An Indian Morning
Sunday March 31st, 2019 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second one hour features community announcements and ear pleasing music from old/new & popular Indian films.
The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind".
01-KRISHNA KRISHNA CD MISC-20190331 TRACK#01 4:02
VANDE GURU PARAMPARAAM-2016; MRINALIN SIVAKUMAR, SINDHUJA SUNDAR, G. BHAVYA, SOORYAGAYATHRI; SRI KULDEEP PAI
https://www.youtube.com/watch?v=xrcgb_NTMiQ
एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए ।
‘An Indian Morning' के सभी दोस्तों का स्वागत है इस सुरीली महफ़िल में। तो दोस्तों, हमने सोचा कि आज की सुबह को थोड़ा सा रंगीन किया जाए फ़िल्म संगीत के सुनहरे दौर की कुछ बेमिसाल क़व्वालियों से। इसलिए An Indian Morning ' पर आज प्रस्तुत है एक या दो नायाब फ़िल्मी कव्वालियाँ'।
मूल रूप से क़व्वाली सूफ़ी मज़हबी संगीत को कहते हैं, लेकिन समय के साथ साथ क़व्वाली सामाजिक मुद्दों पर भी बनने लगे। क़व्वाली का इतिहास ७०० साल से भी पुराना है। जब क़व्वाली की शुरुआत हुई थी, तब ये दक्षिण एशिया के दरगाहों और मज़ारों पर गाई जाती थी। लेकिन धीरे धीरे ये क़व्वालियाँ आम ज़िंदगी में समाने लगी और संगीत की एक बेहद लोकप्रिय धारा बन गई।
बहरहाल प्रथम जिस क़व्वाली को हमने चुना है उसे फ़िल्म जगत की पहली लोकप्रिय क़व्वाली होने का गौरव प्राप्त है। और यही नहीं यह पहली ऐसी क़व्वाली भी है जिसे केवल महिला गायिकाओं ने गाया है। १९४५ की फ़िल्म 'ज़ीनत' की यह क़व्वाली है "आहें ना भरी शिकवे ना किए और ना ही ज़ुबाँ से काम लिया", जिसे गाया था नूरजहाँ, ज़ोहराबाई, कल्याणीबाई और साथियों ने।
यह क़व्वाली ज़्यादा चर्चित रही और इसने वह धूम मचाई कि इसके बाद फ़िल्मों में क़व्वालियों का चलन बढ़ा और इसी धुन को कम ज़्यादा बदलाव कर फ़िल्मी संगीतकार बार बार क़व्वालियाँ बनाते रहे।
फ़िल्म 'ज़ीनत' की यह क़व्वाली फ़िल्मायी गयी थी शशिकला, श्यामा और शालिनी पर।
क्या आप जानते हैं...
कि फ़िल्म 'चौदहवीं का चाँद' में रवि के संगीत से सजी क़व्वाली "शर्मा के युं फिर पर्दानशीं आँचल को सँवारा करते हैं" की धुन फ़िल्म 'ज़ीनत' के इसी क़व्वाली की धुन से प्रेरीत थी।
02-AAHEN NA BHARI SHIKVE NA KIYE CD MISC-20190331 TRACK#02 5:13
ZEENAT-1945; NOOR JAHAN, JOHRABAI AMBALEWALI , KALYANIBAI & CHORUS; HAFEEZ KHAN; NAKSHAB
https://www.youtube.com/watch?v=OIF574cEHuU
हमें तो लूट लिया मिलके हुस्न वालों ने...फ़िल्म 'अल-हिलाल' की मशहूर सदाबहार क़व्वाली जो आज कव्वाल्लों की पहली पसंद है
आइए एक लम्बी छलांग मार कर पहुँच जाते हैं साल १९५८ में। इस साल एक ऐसी क़व्वाली आई थी जिसने इतनी ज़्यादा लोकप्रियता हासिल की कि आने वाले सालों में बहुत से क़व्वालों ने इस क़व्वाली को गाया और आज भी गाते हैं। इस तरह से इस क़व्वाली के बहुत से संस्करण बन गए हैं लेकिन जो मूल क़व्वाली है वह १९५८ के उस फ़िल्म में थी जिसका नाम है 'अल-हिलाल'। जी हाँ, "हमें तो लूट लिया मिलके हुस्नवालों ने, काले काले बालों ने, गोरे गोरे गालों ने"।
इस्माइल आज़ाद और साथियों की गाई इस क़व्वाली को लिखा था शेवन रिज़्वी ने। फ़िल्म में संगीत था बुलो सी. रानी का।
१९५४ में 'बिलवामंगल' फ़िल्म में लोकप्रिय संगीत देने के बाद 'अल-हिलाल' की यह क़व्वाली उनकी मशहूर हुई थी। वैसे यह बताना मुश्किल है कि इस क़व्वाली में उनका योगदान कितना था और इस्माइल आज़ाद के क़व्वाली वाले अंदाज़ का कितना!
लेकिन इस कामयाबी के बावजूद बुलो सी. रानी का करीयर ग्राफ़ ढलान पर ही चलता गया और धीरे धीरे वो फ़िल्म जगत से दूर होते चले गए। 'अल-हिलाल' के निर्देशक थे राम कुमार, और फ़िल्म के नायक नायिका थे महिपाल और शक़ीला।
तो अब सुनिए फ़िल्म 'अल-हिलाल' की मशहूर सदाबहार क़व्वाली।
क्या आप जानते हैं...
कि मशहूर बैनर रणजीत मूवीटोन के जानेमाने संगीतकारों में शुमार होता है बुलो सी. रानी का। रणजीत मूवीटोन में स्वतंत्र संगीतकार बनने से पहले वो ज्ञान दत्त और खेमचंद प्रकाश जैसे संगीतकारों के सहायक हुआ करते थे।
03-HAMEIN TO LOOT LIYA MIL KE HUSNWALONE CD MISC-20190331 TRACK#03 7:12
AL-HEELAL-1958; ISMAIL AZAD; BULO C RANI; SHEWAN RIZVI
https://www.youtube.com/watch?v=XXoxYcO77b0
किसी ने फूल से पूछा जब तुम्हें कोई तोडता हैं तो दर्द नहीं होता
फूल ने कहा दर्द तो होता है परंतु, मैं उस वक्त अपना दर्द भूल जाता हूँ जब मेरी वजह से कोई खुश होता है।
Shaam Suhaani Aayi Khushiyaan Ban Ke Pehli Baar (Zinda Dil - 1975) :
A long forgotten and underrated song soaked in happiness on which the hot pair of Rishi Kapoor and Neetu Singh have given a heart-winning performance. Mahendra Kapoor, Shailendra Singh and Lata Mangeshkar have sung it under the music direction of Laxmikant Pyarelaal whereas the words have been written by Varma Malik.
04-SHAAM SUHAANI AAYI KHUSHIYAAN BAN KE PEHLI BAAR MISC-20190331 TRACK#04 6:16
ZINDADIL-1975; LATA MANGESHKAR, MAHENDRA KAPOOR, SHAILENDRA SINGH; LAXMIKANT-PYARELAL; VARMA MALIK
https://www.youtube.com/watch?v=BZsVt7kEja8
Happiness can exist only in acceptance-George Orwell
Khushiyaan Hi Khushiyaan Hon Daaman Mein Jiske, Kyun Na Khushi Se Who Deewaana Ho Jaaye (Dulhan Wahi Jo Piya Mann Bhaaye - 1977) :
A popular delightful song sung by Yesudas, Hemlata and Bansi Sengupta for Prem Kishan, Shyamalee and Raameshwari in the movie. Lyricist as well as composer is Ravindra Jain.
05-KHUSHIYAAN HI KHUSHIYAAN HO MISC-20190331 TRACK#05 4:45
DULHAN WOHI JO PIYA MANN BHAAYE-1977; YESUDAS, HEMLATA, BANSI SENGUPTA; RAVINDRA JAIN
https://www.youtube.com/watch?v=z2R3mhwDXhk
Dil Ki Girah Khol Do, Chup Na Baitho (RAAT AUR DIN-1965) :
आज भी जीवन मे उमंग औऱ वसंत का अनुभव करवाने वाले ये अनमोल गीत अपने आप मे औषधीय गुणों को लिए जीवंत है और निरंतर कई उन्मांद ओर तनावों को निरस्त कर रहे हैं।
"जो दूर पीछे कहीं रह गये, अब उन्हे मत बुलाओ"...। अतीत के hang ups और उनसे जुड़ी बेचैनियों और आशंकाओं को मन से हल्का कर लेने का संदेश देती, यह एक कितनी अच्छी लाइन। शैलेन्द्र जी के महान गीतों में से एक। उनकी आत्मा को अनेकानेक नमन।
Music Director Shankar Jaikishen were amazing, but they had two jewels in their team Sebastian Dsouza and Dattaram Wadkar as their music arrangers. Sebastian looked after the orchestration and Dattaram was in charge of rhythm section. A gradual flow of this song between Waltz and Dadra taal is the creative genius of Dattaram.
06-DIL KI GIRAH KHOL DO MISC-20190331 TRACK#06 4:18
RAAT AUR DIN-1967; LATA MANGESHKAR, MANNA DEY; SHANKAR-JAIKISHAN; SHAILENDRA
https://www.youtube.com/watch?v=jahdSkHQwwE
Aap Ke Haseen Rukh Pe Aaj Naya Noor Hai (Baharein Phir Bhi Aayegi-1966) :
It is said the O P Nayyar recorded this song with just a handful of instruments because several musicians didn’t show up for the recording on time. Well, a master music maker like OPN didn’t need much to create a wonderful composition anyway! His tune provided the perfect platform for the excellent lyrics by Anjaan (father of lyricist Sameer.) But the element that made this song a masterpiece is arguably the magical delivery by Mohd. Rafi. The way he modulates his voice to evoke the playful romance of the lyrics is just marvelous!
07-AAP KE HASEEN RUKH PE AAJ NAYA NOOR HAI MISC-20190331 TRACK#07 5:24
BAHAREIN PHIR BHI AAYEGI-1966; MOHAMMAD RAFI; O. P. NAYYAR; ANJAAN
https://www.youtube.com/watch?v=GQblX2TmEZI
ताजा सुरताल
Kesari does well in packing as many as seven tracks in there and cuts across genres while still maintaining a consistent sound. The music is the kind that should earn longevity for itself once the film has a long run in theatres.
We bring you “Sanu Kehndi”. Tanishk Bagchi brings on 60s style music for 'Sanu Kehndi'. Set in a retro mode, this one written by Kumaar has a good vintage feel to it in every department, be it composition or lyrics.
Same holds true for the manner in which Romy and Brijesh Shandilya sing this one, hence making it an all-around effort.
08-SANU KEHNDI MISC-20190331 TRACK#08 2:54
KESARI-2019; ROMY & BRIJESH SHANDILYA; TANISHK BAGCHI; KUMAAR
https://www.youtube.com/watch?v=PtCJm7uMcf0
Uthein Sabke Kadam, Dekho Rum Pum Pum, Aji Aise Geet Gaaya Karo (Baaton Baaton Mein - 1979:
And finally, the unforgettable joyous song - Uthein Sabke Kadam, Dekho Rum Pum Pum, Aji Aise Geet Gaaya Karo (Baaton Baaton Mein – 1979) written by Amit Khanna, composed by Rajesh Roshan and sung by Lata Mangeshkar, Amit Kumar and Pearl Padamsee and filmed on Amol Palekar, Tina Munim, Ranjit Chowdhury and Pearl Padamsee.
09-UTHEIN SABKE KADAM MISC-20190331 TRACK#09 4:19
BAATON BAATON MEIN-1978; LATA MANGESHKAR, AMIT KUMAR, PEARL PADAMSEE; RAJESH ROSHAN; AMIT KHANNA
https://www.youtube.com/watch?v=wJtdo-AWSdk
THE END समाप्त
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