Skip to Main Content

An Indian Morning
Sunday July 15th, 2018 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning celebrates not only the Music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first half of the program features classical and religious music as well as regional and popular music. The seco

An Indian Morning celebrates not only the Music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first half of the program features classical and religious music as well as regional and popular music. The second half features community announcements, Ghazals, Themes, Popular Old & New Bollywood Films music and more. The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind". “Vande Guru Paramparaam” - spiritual musical series produced by Sri Kuldeep M Pai is a genuine attempt at infusing the abundance of our cultural heritage in the younger generations. What better agency than Music can there be to inspire the young and aged alike? A team of talented kids spearheaded by Sooryagayathri and Rahul Vellal have played their parts in transferring the Transcendental Truth through their dulcet voices. The musical videos in this series have already won acclaim from millions of viewers across the globe. It's now time for us to bow before the lineage of Gurus and relish the beatitude of divine buoyancy. Vande Guru Paramparaam! Vande Guru Paramparaam! 01-VAISHNAVA JANA TO CD MISC-20180715 TRACK#01 7:15 VANDE GURU PARAMPARAAM-2018; SOORYAGAYATHRI, RAHUL VELLAL, BHAVYA GANAPATHI, KULDEEP M PAI; GANAPATHI, VISHNU VIJAY; ADI KAVI NARSINH MEHTA https://www.youtube.com/watch?v=rbvww26oMQ4 एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए। मानव का शरीर प्रकृत की अनुपम देन है। बाहरी वातावरण के प्रतिकूल प्रभाव से मानव के तन और मन में प्रायः कुछ विकृतियाँ उत्पन्न हो जाती हैं। इन विकृतियों को दूर करने के लिए हम विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों की शरण में जाते हैं। पूरे विश्व में रोगोपचार की अनेक पद्धतियाँ प्रचलित है। भारत में हजारों वर्षों से योग से रोगोपचार की परम्परा जारी है। प्राणायाम का तो पूरा आधार ही श्वसन क्रिया पर केन्द्रित होता है। संगीत में स्वरोच्चार भी श्वसन क्रिया पर केन्द्रित होता है। भारतीय संगीत में 7 शुद्ध, 4 कोमल और 1 तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग होता है। इन्हीं स्वरों के संयोजन से राग की उत्पत्ति होती है। स्वर-योग या श्रव्य माध्यम से गायन या वादन के सुरीले, भावप्रधान और प्रभावकारी नाद अर्थात संगीत हमारे मस्तिष्क के संवेदनशील भागों में प्रवेश करता है। मस्तिष्क में नाद के प्रभाव का विश्लेषण होता है। ग्राह्य और उपयोगी नाद को मस्तिष्क सुरक्षित कर लेता है जहाँ नाद की परमाणु ऊर्जा के प्रभाव से सशक्त और उत्तम कोटि के हारमोन्स का सृजन होता है। यह हारमोन्स शरीर की समस्त कोशिकाओं में व्याप्त हो जाता है। इसकी ऊर्जा से अनेक मानसिक और मनोदैहिक समस्याओं का उपचार सम्भव हो सकता है। इसके साथ ही चिकित्सक के सुझावानुसार औषधियों का सेवन भी आवश्यक हो सकता है। मन की शान्ति, सकारात्मक तथा मृदु संवेदना और भक्ति में एकाग्रता के लिए राग भैरवी के कोमल स्वर प्रभावकारी सिद्ध होते हैं। इसी प्रकार विविध रागों के गातन-वादन के माध्यम से प्रातःकाल से रात्रिकालीन परिवेश में प्रभावकारी होता है। अलग-अलग स्वर-भावों और गीत के साहित्य के रसों के अनुसार उत्पन्न सशक्त भाव-प्रवाह के द्वारा डिप्रेशन, तनाव, चिन्ता, विकृति आदि मानसिक समस्याओं का उपचार सम्भव है। “An Indian Morning” के साप्ताहिक स्तम्भ के मंच पर आज से आरम्भ हो रही हमारी नई श्रृंखला “राग से रोगोपचार” । आज पहली कड़ी में मैं किशोर संपट आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला में हम विभिन्न रागो के स्वरो से उत्पन्न प्रभावों का क्रमशः विवेचन करेंगे। श्रृंखला के पहले अंक में आज हम राग भैरव के स्वरो से विभिन्न रोगों के उपचार पर चर्चा करेंगे और आपको राग भैरव में लता मंगेशकर के स्वर में राग भैरव पर आधारित फिल्म – “जागते रहो” का एक गीत प्रस्तुत करेंगे। इस राग के स्वरों को स्वरयोग विधि से गायन अथवा इस राग के गायन या वादन का श्रवण करने से मानसिक आघात, विषाद के साथ-साथ उक्त मानसिक समस्याओं के कारण उत्पन्न उच्च रक्तचाप, सिरदर्द, चक्कर, ज्वर, स्वांस फूलना आदि विकारों से मुक्ति मिल सकती है। आज का प्रातःकालीन राग भैरव इसी नाम से प्रचलित भैरव थाट का आश्रय राग है। इस राग का गायन अथवा वादन प्रातःकालीन सन्धिप्रकाश काल में किया जाता है। राग भैरव सम्पूर्ण जाति का राग है किन्तु इसमें ऋषभ और धैवत स्वर कोमल प्रयोग होता है। राग भैरव पर आधारित फिल्मी गीतों में से एक अत्यन्त मनमोहक गीत आज हमने चुना है। 1956 में विख्यात फ़िल्मकार राज कपूर ने महत्वाकांक्षी फिल्म ‘जागते रहो’ का निर्माण किया था। इस फिल्म के संगीतकार सलिल चौधरी का चुनाव स्वयं राज कपूर ने ही किया था, जबकि उस समय तक शंकर-जयकिशन उनकी फिल्मों के स्थायी संगीतकार बन चुके थे। फिल्म ‘जागते रहो’ बाँग्ला फिल्म ‘एक दिन रात्रे’ का हिन्दी संस्करण था और बाँग्ला संस्करण के संगीतकार सलिल चौधरी को ही हिन्दी संस्करण के संगीत निर्देशन का दायित्व दिया गया था। सलिल चौधरी ने इस फिल्म के गीतों में पर्याप्त विविधता रखी। इस फिल्म में उन्होने एक गीत ‘जागो मोहन प्यारे, जागो...’ की संगीत रचना भैरव राग के स्वरों पर आधारित की थी। राग भैरव की एक पारम्परिक रचना की स्थायी की पंक्तियाँ बरकरार रखते हुए शैलेन्द्र ने गीत के अन्तरे को लिखा। यह गीत जब लता मंगेशकर के स्वरों में ढला, तब यह गीत हिन्दी फिल्म संगीत का मीलस्तम्भ बन गया। आइए, आज हम राग ‘भैरव’ पर आधारित, फिल्म ‘जागते रहो’ का यह गीत सुनते हैं। आप इस गीत का रसास्वादन करें। 02-JAAGO MOHAN PYARE CD MISC-20180715 TRACK#02 5:59 JAAGTE RAHO-1956; LATA MANGESHKAR; SALIL CHAUDHARY; SHAILENDRA https://www.youtube.com/watch?v=_X0e5AS7EPw “An Indian Morning” के सभी दोस्तों को हमारा सलाम! दोस्तों, शेर-ओ-शायरी, नज़्मों, नगमों, ग़ज़लों, क़व्वालियों की रवायत सदियों की है। दोस्तों "कहकशां" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में । जो न मिल सके वही बेवफा, ये बड़ी अजीब सी बात है Jo Na Mil Sake Wahi Bewafa पिछले हफ्ते मशहूर शायर नासिर काज़मी की कुछ ग़ज़लें तलाश कर रहा था कि भटकते भटकते इस गीत पर जा कर मेरे कानों की सुई अटक गयी। इक प्यारा सा दर्द था इस गीत में जो एकदम से दिल में उतरता चला गया। पहली बार सुना था ये नग्मा तो उत्सुकता हुई पता करने कि इसे किसने लिखा है? कुछ जाल पृष्ठों पर गीतकार ख़्वाजा परवेज़ का नाम देखा। बाद में ये जानकारी हाथ लगी कि मलिका ए तरन्नुम नूरजहाँ के गाए सैकड़ों गीतों में ख़्वाजा परवेज़ ही गीतकार रहे हैं। जिन्होंने ख़्वाजा परवेज़ का नाम पहली बार सुना है उनको बता दूँ कि ख़्वाजा परवेज़ का वास्तविक नाम गुलाम मोहिउद्दीन था और उनकी पैदाइश पंजाब के अमृतसर जिले में हुई थी। परवेज़ साहब का नाम पाकिस्तान के अग्रणी गीतकारों में लिया जाता है। अपने चार दशकों के फिल्मी जीवन में उन्होंने पंजाबी और उर्दू में करीब आठ हजार से ऊपर गीत लिखे। वे एक संगीतकार भी थे। उनके लिखे तमाम गीतों को नूरजहाँ के आलावा मेहदी हसन, नैयरा नूर, रूना लैला जैसे अज़ीम फनकारों ने अपनी आवाज़ दी। मेहदी हसन का गाया गीत जब कोई प्यार से बुलाएगा.. तुमको एक शख़्स याद आएगा भी ख़्वाजा परवेज़ का ही लिखा है। परवेज़ साहब ने इस गीत किसी के ज़िदगी में आकर चले जाने के बाद की मनःस्थितियों को सहज शब्दों में बड़ी बारीकी से पकड़ा है। ऐसे किसी शख़्स को एकदम से भूल कहाँ पाते हैं। वो नज़रों से ओझल तो रहता है पर उसके साथ बिताए लमहों की गर्माहट दिल को रौशन करती रहती है। ये रोशनी रह रह कर हमारा मन पुलकित करती रहती है और इस दौरान हम इस बात को भी भूल जाते हैं कि वो इंसान अब हमारे साथ नहीं है। जब हम आपनी ख्यालों की दुनिया से बाहर निकलते हैं तो अपने अकेलेपन का अहसास दिल में इक हूक सी उठा देता है और मन में दर्द का सैलाब उमड़ पड़ता है। एक साथ कई शिकायतें सर उठाने लगती हैं पर फिर भी उसके अस्तित्व का तिलिस्म टूटता नहीं। देखिए गीतकार की कलम क्या खूब चली है इन भावों को व्यक्त करने में. नूरजहाँ ने तो अपनी आवाज़ से परवेज़ जी के इस गीत को यादगार बनाया ही है। पर उनकी आवाज़ में जो ठसक है उसे सुनकर ऐसा लगता है कि किसी महीन मुलायम सी आवाज़ में ये गीत और जमता। हालांकि इंटरनेट पर मैंने कई अन्य गायकों को भी इस गीत पर अपना गला आज़माते सुना पर उनमें नूरजहाँ का वर्सन ही सबसे शानदार लगा। उम्मीद है कि किसी भारतीय कलाकार की आवाज़ से भी ये गीत निखरेगा। गीत का संगीत भी बेहद मधुर है। तबले की संगत तो खास तौर पर कानों को लुभाती है। तो आइए सुनते हैं ये प्यारा सा नग्मा। 03-JO MIL NA SAKE WAHI BEWAFA, YE BADI AJEEB SI BAAT HAI CD MISC-20180715 TRACK#03 5:06 THE GOLDEN COLLECTION-NOORJEHAN; NOORJEHAN BEGUM JAIPURI; GHULAM MOHIUDDIN “PARVEZ” https://www.youtube.com/watch?v=o9_75AKl5Ls बुम्बरो बुम्बरो-मिशन कश्मीर २००० मिलेनियम वर्ष में अवतरित फिल्मों में से एक है संजय दत्त, ऋतिक रोशन और प्रीती जिंटा अभिनीत फिल्म मिशन कश्मीर. फिल्म के २-३ गीत अपने समय में खूब बजे थे. फिल्म में शंकर एहसान लॉय की तिकड़ी का संगीत है. इस तिकड़ी में एक नियमित गायक है शंकर महादेवन. आज सुनते हैं इस फिल्म से तीन गायकों का गाया लोकप्रिय गीत जिसमें शंकर महादेवन के संग जो बाकी के तीन ऊंचे सुर में आवाज़ निकालने में सक्षम दो गायिकाएं भी हैं. ये हैं जसपिंदर नरूला और सुनिधि चौहान. गीत राहत इन्दौरी का है. 04-BUMBRO BUMBRO CD MISC-20180715 TRACK#04 4:59 MISSION KASHMIR-2000; SHANKAR MAHADEVAN, JASPINDER NARULA, SUNIDHI CHAUHAN; EHSAAN NOORANI; RAHAT INDAURI https://www.youtube.com/watch?v=0S2tlcszuj8 Harshdeep Kaur takes the lead for ‘Dilbaro’, a situational number that has a Kashmiri feel to it. A smooth sounding track, it has Vibha Saraf and Shankar Mahadevan accompanying Harshdeep behind the mike. 05-DILBARO CD MISC-20180715 TRACK#05 3:40 RAAZI-2018; HARSHDEEP KAUR, VIBHA SARAF, SHANKAR MAHADEVAN; SHANKAR-EHSAAN-LOY; GUZLAR https://www.youtube.com/watch?v=WqUXVw0WlXc ले जाएँ जाने कहाँ हवाएँ हवाएँ Hawayein हवाएँ मन को तरंगित रखती हैं। जिस दिन ये लहरा कर चलती हैं उस दिन मूड ख़ुद ब ख़ुद अच्छा हो जाता है। हवाओं से मेरा प्यार बचपन से रहा है। हवाओं का शोर जैसे ही सुनाई पड़ता तो या तो घर की खिड़कियाँ खुल जातीं या फिर कदम घर की उस छोटी सी बॉलकोनी की ओर चल पड़ते। हवाओं को अपने चेहरे, अपने शरीर पर महसूस करना तब से लेकर आज तक मन को प्रफुल्लित करता रहा है। जब हवाओं से प्रेम हो तो उनसे जुड़ें गीत तो ज़ाहिर है पसंद होंगे ही। किशोर दा का गाया गीत हवा के साथ घटा के संग संग हो या फिर लता जी का नग्मा उड़ते पवन के रंग चलूँगी, मौसम की मस्त बयार के साथ हम अक़्सर गुनगुनाया करते थे। गुलज़ार का भी एक गीत था ना जिसमें उन्होंने हवाओं को अपना सलाम पहुँचाया है. हवाओं पे लिख दो हवाओं के नाम, हम अनजान परदेसियों का सलाम गीतकार इरशाद कामिल ने भी इन्हीं हवाओं पर एक बार फिर अपनी कलम चलाई और क्या खूब चलाई कि फिल्म 'जब हैरी मेट सेजल' भले ना हिट हुई हो, ये गाना आम जनता की चाहत बन बैठा। इस गाने की जो लय है, बोलों में प्रेम का जो कलकल बहता भाव है वो अरिजीत की आवाज़ में लोगों के होठों पर चढ़ कर बोलता है। प्रेम के साथ सबसे बड़ी त्रासदी ये है कि वो कब कहाँ और किससे हो जाए ये आप पहले से जान ही नहीं सकते। यही वजह है कि प्रेम है तो अनिश्चितताएँ हैं, बेचैनी है। जिसे आप अपना मान बैठे हैं वो आगे भी अपना रहेगा क्या इसकी कोई गारंटी नहीं है। इरशाद कामिल ने इस गीत में हवाओं को इन अनिश्चितताओं का वाहक बनाया है और इसीलिए वो कहते हैं ले जाएँ तुझे कहाँ हवाएँ, हवाएँ ले जाएँ मुझे कहाँ हवाएँ, हवाएँ ले जाएँ जाने कहाँ ना मुझको ख़बर, ना तुझको पता 06-HAWAAYEIN CD MISC-20180715 TRACK#06 4:51 JAB HARRY MET SEJAL-2017; ARIJIT SINGH; PRITAM; IRSHAD KAMIL https://www.youtube.com/watch?v=cYOB941gyXI Shubh Din', has arrived for Sachin Misra & Erin McCarthy as we officially celebrate their first step towards life long union, the “Engagement – Sagaai”. To Sachin & Erin… 07-SHUBH DIN CD MISC-20180715 TRACK#08 4:48 PARMANU: THE STORY OF POKHRAN-2018; JOTICA TANGRI, KEERTHI SAGATHIA; SACHIN-JIGAR; VAYU https://www.youtube.com/watch?v=lpTHRZooNVM ताजा सुर-ताल “Barsat Mein”. I love this song. The song is sung and composed by the hit-maker Jeet Ganguli for Zee Music. The song has lyrics written by Rashmi Virag and its music is produced by Aditya Dev. कुछ देर तो भीग लूँ, बरसात में… 08-BARSAAT MEIN CD MISC-20180715 TRACK#08 5:04 ZEE MUSIC ORIGINALS-2018; JEET GANGULI; ADITYA DEV; RASHMI VIRAG https://www.youtube.com/watch?v=9GHrSQ1SYv4 THE END समाप्त
There are no tracks in this playlist.
Interactive CKCU