An Indian Morning
Sunday September 24th, 2017 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second one hour features community announcements and ear pleasing music from old/new & popular Indian films.
The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind".
नवरात्र यानी 9 विशेष रात्रियां। इस समय शक्ति के 9 रूपों की उपासना का श्रेष्ठ काल माना जाता है। 'रात्रि' शब्द सिद्धि का प्रतीक है।
प्रत्येक संवत्सर (साल) में 4 नवरात्र होते हैं जिनमें विद्वानों ने वर्ष में 2 बार नवरात्रों में आराधना का विधान बनाया है। विक्रम संवत के पहले दिन अर्थात चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (पहली तिथि) से 9 दिन यानी नवमी तक नवरात्र होते हैं। ठीक इसी तरह 6 माह बाद आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से महानवमी यानी विजयादशमी के एक दिन पूर्व तक देवी की उपासना की जाती है। सिद्धि और साधना की दृष्टि से से शारदीय नवरात्र को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। इस नवरात्र में लोग अपनी आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति के संचय के लिए अनेक प्रकार के व्रत, संयम, नियम, यज्ञ, भजन, पूजन, योग-साधना आदि करते हैं।
01-TUNE MUJHE BULAYA SHERAWAALIYE CD MISC-20170924 Track#01 6:18
AASHA-1980; Narendra Chanchal, Mohammad Rafi; Laxmikant-Pyarelal; Anand Bakshi
https://www.youtube.com/watch?time_continue=28&v=PK7eTIyJoOE
02-O SHERONWALI MAA CD MISC-20170924 Track#02 5:12
SUHAAG-1979; Mohammad Rafi, Asha Bhosle; Laxmikant-Pyarelal; Anand Bakshi
https://www.youtube.com/watch?time_continue=24&v=cV6-R_y9cNg
एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए ।
भोर भये पनघट पे-सत्यम शिवम सुंदरम १९७८
सत्यम शिवम सुन्दरम से एक गीत सुनते हैं लता मंगेशकर की आवाज़ में। आनंद बक्षी की रचना है और लक्ष्मी प्यारे का संगीत। गौरतलब है लता मंगेशकर ने सबसे ज्यादा गीत जिस गीतकार के गाये हैं वो हैं आनंद बक्षी। इनमें से चार सौ से ऊपर गीत तो ऐसे हैं जो लक्ष्मी प्यारे के संगीत निर्देशन में हैं।
इस फिल्म के अधिकांश गीत पॉपुलर और हिट हैं। सबसे ज्यादा तो फिल्म का शीर्षक गीत ही बजा है। राज कपूर की फिल्मों में आपको पानी से भीगी हीरोईन ज़रूर दिखाई देगी। इस गीत में भी ऐसा कुछ है। नायक नायिका की आवाज़ सुन कर सुन्दरम की तलाश में निकल पड़ता है। आगे का हाल खुद गीत में मालूम करें।
03-BHOR BHAYE PANGHAT PE CD MISC-20170924 Track#03 6:01
SATYAM SHIVAM SUNDARAM-1978; Lata Mangeshkar; Laxmikant-Pyarelal; Anand Bakshi
https://www.youtube.com/watch?time_continue=78&v=QvfU-yAnYZ4
बाहों में चले आओ-अनामिका १९७३
फिल्म अनामिका में दो बढ़िया कलाकारों ने अभिनय किया है और वे हैं संजीव कुमार और जया भादुडी। इस फिल्म का लता का गाया एक गीत काफी पसंद किया पब्लिक ने। आज सुनते हैं वो गीत जिसे मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा है। संगीत देने वाले संगीतकार हैं पंचम। फिल्मों में ऐसे गीत कम हैं जिनमें नायिका नायक को छेड़ रही हो। मूड, अभिनय, गीत-संगीत के लिहाज से ये गीत उत्तम कोटि का है। इस गीत का रिमिक्स भी बन चुका है।
04-BAHON MEIN CHALE AAO CD MISC-20170924 Track#04 3:56
ANAMIKA-1973; Lata Mangeshkar; Rahul Dev Burman; Majrooh Sultanpuri
https://www.youtube.com/watch?time_continue=1&v=2zzaslekEPM
चंचल शीतल निर्मल कोमल-सत्यम-शिवम-सुंदरम १९७८
फिल्म सत्यम शिवम सुन्दरम से एक गीत सुनते हैं जिसमें रूटीन शब्दों का इस्तेमाल नहीं हुआ है। एक कहावत भी इसमें है-जहाँ ना पहुंचे रवि वहाँ पहुंचे कवि। वैसे फिल्म में नायक की हालत के ऊपर एक कहावत और याद आती है-दूर के ढोल सुहावने। नायिका के हिस्से के कपडे भी नायक ने पहन रखे हैं इस गाने में।
आनंद बक्षी इसके रचनाकार हैं, मुकेश की आवाज़ है और संगीत तैयार किया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने।
05-CHANCHAL SHEETAL NIRMAL KOMAL CD MISC-20170924 Track#05 6:32
SATYAM SHIVAM SUNDARAM-1978; Mukesh; Laxmikant-Pyarelal; Anand Bakshi
https://www.youtube.com/watch?time_continue=80&v=8D_D-ekmGQE
छोड़ो सनम काहे का ग़म-कुदरत १९८१
कुदरत फिल्म से एक युगल गीत सुनते हैं जो पॉपुलर है आज भी। किशोर कुमार और एनेट पिंटो का गाया ये गीत कुछ हाज़िर जवाब संगीत प्रेमियों की नज़र में दो प्रकार की विधाओं का संगम है-योडलिंग और गार्गलिंग।
गीत मजरूह सुल्तानपुरी का है और संगीत आर डी बर्मन का। अपने समय की संगीत शैली यानि के डिस्को के हिसाब से ये गीत एकदम सटीक है। इस पर डांस किया जा सकता है। धुन भी आकर्षक है इसकी।
06-CHHODO SANAM KAHE KA GHUM CD MISC-20170924 Track#06 4:33
KUDARAT-1981; Annette Pinto, Kishore Kumar; Rahul Dev Burman; Majrooh Sultanpuri
https://www.youtube.com/watch?time_continue=96&v=jw4SSATf0hI
ओम शान्ति ओम-कर्ज़ १९८०
सन १९८० की फिल्म क़र्ज़ के गीतों को रेकोर्ड तोड़ प्रसिद्धि मिली। फिल्म का एक गीत किशोर का गाया हुआ खूब बजा। ये डिस्को का दौर था और सन ८० में डिस्को संगीत चारों ओर छाना शुरू हो चुका था। लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने भी डिस्को गीत बनाये और वे इस विधा में आये दूसरे संगीतकारों से पहले उतर आये। बाद में तो लगभग हर संगीतकार ने इस पर हाथ साफ़ किया।
अपने देश में डिस्को किंग बप्पी लहरी को कहा जाता है। बप्पी को ही श्रेय जाता है डिस्को संगीत को लोकप्रिय करवाने का। उन्होंने सबसे ज्यादा इस प्रकार के संगीत पर काम किया।
सुनते हैं फिल्म क़र्ज़ का गीत जो आनंद बक्षी का लिखा हुआ है।
07-OM SHANTI OM CD MISC-20170924 Track#07 8:37
KARZ-1980; Kishore Kumar; Laxmikant-Pyarelal; Anand Bakshi
https://www.youtube.com/watch?time_continue=423&v=eS29KERO_d4
THE END समाप्त
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