An Indian Morning
Sunday April 16th, 2023 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning, celebrating and seeking the spirit of India thru sounds, stories, music & songs.
आप स्वस्थ रहे, सदा मस्त रहे
Namaste!
And as we welcome you to an Indian morning, let me ask you a question.
When do we say something is Indian?
For certainly being Indian is more than being just present in India.
An object of feeling, a prayer or a gesture, a color or pattern is Indian when it celebrates colors and joyously welcomes festivals.
When we not only venerate Gods in temples but see Gods beyond temples.
When sensuality is the doorway to spirituality whenever Akrutis are the doorway to our Sanskrati.
When we feel that the whole world is our family in above all.
When we in our innermost being experience Ananda
Let us explore that Indianness this morning as we seek the pleasure of your company.
A-DR DEHEJIA’S MISC-20201227 31:43
01-GANESH VANDANA; SHANKAR MAHADEVAN
02-KYA KAHEN HUM TUMHE; USTAD RASHID KHAN, ALKA YAGNIK
03-GHOOMAR GHOOMAR GHAN GARJE; KHAYAL; SANJEET ABHYANKAR
04-AAJ JAANE KI ZID NA KARO; ASHA BHOSE
05-RAVINDRA SANGEET; REBA SOME
B-ANNOUNCEMENTS MISC-20230416 13:13
BACKGROUND MUSIC; ANAND SHANKAR
आप सभी को किशोर सम्पट का प्यार भरा नमस्कार।
आज 16 अप्रैल रविवार का दिन है, आप की ज़िन्दगी का एक और नया दिन। आज का दिन शुभ और मंगल मई हो।
People from different genetic, geographical, linguistic and religious backgrounds offer varying shades, colors and variety in life. This should form a base for greater interest, interaction or attraction between them. There is a lot we can do for the unification of this world by adopting a positive attitude of love and friendship towards all human beings of the global community. There is a saying " I wonder how people find time for hate when life is too short for love."
Take a listen to this devotional song “Sabka Malik Ek Hai” by Mahendra Kapoor from the album “Sabka Malik” released in 2004. Lyrics & Music by Brahma Kumaris.
01-SABKA MALIK EK HAI CD MISC-20230416 TRACK#01 6:27
SABKA MALIK EK-2004; MAHENDRA KAPOOR; BRAHMA KUMARIS
https://www.youtube.com/watch?v=s_p-7BpkAL8
दोस्तों "कहकशां" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में ।
02-AUR AHISTA KIJIYE BAATEIN CD MISC-20230416 TRACK#02 8:00
AHISTA-1999; PANKAJ UDHAS; ZAFAR GORAKHPURI
https://www.youtube.com/watch?v=RKZRFhNP8qQ
सन 1985 में एक फ़िल्म रिलीज हुई थी " सागर " इस फ़िल्म का एक गाना आज भी लोगों के जहन में ताज़ा है " सागर किनारे , दिल ये पुकारे " किशोर दा और लता की आवाज़ ने इस गीत को अमर कर दिया। ये गीत सुन कर ही पंचम दा के हाथ चूमने को मन करता है।
हालाँकि की इस गाने की धुन को वो पहले भी एक बार एक गाने में उपयोग कर चुके थे...
03-SAGAR KINARE CD MISC-20230416 TRACK#03 3:34
SAAGAR-1985; KISHORE KUMAR, LATA MANGESHKAR; R. D. BURMAN; JAVED AKHTAR
https://www.youtube.com/watch?v=Ly49vgfhf_Y
1981 में आयी फ़िल्म नरम गरम (अमोल पालेकर , उत्पल दत्त अभिनीत ) का एक गीत है "हमे रास्तों की जरूरत नही है " सुनियेगा....बस सागर किनारे वाला गाना इसी गाने की कॉपी है...वैसे दोनो ही गाने पंचम दा ने ही कम्पोज किये थे ।
04-HUMEIN RAASTON KI ZAROORAT NAHI HAI CD MISC-20230416 TRACK#04 4:21
NARAM GARAM-1981; ASHA BHOSLE; R. D. BURMAN; GULZAR
https://www.youtube.com/watch?v=r-ygHmPlcG0
1966 में एक फ़िल्म आयी थी, नाम था "ममता "इसी फिल्म का एक गाना था " रहे ना रहे हम, महका करेंगे " इस गाने को लता जी ने गाया था और वो जो हमे रास्तों की जरूरत नही है " और सागर किनारे गाने थे ना ...उन की धुन असल मे इसी गाने से प्रेरित थी ..
वैसे ममता फ़िल्म के संगीतकात पंचम दा नही बल्कि रोशन थे
05-RAHEN RAHEN HUM CD MISC-20230416 TRACK#05 4:29
MAMTA-1966; LATA MANGESHKAR; ROSHAN; MAJROOH SULTANPURI
https://www.youtube.com/watch?v=33bc3ReYKh0
इस से पहले , सन 1964 में धर्मेंद्र जी की एक फिल्म आयी थी "आपकी परछाइयाँ" इस फ़िल्म में एक गाना था " यही है तमन्ना " जिसे रफी साहब ने गाया था और धुन बनाई थी मदन मोहन साहब ने...और "रहे ना रहे हम" इसी धुन को कॉपी कर के बनाया गया था
06-YAHI HAI TAMANNA CD MISC-20230416 TRACK#06 4:50
AAPKI PARCHHAIYAAN-1964; MOHAMMAD RAFI; MADAN MOHAN; RAJA MEHDI ALI KHAN
https://www.youtube.com/watch?v=Tb1SdrjzLWE
अच्छा , इस से पहले सन 1954 में एक फ़िल्म आयी थी "चाँदनी चौक " इस फ़िल्म के संगीतकार थे रोशन साहब , फ़िल्म में आशा भोसले जी ने एक गीत गाया था " तेरा दिल कहाँ है , सब कुछ यहाँ है "
अब ये समझ लो कि वो जो रफी साहब का गाना "यही है तमन्ना " वाला है ना...वो इसी गाने की कॉपी था
07-TERA DIL KAHAN HAI CD MISC-20230416 TRACK#07 2:31
CHANDNI CHOWK-1954; ASHA BHOSLE; ROSHAN; SHAILENDRA
https://www.youtube.com/watch?v=yUtwWpV7vXs
अब , एकदम लास्ट
1954 से भी बहुत पहले 1951 में एक फ़िल्म आयी थी । फ़िल्म का नाम था " नौजवान " और इस फ़िल्म में संगीत दिया था आदरणीय सचिन देव बर्मन जी (SD बर्मन साहब ) ने...इसी फिल्म का एक गीत था जो तब भी बढ़ा हिट हुआ था , क्योंकि उस की धुन ही इतनी आकर्षक थी । गीत के बोल थे " ठंडी हवाएं , लहरा के आये "
और ये ऊपर जितने भी गाने है ना वो सब के सब इस गाने की कॉपी थे फिर चाहे वो सागर किनारे हो , या रहे ना रहे हम हो , हमे रास्तों की जरूरत नही है हो या हमे और जीने की चाहत ना होती...,
इन सभी गांनो की धुन SD बर्मन साहब की बनाई "ठंडी हवाएं" से ही प्रेरित है
अब खुद सुनिए और तय कीजिये की किस ने किसे कॉपी किया है
वैसे , SD बर्मन साहब ने इस धुन का एक छोटा सा हिस्सा एक रेस्टोरेंट में चाय पीते हुए एक पियानो पर सुना था..जिस से प्रेरणा ले कर उन्होंने इतनी खूबसूरत धुन बनाई की जिस से प्रेरित होकर बाद में भी इतने सारे कर्णप्रिय गाने बने..
पियानो वाले का बजाया वो टुकड़ा भी 1939 में आई एक हॉलीवुड मूवी के एक गाने का छोटा सा हिस्सा था ..
कुल मिला कर दुनिया गोल है..,और कौन कहाँ से इंस्पायर हुआ ये तय करना बहुत मुश्किल है...,
पर अपने को क्या...अपने को गाना सुनने से मतलब है... ये सारे गाने सुन लीजिए सब के सब एकदम मस्त है...सेम धुन होते हुए भी हर गाने का अपना अलग मज़ा है..
08-THANDI HAWAYEN LEHRAKE AAYE CD MISC-20230416 TRACK#08 2:31
NAUJAWAN-1951; LATA MANGESHKAR; S. D. BURMAN; SAHIR LUDHIANAVI
https://www.youtube.com/watch?v=Nx2y2tslYBw
97-ANTMEIN-SIGNOFF – 2:10
BACKGROUND MUSIC: INSTRUMENTAL-SAAGAR KINARE; HAWAIIAN GUITAR & ACCORDION; SUNILA NATH & SANJEEV SACHDEVA
https://www.youtube.com/watch?v=Fj5nj1pu6ao
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अंत मे छोटी सी बात ‘An Indian Morning’ की तरफसे:
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“I am bigger than anything that can happen to me. All these things, sorrow, misfortune, and suffering are outside my door. I am in the house, and I have the key.”
-Charles Fletcher Lummis
“मेरे साथ जो कुछ अप्रिय हो सकता है, उन सभी से मैं बड़ा हूं। यह सभी बातें, दुःख, दुर्भाग्य, तथा पीड़ाएं, मेरे दरवाजे से बाहर हैं। मैं घर में हूं तथा मेरे पास घर की चाबी है।”
-चार्ल्स फ्लैचर ल्यूम्मिस
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हमारा आपके साथ आज यहीं तक का सफर था. तो चलिए आपसे अब हम विदा लेते है. अगली मुलाकात तक खुश रहिये, स्वस्थ रहिये और हाँ An Indian Morning पर हमसे मिलते रहिये. हंसते रहिये, क्योंकि हंसना निशुल्क है और एक सुलभ दवा है।
Well, that's all the time we have with you today! We thank you and hope you have enjoyed our company on this Indian Morning! Please join us next Sunday from 10:00 AM till 11:30 AM for another edition (#2514). ‘Seeking the Spirit of India’ through sounds, stories, music & songs with Dr. Harsha Dehejia and Rakesh Misra, I am Kishore Sampat wishing you a wonderful week ahead!
STAY safe STOP the spread SAVE lives!
STAY TUNED FOR
“MUSIC FROM THE GLEN”
आप स्वस्थ रहे, सदा मस्त रहे
आपका आज का दिन और आने वाला सप्ताह शुभ हो, नमस्कार!
THE END समाप्त
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