ़िल्म 'बारादरी' का एक बड़ा ही ख़ूबसूरत युगलगीत "भुला नहीं देना जी भुला नहीं देना, ज़माना ख़राब है दग़ा नहीं देना जी दग़ा नहीं देना"। संगीतकार हैं नौशाद नहीं, नाशाद। नाशाद का असली नाम था शौक़त अली। अजीत और गीता बाली पर फ़िल्माया यह गीत १९५५ के सबसे लोकप्रिय युगल गीतों में शामिल हुआ। ख़ुमार बाराबंकवी ने 'बारादरी' के गानें लिखे थे। 03-BHULA NAHIN DENA MISC-20231217 TRACK#03 3:41 BARADARI-1955; LATA MANGESHKAR, MOHAMMAD RAFI; NASHAAD; KHUMAR BARABANKVI https://www.youtube.com/watch?v=zTvv1wdJGgo दीवाना हुआ बादल, सावन की घटा छायी...जब स्वीट सिक्सटीस् में परवान चढा प्रेम प्रस्तुत है आशा भोसले और मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ों में फ़िल्म 'कश्मीर की कली' का सदाबहार युगल गीत "दीवाना हुआ बादल, सावन की घटा छायी"। युं तो यह १९६४ की फ़िल्म है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है जैसे इस फ़िल्म के गीतों पर वक़्त की ज़रा सी भी आंच नहीं लग पायी है। आज भी इस फ़िल्म के तमाम गानें उसी रूप में ब-दस्तूर बजते चले जा रहे हैं जैसे फ़िल्म के प्रदर्शन के दौर में बजे होंगे। ओ. पी. नय्यर के ६० के दशक की शायद यह सफलतम फ़िल्म रही। शम्मी कपूर, शर्मीला टैगोर और नज़ीर हुसैन अभिनीत इस फ़िल्म के गीत लिखे थे एस. एच. बिहारी साहब ने। 04-DEWAANA HUA BADAL MISC-20231217 TRACK#04 5:45 KASHMIR KI KALI-1964; MOHAMMAD RAFI, ASHA BHOSLE; O. P. NAYYAR; S. H. BIHARI https://www.youtube.com/watch?v=O0I61W2pMss आसमां के नीचे हम आज अपने पीछे, प्यार का जहाँ बसा के चले...लता और किशोर दा अब इस 'एक मैं और एक तू' शृंखला में हमने एक ऐसे ही गीत को चुना है जिसने भी अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। लता मंगेशकर और किशोर कुमार की सदाबहार जोड़ी का यह सदाबहार नग़मा है फ़िल्म 'ज्वेल थीफ़' का - "आसमाँ के नीचे, हम आज अपने पीछे, प्यार का जहाँ बसाके चले, क़दम के निशाँ बनाते चले"। मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे इस गीत को दादा बर्मन ने स्वरबद्ध किया था। 05-AASMAN KE NEECHE MISC-20231217 TRACK#05 4:31 JEWEL THIEF-1967; KISHORE KUMAR, LATA MANGESHKAR; S. D. BURMAN; MAJROOH SULTANPURI https://www.youtube.com/watch?v=bbfQ32vgV0I तुझे प्यार करते हैं करते रहेंगें.... जब प्यार में कसमें वादों का दौर चला हमने जो गीत चुना है, है तो बहुत ही सीधा और हल्का फुल्का, लेकिन बड़ा ही सुरीला और प्यारा। हसरत जयपुरी साहब रोमांटिक गीतों के जादूगर माने जाते रहे हैं, जिनकी कलम से न जाने कितने कितने हिट युगल गीत निकले हैं, जिन्हे ज़्यादातर लता-रफ़ी ने गाए हैं। लेकिन आज हम उनका लिखा हुआ जो गीत आप तक पहुँचा रहे हैं उसे रफ़ी साहब ने लता जी के साथ नहीं, बल्कि सुमन कल्याणपुर के साथ मिलकर गाया है फ़िल्म 'अप्रैल फ़ूल' के लिए। शंकर जयकिशन के संगीत निर्देशन में यह गीत है "तुझे प्यार करते हैं करते हैं करते रहेंगे, के दिल बनके दिल में धड़कते रहेंगे"। 'अप्रैल फ़ूल' १९६४ की फ़िल्म थी जिसके मुख्य कलाकार थे बिस्वजीत और सायरा बानो। 06-TUJHE PYAAR KARTE HAIN KARTE RAHENG MISC-20231210 TRACK#06 5:56 APRIL FOOL-1964; MOHAMMAD RAFI, SUMAN KALYANPUR; SHANKAR-JAIKISHAN; HASRAT JAIPURI https://www.youtube.com/watch?v=vAD33F3s1VM एक मैं और एक तू, दोनों मिले इस तरह....ये था प्यार का नटखट अंदाज़ सत्तर के दशक का "एक मैं और एक तू, दोनों मिले इस तरह, और जो तन मन में हो रहा है, ये तो होना ही था"। नये अंदाज़ में बने इस गीत ने इस क़दर लोकप्रियता हासिल की कि जवाँ दिलों की धड़कन बन गया था यह गीत और आज भी बना हुआ है। उस समय ऋषी कपूर और नीतू सिंह की कामयाब जोड़ी बनी थी और एक के बाद एक कई फ़िल्में इस जोड़ी के बने। 'खेल खेल में' १९७५ में बनी थी जिसका निर्देशन किया था रवि टंडन ने। इस फ़िल्म में राकेश रोशन, अरुणा ईरानी और इफ़्तेखार ने भी अहम भूमिकाएँ अदा की थी। 'खेल खेल में' फ़िल्म में संगीत था राहुल देव बर्मन का और गीत लिखे गुल्शन बावरा ने। 07-EK MAIN AUR EK TU MISC-20231217 TRACK#07 4:36 KHEL KHEL MEIN-1975; KISHORE KUMAR, ASHA BHOSLE; R. D. BURMAN; GULSHAN BAWRA https://www.youtube.com/watch?v=5jFTIydgXMc तू मेरा जानूँ है तू मेरा हीरो है.....८० के दशक का एक और सुमधुर युगल गीत जैसा कि आप इस स्तंभ में सुन और पढ़ रहे हैं फ़िल्म संगीत के सुनहरे दौर की कुछ सदाबहार युगल गीतों से सजी लघु शृंखला 'एक मैं और एक तू', आज ८० के दशक के ही एक और लैण्डमार्क डुएट के साथ हम समापन कर रहे हैं इस शृंखला का। यह वह गीत है दोस्तों जिसने लता और आशा के बाद की पीढ़ी के पार्श्वगायिकाओं का द्वार खोल दिया था। इस नयी पीढ़ी से हमारा मतलब है अनुराधा पौड़वाल, अल्का याज्ञ्निक, साधना सरगम और कविता कृष्णमूर्ती। आज हम चुन लाये हैं अनुराधा और मनहर उधास की आवाज़ों में १९८३ की फ़िल्म 'हीरो' का गीत "तू मेरा जानू है... मेरी प्रेम कहानी का तू हीरो है"। 08-TU MERA JAANU HAI TU MERA HERO HAI MISC-20231217 TRACK#08 7:32 HERO-1983; ANURADHA PAUDWAL, MANHAR UDHAS; LAXMIKANT-PYARELAL; ANAND BAKSHI https://www.youtube.com/watch?v=YuYRQGZqGxE 97-ANTMEIN-SIGNOFF – 2:14 BACKGROUND MUSIC: INSTRUMENTAL-TU MERA JAANU HAI-HERO; UDAY M NAKAR https://www.youtube.com/watch?v=M3OdO9i4wqk ---------------------------------------------------------- अंत मे छोटी सी बात ‘An Indian Morning’ की तरफसे: ---------------------------------------------------------- “Life is like a game of cards. The hand you are dealt is determinism; the way you play it is free will.” -Jawaharlal Nehru “जीवन ताश के खेल के समान है. आपको जो पत्ते मिलते हैं वह नियति है; आप कैसे खेलते हैं वह आपकी स्वेच्छा है.” -जवाहरलाल नेहरु ---------------------------------------------------------- हमारा आपके साथ आज यहीं तक का सफर था. तो चलिए आपसे अब हम विदा लेते है. अगली मुलाकात तक खुश रहिये, स्वस्थ रहिये और हाँ An Indian Morning पर हमसे मिलते रहिये. हंसते रहिये, क्योंकि हंसना निशुल्क है और एक सुलभ दवा है। Well, that's all the time we have with you today! We thank you and hope you have enjoyed our company on this Indian Morning! Please join us next Sunday from 10:00 AM till 11:30 AM for another edition (#2549). ‘Seeking the Spirit of India’ through sounds, stories, music & songs with Dr. Harsha Dehejia and Rakesh Misra, I am Kishore Sampat wishing you a wonderful week ahead! STAY safe STOP the spread SAVE lives! STAY TUNED FOR “MUSIC FROM THE GLEN” जिसका मन मस्त है..! उसके पास समस्त है..! आप स्वस्थ रहे, सदा मस्त रहे आपका आज का दिन और आने वाला सप्ताह शुभ हो, नमस्कार! THE END समाप्त
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