An Indian Morning
Sunday January 4th, 2015 with Dr. Harsha V. Dehekia and Kishore aka "Kish"
Classical, Devotional, Ghazals, Old/New Popular Bollywood Songs, Community Announcements and more...
Celebrating not only the Music of India, but equally so its varied rich art, culture and people whilst keeping the Spirit of India alive...
01-Asatoma Sadgamaya MISC-20150104 Track#01 2:01
SIMIRAN-2009; Lata Mangeshkar
We are very shocked and saddened to hear of the sudden passing of dear family friend and an ardent listener of “An Indian Morning” Mani Sankaran.
02-Na Leke Jao MISC-20150104 Track#02 6:39
FIZA-2001; Jaspinder Narula; Anu Malik; Gulzar
Many a hearts have been touched by Mani. He was an ardent listener of “An Indian Morning”. As a matter of fact in 80s, he joined as technical assistant with Bill Bhaneja and late Mrs. Pratibha Sampat in broadcasting a Hindi radio program thru 6-49 Lottery Foundation.
Where ever Mani has lived and however he lived, he made everyone a part of his wondrous world, full of love and laughter. He lived and enjoyed every moment of his life to the fullest in his own unique way. His affable nature, telling jokes and interesting anecdotes left a life-long impression in the hearts of everyone he met.
His laughter and joy of life will forever echo in our ears. He always remained a very approachable and down to earth soul. He was and always will remain in our hearts and souls as long as we live. Mani, to my daughter Mita, you were “Pepper” uncle and will always remain so.
On behalf of “An Indian Morning” and East Indian community at large, we extend our profound condolences and sympathies to his wife Radhaji and two daughters, Priya & Meena. May his soul rest in peace and May Almighty Gold grant you strength and courage during this difficult time.
03-Asatoma Sadgamaya MISC-20150104 Track#03 0:52
Unknown
'An Indian Morning' के सभी श्रोता-पाठकों को किशोर संपट का प्यार भरा नमस्कार! एक और साल बीत गया और एक और नया साल दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है। फ़िल्म संगीत के इतिहास में आज जब हम पीछे मुड़ कर देखते हैं तो ध्यान आता है कि आठ दशक तो पूरे हो ही चुके हैं, नवे दशक के भी चार साल बीत चुके हैं। इस दशकों में फ़िल्म संगीत अनेक दौर से गुजरता गया और एक स्वरूप से दूसरे स्वरूप में ढलता गया। 2014 से पीछे की तरफ़ चलें तो 2004, 1994, 1984, 1974.... से लेकर 1934 तक के नौ दशकों का यह सुरीला सफ़र बड़ा ही सुहाना रहा। तो आज इस विशेष दिन के अवसर पर क्यों ना पिछले 9 दशकों के इन 9 सालों से 9 गीत चुन कर उनके साथ जुड़ी कुछ स्मृतियों को आपके सामने रखे जायें। तो आनन्द लीजिये आज की इस नववर्ष विशेष प्रस्तुति का, और साथ ही स्वीकार कीजिए नववर्ष की हमारी हार्दिक शुभकामनायें।
1934: "प्रेम नगर में बनाऊंगी घर मैं" (चण्डीदास)
उमा शशि और कुन्दनलाल सहगल का गाया फ़िल्म 'चण्डीदास' का यह युगल गीत शायद फ़िल्म-संगीत इतिहास का पहला-पहला लोकप्रिय युगल गीत रहा। सहगल साहब के बारे में समय समय पर कई कलाकारों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये हैं। उन्हीं में से एक हैं गायक तलत महमूद। सहगल साहब से अपनी मुलाक़ात को याद करते हुए तलत साहब ने कहा था - "मैं क्या बताऊँ आपको, मैं इस क़दर दीवाना था उनका अपने स्कूल के ज़माने में, अपने कॉलेज के ज़माने में, हमेशा उनके गाने गाता था, कभी ख़याल भी नहीं था कि कभी उनसे मुलाक़ात होगी। लेकिन जब 'न्यू थिएटर्स' में 1945 में मेरा दो साल का कॉनट्रैक्ट हुआ तो उनकी पिक्चर बन रही थी 'माइ सिस्टर'। तकरीबन उसके सारे गाने मेरे सामने पिक्चराइज़ हुए। आज भी मुझे यकीन नहीं आता है कि उनसे मेरी मुलाक़ात हुई थी क्योंकि वाक़ई उनको हम एक अजूबा समझते थे। वाक़ई इस क़दर ख़ुशमिज़ाज आदमी थे, इतने नर्म-दिल कि अगर ज़रा सी भी तक़लीफ़ हो आपको तो सब काम करने को तैयार रहते थे। जो कुछ भी मैंने उनको देखा था थोड़े से अरसे में, उस से अंदाज़ा हो गया कि बेहतरीन क़िस्म के आदमी थे वो, और जिस वक़्त गाते थे ऐसा लगता था कि नूर की बारिश हो रही है।" तो आइये अब सुनते हैं उमा शशि और सहगल साहब का गाया 1934 का यह गीत-
03-Prem Nagar Banaooing MISC-20150104 Track#03 3:19
CHANDIDAS-1934; K.L.Saigal, Uma Shashi; R.C.Boral; Agha Hashar Kashmiri
1944: "अखियाँ मिलाके जिया भरमाके चले नहीं जाना" (रतन)
1944 का साल संगीतकार नौशाद के करीयर का “Turning Point Year” साबित हुआ। “जेमिनी पिक्चर्स” के बैनर तले डी. एन. मधोक ने बनाई “रतन” जिसके प्रदर्शित होते ही चारों तरफ़ धूम मच गई और नौशाद उस दौर के प्रथम श्रेणी के संगीतकारों में शामिल हो गए। नौशाद ने इस फ़िल्म में ज़ोहराबाई अम्बालेवाली से “अखियाँ मिलाके जिया भरमाके चले नहीं जाना” गवाकर चारों तरफ़ तहल्का मचा दिया। चलिए अब आप भी आनन्द लीजिये इसी गीत का।
05-Ankhiyan Milake Jiya Bharmake MISC-20150104 Track#05 2:44
RATTAN-1944; Zohra Ambalawali; Naushad; D.N.Madhok
1954: "नुक्ताचीं है ग़म-ए-दिल उसको सुनाये न बने" (मिर्ज़ा ग़ालिब)
1950 के आसपास 40 के दशक की सिंगिंग् सुपरस्टार सुरैया की शोहरत में कुछ कमी आने लगी ही थी कि सोहराब मोदी की फ़िल्म 'मिर्ज़ा ग़ालिब' ने एक बार फिर उन्हें सोहरत की बुलन्दी पर पहुँचा दिया। इस फ़िल्म में उन्होंने मिर्ज़ा ग़ालिब की मेहबूबा चौधवीं बेग़म का रोल अदा किया था। शायराना अन्दाज़ वाले पंडित नेहरु ने सुरैया को इस फ़िल्म के लिए शाबाशी दिया था। यह वह फ़िल्म है जिसकी पेशानी पर राष्ट्रपति पुरस्कार का तिलक लगाया गया था। इस ख़ूबसूरत मुहुर्त को याद करते हुए सुरैया ने कहा था - "ज़िन्दगी में कुछ मौक़े ऐसे आते हैं जिनपे इंसान सदा नाज़ करता है। मेरी ज़िन्दगी में भी एक मौक़ा ऐसा आया था जब फ़िल्म 'मिर्ज़ा ग़ालिब' को प्रेसिडेण्ट अवार्ड मिला और उस फ़िल्म का एक ख़ास शो राष्ट्रपति भवन में हुआ जहाँ हमने पंडित नेहरु जी के साथ यह फ़िल्म देखी थी। पंडित नेहरु हर सीन में मेरी तारीफ़ करते और मैं फूली न समाती। इस वक़्त पंडित जी की याद के साथ मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल पेश है "नुक्ताचीं है ग़म-ए-दिल उसको सुनाये न बने, क्या बने बात जहाँ बात बनाये न बने"।
06-Nukta Cheen Hai Ghum-E-Dil MISC-20150104 Track#06 4:01
MIRZA GHALIN-1954; Suraiyya; Ghulam Mohammed; Mirza Ghalib
1964: "कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों" (हक़ीक़त)
संगीतकार मदन मोहन के ऑफ़िशिअल वेबसाइट से 'हक़ीक़त' से जुड़ी कुछ बातें जानने को मिलती हैं। उस समय की एक और महत्वपूर्ण फ़िल्म थी 'हक़ीक़त'। युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनने वाली इस फ़िल्म में गीत-संगीत के लिए बहुत कम ही जगह थी। लेकिन "मैं यह सोच कर उसके दर से उठा था", "ज़रा सी आहट होती है", "खेलो ना मेरे दिल से", "होके मजबूर उसने मुझे बुलाया होगा" और "अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों" जैसे कैफ़ी आज़्मी के लिखे गीतों को रच कर मदन मोहन ने अपने आप को सिद्ध किया। 'हक़ीक़त' ही वह फ़िल्म थी जिसने मदन मोहन में फिर एक बार अभिनय करने की लालसा उत्पन्न की। पहले ख़ुद आर्मी रह चुके मदन मोहन के दिल में फिर एक बार आर्मी यूनिफ़ॉर्म पहन कर आर्मी सोलजर का रोल निभाने का लालच था। लेकिन उनका यह सपना हक़ीक़त न हो सका। श्रीनगर में करीब करीब एक सप्ताह इन्तज़ार करने के बाद भी जब मौसम साफ़ नहीं हुआ, तो निराश होकर उन्हें बम्बई वापस लौटना पड़ा। "मैंने सोचा था कि इस ट्रिप से मैं कुछ यादगार लम्हे सहेज कर लाऊंगा, पर मेरे साथ वापस आया कुछ ऊनी कपड़े जिन्हें मैंने दिल्ली से खरीदा था उस सफ़र के लिए।"
07-Kar Chale Hum Fidda Jaan-O-Tann Sathiyo MISC-20150104 Track#07 6:02
HAQEEQAT-1964; Mohammed Rafi; Madan Mohan; Kaifi Azmi
1974: "मेरा जीवन कोरा कागज़ कोरा ही रह गया" (कोरा कागज़)
"यह गाना मेरी ज़िन्दगी का भी आइना है। मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। और शायद किशोर कुमार के साथ भी यही हुआ हो! क्योंकि इस गाने के रेकॉर्डिंग् के दौरान उनकी आँखें आंसुओं से भीगे हुए थे। जब तक हम इस ज़िन्दगी को समझ पाते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और ज़िन्दगी ही गुज़र जाती है।" ये शब्द थे इस गीत के गीतकार एम. जी. हशमत के।
08-Mera Jeevan Kora Kagaz Kora Hi Rah Gaya MISC-20150104 Track#08 3:57
KORA KAGAZ-1974; Kishore Kumar; Kalyanji-Anandji; M.G.Hashmat
1984: "जाने क्या बात है, नींद नहीं आती" (सनी)
फ़िल्म 'सनी' में इस ख़ूबसूरत ग़ज़लनुमा गीत को लता मंगेशकर ने गाया था। वैसे तो राहुल देव बर्मन की ट्यूनिंग् गुलज़ार के साथ बेहतरीन जमती थी, पर इस गीत में आनन्द बक्शी के साथ भी क्या कमाल किया है उन्होंने! इसी गीत का बांगला संस्करण पंचम ने आशा भोसले से गवाया था जिसके बोल थे "चोखे नामे बृष्टि"। लता जी के साथ साथ आशा जी को भी यह गीत और यह धुन इतनी पसन्द थी कि आशा जी ने अपने 74 वर्ष की आयु में पंचम को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने ऐल्बम 'Asha Reveals Real RD' में गाया था। तो चलिए, दोनो सुर-साम्राज्ञियों को सलाम करते हुए फ़िल्म 'सनी' का यह गीत सुनें।
09-Jaane Kya Baat Hai, Neend Nahin Aati MISC-20150104 Track#09 3:57
SUNNY-1984; Lata Mangeshkar; R.D.Burman; Anand Bakshi
1994: "एक ऐसी लड़की थी जिसे मैं प्यार करता था" (दिलवाले)
क्या ख़ूब चला था यह गीत उस ज़माने में। हर दूसरे दिन फ़रमाइशी कार्यक्रमों में बज उठता था रेडियो पर। और फ़ौजी जवानों को तो ख़ास पसन्द था यह गीत! तो सुनते हैं फ़िल्म 'दिलवाले' का गीत कुमार सानू और अलका यागनिक की आवाज़ों में।
10-Ek Aisi Ladki Thi MISC-20150104 Track#10 4:25
DILWALE-1994; Kumar Sanu; Nadeem-Shravan; Sameer
2004: "ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा" (स्वदेस)
हिन्दी सिनेमा संगीत के इतिहास में पाँच संगीतकारों को क्रान्तिकारी संगीतकार होने का ख़िताब हासिल है। ये हैं मास्टर ग़ुलाम हैदर, सी. रामचन्द्र, ओ. पी. नय्यर, राहुल देव बर्मन और पाँचवा नाम है ए. आर. रहमान का। रहमान की अनोखी प्रतिभा और अनोखा संगीत उन्हें भीड़ से अलग करता है। ए. आर. रहमान बहुत कम बोलते हैं, और साक्षात्कार भी बड़ी मुश्किल से ही देते हैं। और न ही विविध भारती के पास उनका कोई साक्षात्कार या जयमाला मौजूद है। चलिए आज सुनते हैं फ़िल्म 'स्वदेस' का शीर्षक गीत ए. आर. रहमान के स्वर में।
11-Ye Jo Des Hai Tera, Swades Hai Tera MISC-20150104 Track#11 6:28
SWADES-2004; A.R.Rahman; A.R.Rahman; Javed Akhtar
2014: "मैं तैनु समझावाँ कि, ना तेरे बिना" (हम्पटी शर्मा की दुल्हनिया)
2010 के इस वर्तमान दशक में फ़िल्मी गीतों पर पंजाबी बोलों और सूफ़ी शैली के संगीत की प्रचूरता पायी जा रही है। हर दौर का अपना एक अलग अंदाज़ होता है, एक चलन होता है, एक ऑडियन्स होता है; इन्हीं के बल पर गीतों की सफलता टिकी होती है। 2014 में रिलीज़ होने वाली फ़िल्मों और उनके गीतों को ग़ौर से सुनने के बाद मुझे जो गीत सबसे ज़्यादा पसन्द आया वह है अरिजीत सिंह और श्रेया घोषाल का गाया फ़िल्म 'हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया' का "मैं तैनु समझावाँ कि, ना तेरे बिना लगदा जी...", जिसे लोगों ने भी ख़ूब सराहा और इस साल का एक चार्टबस्टर गीत सिद्ध हुआ। यह गीत दरसल एक पुनर्निर्मित गीत (recreated song) है जिसका मूल गीत पंजाबी फ़िल्म 'वीरसा' का है राहत फ़तेह अली ख़ान और फ़रहा अनवर की आवाज़ों में, और उस मूल गीत के संगीतकार हैं जावेद अहमद। 'हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया' के लिए इसे रि-क्रीएट किया शरीब-तोशी ने। इन नौ गीतों को सुन कर मन में विश्वास पैदा होती है कि अच्छा संगीत अभी भी ख़त्म नहीं हुआ है। अगर सुनने वालों की रुचि अच्छी हो, तो बनाने वाले भी अच्छा ही संगीत रचेंगे, अच्छे और अर्थपूर्ण बोल लिखे जायेंगे। इसी आशा के साथ और आप सभी को नववर्ष 2015 की अग्रिम शुभकामनाएँ देते हुए मैं, किशोर संपट , आप से आज विदा लेता हूँ, नमस्कार! आप सुनिए साल 2014 का यह सुन्दर गीत...
12-Main Tennu Samjhawan Ki MISC-20150104 Track#12 4:25
HUMPTY SHARMA KI DULHANIYA-2014; Arijit Singh, Shreya Ghoshal; Sharib-Toshi; Kumaar
13-Yaadein Yaad Aati Hai-Instr Ki MISC-20150104 Track#13 3:46
YAADEIN-2001; Instrumental; Anu Malik; Anand Bakshi
वर्ष 2014 ने बॉलीवुड से कुछ लोगों को हमसे छिन लिया। जिन्हें हर सिने प्रेमी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
17 जनवरी : सुचित्रा सेन (अभिनेत्री/ 82 वर्ष) : 17 जनवरी को हिंदी और बंगाली फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री सुचित्रा सेन ने कोलकाता में अंतिम सांस ली। उन्हें भारत की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक माना जाता था। प्रमुख हिंदी फिल्म- आंधी, देवदास, बम्बई का बाबू।
25 मार्च : नंदा (अभिनेत्री/ 75वर्ष) : हृदयघात से फिल्म अभिनेत्री नंदा हमारे बीच नहीं रही। उन्होंने कई सफल फिल्मों में अपने अभिनय के रंग बिखेरे। प्रमुख फिल्में : तूफान और दीया, हम दोनों, गुमनाम, जब जब फूल खिले, इत्तेफाक।
10 जुलाई : जोहरा सहगल (अभिनेत्री/ 102 वर्ष) : बिंदास शख्सियत की मल्लिका जोहरा सहगल अब नहीं रही। युवा वर्ग उन्हें वीर जारा, चीनी कम और सांवरिया जैसी फिल्मों के जरिये जानता है।
26 जुलाई : अरुण दत्त (निर्माता/ 58 वर्ष) : महान निर्देशक और अभिनेता गुरुदत्त के बेटे। बिंदिया चमकेगी (1984) और खुले आम (1992) का निर्माण किया।
3 नवंबर : सदाशिव अमरापुरकर (अभिनेता/ 64 वर्ष) : फेफड़ों में इंफेक्शन के कारण सदाशिव अमरापुकर नहीं रहे, लेकिन उनकी कई फिल्में लोगों के जेहन में ताजा रहेंगी। अर्द्धसत्य, सड़क , इश्क जैसी कई उम्दा फिल्मों में सदाशिव ने काम किया।
5 अक्तुबर: वेद मोहनजी और 2 जनवरी, 2015: मनी संकरन
14-Yaadein Yaad Aati Hai Ki MISC-20150104 Track#14 3:46
YAADEIN-2001; Hariharan; Anu Malik; Anand Bakshi
Asatoma Sadgamaya Lata Mangeshkar - SIMIRAN-2009 |
Na Leke Jao Jaspinder Narula; Anu Malik; Gulzar - FIZA-2001 |
Asatoma Sadgamaya Unknown - Unknown |
Prem Nagar Banaooing K.L.Saigal, Uma Shashi; R.C.Boral; Agha Hashar Kashmiri - CHANDIDAS-1934 |
Ankhiyan Milake Jiya Bharmake Zohra Ambalawali; Naushad; D.N.Madhok - RATTAN-1944 |
Nukta Cheen Hai Ghum-E-Dil Suraiyya; Ghulam Mohammed; Mirza Ghalib - MIRZA GHALIN-1954 |
Kar Chale Hum Fidda Jaan-O-Tann Sathiyo Mohammed Rafi; Madan Mohan; Kaifi Azmi - HAQEEQAT-1964 |
Mera Jeevan Kora Kagaz Kora Hi Rah Gaya Kishore Kumar; Kalyanji-Anandji; M.G.Hashmat - KORA KAGAZ-1974 |
Jaane Kya Baat Hai, Neend Nahin Aati Lata Mangeshkar; R.D.Burman; Anand Bakshi - SUNNY-1984 |
Ek Aisi Ladki Thi Kumar Sanu; Nadeem-Shravan; Sameer - DILWALE-1994 |
Ye Jo Des Hai Tera, Swades Hai Tera A.R.Rahman; A.R.Rahman; Javed Akhtar - SWADES-2004 |
12-Main Tennu Samjhawan Arijit Singh, Shreya Ghoshal; Sharib-Toshi; Kumaar - HUMPTY SHARMA KI DULHANIYA-2014 |
Yaadein Yaad Aati Hai-Instr Anu Malik; Anand Bakshi - YAADEIN-2001 |
Yaadein Yaad Aati Hai Ki Hariharan; Anu Malik; Anand Bakshi - YAADEIN-2001 |