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An Indian Morning
Sunday May 15th, 2016 with Dr. Harsha V. Dehejia and Kishore "Kish" Sampat
Devotional, Classical, Ghazals, Theme based, Bollywood old/new popular film songs, Community Announcements and more

Celebrating MUSIC of INDIA along with its varied rich art, artisans, culture and people; and keeping the SPIRIT OF INDIA alive... एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन आप सबका, शुक्रिया, घन्यवाद और Thank You इस प्रोग्राम को सुनने के लिए “An Indian Morning” के सभी दोस्तों को हमारा सलाम! दोस्तों, शेर-ओ-शायरी, नज़्मों, नगमों, ग़ज़लों, क़व्वालियों की रवायत सदियों की है। कुछ फ़नकार ऎसे होते हैं जिनके बारे में लिखने चलो तो न आपको मस्तिष्क के घोड़े दौड़ाने पड़ते हैं और न ही आपको अतिशयोक्ति का सहारा लेना होता है, शब्द खुद-ब-खुद ही पन्ने पर उतरने लगते हैं। यूँ तो आलेख लिखते समय लेखक को कभी भी भावुक नहीं होना चाहिए, लेकिन आज के जो फ़नकार हैं उनकी लेखनी का मैं इस कदर दीवाना हूँ कि तन्हाई में भी मेरे इर्द-गिर्द उनके ही शब्द घूमते रहते हैं। आज हम जिनकी बात कर रहे हैं, वह गाने के संगीतकार या गायक नहीं बल्कि इसके गीतकार हैं। आज हम पद्म भूषण श्री संपूरण सिंह "गुलज़ार" की बात कर रहे हैं। २००६ में गु्लज़ार साहब (इन्हें अमूमन इसी नाम से संबोधित किया जाता है) और जगजीत सिंह जी की ग़ैर-फिल्मी गानों की एक एलबम आई थी "कोई बात चले"। यूँ तो जगजीत सिंह ग़ज़ल-गायकी के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस एलबम के गीतों को ग़ज़ल कहना सही नहीं होगा, इस एलबम के गीत कभी नज़्म हैं तो कभी त्रिवेणी। त्रिवेणी को तख़्लीक़-ए-गुलज़ार भी कहते हैं क्योंकि इसकी रचना और संरचना गुलज़ार साहब के कर-कमलों से ही हुई है। त्रिवेणी वास्तव में क्या है, क्यों न गु्लज़ार साहब से ही पूछ लें। बकौल गु्लज़ार साहब : "शुरू शुरू में जब ये फ़ार्म बनाई थी तो पता नहीं था यह किस संगम तक पहुँचेगी - त्रिवेणी नाम इसलिए दिया था कि पहले दो मिसरे गंगा, जमुना की तरह मिलते हैं और एक ख़्याल, एक शेर को मुकम्मल करते हैं। लेकिन इन दो धाराओं के नीचे एक और नदी है - सरस्वती, जो गुप्त है, नज़र नहीं आती। त्रिवेणी का काम सरस्वती दिखाना है। तीसरा मिसरा कहीं पहले दो मिसरों में गुप्त है, छुपा हुआ है।" "ज़िंदगी क्या है जानने के लिए" प्रस्तुत गीत में गुलज़ार साहब इन्हीं मुद्दों पर अपनी चिंता जाहिर कर रहे हैं। तो लीजिए आप सबके सामने पेश-ए-खिदमत है ज़िंदगी की बेबाक तस्वीर: आदमी बुलबुला है पानी का 01-Zindagi Kya Hai CD MISC-20160515 Track#01 4:56 KOI BAAT CHALE-2006; Jagjit Singh; Gulzar ’कहकशाँ’ की आज की यह पेशकश आपको कैसी लगी, ज़रूर बताइएगा नीचे ’टिप्पणी’ पे जाकर। या आप हमें ई-मेल के ज़रिए भी अपनी राय बता सकते हैं। हमारा ई-मेल पता है aim931@rogers.com. कहूँ दोस्त से दोस्त की बात क्या.. क्या.. आबिदा परवीन Kahoon Dost se Dost Ki Baat Kya Kya : Abida Parveen कल आबिदा परवीन जी को सुन रहा था। बाबा ज़हीन साहब ताजी का लिखा कलाम गा रही थीं "कहूँ दोस्त से दोस्त की बात क्या.. क्या.." । ग़ज़ल तो मतले के बाद किसी और रंग में रंग गयी पर इस मिसरे ने माज़ी के उन लमहों की याद ताजा कर दी जब जब इस शब्द की परिभाषा पर कोई ख़रा उतरा था। बचपन के दोस्तों की खासियत या फिर एक सीमा कह लीजिए कि वो जीवन के जिस कालखंड में हमसे मिले बस उसी के अंदर की छवि को मन में समाए हम जीवन भर उन्हें स्नेह से याद कर लिया करते हैं। हाईस्कूल के दोस्तों में दो तीन से ही संपर्क रह पाया है। बाकी सब कहाँ है पता नहीं। पर उनका ख्याल रह रह कर ज़हन में आता रहता है। ये नहीं कि वे मेरे बड़े जिगरी दोस्त थे पर बस इतना भर जान लेना कि वो कहाँ हैं और क्या कर रहे हैं मन को बड़ा संतोष देता है। कॉलेज के दोस्तों की बात जुदा है। वो जब भी मिलें जितने सालों के बाद मिले उनसे गप्प लड़ाना उन बेफिक्र पलों को फिर से कुछ देर के लिए ही सही पा लेना होता है। वो पढ़ाई का तनाव, साझा क्रश, फालतू की शैतानियाँ, नौकरी पाने की जद्दोज़हद कितना कुछ तो हमेशा रहता है फिर से उन स्मृतियों में गोते लगाने के लिए। ये तो हुई गुजरे वक़्त की बातें। आज तो अंतरजाल पर हजारों किमी दूर बैठे किसी शख्स को आप चुटकियों में दोस्त बना लेते हैं। पर दोस्तों की इसभारी भीड़ में अगर कोई ये पूछे कि इनमें से कितनों के साथ आपके मन के तार जुड़े हैं? कौन हैं वो जो बिना बोले आपकी मन की भावनाओं को समझ लेते हैं? अपनी हताशा अपनी पीड़ा को किसके सामने बिना झिझक के बाँट सकते हैं आप? तो लगभग एक सा ही जवाब सुनने को मिलेगा। हममें से हर किसी के लिए ये संख्या उँगलिओं पे गिनी जा सकती है। कहूँ दोस्त से दोस्त की बात क्या.. क्या.. रही दुश्मनों से मुलाकात क्या क्या आबिदा जी की गायिकी हमेशा से बेमिसाल रही है। इस गीत में जिस तरह से उन्होंने 'कहूँ', 'क्या क्या' या 'गुफ्तगू' जैसे टुकड़ों को अलग अलग तरीके से भावनाओं डूब कर दोहराया है कि मन सुन कर गदगद हो जाता है। अगर आपने कोक स्टूडियो के सीजन सात में उनकी ये प्रस्तुति नहीं देखी तो जरूर देखिए.. 02-Kahoon Dost Se Dost Ki Baat Kya Kya CD MISC-20160515 Track#02 6:46 COKE STUDIO SEASON 7-2014; Abida Parveen; Baba Jaheen तुझसे होती भी तो क्या होती शिकायत मुझको..रूबरू होइए शबाना आज़मी की गायिकी से.! Shabana Azmi and songs of Anjuman अस्सी के दशक में मुज़फ़्फ़र अली ने एक फिल्म बनाई थी अंज़ुमन। इससे पहले मुज़फ़्फ़र गमन, आगमन और उमराव जान जैसी फिल्में बना चुके थे। पर उमराव जान की सफलता से उलट लखनऊ के चिकन से काम से जुड़े कारीगरों की कहानी कहती ये फिल्म ठीक से प्रदर्शित भी नहीं हो पाई। फिर भी इस फिल्म का जिक्र इसके संगीत और गायिकी के लिए गाहे बाहे होता ही रहता है। ख़य्याम के संगीत निर्देशन में बनी इस फिल्म में पाँच नग्मे थे जिनमें दो तो युगल गीत थे। रोचक तथ्य ये है कि इस फिल्म के तीन एकल गीतों को मशहूर अदाकारा शबाना आज़मी ने अपनी आवाज़ दी थी। शबाना ने इस फिल्म तुझसे होती भी तो क्या.. के आलावा मैं राह कब से नई ज़िंदगी की तकती हूँ..हर इक क़दम पे हर इक मोड़ पे सँभलती हूँ... और ऐसा नहीं कि इसको नहीं जानते हो तुम.आँखों में मेरी ख़्वाब की सूरत बसे हो तुम...... जैसी ग़ज़लों को अपनी आवाज़ दी थी। इसके आलावा भूपेंद्र के साथ उनका एक युगल गीत गुलाब ज़िस्म का भी रिकार्ड हुआ था। शबाना जी से जब भी इस संबंध में सवाल किए गए हैं तो उन्होंने यही कहा है कि अपने पिता की ख़्वाहिश पूरी करने के लिए उन्होंने इन गीतों को गाने के लिए सहमति दी। दरअसल कैफ़ी आज़मी अपनी बेटी को एक अभिनेत्री के आलावा एक गायिका के रूप में भी देखना चाहते थे। शबाना तो अपने आप को बाथरूम सिंगर भी मानने को तैयार नहीं होती पर ये नग्मे उनकी गायिकी के बारे में कुछ और ही कहानी कहते हैं। भले ही उनकी आवाज़ किसी पार्श्व गायक सरीखी ना हो पर उसे नौसिखिये की श्रेणी में भी नहीं रखा जा सकता। पहली बार सुनने पर मुझे तो उनकी आवाज़ में कुछ सलमा आगा और कुछ गीता दत्त का अक़्स आता दिखा। शबाना की गाई फिल्म की एकल ग़ज़लों में तुझसे होती भी तो क्या होती शिकायत मुझको .. सबसे ज्यादा पसंद हैं। आप किसी को चाहते हैं भली भांति जानते हुए कि वो आपका हो नहीं सकता तो फिर शिकायत करने से क्या फ़ायदा ! हाँ जो पीड़ा आपको सहनी पड़ी वो ही तो ऐसे रिश्तों की दौलत है जिसे आप हृदय में सहेज के रख सकते हैं। शहरयार ने अपनी लेखनी से ग़ज़ल में जिस दर्द को व्यक्त किया है वो शबाना की आवाज़ में सहजता से उतरता दिखता है। 03-Tujhse Hoti Bhi To Kya Hoti Shikayat Mujhko CD MISC-20160515 Track#03 5:09 ANJUMAN-1986; Shabana Azmi; Khayyam; Shahryar तो कैसी लगी आपको शबाना की आवाज? इस फिल्म के बाकी गाने भी फुर्सत से जरूर सुनिएगा। गायक सुबीर सेन (गुमनाम गायक/गायिका) Singer Subir Sen पचास के दशक में गायक सुबीर सेन ने फिल्म आस का पंक्षी, कठपुतली, छोटी बहन, ओये तेरा क्या कहना, मासूम, अर्धांगनी, जैसी कुछ फिल्मों में मधुर गाने गाये ! संगीत प्रेमियों में उनकी आवाज़ को लेकर भ्रम रहा और उनके गाये गीतों को मुकेश और हेमंत कुमार का गाया हुआ समझते रहे ! 04-Manjil Wohi Hai Pyar Ki CD MISC-20160515 Track#04 4:08 KATHPUTLI-1957; Subir Sen; Shankar-Jaikishan; Shailendra [मुहावरा - कंहा राजा भोज और कंहा गंगू तेली /// छछूँदर के सिर में चमेली का तेल] Chhachhundar Ke Sar Pe Na Bhaaye Chameli, Kahan Raja Bhoj Kahan Gangu Teli छछूंदर के सर पे न भाये चमेली, कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली ================================================ मुहावरा-कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली THE ONE NOT FIT EVEN TO HOLD A CANDLE TO THE OTHER छछूँदर के सिर में चमेली का तेल -- लायक़ ना होने पर भी खुद को लायक दिखाना 05-Kahan Raja Bhoj Kahan Gangu Teli CD MISC-20160515 Track#05 8:10 DULHE RAJA-1998; Vinod Rathod, Sonu Nigam; Anand-Milind; Sameer JAB KOI BAAT BIGAD JAAYE (JURM, 1990) Ekta Kapoor still uses this song in the background of many of her soaps! That should tell you something about the brilliance of this number. The fact that the lyrics say exactly what human beings have been saying to their loved ones for as long as we can remember. 06-Jab Koi Baat Bigad Jaaye CD MISC-20160515 Track#06 7:57 JURM-1990; Kumar Sanu, Sadhana Sargam; Rajesh Roshan; Indeevar THE END समाप्त
Zindagi Kya Hai
Jagjit Singh; Gulzar - KOI BAAT CHALE-2006
Kahoon Dost Se Dost Ki Baat Kya Kya
Abida Parveen; Baba Jaheen - COKE STUDIO SEASON 7-2014
Tujhse Hoti Bhi To Kya Hoti Shikayat Mujhko
Shabana Azmi; Khayyam; Shahryar - ANJUMAN-1986
Manjil Wohi Hai Pyar Ki
Subir Sen; Shankar-Jaikishan; Shailendra - KATHPUTLI-1957
Kahan Raja Bhoj Kahan Gangu Teli
Vinod Rathod, Sonu Nigam; Anand-Milind; Sameer - DULHE RAJA-1998
Jab Koi Baat Bigad Jaaye
Kumar Sanu, Sadhana Sargam; Rajesh Roshan; Indeevar - JURM-1990
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