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An Indian Morning
Sunday January 19th, 2020 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second

An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second one hour features community announcements and ear pleasing music from old/new & popular Indian films. The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind". हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, धन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए। More often than not, I am asked “Why do you play devotional songs and why is that singers singing devotional songs sound so much better?". Well, I would like to narrate the following story. The story illustrates the connection of all Indian music to devotional music. Once Akbar summoned Tansen and said to him: “Tansen, I have heard that you learn to sing from your guru Haridas. How can I hear your guru sing?”. Tansen said: “Your honour, my guru Haridas is a sanyasi. He does not sing for any man. He lives in the forest in abject poverty. If you want to hear him sing then you must go to the forest.” Akbar later on made this journey and went to the forest to listen to Haridas. Upon his return to the palace he summoned Tansen again and said: “Tell me Tansen, how do I treat my musicians?” Tansen said: “Your honour, you are a great patron of the arts. No one can treat artists and musicians better.” Akbar said: “Then why none of my musicians can sing like your guru Haridas?” Tansen said; “Your honour, I shall answer this question only if you give me impunity.” Akbar said: “Do not fear, you can speak your mind.” Tansen said: “Your honour, I am a court musician. I sing to praise you. But you are a mere mortal. My guru Haridas sings to please the Almighty. How can I ever sing like Haridas?” 1952 की फ़िल्म ’बैजु बावरा’ में एक दृश्य है जिसमें बैजु के गुरु हरिदास जी बीमार हैं और बिस्तर से उठ नहीं पा रहे। पर बैजु की आवाज़ में "मन तड़पत हरि दर्शन को आज" सुन कर वो इतने प्रभावित हो जाते हैं, उन पर इस भजन का ऐसा असर होता है कि वो अपने पाँव पर खड़े हो जाते हैं और चल कर अपने शिष्य को गले लगा लेते हैं। "बिन गुरु ज्ञान कहाँ से पाऊँ, दीजो दान हरि गुण गाऊँ, सब गुणी जन पे तुम्हरा राज, तड़पत हरि दर्शन को आज"। फ़िल्म ’बैजु बावरा’ का प्रस्तुत भजन राग मालकौंस पर आधारित है। यह भजन फ़िल्मी भजनों में एक बहुत ऊँचा स्थान रखता है। फ़िल्म-संगीत में इतना दिव्य और अलौकिक काम बहुत कम देखने को मिलता है। और सबसे महत्वपूर्ण जो बात है इस भजन में वह यह कि इस शुद्ध हिन्दी/संस्कृत आधारित भजन के रचयिता तीन मुसलमान कलाकार हैं - शक़ील बदायूंनी, नौशाद अली और मोहम्मद रफ़ी। साम्प्रदायिक सदभाव का इससे बेहतर उदाहरण और कोई नहीं हो सकता! ’बैजु बावरा’ फ़िल्म में बैजु, तानसेन और स्वामी हरिदास की भूमिकाओं में थे क्रम से भारत भूषण, सुरेन्द्रनाथ और राय मोहन। और अब आप यही गीत सुनिए – 01-MAN TARPAT HARI DARSHAN KO AAJ CD MISC-20200119 TRACK#01 4:54 BAIJU BAWARA-1952; MOHAMMAD RAFI; NAUSHAD; SHAKEEL BADAYUNI https://www.youtube.com/watch?v=AczxIEZNb_o 'An Indian Morning' के सभी श्रोता को किशोर संपट का प्यार भरा नमस्कार। प्यार को चाहिए क्या-एक नज़र १९७२ सन १९७२ का एक लोकप्रिय गीत सुनते हैं. ये फिल्म का शीर्षक गीत है जिसमें फिल्म के नाम की गूँज बारंबार होती है. बी आर इशारा की ऑफ बीट फिल्म एक नज़र के प्रमुख कलाकार हैं जया भादुड़ी और अमिताभ बच्चन. फिल्म से ज्यादा इसके गीत चले थे और आज भी बज रहे हैं. गीत लिखे हैं मजरूह ने और संगीतकर हैं लक्ष्मीकांत प्यारेलाल. इस गीत को किशोर कुमार ने गाया है. गीत में एक तीव्र गति का स्लाइड शो है जिसमें तरह तरह के फूल दिखलाये हाते हैं सिवाए गोभी के फूल के. A Passionate and Romantic Song by Kishore Kumar from 1972's Amitabh Bachchan and Jaya Bhaduri starrer movie "Ek Nazar". Film was directed by B.R. Ishara and Music Composed by Laxmikant Pyarelal. 02-PYAR KO CHAHIYE KYA EK NAZAR CD MISC-20200119 TRACK#02 3:54 EK NAZAR-1972; KISHORE KUMAR; LAXMIKANT-PYARELAL; MAJROOH SULTANPURI https://www.youtube.com/watch?v=YR1TofZXiJE कजरा मोहब्बत वाला-किस्मत १९६८ कहते हैं किस्मत मेहरबान तो गधा पहलवान. ये कहावत आपको जीवन के कई पहलुओं में सच साबित होती नज़र आएगी. फ़िल्मी दुनिया भी इससे अछूती नहीं है. आज जिस फिल्म का गीत आपको सुनवा रहे हैं उसका नाम किस्मत है. अच्छी सूरत एक वरदान समान है. केवल शकल सूरत के साथ भी कईयों ने अपनी गाडी बखूबी धकाई है फिल्म जगत में. अभिनय कौशल के बलबूते पर अपना स्थान बनाने वाले बहुत कम हैं. ये बात तकरीबन हर दौर में आपको थोडा बहुत अंतर लिए मिलेगी. अभिनय के मामले में प्रस्तुत फिल्म के नायक (विश्वजीत) औसत रहे अपने जीवन में. नायिका (बबीता) की बात की जाए तो वे औसत से भी कम स्तर पर रहीं. फिल्म के निर्देशक हैं मनमोहन देसाई जिन्होंने हिंदी फिल्म इतिहास की कुछ निहायती माटिक फिल्मों का निर्देशनं किया है. उनका सफलता का औसत दुसरे निर्देशकों से बेहतर रहा और उन्हें सबसे सफल निर्देशकों में गिना जाता है. फिल्म किस्मत की कहानी भी काफी ट्विस्ट लिए है. मनमोहन देसाई की फिल्मों का संगीत लोकप्रिय होता था, इसका भी है. ये गीत विश्वजीत की वेशभूषा की वजह से चर्चा में आया था फिल्म रिलीज़ के वक्त और इस पर कुछ समीक्षकों ने कटाक्ष भी किये था. आज के दौर में हमें ये सब बातें सामान्य लगती हैं. 03-KAJRA MOHABBAT WALA CD MISC-20200119 TRACK#03 6:22 KISMAT-1968; ASHA BHOSLE, SHAMSHAD BEGUM; O.P.NAYYAR; S.H.BIHARI https://www.youtube.com/watch?v=kItK3kQlyko गुस्सा इतना हसीन है-मर्यादा १९७१ फिल्म मर्यादा से अब सुनते हैं किशोर कुमार का गाया तेज गति वाला गीत. आनंद बक्षी का लिखा गीत जिसकी तर्ज़ कल्याणजी आनंदजी ने बनाई है. राजेश खन्ना और माला सिन्हा पर इस गीत को फिल्माया गया है. गीत में एक जगह तौबा तौबा शब्द आते हैं. तीसरी बार तौबा किसने बोला मुझे आज तक नहीं समझ आया, कुछ महमूद जैसी आवाज़ है. 04-GUSSA ITNA HASEEN HAI TO PYAR KAISA HOGA CD MISC-20200119 TRACK#04 2:53 MARYADA-1971; KISHORE KUMAR; KALYANJI-ANANDJI; ANAND BAKSHI https://www.youtube.com/watch?v=xNO_kQ3fTBw चुरा लिया है तुमने जो-यादों की बारात १९७३ फिल्म सिनेमा संगीत के इतिहास के सर्वाधिक लोकप्रिय गीतों में से एक है यादों की बरात का ये रोमांटिक युगल गीत जिसे रफ़ी संग आशा भोंसले ने गाया है. फिल्म रिलीज़ हुई उस वक्त तक रफ़ी-लता के गाये युगल गीत ज्यादा बजते थे और लोकप्रिय हुआ करते थे. फिल्म कारवां में भी रफ़ी-आशा का एक युगल गीत है-अरे हो गोरिया कहाँ तेरा देश रे. वो भी काफी बजा था और आज भी बज रहा है. ये भी एक अजीब इत्तेफाक है कि पंचम के गीतों के सबसे ज्यादा रिमिक्स बने. आज के संगीतकारों में से अधिकाँश उनके मुरीद हैं. वो संगीत कैसा दे रहे हैं वो एक अलग बात है. इस गीत की सफलता में मजरूह सुल्तानपुरी की कलम भी है इसे आप भूलें ना. सुनते हैं ये गीत. 05-CHURA LIYA HAI TUMNE JO DIL KO CD MISC-20200119 TRACK#05 6:09 YAADON KI BARAT-1973; ASHA BHOSLE, MOHAMMAD RAFI; R.D.BURMAN; MAJROOH SULTANPURI https://www.youtube.com/watch?v=QzaGl-jKzf4 HUM DONO MILKE..(TUMHARI KASAM-1978) Wah ! what a song, I love Bollywood film industry & cunning smile of Naveen Nischol in this song . Without these kind of songs at least, life is not possible. Do you not feel to sing this song with your partner while driving towards any hill station in cloudy weather in the month of August. Do you not? Alas for the internet/email/twitter, new technology! 06-HUM DONO MILKE KAGAZ PE DIL KE CD MISC-20200119 TRACK#06 3:53 TUMHARI KASAM-1978; MUKESH, ASHA BHOSLE; RAJESH ROSHAN; ANAND BAKSHI https://www.youtube.com/watch?v=vnwpD2XZ0kM HOTHON SE CHHOO LO TUM..(PREM GEET-1981) 07-HOTHON SE CHHOO LO TUM CD MISC-20200119 TRACK#06 4:57 PREM GEET-1981; JAGJIT SINGH; INDEEVAR https://www.youtube.com/watch?v=Kh9ZDv9SR_Q The Hindu Temple of Ottawa is celebrating India’s popular winter harvest Festivals “LOHRI & PONGAL”, on Sunday, 19th January 2020. There will be a symbolic fire ceremony in the Geeta Bhawan after the Aarti. Bal Mandir children and their parents will greet and direct devotees to the Geeta Bhawan. Traditional sesame seed-coated sweets and Pongal will be served at lunch time. 08-MASSAN LEYA CD MISC-20200119 TRACK#08 4:50 LOHRI GEET-2016; RAJ GHUMAN; HARJESSH BITTU; KIRPAL KANWAL https://www.youtube.com/watch?v=nYhtObewKSk THE END समाप्त
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