An Indian Morning
Sunday September 2nd, 2018 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning celebrates not only the Music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first half of the program features classical and religious music as well as regional and popular music. The seco
An Indian Morning celebrates not only the Music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first half of the program features classical and religious music as well as regional and popular music. The second half features community announcements, Ghazals, Themes, Popular Old & New Bollywood Films music and more.
The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind".
01-KRISHNA JINKA NAAM HAI MISC-20180902 TRACK#01 4:14
KRISHNA BHAJANS-1998; JAGJIT SINGH, CHITRA SINGH
https://www.youtube.com/watch?v=EUcr016Mv5s
HAPPY JANMASHTAMI!
जन्माष्टमी का पर्व घर-घर में व्रत-उपवास कर मनाया जाता है। रात 12 बजे कृष्ण जन्म, आरती और झूला झुलाने की परंपरा का निर्वहन कर, माखन मिश्री और पंजरी का प्रसाद बांट कर हर घर में कृष्ण के आगमन का उत्सव होता है। प्रतीकात्मक रूप में ही सही, वर्ष में एक दिन उसी तिथि पर कन्हैया हमें उन के होने का एहसास जरूर करा देते हैं।
श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में जितना भी लीलाएं रची, वे मन मोह लेने वाली और आनंद से भर देने वाली थीं। फिर चाहे वह माखन चुराकर खाना हो, या फिर गोपियों के संग रास रचाना ..। उनकी नटखट लीलाओं ने उन्हे युवाओं का तो सबसे खास बनाकर रखा है। तभी तो बिल्कुल उनकी तरह मटकी फोड़ कर माखन खाने के लिए जन्माष्टमी पर युवाओं की टोलियां जमकर तैयारियां ही नहीं करती बल्कि अलग-अलग प्रतियोगिताएं भी आयोजित करती हैं।
गोविंदा आला रे आला... जरा मटकी संभाल ब्रजबाला ...
यह गाना तो आपने सुना ही होगा। खास तौर से जैसे-जैसे जन्माष्टमी का पर्व पास आता है, सोशल मीडिया से लेकर गली मोहल्लों में इस गाने के बोल सुनाई देने लगते हैं। हो भी क्यों ना... गोविंदा यानि माखनचोर, बंसी वाले कन्हैया के आगमन की तैयारियां जो जोरों पर होती है। और इन तैयारियों का उत्साह बगैर इस गाने कैसे पूरा हो भला ।
40 SECONDS….MUSIC
Music, Lyrics and Dance of the song “GOVINDA AALA RE AALA” inspire all GOVINDA troops. without playing this song JANMASHTAMI cannot be celebrated. How effortless yet how powerful is the rendition by the King of Melody Mohd Rafi! Equally brilliant is the manner in which Manmohan Desai has filmed it on Shammi Kapoor. Among number of Janmashtami songs, this one stands out best.
02-GOVINDA AALA RE AALA MISC-20180902 TRACK#02 5:48
BLUFF MASTER-1963; MOHAMMAD RAFI; KALYANJI-ANANDJI; RAJINDER KRISHAN
https://www.youtube.com/watch?v=Z60TE_JDsJE
एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यावाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए।
गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लाते हैं। कहा जाता है कि जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता होते हैं। भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है, लेकिन जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
03-HAR KAAMYABI KE PICHHE CD MISC-20180902 TRACK#03 3:14
MOHABBATEIN-2000; AMITABH BACHCHAN
https://www.youtube.com/watch?v=Cdlj92rTSGA
04-MATA SARASWATI SHARDA CD MISC-20180902 TRACK#04 3:22
ALAAP-1977; YESUDAS, DILJIT KAUR, MADHURANI; JAIDEV; RAHI MASOOM RAZA
https://www.youtube.com/watch?v=GuDXlV0EcFw
हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे,
इक खेत नहीं, इक देश नहीं, हम सारी दुनिया मांगेंगे।
यां पर्वत-पर्वत हीरे हैं, यां सागर-सागर मोती हैं
ये सारा माल हमारा है, हम सारा खजाना मांगेंगे।
वो सेठ व्यापारी रजवारे, दस लाख तो हम हैं दस करोड
ये कब तक अमरीका से, जीने का सहारा मांगेंगे।
जो खून बहे जो बाग उजडे जो गीत दिलों में कत्ल हुए,
हर कतरे का हर गुंचे का, हर गीत का बदला मांगेंगे।
जब सब सीधा हो जाएगा, जब सब झगडे मिट जायेंगे,
हम मेहनत से उपजायेंगे, बस बांट बराबर खायेंगे।
हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे,
इक खेत नहीं, इक देश नहीं, हम सारी दुनिया मांगेंगे।
-फैज अहमद 'फैज'
HAPPY LABOUR DAY!
05-HUM MEHNAT KASH IS DUNIYA SE CD MISC-20180902 TRACK#05 3:53
MAZDOOR-1983; MAHENDRA KAPOOR; R. D. BURMAN; HASAN KAMAAL
https://www.youtube.com/watch?v=ZVCdc3MpRXo
सितम्बर ३, १९४० को गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में जन्में प्यारेलाल (लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जोड़ी के) का बचपन बेहद संघर्षभरा रहा। उनका माँ का देहांत छोटी उम्र में ही हो गया था। उनके पिता पंडित रामप्रसाद जी ट्रम्पेट बजाते थे और चाहते थे कि प्यारेलाल वोयलिन सीखे।
पिता के आर्थिक हालात ठीक नही थे, वे घर घर जाते थे जब भी कहीं उन्हें बजाने का मौका मिलता था और साथ में प्यारे को भी ले जाते। उनका मासूम चेहरा सबको आकर्षित करता था। एक बार पंडित जी उन्हें लता जी के घर लेकर गए। लता जी प्यारे के वोयलिन वादन से इतनी खुश हुई कि उन्होंने प्यारे को ५०० रुपए इनाम में दिए जो उस जमाने में बहुत बड़ी रकम हुआ करती थी। वो घंटों वोयलिन का रीयाज़ करते। अपनी मेहनत के दम पर उन्हें मुंबई के रंजीत स्टूडियो के ओर्केस्ट्रा में नौकरी मिल गई जहाँ उन्हें ८५ रुपए मासिक वेतन मिलता था। अब उनके परिवार का पालन इन्हीं पैसों से होने लगा। उन्होंने एक रात्रि स्कूल में सातवें ग्रेड की पढाई के लिए दाखिला लिया पर ३ रुपये की मासिक फीस उठा पाने की असमर्थता के चलते छोड़ना पड़ा। मुश्किल हालातों ने भी उनके हौसले कम नही किए, वो बहुत महत्वकांक्षी थे, अपने संगीत के दम पर अपने लिए नाम कमाना और देश विदेश की यात्रा करना उनका सपना था।
"मैं येहुदी मेनुहिन का जबरदस्त फेन था। मेरा सपना था कि हिन्दुस्तान को हमेशा के लिए छोड़ कर विदेश में जाकर बसने का और किसी अँगरेज़ लड़की से शादी कर वहां सेटल होने का। पर लक्ष्मी जी ने मुझे दोस्ती का वास्ता देकर रोक लिया। राज साहब (राज कपूर) अक्सर कहा करते थे लक्ष्मी जी से - "तुमने दो अच्छे काम किए हैं जीवन में, एक अच्छा संगीत दिया और दूसरा प्यारे को विदेश जाने से रोक लिया"। राज साहब मुझे बहुत स्नेह देते थे।"
दोस्तों, प्यारेलाल जी अपने सांझीदार लक्ष्मीकांत के जाने के बाद ६ सालों तक बीमार और अस्वस्थ रहे। पर अब धीरे धीरे स्वस्थ लाभ पा रहे हैं, और शराब और तम्बाकू से भी निजात पा चुके हैं।
उम्मीद है कि जल्दी ही वो सक्रिय होकर काम करेंगे और इस नई पीढी को भी अपने जादू भरे संगीत से परिचित होने का मौका अवश्य देंगे। सुनते हैं एल पी यादगार नग्मा…
06-EK PYAR KA NAGMA HAI CD MISC-20160904 TRACK#06 11:56
SHOR-1972; LATA MANGESHKAR, MUKESH; LAXMIKANT-PYARELAL; SANTOSH ANAND
https://www.youtube.com/watch?v=ST_WC13rNJo
The life-as-a-journey theme has been played out in a great many Hindi film songs – Suhana Safar is a popular, happy sing-along choice, as is Zindagi Ek Safar Hai Suhana. The dominant emotion is one of reassurance and positivity. Life is beautiful, just look around you.
In Yun Hi Chala Chal Rahi from Swades (2004), a dishevelled fakir sings of the joys of life during a road trip with a US-returned scientist who is on a quest of his own.
07-YUN HI CHALA CHAL RAHI MISC-20170813 TRACK#07 7:25
SWADES-2004; UDIT NARAYAN, HARIHARAN, KAILASH KHER; A. R. RAHMAN; JAVED AKHTAR
https://www.youtube.com/watch?v=eEeX2QMlSlo
08-GOVINDA AALA RE MISC-20170813 TRACK#08 3:58
RANGREZZ-2013; WAJID ALI; SAJID-WAJID; SAMEER ANJAAN
https://www.youtube.com/watch?v=7bnp0KV880E
THE END समाप्त
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