An Indian Morning
Sunday June 25th, 2017 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second one hour features community announcements and ear pleasing music from old/new & popular Indian films.
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind".
एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए ।
Yoga is an everlasting contribution of Hinduism to the world. Yoga has existed from Vedic times and its importance is described in several scriptures in India. Honorable Prime Minister Narendra Modi, who Proposed Yoga day in United Nations, and 21st June is declared as "INTERNATIONAL YOGA DAY". Today, the International Yoga Day is celebrated in Ottawa at the Infinity Convention Centre. Here is a well-defined song, “YOGA ANTHEM” sung by Vishal Srivastav, Amita Nayyar, composed by Vinay Kapoor and written by Ziyol Khan.
01-YOGA ANTHEM CD MISC-20170625 Track#01 4:18
YOGA DAY-2016; Vishal Srivastav, Atima Nayyar; Vinay Kapoor; Ziyol Khan
https://www.youtube.com/watch?v=e7G67tPRJcE
दोस्तों "कहकशां" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में । आज आपको हरिहरण साहब की गायी वो हल्की फुल्की पर बेहद मधुर ग़ज़ल सुनाए जिसके कुछ अशआर कुछ दिनों से मन में तरलता सी घोल रहे हैं। हरिहरण ने ये ग़ज़ल अपने एलबम काश में वर्ष 2000 में रिकार्ड की थी। 'काश' उस समय तक के हरिहरण के एलबमों से थोड़ी भिन्नता लिए जरूर था। सामान्यतः हरिहरण ग़ज़लों में हमेशा से अपनी शास्त्रीयता के लिए जाने जाते रहे हैं।
ग़ज़ल में परंपरागत रूप से इस्तेमाल होने वाले वाद्य यंत्रों जैसे हारमोनियम, सारंगी और तबले के साथ हरिहरण का आलाप आपने भी कई ग़ज़लों में सुना होगा। पर जगजीत सिंह की तरह ही वक़्त के साथ उन्होंने भी कई एलबमों में नए नए प्रयोग करने की कोशिश की। जनवरी 1999 से इस एलबम की तैयारी शुरु हुई पर इसे बनने में पूरा एक साल लग गया।
एलबम की कुछ पसंदीदा ग़ज़लों में एक थी मैकदे बंद करे लाख जमाने वाले. जिसे मैं आज आपको सुनवाने जा रहा हूँ। गिटार और बांसुरी के साथ उस्ताद रईस खान का सितार मन को तब चंचल कर देता है जब ग़ज़ल के मतले में हरिहरण की आवाज़ कुछ ये कहती सुनाई पड़ती है
मैकदे बंद करे लाख ज़माने वाले
शहर में कम नहीं आँखों से पिलाने वाले
सच ही तो है , जिसने भी हुस्न और शोखियों का स्वाद उनकी आँखों के पैमाने से पिया है उसे भला मयखाने जाने की क्या जरूरत?
इस ग़ज़ल को किसने लिखा ये ठीक ठीक पता कर पाना मुश्किल है। कुछ लोग इसे ताज भोपाली की ग़ज़ल बताते हैं। पर हरिहरण साहब ने एक जगह जरूर ये कहा था कि मैंने इस एलबम में ताहिर फ़राज़, मुन्नवर मासूम, मुजफ्फर वारसी, वाली असी, कैफ़ भोपाली, शहरयार और क़ैसर उल जाफ़री की ग़ज़लें ली थीं। अब इनमें से जिन जनाब की भी ये ग़ज़ल हो आख़िरी शेर में सादी जुबां में ज़िदगी की एक हकीक़त ये कह कर बयाँ की है कि
अपने ऐबों पर नज़र जिनकी नहीं होती है
आईना उनको दिखाते हैं ज़माने वाले
तो आइए आप भी मेरे साथ इस ग़ज़ल का लुत्फ़ उठाइए...
02-Maiikade Bandh Karen CD MISC-20170625 Track#02 5:59
KAASH-2000; Hariharan; Kaif Bhopali
https://www.youtube.com/watch?v=RsT4Be6vWhA
ये बात कोई समझाये रे-सज़ा १९५१
एस डी बर्मन के संगीत वाला अगला गीत सुनते हैं फिल्म सजा से। बंगाली मूल की गायिकाओं में प्रमुख नाम हैं-गीता दत्त, संध्या मुखर्जी, आरती मुखर्जी जिन्होंने हिंदी फिल्म जगत में हिंदी गीत गाये हैं। संध्या मुखर्जी के कुछ गीत ५० के दशक में सुनाई दिए उसके बाद उन्हें ज्यादा अवसर नहीं मिले। बंगाली फ़िल्मी और गैर फ़िल्मी गीत उन्होंने काफी गाये हैं। गीत में पतली कमर बल खा रही है। इसे आप पतली कमर या बल खाना हिट गीत कह सकते हैं।
03-Ye Baat Koi Samjhaaye Re CD MISC-20170625 Track#03 3:30
SAZAA-1951; Sandhya Mukherji; S.D.Burman; Rajinder Krishan
https://www.youtube.com/watch?v=hX8qLEjh16E
ऐसे तो न देखो-तीन देवियाँ १९६५
आँखों से बहुत कुछ कहा जा सकता है। किसी किसी की नशीली आँखें देख के नशा चढ़ने लगता है। आँखों से ही तो सम्मोहन भी हो जाता है।
फिल्म तीन देवियाँ से एक नशीली धुन पर बना गीत सुनते हैं रफ़ी का गाया हुआ। मजरूह सुल्तानपुरी का गीत है और एस डी बर्मन के संगीत। देव आनंद इसे परदे पर गा रहे हैं।
04-Aise To Na Dekho CD MISC-20170625 Track#04 3:43
TEEN DEVIYAN-1965; Mohammad Rafi; S.D.Burman; Majrooh Sultanpuri
https://www.youtube.com/watch?v=OaginwwacJI
बचना ऐ हसीनों-हम किसी से कम नहीं १९७७
किसी गीत की एक ही पंक्ति में हुस्न का आशिक और हुस्न का दुश्मन बोला जाए और वो जनता को पसंद आ जाय, क्या बात है। ऐसा ही अनूठा गीत है फिल्म हम किसी से कम नहीं में। गीत अपने ज़माने का हिट गीत है और इसे दोबारा इस्तेमाल किया गया रणवीर कपूर वाली फिल्म बचना ऐ हसीनों में शीर्षक गीत के रूप में।
मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे और आर डी बर्मन द्वारा स्वरबद्ध गीत को बने ४० वर्ष हो चुके हैं मगर इसका जलवा आज भी बरकरार है। किशोर कुमार ने इसे गाया है।
05-Bachna Ae Haseeno CD MISC-20170625 Track#05 5:58
HUM KISI SE KUM NAHIN-1977; Kishore Kumar; R.D.Burman; Majrooh Sultanpuri
https://www.youtube.com/watch?v=ZsjLQOco35U
प्यार करने वाले-शान १९८०
प्यार करने वाले क्या क्या नहीं करते हैं। खेत में उगी कच्ची पत्तागोभी तोड़ के खा लिया करते हैं, चने के खेत में गुलाटियां लगा लेते हैं। हाँ, इतने साल में कभी मैंने ये नहीं सुना किसी ने अरहर के खेत में लोट लगायी हो। प्यार करने वालों के बारे में संक्षेप में इस गीत में पूरी कहानी बयान कर दी गई है। मजरूह सुल्तानपुरी के जादुई बोल हैं और पंचम का संगीत। आशा भोंसले ने इसे गाया है और परदे पर इस गीत पर अभिनय कर रही हैं परवीन बाबी। गीत में किसी जगह की महारानी के रोल में हैं बिंदु और उनके गले में पड़ा हार पार्टी में मौजूद चोरों की नज़र में हैं।
06-Pyar Karne Wale CD MISC-20170625 Track#05 6:28
SHAAN-1980; Asha Bhosle; R.D.Burman; Majrooh Sultanpuri
https://www.youtube.com/watch?v=RbPDSKqKPCQ
जाने दो ना-सागर १९८५
सन १९८५ की फिल्म सागर के गीत काफी बजे हैं और आज भी बज रहे हैं। फिल्म में सभी रंगों के गीत हैं। इन्हीं में से एक है भावनाओं का सैलाब उडेलता गीत। आशा भोंसले और शैलेन्द्र सिंह का गाया ये गीत जावेद अख्तर ने लिखा है। इसकी धुन तैयार की है पंचम ने। नायक नायिका को आप पहचान ही लेंगे ऐसा हमारा विश्वास है।
07-Jaane Do Na, Paas Aao Na CD MISC-20170625 Track#07 3:59
SAAGAR-1985; Asha Bhosle, Shailendra Singh; R.D.Burman; Javed Akhtar
https://www.youtube.com/watch?v=0TfisH1z1Vs
ताजा-सुर ताल
जून के दूसरे सप्ताह की फ़िल्म रही “लव यू फ़ैमिली”। इसमें चार संगीतकारों ने संगीत दिया। तनवीर ग़ाज़ी का लिखा "इश्क़ ने ऐसा शंख बजाया, गूंज उठी तन्हाई मेरी" मधुश्री और सोनू निगम की आवाज़ों में एक बेहद कर्णप्रिय रचना है जिसमें शास्त्रीय संगीत की छाया है। एक अरसे के बाद वरिष्ठ गायकों की आवाज़ में ऐसा स्तरीय गीत सुन कर एक सुखद अनुभूति हुई।
08-Ishq Ne Aisa Shunkh Bajaya CD MISC-20170625 Track#08 3:59
LOVE U FAMILY-2017; Madhushree, Sonu Nigam; Robby Badal; Tanveer Ghazi
https://www.youtube.com/watch?v=o3Ta9l2Ai6o
THE END समाप्त
YOGA ANTHEM Vishal Srivastav, Atima Nayyar; Vinay Kapoor; Ziyol Khan - YOGA DAY-2016 |
Maiikade Bandh Karen Hariharan; Kaif Bhopali - KAASH-2000 |
Ye Baat Koi Samjhaaye Re Sandhya Mukherji; S.D.Burman; Rajinder Krishan - SAZAA-1951 |
Aise To Na Dekho Mohammad Rafi; S.D.Burman; Majrooh Sultanpuri - TEEN DEVIYAN-1965 |
Bachna Ae Haseeno Kishore Kumar; R.D.Burman; Majrooh Sultanpuri - HUM KISI SE KUM NAHIN-1977 |
Pyar Karne Wale Asha Bhosle; R.D.Burman; Majrooh Sultanpuri - SHAAN-1980 |
Jaane Do Na, Paas Aao Na Asha Bhosle, Shailendra Singh; R.D.Burman; Javed Akhtar - SAAGAR-1985 |
Ishq Ne Aisa Shunkh Bajaya Madhushree, Sonu Nigam; Robby Badal; Tanveer Ghazi - LOVE U FAMILY-2017 |