An Indian Morning
Sunday February 26th, 2017 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second one hour features community announcements and ear pleasing music from old/new & popular Indian films.
An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind".
On a sad note, we are saddened by the sudden demise of Mrs. Lalita Shah. We express our profound sorrow and grief, and pray to THE ALMIGHTY GOD to give the family members strength and courage to face the grief and challenge. May her SOUL rest in PEACE.
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श्री सुभाष शाह के परिवार के सभी सदस्यों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को इस गहरी क्षति को सहने की क्षमता दे।
asato ma sadgamaya
tamaso ma jyotirgamaya
mrtyorma amrtam gamaya
Lead me from the asat to the sat.
Lead me from darkness to light.
Lead me from death to immortality.
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01-Humko Mann Ki Shakti Dena CD MISC-20170226 Track#01 4:28
GUDDI-1971; Vani Jairam & Chorus; Vasant Desai; Gulzar
https://www.youtube.com/watch?v=NbchuCfqBls
"Oh our beloved Lord, We are Your Children, Give us the power to conquer the evils. We should be loving to all. We should merge our feelings with friends and foes. We should be compassionate towards others. Oh Lord, Kindly save us from falsehood. Rather than conquering others, We should be victorious on our shortcomings. Kindly bless us with powers of mind to overcome all difficulties. Oh Our Beloved Father, Bless us with all the virtues of life to love and respect others. Give us wisdom to be kind and loving."
हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, धन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए।
दोस्तों "कहकशां" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में । आज हसरत जयपुरी साहब (जिनका मूल नाम इक़बाल हुसैन था) उनकी जिस नज़्म को लेकर आए हैं, उसे आवाज़ें दी हैं मुहम्मद हुसैन और अहमद हुसैन, यानि कि "हुसैन बंधुओं" ने। हुसैन बंधुओं ने इस रोमांटिक"-से नज़्म को किस कशिश से गाया है, इसका अंदाज़ा बिना सुने नहीं लगाया जा सकता। इसलिए आइये हम और आप डूब जाते हैं "प्यार के इस सागर" में और जानते हैं कि "प्यार कहते किसे हैं"।
02-Isiko Pyar Kehte Hain CD MISC-20170226 Track#02 7:12
RAHNUMA-1995; Ahmad Hussain, Mohammad Hussain; Hasrat Jaipuri
https://www.youtube.com/watch?v=V50O65OLWFM
गीत-अतीत
बहुत दिनों बाद किसी फिल्म में एक बहुत ही दमदार सूफियाना कव्वाली सुनने को मिली है, फिल्म जौली एल एल बी 2 के इस गीत को स्वरबद्ध किया है फिल्म "नीरजा" से चर्चा में आये संगीतकार विशाल खुराना ने, सुखविंदर की दमदार आवाज़ ने इस कव्वाली को एक अलग ही बुलंदी दे दी है. शब्द लिखे हैं जुनैद वसी ने. शब्दों की बानगी देखिये ज़रा - "मैं हूँ माटी जग बाज़ार, तू कुम्हार है, मेरी कीमत क्या लगे सब तेरी मर्जी है, सुबह माथे तू ज़रा सा नूर जो मल दे, तो संवर जाए ये किस्मत इतनी अर्जी है...." तो सुनते हैं इन्हीं शब्दों के जादूगर जुनैद वसी से इस गीत के बनने की कहानी.... और आनंद लें....
03-Junaid Wasi-O Re Rangreza CD MISC-20170226 Track#03 9:57
JOLLY LLB 2-2017; Sukhwinder Singh, Murtuza Mustafa & Qadir Mustafa; Vishal Khurana; Junaid Wasi
https://www.youtube.com/watch?v=TfazHxKF394
https://www.youtube.com/watch?v=7urUTvOEy4g
https://www.youtube.com/watch?v=YLJlyXPcc3I
साल 2016 के बेहतरीन गीतों की फेरहिस्त में जो गीत सबसे ज्यादा ग़मगीन कर देता है वो हैं क्यूँ रे...। बच्चे किसे प्यारे नहीं होते। उनका निर्मल मन, उनकी खिलखिलाती हँसी, उनकी शरारतें हमारे हृदय को पुलकित करती रहती हैं। ऐसे में वे अचानक से ही ज़िदगी से बेहरमी से अलग कर दिए जाएँ तो असहनीय पीड़ा होती है। फिल्म Te3n का ये गीत एक बुजुर्ग की ऐसी ही वेदना को व्यक्त करता है जो उनकी अपहृत पोती के हत्यारों की तलाश में है।
विद्या बालन, अमिताभ बच्चन और नवाजुद्दीन सिद्दिकी जैसे शानदार कलाकारों से परिपूर्ण ये फिल्म सिनेमाघरों में ज्यादा दिन तक तो टिक नहीं पाई पर फिल्म का गीत संगीत अपनी छाप अवश्य छोड़ गया। इस फिल्म के प्रस्तुत गीत क्यूँ रे... जिसे अमिताभ बच्चन ने ख़ुद अपनी आवाज़ दी है। अमिताभ की आवाज़ का तो सारा देश दीवाना है और मैं भी उनकी आवाज़ के जादू से अछूता नहीं हूँ। अब तक नई पुरानी तीस से ज्यादा फिल्मों में अमिताभ अपनी आवाज़ का परचम लहरा चुके हैं।
प्रस्तुत गीत क्यूँ रे... में गिटार का जिस तरह इस्तेमाल किया है वो काबिलेतारीफ़ है। ये सारे गीत शब्द प्रधान हैं और सबमें संगीत नाममात्र का ही है।
अमिताभ भट्टाचार्य का हँसी के लिए जलतरंग की उपमा का इस्तेमाल मन को सोहता है। दोनो अंतरों से गुजरते गुजरते आँखे नम हो जाती है। ऐसा लगता है मानों कोई अपना ही ज़िंदगी से बिछुड़ गया हो...
सुनिए सत्तर वर्षीय उस बुजुर्ग की करुण पुकार जो बड़ी कातरता से एक प्रश्न कर रहा है कि ये सब हुआ तो क्यूँ हुआ...
04-Kyun Re CD MISC-20170226 Track#04 3:17
TE3N-2016; Amitabh Bachchan; Clinton Cerejo; Amitabh Bhattacharya
https://www.youtube.com/watch?v=ykQYh3njj7s
हर साल फिल्मी गीत कुछ अप्रचलित शब्दों को हमारी बोलचाल की भाषा में डाल ही देते हैं। बहुधा ऐसा निर्माता निर्देशक गीतों में एक नवीनता लाने के लिए करते रहे हैं। पिछले कुछ सालों में अम्बरसरिया, ज़हनसीब, आयत, कतिया करूँ जैसे शब्दों ने गीत के प्रति लोगों का आरंभिक जुड़ाव बनाने में काफी मदद की थी। अब महरम (जिसे मेहरम की तरह भी उच्चारित किया जाता है) को ही लीजिए, फिल्मी गीतों के लिए अनजाना तो नहीं पर कम प्रयुक्त होने वाला तो लफ़्ज़ है ही ये। मुझे याद पड़ता है कि आज से पाँच साल पहले गीतकार स्वानंद किरकिरे ने फिल्म ये साली ज़िंदगी के गीत में महरम शब्द का प्रयोग कुछ यूँ किया था
कैसे कहें अलविदा, महरम कैसे बने अजनबी, हमदम
भूल जाओ जो तुम, भूल जाएँगे हम ये जुनूँ ये प्यार के लमहे...... नम
जावेद अली द्वारा गाया बड़ा प्यारा नग्मा था वो भी !
वैसे कहाँ से आया है ये "महरम'? इस्लाम के धार्मिक नज़रिए से देखें तो महरम वैसे सगे संबंधियों को कहते हैं जिनसे आपकी शादी नहीं हो सकती। पर साहित्य या फिल्मी गीतों में अरबी से उर्दू में आए इस शब्द का प्रयोग एक अतरंग, एक बेहद घनिष्ठ मित्र के तौर पर होता रहा है। इस मित्रता को भी आप प्रेम ही मान सकते हैं। पर जब ये प्रेम पाने से ज्यादा कुछ देने के लिए हो, उसकी बातों का राजदार बनने के लिए हो, दुख व परेशानियों में उसके साथ खड़े रहने के लिए हो.... तो आप सच में किसी के महरम बन जाते हैं।
यही वज़ह थी कि कहानी 2 में जब अरुण व दुर्गा के किरदारों के आपसी रिश्ते को एक शब्द से बाँधने की क़वायद में अमिताभ भट्टाचार्य निकले तो उनकी खोज महरम पर जा कर समाप्त हुई। अमिताभ द्वारा लिखा गीत का मुखड़ा महरम को कुछ यूँ है ..तेरी ऊँगली थाम के, तेरी दुनिया में चलूँ...मेरे रंग तू ना रंगे, तो तेरे रंग में मैं ढलूँ...मुझे कुछ मत दे, बस रख ले मेरा नज़राना..बिन शर्तों के, हाँ तुझसे मेरा याराना
कहानी 2 के इस गीत को संगीत से सँवारा है क्लिंटन सेरेजो ने। इस गीत में प्राण फूँकने में सचिन मित्रा के साथ उनके बजाए गिटार और अरिजीत की आवाज़ का कम योगदान नहीं है। अरिजीत सिंह भले सलमान खाँ द्वारा दुत्कारे गए हों पर फिर वो साल के सबसे लोकप्रिय गायक के रूप में उभरे हैं। वैसे बताइए क्या आपकी ज़िंदगी में भी कोई महरम है? तो चलिए सुनते इस गीत को।
05-Mehram CD MISC-20170226 Track#05 4:38
KAHANI 2-2016; Arijit Singh; Clinton Cerejo; Amitabh Bhattacharya
https://www.youtube.com/watch?v=mdBIwrVnqDQ
आँख , नैन, नैना ना जाने अब तक कितने फिल्मी गीतों के मुखड़े का हिस्सा बनें होंगे। हाल फिलहाल में फिल्म जय हो का तेरे नैना मार ही डालेंगे, दबंग 2 का तेरे नैना दगाबाज़ रे और दबंग का तेरे मस्त मस्त दो नैन , खूबसूरत का नैना नू पता है को आप नहीं भूले होंगे। पुराने गीतों की बात करें तो सबसे पहले उमराव जान का गीत इन आँखो् की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं से लेकर ये नयन डरे डरे तक फिल्मी मुखड़ों में इस शब्द के इस्तेमाल की रिवायत चली आ रही है।
पर पिछले साल की सबसे सफल फिल्म दंगल के एक गीत में नैना शब्द का इस्तेमाल आठ अलग अलग भावों को व्यक्त करने में हुआ है। अगर बोलों की गुणवत्ता की बात करूँ तो अमिताभ भट्टाचार्य का लिखा ये नग्मा साल के सबसे अच्छे लिखे हुए गीतों में से एक होगा। इस दर्द से भरे मधुर गीत को आवाज़ दी है अरिजीत सिंह ने और इसे संगीतबद्ध किया है प्रीतम ने।
पिता और पुत्री के बीच खेल की तकनीक से लेकर रहन सहन और अनुशासन के तौर तरीकों से उपजे तनाव को अमिताभ अपनी लेखनी से इस गीत में जीवंत करते नज़र आते हैं। प्रीतम का संगीत संयोजन एक बार फिर गिटार के इर्द गिर्द घूमता है। गीत के शब्द इतने दमदार हैं कि प्रीतम ने वाद्यों का स्तर न्यूनतम रखा है। तो चलिए सुनते हैं ये गीत जिसे शायद आपने फिल्म देखते हुए उतना ध्यान नहीं दिया हो...
06-Naina CD MISC-20170226 Track#05 3:41
DANGAL-2016; Arijit Singh; Pritam; Amitabh Bhattacharya
https://www.youtube.com/watch?v=GLvgOSSC3fE
As for those looking forward to some fun element, there is 'Mere Miyan Gaye England' which is a spin-off of legendary track 'Mere Piya Gaye Rangoon' [Patanga - 1949]. Considering the fact that the film is titled Rangoon, it is good to hear an inspiration with Rangoon changing to England. Rekha Bhardwaj does quite well to sing in a manner that has made the Shamshad Begum sung track so popular even after 50 years.
07-Mere Miya Gaye England CD MISC-20170226 Track#07 2:05
RANGOON-2017; Rekha Bhardwaj; Vishal Bhardwaj; Gulzar
https://www.youtube.com/watch?v=F_9TxX6nnFg
THE END समाप्त
Humko Mann Ki Shakti Dena Vani Jairam & Chorus; Vasant Desai; Gulzar - GUDDI-1971 |
Isiko Pyar Kehte Hain Ahmad Hussain, Mohammad Hussain; Hasrat Jaipuri - RAHNUMA-1995 |
Junaid Wasi-O Re Rangreza Sukhwinder Singh, Murtuza Mustafa & Qadir Mustafa; Vishal Khurana; Junaid Wasi - JOLLY LLB 2-2017 ![]() |
Kyun Re Amitabh Bachchan; Clinton Cerejo; Amitabh Bhattacharya - TE3N-2016 |
Mehram Arijit Singh; Clinton Cerejo; Amitabh Bhattacharya - KAHANI 2-2016 |
Naina Arijit Singh; Pritam; Amitabh Bhattacharya - DANGAL-2016 |
Mere Miya Gaye England Rekha Bhardwaj; Vishal Bhardwaj; Gulzar - RANGOON-2017 ![]() |