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An Indian Morning
Sunday April 26th, 2015 with Dr. Harsha V. Dehejia and "Kish"
Classical, Devotional, Ghazals, Old/New Popular Bollywood Film Songs, Themes, Community Announcements and more...

Celebrating not only the Music of India, but equally so its varied rich art, culture and people, and keeping the "Spirit of India" alive... एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यावाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए। नमस्कार! 'An Indian Morning' की एक और नए सप्ताह में आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है। दोस्तों, पिछले तीन हफ़्तों से 'An Indian Morning' पर सज रही है एक ऐसी महफ़िल जिसे रोशन कर रहे हैं हिंदी सिनेमा के लौह स्तंभ समान फ़िल्मकार। 'हिंदी सिनेमा के लौह स्तंभ' लघु शृंखला के पहले तीन खण्डों में वी. शांताराम, महबूब ख़ान और बिमल रॊय के फ़िल्मी सफ़र पर नज़र डालने के बाद आज से हम इस शृंखला का चौथा और अंतिम खण्ड शुरु कर रहे हैं। और इस खण्ड के लिए हमने जिस फ़िल्मकार को चुना है, वो एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी कलाकार हैं। फ़िल्म निर्माण और निर्देशन के लिए तो वो मशहूर हैं ही, अभिनय के क्षेत्र में भी उन्होंने लोहा मनवाया है और साथ ही एक अच्छे नृत्य निर्देशक भी रहे हैं। इस बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न फ़िल्मकार को दुनिया जानती है गुरु दत्त के नाम से। कभी आर कभी पार लागा तीरे नज़र.....आज भी इस गीत की रिदम को सुनकर मन थिरकने नहीं लगता क्या आपका ? जाने क्या तुने कही, जाने क्या मैंने कही....और बनी बात बिगड गयी गीता और गुरु दत्त की देखी ज़माने की यारी, बिछड़े सभी बारी बारी.....शब्द कैफी के और और दर्द गुरु दत्त का चौदहवीं का चाँद हो, या आफताब हो....अभिनेता के रूप में भी खासे सफल रहे गुरु दत्त भंवरा बड़ा नादान, बगियन का मेहमान.....और वो मेहमान गुरु दत्त दुनिया के बगियन को छोड़ चुप चाप चला गया इसी के साथ सम्पन्न होता है २० कड़ियों से चली आ रही 'An Indian Morning' की लघु शृंखला 'हिंदी सिनेमा के लौह स्तंभ'। इस शृंखला में हमने वी. शांताराम, महबूब ख़ान, बिमल रॊय और गुरु दत्त को शामिल किया। क्या आप जानते हैं... कि गुरु दत्त अभिनीत फ़िल्में हैं - चांद (४४), लखा रानी (४५), हम एक हैं (४६), बाज़ (५३), सुहागन (५४), आर पार (५४), मिस्टर ऐण्ड मिसेस ५५ (५५), प्यासा (५७), 12 O'Clock (५८), काग़ज़ के फूल (१९५९), चौदहवीं का चांद (६०), सौतेला भाई (६२), 'साहब बीवी और ग़ुलाम (६२), भरोसा (६३), बहूरानी (६३), सुहागन (६४), सांझ और सवेरा (६४), पिक्निक (६४) - अधूरी। आइए बात की जाए अगले गीत की, आपकी पसंद का । " अभी मुझ में कहीं,बाकी थोड़ी सी है ज़िन्दगी... अग्निपथ 2012 "
Kabhi Aar Kabhi Par Laga Teere Nazar
Shamshad Begum; O.P.Nayyar; Majrooh Sultanpuri - AAR PAAR-1954
Jaane Kya Tune Kahi, Jaane Kya Maine Kahi
Geeta Dutt; S.D.Burman; Sahir Ludhianavi - PYAASA-1957
Dekhi Zamane Ki Yaari, Bichhde Sabhi Baari Baari
Mohd. Rafi; S.D.Burman; Kaifi Azmi - KAAGAZ KE PHOOL-1959
Choudavi Ka Chand Ho
Mohd. Rafi; Naushad; Ravi - CHAUDHAVI KA CHAND-1960
Bhanwara Bada Nadan Hai
Asha Bhosle; Hemant Kumar; Shakeel Badayuni - SAHIB BIBI AUR GHULAM-1962
Abhi Mujh Mein Kahin
Sonu Nigam; Ajay-Atul; Amitabh Bhattacharya - AGNEEPATH-2012
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