An Indian Morning
Sunday September 13th, 2015 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore aka "Kish"
Classical, Devotional, Ghazals, Theme based, Old/New Popular Bollywood Film songs, Community Announcements and more....
Celebrating not only the Music of India, but equally so its varied rich art, culture and people while maintaining the "Spirit of India" alive...
एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यावाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए।
We are familiarizing you with Hindi alphabets (Vowels-Swaron, Consonants-Vyanjan) and playing 1 or 2 songs for each alphabet.
Since last few Sundays, we introduced songs for vowels (स्वरों) अ,आ,इ,ई. उ ऊ, ए, ऐ, ओ and consonants (व्यंजनो) क,ख, ग. घ, च छ ज झ ट ठ ड ढ त & थ .
We will continue with consonants (व्यंजनो) द & ध .
द DEKHO KASAM SE..KASAM SE.. (TUMSA NAHIN DEKHA 1957) द
देखो कसम से...कसम से, कहते हैं तुमसे हाँ.....प्यार की मीठी तकरार में...
आज 'An Indian Morning' में फ़िल्म 'तुमसा नहीं देखा' से आशा भोंसले और मोहम्मद रफ़ी साहब का युगल गीत प्रस्तुत हैं । सफलता की दृष्टि से देखा जाये तो ओ. पी. नय्यर साहब का 'स्कोर' इस मामले में बहुत ऊँचा रहा है। इस फ़िल्म में नय्यर साहब के संगीत में आशाजी और रफ़ी साहब के कई युगल गीत लोकप्रिय हुए थे जैसे कि "सर पर टोपी लाल हाथ मे रेशम का रूमाल हो तेरा क्या कहना", "आये हैं दूर से मिलने हुज़ूर से, ऐसे भी चुप ना रहिए, कहिए भी कुछ तो कहिए दिन है के रात है" और "देखो क़सम से क़सम से कहते हैं तुमसे हाँ, तुम भी जलोगे हाथ मलोगे रूठ के हमसे हाँ"। यही तीसरा गीत आज हम यहाँ पर आपके लिए पेश कर रहे हैं। नय्यर साहब का एक अंदाज़ ऐसा भी था कि मुखड़े के बाद जैसे ही अंतरा शुरु होता है तो गाने का 'रिदम' बिलकुल बदल जाती है, और यह गीत भी कुछ इसी तरह के अंदाज़ का है। मुखड़ा पाश्चात्य संगीत को छू रहा है तो अंतरे में तबले के ठेके मचलने लगते हैं।
"ओ दिलबर-जानिया, रूठने मनाने में ना बीते ये जवानियाँ", जी हाँ, इस गीत रूठने मनाने की बात हो रही है। नायक के रूठ जाने पर नायिका उसे क़सम दे रही है। मजरूह सुल्तानपुरी ने इस छेड़-छाड़ वाले गीत में अपनी लेखनी का बड़ा ख़ूबसूरत नमूना पेश किया है। गीत सुनते हुए आप जैसे ही अनुभव करेंगे कि "क़सम" शब्द बहुत ज़्यादा हो रहा है गाने में, तभी रफ़ी साहब गा उठते हैं कि "क्या लगाई तुमने यह 'क़सम क़सम से', लो ठहर गये हम कुछ कहो भी हम से"। यही है इस गाने की ख़ासीयत । तो लीजिए बोलचाल की भाषा में लिखी गयी इस मज़ेदार गीत का आनंद उठाते हैं आज । (30 Secs Music)….
01-Dekho Kasam Se, Kasam Se MISC-20150913 Track#01 3:34
TUMSA NAHIN DEKHA-1957;Asha Bhosle, Mohammad Rafi; O.P.Nayyar; Majrooh Sultanpuri
द DEKHTI HI RAHO AAJ DARPAN NA TUM.. (NAYI UMAR KI NAYI FASAL 1965) द
देखती ही रहो आज दर्पण ना तुम, प्यार का यह महूरत निकल जाएगा...नीरज का लिखा एक प्रेम गीत
'नयी उमर की नयी फ़सल' फ़िल्म आयी थी सन् १९६५ में जिसमें नायक थे राजीव और नायिका थीं तनुजा। कवि नीरज के काव्यात्मक रचनायें गीतों की शक्ल में इस फ़िल्म में गूँजे। मुकेश की आवाज़ में जिस गीत को आज हम सुनवा रहे हैं वह थोड़ा सा कम सुना सा गीत है, लेकिन अच्छे गीतों के क़द्रदानों को यह गीत बख़ूबी याद होगा। तो लीजिए दोस्तों, साहित्य के उन सभी गीतकारों जिन्होने फ़िल्म संगीत में अपना अमूल्य योगदान दिया है, उन सभी को सलाम करते हुए सुनते हैं मुकेश की आवाज़ में रोशन का संगीत आज के 'An Indian Morning' में। रोशन ने जब भी किसी गीत में संगीत दिया है तो उसमें इस्तेमाल किये गये साज़ों का चुनाव इस क़दर किया कि जो गायक गायिका की आवाज़ को पूरा समर्थन दे, और प्रस्तुत गीत भी उनके इसी अंदाज़ का एक मिसाल है।
02-Dekhti Hi Raho Aaj Darpan Na Tum MISC-20150913 Track#02 3:20
NAI UMAR KI NAI FASAL-1965; Mukesh; Roshan; Neeraj
द DIL LAGAKAR HUM YE SAMJE (ZINDAGI AUR MAUT 1965) द
दिल लगाकर हम ये समझे ज़िंदगी क्या चीज़ है- शक़ील बदायूँनी की दार्शनिक शायरी
"होश वालों को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ है, इश्क़ कीजिये फिर समझिये ज़िंदगी क्या चीज़ है"। लगभग 50 साल पहले गीतकार शक़ील बदायूँनी ने फ़िल्म 'ज़िंदगी और मौत' में एक गीत लिखा था "दिल लगाकर हम ये समझे ज़िंदगी क्या चीज़ है, इश्क़ कहते हैं किसे और आशिक़ी क्या चीज़ है"। तो आज 'An Indian Morning' की महफ़िल सज रही है महेन्द्र कपूर के गाये फ़िल्म 'ज़िंदगी और मौत' के इसी गीत से। यह फ़िल्म संगीतकार सी. रामचन्द्र के संगीत सफ़र के आख़िरी मशहूर फ़िल्मों में से एक है। यहाँ पर यह बताना ज़रूरी है कि सी. रामचन्द्र ने ही गायक महेन्द्र कपूर को पहला बड़ा ब्रेक दिया था फ़िल्म 'नवरंग' में, जिसमें महेन्द्र कपूर ने आशाजी के साथ कुछ यादगार गीत गाये थे।
1965 की फ़िल्म 'ज़िंदगी और मौत' के मुख्य कलाकार थे प्रदीप कुमार और फ़रियाल। (30 Secs Music…)
03-Dil Lagakar Hum Ye Samje MISC-20150913 Track#03 3:32
ZINDAGI AUR MAUT-1965; Mahendra Kapoor; C.Ramchandra; Shakeel Badayuni
द DIL KA DIYA JALA KE GAYA YE KAUN (AAKASH DEEP 1965) द
दिल का दिया जला के गया ये कौन मेरी तन्हाई में...संगीतकार चित्रगुप्त ने रचा था इस मधुर गीत को
आज का गीत इतना मधुर बन पड़ा है कि बार बार सुनने को जी चाहता है। लता मंगेशकर की आवाज़ में यह गीत है फ़िल्म 'आकाशदीप' का, जिसे लिखा था मजरूह सुल्तानपुरी ने। "दिल का दीया जलाके गया ये कौन मेरी तन्हाई में, सोये नग़में जाग उठे होठों की शहनाई में"; पहला पहला प्यार किस तरह से नायिका के नाज़ुक दिल पर असर करती है, उसका बेहद बेहद ख़ूबसूरत वर्णन हुआ है इस कोमल गीत में। मजरूह साहब ने क्या ख़ूब लिखा है कि "प्यार अरमानों का दर खटकाये, ख़्वाब जागी आँखों से मिलने को आये, कितने साये डोल पड़े सूनी सी अँगनाई में"। आकाशदीप' फ़िल्म आयी थी १९६५ में फणी मजुमदार के निर्देशन में। फ़िल्म के मुख्य कलाकार थे धर्मेन्द्र, नंदा, निम्मी, अशोक कुमार, और महमूद। सुनिये यह गीत, और इसमे अपनी पसंद के साथ साथ मेरी पसंद भी शामिल कर लीजिए, क्युंकि मुझे यह गीत बेहद बेहद बेहद पसंद है।
04-Dil Ka Diya Jala Ke Gaya Ye Kaun MISC-20150913 Track#04 3:39
AAKASHDEEP-1965; Lata Mangeshkar; Chitragupt; Majrooh Sultanpuri
द DIWANA MUJSA NAHIN IS AMBAR KE NEECHE (TEESRI MANZIL 1966) द
दीवाना मुझसा नहीं इस अम्बर के नीचे...रफी साहब के किया दावा शम्मी कपूर के लिए
1966 की फ़िल्म 'तीसरी मंज़िल' पंचम की पहली कामयाब फ़िल्म मानी जाती है, जिसमे रफ़ी साहब और आशा भोंसले ने कुछ ऐसे धमाकेदार गानें गाये हैं कि आज ये गानें सदाबहार गीतों की फ़ेहरिस्त में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है। 'तीसरी मंज़िल' नासिर हुसैन की फ़िल्म थी जिसमें शम्मी कपूर की नायिका थीं आशा पारेख। दोस्तों, नेपाली लोक गीत की धुन पर आधारित यह गीत है "दीवाना मुझसा नहीं इस अम्बर के नीचे", जिसे आप ने कई कई बार सुना होगा और आज फिर एक बार सुनने जा रहे हैं हमारे साथ। सुनिए।
05-Deewana Mujsa Nahin Is Ambar Ke Neeche MISC-20150913 Track#05 3:24
TEESRI MANZIL-1966; Mohammad Rafi; R.D.Burman; Majrooh Sultanpuri
द DUNIYA KARE SAWAAL TO HUM KYA JAWAB DEN (BAHU BEGUM 1967) द
दुनिया करे सवाल तो हम क्या जवाब दे....रोशन के संगीत में लता की आवाज़ पुरअसर
रोशन १६ नवंबर १९६७ को इस दुनिया-ए-फ़ानी को हमेशा के लिये छोड़ गए, लेकिन पीछे छोड़ गए अपनी दिलकश धुनों का एक अनमोल ख़ज़ाना। फ़िल्म 'बहू बेग़म' भी उनके संगीत सफ़र के आख़री फ़िल्मों में से एक है। यह फ़िल्म भी १९६७ को ही प्रदर्शित हुई थी। एम. सादिक़ निर्देशित इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार थे अशोक कुमार, मीना कुमारी और प्रदीप कुमार। यह फ़िल्म एक 'पिरियड ड्रामा' है जिसमें पुरुष प्रधान समाज का चित्रण किया गया है, और उन दिनो नारी को किस तरह से दबाया - कुचलाया जाता था उसका भी आभास मिलता है इस फ़िल्म में। आज इसी फ़िल्म का गीत सज रहा है 'An Indian Morning' की महफ़िल में। लता मंगेशकर की आवाज़ में "दुनिया करे सवाल तो हम क्या जवाब दें, तुमको ना हो ख्याल तो हम क्या जवाब दें" फ़िल्म संगीत के ख़ज़ाने की एक ऐसी मोती है जिसकी चमक आज 48 सालों के बाद भी वैसी की वैसी बरकरार है। यह ग़ज़ल है तो ३ मिनट की ही, लेकिन एक बार सुनने पर इसका असर ३ हफ़्ते तक रहता है। फ़िल्म में नायिका के दिल की दुविधा, समाज का डर, दिल की बेचैनी, शर्म-ओ-हया, सभी कुछ समा गया है इस छोटी सी ग़ज़ल में। समात फ़रमाइए...
06-Duniya Kare To Sawaal Hum Kya Jawab Den MISC-20150913 Track#06 3:10
BAHU BEGUM-1967; Lata Mangeshkar; Roshan; Sahir Ludhianavi
द DUNIYA MEIN LOGON KO… (APNA DESH 1972) द
दुनिया में लोगों को धोका कभी हो जाता है...पंचम, आशा डुयेट
Enjoy listening to the best combination of R.D Burman & Rajesh Khanna in the popular hindi song "Duniya Mein Logon Ko" from the Bollywood classic romantic drama adventure hindi movie Apna Desh (1972) starring Bollywood's first superstar actor Rajesh Khanna, Mumtaz, Japdeep & Om Prakash. Directed by Jambu. Produced by T.M Kittu & A.V Subramaniam. This song is composed and sung by the legend R.D Burman himself along with the terrific voice of Asha Bhosle.
07-Duniya Mein logon Ko Kabhi Dhoka Ho Jaata Hai MISC-20150913 Track#07 5:49
APNA DESH-1972; Pancham, Asha Bhosle; R.D.Burman; Anand Bakshi
ध DHAK DHAK KARNE LAGA… (BETA 1992) ध
Beta is a 1992 Hindi-version remake film directed by Indra Kumar that featured in the lead roles the pairing of Madhuri Dixit and Anil Kapoor. Sridevi was first offered, and refused, the lead role because she had already made many films with Anil Kapoor.
Beta won five Filmfare Awards: Best Actor, Anil Kapoor; Best Actress, Madhuri Dixit; Best Female Playback Singer, Anuradha Paudwal for "Dhak Dhak Karne Laga"; Filmfare Award for Best Choreography for Saroj Khan; and Best Supporting Actress, Aruna Irani. It was the highest grossing film of 1992.
The music of the song was a note by note copy of Ilayaraja's super hit song "Abbanee teeyani debba" in the Telugu cinema Jagadeka Veerudu Athiloka Sundari (1990) starring Sridevi and Chiranjeevi which was dubbed into Hindi as Aadmi Aur Apsara (1991).
08-Dhak Dhak Karne Laga MISC-20150913 Track#08 5:21
BETA-1992; Anuradha Paudwal, Udit Narayan; Anand-Milind; Sameer
ध DHADAK DHADAK… (BUNTY AUR BABLI 2005) ध
नए दौर की सफल फिल्मों में से एक है बंटी और बबली। इसमे आपको बिग बी , स्माल बी और बिग बी की बहू समेत ढेर सारे कलाकार नज़र आयेंगे। ये गाना 'स्माल बी' यानि अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी पर फिल्माया गया है। गुलज़ार साहब ने वाकई अलग हट के बोल लिखे हैं और आजकल वे ऐसे अलग हट के गीत काफ़ी लिख रहे हैं। संगीत है शंकर-एहसान- लॉय का। शंकर महादेवन, एहसान नूरानी और लॉय मेंडोसा की तिकडी जमा है इधर। उदित नारायण और सुनिधि चौहान जैसे जाने पहचाने नामों के अलावा गायकों की लिस्ट में एक नाम है निहिरा जोशी का । ये पहली सुपर हिट फिल्म है 'स्माल बी' की।
09-Dhadak Dhadak MISC-20150913 Track#09 6:35
BUNTY AUR BABLI-2005; Udit Narayan, Sunidhi Chauhan, Nihira Joshi, Amitabh Bachchan; Shankar-Ehsaan-Loy; Gulzar
THE END समाप्त
Dekho Kasam Se, Kasam Se Asha Bhosle, Mohammad Rafi; O.P.Nayyar; Majrooh Sultanpuri - TUMSA NAHIN DEKHA-1957 |
Dekhti Hi Raho Aaj Darpan Na Tum Mukesh; Roshan; Neeraj - NAI UMAR KI NAI FASAL-1965 |
Dil Lagakar Hum Ye Samje Mahendra Kapoor; C.Ramchandra; Shakeel Badayuni - ZINDAGI AUR MAUT-1965 |
Dil Ka Diya Jala Ke Gaya Ye Kaun Lata Mangeshkar; Chitragupt; Majrooh Sultanpuri - AAKASHDEEP-1965 |
Deewana Mujsa Nahin Is Ambar Ke Neeche Mohammad Rafi; R.D.Burman; Majrooh Sultanpuri - TEESRI MANZIL-1966 |
Duniya Kare To Sawaal Hum Kya Jawab Den Lata Mangeshkar; Roshan; Sahir Ludhianavi - BAHU BEGUM-1967 |
Duniya Mein logon Ko Kabhi Dhoka Ho Jaata Hai Pancham, Asha Bhosle; R.D.Burman; Anand Bakshi - APNA DESH-1972 |
Dhak Dhak Karne Laga Anuradha Paudwal, Udit Narayan; Anand-Milind; Sameer - BETA-1992 |
Dhadak Dhadak Udit Narayan, Sunidhi Chauhan, Nihira Joshi, Amitabh Bachchan; Shankar-Ehsaan-Loy; Gulzar - BUNTY AUR BABLI-2005 |