An Indian Morning
Sunday March 6th, 2016 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
Devotional, Classical, Ghazals, Folklore, Old/New Popular Film/Non-Film Songs, Community Announcements and more...
The Music of India is celebrated with its rich art, culture and people while keeping the "SPIRIT OF INDIA" alive.
एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यावाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए।
बॉलीवुड में जब भी देश प्रेम की बात की जाती है तो प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता व निर्देशक मनोज कुमार को जरूर याद किया जाता है। अपने देश के लिए मर मिटने की भावना को फिल्मों में मूर्त रूप प्रदान करने के लिए मनोज कुमार का भारतीय सिनेमा जगत में प्रमुख स्थान रहा है।
मनोज कुमार ने अपनी फिल्मों के माध्यम से भारतीयता की खोज की। अपनी भावनात्मक फिल्मों की बदौलत उन्होंने मुनाफे से ज्यादा नाम कमाया। यही वजह है कि फिल्म जगत में मनोज कुमार को आज भी उनकी देशभक्ति से परिपूर्ण फिल्मों के लिए जाना जाता है।
मनोज कुमार को वर्ष 2015 का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार देने की घोषणा हुई है।
While this award comes with a Swarn Kamal (Golden Lotus), a cash prize of Rs. 10 lakhs and a shawl, it is given on the basis of recommendations of a Committee of eminent personalities set up by the Government. In the past Manoj Kumar has been the recipient of the National Film Award for the film Upkaar and later in 1992, he was honoured with the Padma Shri by the government of India.
01-Bharat Ka Rehnewala CD MISC-20160306 Track#01 6:33
PURAB AUR PASCHIM-1971; Mahendra Kapoor; Kalyanji-Anandji; Indeevar
इस बार 7 मार्च यानी भगवान शिव के प्रिय दिन सोमवार को महाशिवरात्रि है। इस दिन महाशिवरात्रि होने से शिव पूजा कई गुना अधिक पुण्य फलदायक होगी। इस बार शिव आराधना के लिए महाशिवरात्रि का दिन विशेष शुभफलदायी रहेगा।
वैसे तो हर मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मास शिवरात्रि मनाई जाती है, फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को त्रयोदशी संयुक्त चतुर्दशी एवं रात्रि प्रधान चतुर्दशी को महाशिवरात्रि की प्रधानता मानी गई है। इस बार चतुर्दशी सोमवार दोपहर 1:20 बजे से प्रारंभ होकर मंगलवार प्रातः10:33 तक रहेगी।
यह महाशिवरात्रि इसलिए भी बहुत विशेष है क्योंकि शिव की दोनों तिथियां त्रयोदशी और चतुर्दशी शिववार सोमवार को आ रही है। इसी दिन शुभ योग एवं पंचग्रह, ग्रहण और कालसर्प योग भी रहेंगे, जिनसे ग्रह शांति का विशेष लाभ मिलेगा।
02-Om Namah Shivaya CD MISC-20160306 Track#02 6:57
BANARAS-A MYSTIC LOVE STORY-2006; Shreya Ghoshal; Himesh Reshammiya; Sameer
पायलिया बांवरी मोरी....सूने महल में नाचती रक्कासा के स्वरों में राग मारवा दस थाट, दस राग और दस गीत’ शृंखला # 746- पायलिया बांवरी मोरी....
“An Indian Morning” पर जारी श्रृंखला “दस थाट, दस राग और दस गीत” के नए सप्ताह में सभी रसिकों का मैं किशोर संपट एक बार फिर हार्दिक स्वागत करता हूँ। आधुनिक उत्तर भारतीय संगीत में राग-वर्गीकरण के लिए प्रचलित दस थाट प्रणाली पर केन्द्रित इस श्रृंखला में अब तक आप कल्याण, बिलावल, खमाज, भैरव और पूर्वी थाट का परिचय प्राप्त कर चुके हैं। आज की कड़ी में हम “मारवा” थाट पर चर्चा करेंगे।
“मारवा” थाट में प्रयोग होने वाले स्वर हैं- सा, रे॒, ग, म॑, प, ध, नि । इस राग का गायन-वादन दिन के चौथे प्रहर में उपयुक्त माना जाता है।
राग मारवा का प्रयोग हमारी फिल्मों में कम ही हुआ है। हिन्दी फिल्मों में रागों पर आधारित सर्वाधिक गीतों की रचना करने वाले संगीतकार के रूप में नौशाद अली का नाम सर्वोपरि है। १९६६ में प्रदर्शित फिल्म “साज और आवाज़” में संगीतकार नौशाद ने राग “मारवा” के स्वरों का सहारा लेकर एक अनूठा नृत्य-गीत स्वरबद्ध किया। अनूठा इसलिए कि यह गीत श्रृंगार रस प्रधान है और राग मारवा की प्रवृत्ति गम्भीरता और उदासी का भाव उत्पन्न करने में सहायक होता है। फिल्म “साज और आवाज़” का यह गीत- “पायलिया बावरी मोरी...” अभिनेत्री सायरा बानो के नृत्य पर फिल्माया गया था। यह गीत तीनताल और कहरवा तालों में निबद्ध किया गया है। गीतकार खुमार बाराबंकवी के शब्दों को लता मंगेशकर ने अपने सुरों से सजाया है। लीजिए, आप भी सुनिए, यह मधुर गीत-
03-Payaliya Banwri Mori CD MISC-20160306 Track#03 6:13
SAAZ AUR AWAZ-1966; Lata Mangeshkar; Naushad Ali; Khumar Barabankawi
तुझे प्यार करते हैं करते रहेंगें.... जब प्यार में कसमें वादों का दौर चला
'एक मैं और एक तू' शृंखला # 556- तुझे प्यार करते हैं करते रहेंगें....
रोमांटिक फ़िल्मी गीतों में जितना ज़्यादा प्रयोग "दिल" शब्द का होता आया है, शायद ही किसी और शब्द का हुआ होगा! और क्यों ना हो, प्यार का आख़िर दिल से ही तो नाता है। हमारे फ़िल्मी गीतकारों को जब भी इस तरह के हल्के फुल्के प्यार भरे युगल गीत लिखने के मौके मिले हैं, तो उन्होनें "दिल", "धड़कन", "दीवाना" जैसे शब्दों को जीने मरने के क़सम-ए-वादों के साथ मिला कर इसी तरह के गानें तैयार करते आए हैं। आज हमने जो गीत चुना है, वह भी कुछ इसी अंदाज़ का है। गीत है तो बहुत ही सीधा और हल्का फुल्का, लेकिन बड़ा ही सुरीला और प्यारा। हसरत जयपुरी साहब रोमांटिक गीतों के जादूगर माने जाते रहे हैं, जिनकी कलम से न जाने कितने कितने हिट युगल गीत निकले हैं, जिन्हे ज़्यादातर लता-रफ़ी ने गाए हैं। लेकिन आज हम उनका लिखा हुआ जो गीत आप तक पहुँचा रहे हैं उसे रफ़ी साहब ने लता जी के साथ नहीं, बल्कि सुमन कल्याणपुर के साथ मिलकर गाया है फ़िल्म 'अप्रैल फ़ूल' के लिए। शंकर जयकिशन के संगीत निर्देशन में यह गीत है "तुझे प्यार करते हैं करते हैं करते रहेंगे, के दिल बनके दिल में धड़कते रहेंगे"। 'अप्रैल फ़ूल' १९६४ की फ़िल्म थी जिसके मुख्य कलाकार थे बिस्वजीत और सायरा बानो। सुबोध मुखर्जी निर्मित व निर्देशित इस फ़िल्म का शीर्षक गीत आज भी बेहद लोकप्रिय है जिसे हम हर साल पहली अप्रैल के दिन याद करते हैं।
जैसा कि अभी हमने आपको बताया कि 'अप्रैल फ़ूल' १९६४ की फ़िल्म थी। और यही वो समय था जब लता जी और रफ़ी साहब ने रायल्टी के विवाद की वजह से एक दूसरे के साथ गीत गाना बंद कर दिया था।
हमने इस बात का ज़िक्र यहाँ पर इसलिए किया क्योंकि बात रफ़ी साहब और सुमन कल्याणपुर के गाने की चल रही है। जी हाँ, लता जी के रफ़ी साहब के साथ ना गाने की वजह से फ़िल्म निर्माता और संगीतकार सुमन जी की आवाज़ की ओर आकृष्ट हुए क्योंकि एक सुमन जी ही थीं जिनकी आवाज़ लता जी से बहुत मिलती जुलती थी। ख़ैर, आइए अब सुना जाए आज का गीत फ़िल्म 'अप्रैल फ़ूल' से।
04-Tujhe Pyar Karte Hain Karte Rahenge CD MISC-20160306 Track#04 3:34
APRIL FOOL-1964; Mohammad Rafi, Suman Kalyanpur; Shankar-Jaikishan; Hasrat Jaipuri
मुझे दर्दे दिल क पता न था....मजरूह साहब की शिकायत रफ़ी साहब की आवाज़ में
“...और कारवाँ बनता गया” शृंखला # 666- मुझे दर्दे दिल क पता न था....
'...और कारवाँ बनता गया'... मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे गीतों का कारवाँ इन दिनों चल रहा है 'An Indian Morning' में। "मजरूह साहब का ताल्लुख़ अदब से है। वो ऐसे शायर हैं जो फ़िल्म इंडस्ट्री में आकर मशहूर नहीं हुए, बल्कि वो उससे पहले ही अपनी तारीफ़ करवा चुके थे। उन्होंने बहुत ज़्यादा गानें लिखे हैं, जिनमें कुछ अच्छे हैं, कुछ बुरे भी हैं। आदमी के देहान्त के बाद उसकी अच्छाइयों के बारे में ही कहना चाहिए। वो एक बहुत अच्छे ग़ज़लगो थे। वो आज हम सब से इतनी दूर जा चुके हैं कि उनकी अच्छाइयों के साथ साथ उनकी बुराइयाँ भी हमें अज़ीज़ है। आर. डी. बर्मन साहब की लफ़्ज़ों में मजरूह साहब का ट्युन पे लिखने का अभ्यास बहुत ज़्यादा था। मजरूह साहब नें बेशुमार गानें लिखे हैं जिस वजह से साहित्य और अदब में कुछ ज़्यादा नहीं कर पाये।
उन्हें जब दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाज़ा गया, तब उन्होंने यह कहा था कि अगर यह पुरस्कार उन्हें साहित्य के लिये मिलता तो उसकी अहमियत बहुत ज़्यादा होती। "उन्होंने कुछ ऐसे गानें लिखे हैं जिन्हें कोई पढ़ा लिखा आदमी, भाषा के अच्छे ज्ञान के साथ ही, हमारे कम्पोज़िट कल्चर के लिये लिख सकता है।" - निदा फ़ाज़ली।
६० के दशक का पहला गीत इस शृंखला का हमनें सुना था फ़िल्म 'दोस्ती' का। आज सुनिये इसी दशक का फ़िल्म 'आकाशदीप' का गीत जिसके संगीतकार हैं चित्रगुप्त। इस संगीतकार के साथ भी मजरूह साहब नें बहुत काम किया है। रफ़ी साहब की आवाज़ में यह ग़ज़ल है "मुझे दर्द-ए-दिल का पता न था, मुझे आप किसलिये मिल गये, मैं अकेले युं ही मज़े में था, मुझे आप किसलिये मिल गये"। यह १९६५ की फ़िल्म थी । और आइए अब आनंद लें रफ़ी साहब की आवाज़ में मजरूह-चित्रगुप्त के इस गीत का। गीत फ़िल्माया गया है अभिनेता धर्मेन्द्र पर।
क्या आप जानते हैं...
कि हिंदी शब्दों में मजरूह साहब को कुछ शब्दों में ख़ासा दिलचस्पी थी, जैसे कि "प्यारे" और "दीया"। "दीया" शब्द के प्रयोग वाले गीतों में उल्लेखनीय हैं "दिल का दीया जलाके गया" (आकाशदीप), "क्या जानू सजन होती है क्या ग़म की शाम, जल उठे सौ दीये" (बहारों के सपने), "दीये जलायें प्यार के चलो इसी ख़ुशी में" (धरती कहे पुकार के)।
05-Mujhe Dard-E-Dil Ka Pata Na Tha CD MISC-20160306 Track#05 3:25
AAKASHDEEP-1965; Mohammad Rafi; Chitragupt; Majrooh Sultanpuri
तेरे पास आके मेरा वक्त गुजर जाता है ...."लम्स तुम्हारा" यूं मुझमें ठहर जाता है
“एक पल की उम्र लेकर” शृंखला# 716- तेरे पास आके मेरा वक्त गुजर जाता है ....
स्वागत है आप सभी का, लघु शृंखला 'एक पल की उम्र लेकर' की छठी कड़ी में। हमारी ज़िंदगी में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनसे मिल कर अच्छा लगता है, जिनके साथ हम दिल की बातें शेयर कर सकते हैं। और ऐसे लोगों में एक ख़ास इंसान ऐसा होता है जो बाकी सब से ख़ास होता है, जिसके ज़िक्र से ही होठों पर मुस्कान आ जाती है, जिसके बारे में किसी को कहते वक़्त आँखों में चमक आ जाती है, जिसकी बातें करते हुए होंठ नहीं थकते। और जब उस ख़ास शख़्स से मुलाक़ात होती है तो उस मुलाक़ात की बात ही कुछ और होती है। ऐसा लगता है कि जैसे जीवन में कोई तनाव नहीं है, कोई दुख नहीं है। उसकी आँखों की चमक सारे दुखों पर जैसे पर्दा डाल देती हैं। उसकी वो नर्म छुवन जैसे सारे तकलीफ़ों पर मरहम लगा जाती है। उसकी भीनी भीनी ख़ुशबू ज़िंदगी को यूं महका जाती है कि फिर बहारों का भी इंतेज़ार नहीं रहता। वक़्त कैसे गुज़र जाता है उसके साथ पता ही नहीं चलता। बहुत ख़ुशनसीब होते हैं वो लोग जिन्हें किसी का प्यार मिलता है, सच्ची दोस्ती मिलती है। आज फ़िल्म 'नीला आकाश' से सुनिये आशा भोसले और मोहम्मद रफ़ी का गाया "तेरे पास आके मेरा वक़्त गुज़र जाता है, दो घड़ी के लिए ग़म जाने कहाँ जाता है"। राजा मेहंदी अली ख़ान के बोल और मदन मोहन की तर्ज़।
06-Tere Paas Aake Mera Waqt Guzar Jata Hai CD MISC-20160306 Track#06 4:01
NEELA AAKASH-1965; Mohammad Rafi, Asha Bhosle; Madan Mohan; Raja Mehdi Ali Khan
बोलिए सुरीली बोलियाँ...और पिरोते रहिये हँसी की लड़ियाँ हर पल “...और कारवाँ बनता गया”
शृंखला # 656- बोलिए सुरीली बोलियाँ...
'An Indian Morning' के दोस्तों नमस्कार! आज रविवार, यानी छुट्टी का दिन, आप सभी नें अपने अपने परिवार के साथ हँसी-ख़ुशी बिताया होगा। हँसी-ख़ुशी से याद आया कि इन दिनों इस स्तंभ में जारी है लघु शृंखला 'गान और मुस्कान', जिसमें हम कुछ ऐसे गीत सुनवा रहे हैं जिनमें गायक/गायिका की हँसी सुनाई देती है। आज आप सुनेंगे गायिका-अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित की हँसी। सिंगिंग् सुपरस्टार्स की श्रेणी में सुलक्षणा पंडित और सलमा आग़ा दो ऐसे नाम हैं जिनके बाद इस श्रेणी को पूर्णविराम सा लग गया है। ख़ैर, आज जिस गीत को लेकर हम उपस्थित हुए हैं वह है फ़िल्म 'गृहप्रवेश' का - "बोलिये सुरीली बोलियाँ"।
भूपेन्द्र और सुलक्षणा पंडित की आवाज़ों में यह शास्त्रीय संगीत पर आधारित रचना है राग बिहाग पर आधारित, लेकिन इसमें हास्य का भी पुट है। अब जिस गीत के मुखड़े के ही बोल हैं "नमकीन आँखों की रसीली गोलियाँ", उसमें हास्य तो होगा ही न! और "नमकीन आँखों की रसीली गोलियाँ" कहने वाले गीतकार गुलज़ार साहब के अलावा भला और कौन हो सकता है! बासु भट्टाचार्य निर्देशित १९७९ की इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार हैं संजीव कुमार, शर्मीला टैगोर और सारिका। फ़िल्म में संगीत था कानू रॉय का जिन्होंने 'अनुभव' और 'आविष्कार' में भी संगीत दिया था। दोस्तों, आइए आपको सुनवाते हैं फ़िल्म 'गृहप्रवेश' का गीत और मज़ा लेते हैं सुलक्षणा जी की हँसी का भी।
क्या आप जानते हैं...
कि फ़िल्म 'गृह प्रवेश' में गुलज़ार साहब अतिथि कलाकार के रूप में पर्दे पर नज़र आये थे।
07-Boliye Surilee Boliyan CD MISC-20160306 Track#07 4:40
GRAH PRAVESH-1979; Sulakshna Pandit, Bhupendra; Kanu Roy; Gulzar
1) “ दस थाट, दस राग और दस गीत” 2) “एक मैं और एक तू” 3) “...और कारवाँ बनता गया” 4) “एक पल की उम्र लेकर” 5) “गान और मुस्कान”
हर साल हम 8 मार्च को विश्व की प्रत्येक महिला के सम्मान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं। 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्पूर्ण विश्व की महिलाएं देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर इस दिन को मनाती हैं। साथ ही पुरुष वर्ग भी इस दिन को महिलाओं के सम्मान में समर्पित करता है। महिला दिवस अब लगभग सभी विकसित, विकासशील देशों में मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं को उनकी क्षमता, सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक तरक्की दिलाने व उन महिलाओं को याद करने का दिन है, जिन्होंने महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए अथक प्रयास किए।
सही मायने में महिला दिवस तब ही सार्थक होगा जब विश्व भर में महिलाओं को मानसिक व शारीरिक रूप से संपूर्ण आजादी मिलेगी, जहां उन्हें कोई प्रताड़ित नहीं करेगा, जहां उन्हें दहेज के लालच में जिंदा नहीं जलाया जाएगा, जहां कन्या भ्रूण हत्या नहीं की जाएगी, जहां बलात्कार नहीं किया जाएगा, जहां उसे बेचा नहीं जाएगा। समाज के हर महत्वपूर्ण फैसलों में उनके नजरिए को महत्वपूर्ण समझा जाएगा। तात्पर्य यह है कि उन्हें भी पुरूष के समान एक इंसान समझा जाएगा। जहां वह सिर उठा कर अपने महिला होने पर गर्व करे, न कि पश्चाताप, कि काश मैं एक लड़का होती।
08-Mauj Ki Malharein CD MISC-20160306 Track#08 3:21
GULAAB GANG-2014; Sadhu Sushil Tiwari, Superwoman, Chaittali Shrivasttava; Soumik Sen; Rohit Sharma
THE END समाप्त
Bharat Ka Rehnewala Mahendra Kapoor; Kalyanji-Anandji; Indeevar - PURAB AUR PASCHIM-1971 |
Om Namah Shivaya Shreya Ghoshal; Himesh Reshammiya; Sameer - BANARAS-A MYSTIC LOVE STORY-2006 |
Payaliya Banwri Mori Lata Mangeshkar; Naushad Ali; Khumar Barabankawi - SAAZ AUR AWAZ-1966 |
Tujhe Pyar Karte Hain Karte Rahenge Mohammad Rafi, Suman Kalyanpur; Shankar-Jaikishan; Hasrat Jaipuri - APRIL FOOL-1964 |
Mujhe Dard-E-Dil Ka Pata Na Tha Mohammad Rafi; Chitragupt; Majrooh Sultanpuri - AAKASHDEEP-1965 |
Tere Paas Aake Mera Waqt Guzar Jata Hai Mohammad Rafi, Asha Bhosle; Madan Mohan; Raja Mehdi Ali Khan - NEELA AAKASH-1965 |
Boliye Surilee Boliyan Sulakshna Pandit, Bhupendra; Kanu Roy; Gulzar - GRAH PRAVESH-1979 |
Mauj Ki Malharein Sadhu Sushil Tiwari, Superwoman, Chaittali Shrivasttava; Soumik Sen; Rohit Sharma - GULAAB GANG-2014 |