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An Indian Morning
Sunday December 17th, 2017 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
The first 30 minutes of the program features classical, religious as well as regional and popular music. The second one hour features community announcements and ear pleasing music from old/new & popular Indian films.

An Indian Morning celebrates not only the music of India but equally its various arts and artisans, poets and potters, kings and patriots. The ethos of the program is summarized by its signature closing line, "Seeking the spirit of India, Jai Hind". 01-SAI BABA KE DARBAR, AA SHEESH JHUKA LE CD MISC-20160110 TRACK#01 5:03 SAI MAHIMA-2015; HIMANSHU SHARMA; PRADEEP SHARMA https://www.youtube.com/watch?v=azpVFzwHj7k एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यावाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए। हर रविवार यानी सन्डे की सुबह जब आप आँखे खोलते है तब हमारा उभरता हुआ प्रोग्राम आप की सुबह को खुशनुमा बनाने की कोशिश करता है। उमीद है की आप हर रविवार की आलसायी चाय की चुस्कीयों के साथ हमें सुनना पसंद करेंगे। गीतों ने हमें जीना सिखाया । गज़ल ने मोहब्बत सिखाई है ॥ हर गीत हमारा अपना है । हर गीत हमारी कहानी है ॥ किसे पेश करूँ : जब साहिर ने मदन मोहन के लिए लिखे एक ही रदीफ़ पर तीन नग्मे Kise Pesh Karoon ? ग़ज़लों को संगीतबद्ध करने में अगर किसी संगीतकार को सबसे ज्यादा महारत हासिल थी तो वो थे मदन मोहन। यूँ तो “An Indian Morning” पर मदन मोहन की संगीतबद्ध कई ग़ज़लों का जिक्र हो चुका है पर आज आपसे मैं बात करना चाहूँगा 1964 में प्रदर्शित हुई एक ऐसी फिल्म की जिसका नाम ही "ग़ज़ल" था। आगरे की सरज़मी पर रची इस कहानी में गीतों को लिखने का जिम्मा मिला था साहिर लुधियानवी को। मिलता भी ना कैसे? कहानी का नायक ही शायर जो था। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एक जैसी बहर, रदीफ़ और काफिये के साथ साहिर ने इस फिल्म में दो ग़ज़लें और एक गीत लिखा। साहिर ने इन तीनों में रदीफ़ के तौर पर "किसे पेश करूँ" का इस्तेमाल किया। पर ये मदन मोहन साहब की कारीगिरी थी कि इन मिलते जुलते गीतों के लिए उन्होंने ऐसी धुन तैयार की वो सुनने में बिल्कुल अलग अलग लगते हैं। सुनील दत्त और मीना कुमारी द्वारा अभिनीत इस प्रेम कहानी का खाका ये तीनों नग्मे खींचते से चलते हैं। जहाँ नायिका पहली ग़ज़ल में हमदम की तलाश में अपनी भावनाएँ व्यक्त कर रही हैं तो दूसरी ग़ज़ल में उनकी गायिकी से प्रभावित होकर शायर महोदय अपने दिल में पैदा हुई हलचल की कहानी पेश कर रहे हैं। वहीं अपनी प्रेमिका से ना मिल पाने की तड़प इसी फिल्म के अन्य गीत रंग और नूर की बारात किसे पैश करूँ.. में नज़र आती है। रंग और नूर की बारात .. तो इस फिल्म का सबसे लोकप्रिय नग्मा रहा पर उसी मीटर में साहिर ने जो दो ग़ज़लें लिखी वो कम खूबसूरत नहीं थीं। तो आइए सुनें इन दोनों ग़ज़लों को लता और रफ़ी की आवाज़ में। साहिर के खूबसूरत बोलों से मुझे सबसे ज्यादा न्याय लता की आवाज़ करती है। 02-NAGHMA O SHER KI SAUGAAT KISE PESH KARUN CD MISC-20171217 TRACK#02 3:54 GHAZAL-1964; LATA MANGESHKAR; MADAN MOHAN; SAHIR LUDHIANAVI https://www.youtube.com/watch?time_continue=16&v=hFkPrwqNU6M 03-ISHQ KI GARMI-E-ZAZBAT KISE PESH KARUN CD MISC-20171217 TRACK#03 6:02 GHAZAL-1964; MOHAMMAD RAFI; MADAN MOHAN; SAHIR LUDHIANAVI https://www.youtube.com/watch?time_continue=1&v=cqjanYASQi4 जहाँ तक रंग और नूर की बारात किसे पैश करूँ का ताल्लुक है तो उस गीत का दर्द रफ़ी की आवाज़ में पूरी ईमानदारी से झलका था। वैसे इन तीनों में आपको कौन सी ग़ज़ल/ गीत प्यारा लगता है? 04-RANG AUR NOOR KI BARAAT KISE PESH KARUN CD MISC-20171217 TRACK#04 6:02 GHAZAL-1964; MOHAMMAD RAFI; MADAN MOHAN; SAHIR LUDHIANAVI https://www.youtube.com/watch?v=hOB4D2Lymd8 चल चल मेरे संग संग-अस्तित्व २००० कभी कभी बॉलीवुड की आबो-हवा में साहित्य के कीटाणु घूम कर निकल जाते हैं उसी तरह जैसे प्रवासी पक्षी कुछ समय के लिए आ कर फिर वापस अपने देशो की तरफ लौट जाते हैं। इस संक्रमण काल में कभी फिल्मों के नाम साहित्यिक हो जाते हैं तो कभी फिल्म के संवाद, कभी कभी तो पूरी फिल्म ही उस रंग में रंगी दिखलाई पड़ती है। सुनते हैं सन २००० की फिल्म अस्तित्व से एक गाना। इसे लिखा है श्रीरंग गोडबोले ने और इसका संगीत तैयार किया है सुखविंदर ने। इसे सुखविंदर ने ही गाया है। 05-CHAL CHAL MERE SANG SANG CD MISC-20171203 TRACK#05 6:26 ASTITVA-2000; SUKHVINDER SINGH; SHREERANG GODBOLE https://www.youtube.com/watch?time_continue=1&v=fKwB1wRUP2s LAMBI JUDAAI..(HERO-1983) रेशमा नाम है एक संगीत की जानी मानी शख्सियत का जिनके गानों में प्राण बसते हैं। आम संगीत प्रेमी ने सबसे पहले उनका ये गीत सुना जो हीरो फ़िल्म में उन्होंने गाया है। इस गीत में जो बांसुरी की आवाज़ है वो फ़िल्म में कई बार सुनाई देती है और आप इसको हीरो फ़िल्म की सिगनेचर ट्यून मान सकते हैं। गीत बहुत पसंद किया गया और इसको टी वी पर संगीत की विभिन्न प्रतियोगिताएं में कई प्रतियोगियों ने गाया। 06-LAMBI JUDAAI CD MISC-20151213 TRACK#06 6:17 HERO-1983; RESHMA; LAXMIKANT-PYARELAL; ANAND BAKSHI https://www.youtube.com/watch?v=QWFy19pXNeY ताज़ा-सुर ताल..... SWAG SE SWAGAT – TIGER ZINDA HAI - 2017 Tiger Zinda Hai begins on a rollicking note, what with Julius Packiam's 'Tiger Theme' kick-starting the proceedings and then everyone else ensuring that the momentum continues right through the song's duration. 'Swag Se Swagat' is just the kind of song that is set to keep Salman Khan and Katrina Kaif's fans in frenzy, more so since Vishal Dadlani brings himself behind the mike and is joined by Neha Bhasin who gels quite well too with her seductive vocals. What really helps the song emerge as a chartbuster is the manner in which 'mukhda' leads to 'antara' and then the 'jugalbandi' that follows. 07-SWAG SE SWAGAT CD MISC-20171217 TRACK#7 2:40 TIGER ZINDA HAI-2017; VISHAL DADLANI, NEHA BHASIN; VISHAL-SHEKHAR; IRSHAD KAMIL https://www.youtube.com/watch?v=xmU0s2QtaEY 08-MOHABBATEIN LOVE THEMES CD MISC-20171217 TRACK#08 2:17 MOHABBATEIN-2000; JATIN-LALIT; INSTRUMENTAL 09-RHYTHMS OF MOHABBATEIN CD MISC-20171217 TRACK#09 3:53 MOHABBATEIN-2000; JATIN-LALIT; INSTRUMENTAL THE END समाप्त
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